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सबसे बड़ी पार्टी के भीतर मायूसी
राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के विस्तार की बदस्तूर जारी मुहिम के बीच पार्टी अपने शासन वाले कुछ प्रमुख राज्यों में अंदरूनी असंतोष का सामना कर रही है, इनमें वे प्रदेश भी शामिल हैं जहां अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने वाले हैं
चुनौती भरपूर मंजिल दूर
कोविड-19 की दूसरी लहर से चित हुई सरकार अब अपनी टीकाकरण की रणनीति को नया जामा पहना रही है. उसे उम्मीद है कि 31 दिसंबर तक तक वह देश की 90 करोड़ वयस्क आबादी को टीका लगवा देगी. आखिर कितना यथार्थपरक है उसका यह लक्ष्य? क्या यह मुमकिन हो पाएगा?
"रियाज अलग है, परफॉर्मेंस अलग"
बरखा बोलो बरखा, बरका नहीं." अगले महीने 53 साल के होने जा रहे हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के दिग्गज उस्ताद राशिद खान फेसबुक लाइव में शिष्यों की गलतियां इसी तरह पकड़ते-सुधारते चल रहे हैं. कभी तानपुरा बढ़वा लेना, और कभी तबले का साउंड मन मुताबिक मांगना. बीच-बीच में वे शिष्यों को सचेत भी करते हैं:
ऑनलाइन निजता की लड़ाई
सूचना प्रौद्योगिकी के नए नियमों ने केंद्र सरकार और बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर दी, पर यह बड़ी टकराहट कहीं उपभोक्ताओं के अधिकारों की कुर्बानी तो नहीं ले रही
सिर से उठ गया मां-बाप का साया
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बगरतावा गांव के दीपक सोलंकी जांच के बाद 8 अप्रैल को कोरोनावायरस संक्रमित पाए गए, दो दिन पहले सोलंकी और उनकी पत्नी अनीता में बुखार और फ्लू जैसे अन्य लक्षण उभरे थे लेकिन उनका मानना था कि कोविड तो शहरों में होता है इसलिए उन्हें बस फ्लू ही हुआ होगा. हालांकि जिला चिकित्सा प्रतिनिधि, 45 वर्षीय दीपक के आग्रह पर उन्होंने आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया तो संक्रमित निकले. दीपक को उसी दिन एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया और दो दिन बाद अनीता को भी भर्ती कराना पड़ा. 18 और 15 वर्ष की उनकी दो बेटियां और 12 साल का बेटा उनके भतीजे श्रीकांत सोलंकी की देखभाल में घर में ही थे. तीनों बच्चे भी संक्रमित निकले थे.
"अर्थव्यवस्था एक बड़ी चुनौती से दो-चार है पर उससे निबटने की हमारी परी तैयारी है"
कोविड की दूसरी लहर के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था भले फिर से गहरे संकट में नजर आ रही हो लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आत्मविश्वास को देखकर लगता है कि स्थिति पूरी तरह से सरकार के नियंत्रण में है. ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा बिजनेस टुडे के संपादक राजीव दुबे के साथ एक एक्सक्लूसिव बातचीत में वे अर्थव्यवस्था में नई जान डालने की योजना का खुलासा करती हैं. उसी बातचीत के अंशः
देहात में छिपा दानव
ग्रामीण भारत में बेहद अपर्याप्त स्वास्थ्य ढांचे की बात सबको पता है, लेकिन आधिकारिक अनुमान संकट पर पर्दा डालते है जिससे महामारी के खिलाफ लड़ाई और मुश्किल हो जाती है।
दंगल में भला कौन सुशील
हत्या के मामले में एक ओलंपिक पदक विजेता की गिरफ्तारी ने भारतीय कुश्ती की ग्लैमरस दुनिया की कठोर वास्तविकताओं पर से परदा उठाया
तेजपाल बनाम राज्य अब हाइकोर्ट में
पत्रकारर-लेखक तरुण तेजपाल को कथित यौन उत्पीड़न के सनसनीखेज मामले में बरी करने के फैसले को गोवा सरकार ने चुनौती दी है. मील का पत्थर माने जाने वाले इस मामले में आखिर क्यों एक और ट्रायल होने जा रहा है
कोविड प्रभावित गांव हैं चुनाव की समरभूमि
मई की 22 तारीख को, समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पैतृक गांव सैफई का पहली बार किसी गैर-सपाई मुख्यमंत्री ने दौरा किया. दरअसल, उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, इटावा जिले के सैफई में स्थित उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलाधिपति हैं. सैफई विश्वविद्यालय के 200 बिस्तरों वाले एल-3 कोविड अस्पताल और सैफई ब्लॉक के गीजा गांव में कोविड को लेकर सरकारी तैयारियों का निरीक्षण करने के बहाने, योगी का गांव का यह दौरा एक सुविचारित कदम था.
क्यों सुलग उठी रसोई?
पश्चिम दिल्ली के टैगोर गार्डन में रहने वाले 40 वर्षीय अजय कुमार को इन दिनों कोरोना वायरस के अलावा महंगाई भी डरा रही है. महीने के राशन का बिल बिना सामान बढ़ाए भी बढ़ा जा रहा है.
आखिर कैसे रफ्तार पकड़े अर्थव्यवस्था
कोविड की दूसरी घातक लहर ने पहले से लहूलुहान अर्थव्यवस्था की चूलें हिला दी, उपभोक्ताओं का भरोसा, उद्योग-धंधों और रोजी-रोजगार की बहाली के लिए अब असाधारण नजरिए और कदमों की दरकार
अर्थव्यवस्था बहाली का बेहतरीन नुस्खा
कोविड की दूसरी लहर ने देश की आर्थिक बहाली की नाजुक डोर पीछे खींच ली, बोर्ड ऑफ इंडिया टुडे इकोनॉमिस्ट्स का नजरिया कि कैसे लौटेगी गाड़ी पटरी पर
अमरिंदर इस तूफान से पार पा जाएंगे?
यह पहली बार नहीं है जब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी के भीतर से उठे असंतोष का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री के रूप में अपने पहले कार्यकाल (2002-07) के दौरान, साल 2005 में उनकी डिप्टी राजिंदर कौर भट्टल ने विद्रोह का नेतृत्व किया था.
मोदी-ममता की नई जंग
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में ममता बनर्जी के लिए अपने तीसरे कार्यकाल का पहला महीना बड़ा तूफानी रहा. ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने चुनावी हार को दिल से लगा लिया है और वह ममता सरकार पर लगातार दबाव बनाए रखना चाहती है. कई केंद्रीय टीम राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के लिए उतारी जा चुकी हैं और ऐसा लगता है कि वर्षों से चल रहे घोटालों की जांच के लिए जांच एजेंसियों की नींद अचानक खुल गई है.
महामारी में जमकर मुनाफाखोरी
जीवनरक्षक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कमी तो थी ही, उनकी डिलिवरी में भी आ रही मुश्किलों ने कोविड मरीजों के हैरान-परेशान परिजनों को लार टपकाते काला बाजारियों के हवाले कर दिया
मंदिरों पर कब्जे की जंग
नई द्रमुक सरकार की “राज्य के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने" के सद्गुरु जग्गी वासुदेव के आंदोलन पर टेढ़ी नजर
नौकरी जाने का खौफ
जम्मू और कश्मीर सरकार ने 13 साल से राज्य के शिक्षा विभाग में काम कर रहे इदरीस जान मीर को 30 अप्रैल को राज्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया. उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के क्रालपोरा गांव के सरकारी गर्ल्स हाइ स्कूल के शिक्षक 39 वर्षीय मीर, हाल ही में केंद्र शासित प्रदेश सरकार की ओर से सुरक्षा आधार पर निकाले गए छह कर्मचारियों में से पहले थे.
नदी में उतराते शवों ने दिखाई हकीकत
कोरोना संक्रमण के बढ़ते ही मई के दूसरे हफ्ते से उत्तर प्रदेश से बिहार तक गंगा में लाशें मिलने का सिलसिला शुरू हो गया था.
तो बीमा किस काम का?
महामारी में एक तो इलाज मुश्किल, ऊपर से बीमा कंपनियों से उसका खर्च वसूल पाने में मरीजों का पसीना छूट रहा. तरह-तरह के नुक्ते निकालकर कंपनियों ने हजारों करोड़ रु. के क्लेम अटकाए
पिनराई के नए सिपहसालार
केरल में जब वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) ने 40 साल से चली आ रही परंपरा तोड़ते हुए लगातार दूसरा कार्यकाल जीता और वह भी भारी बहुमत से जीता, तो विपक्ष सहित लगभग हर कोई यह मानता था कि 'कैप्टन' पिनराई विजयन के पक्ष में लहर की वजह से ऐसा हुआ.
कोविड पीढ़ी के बोझिल कंधे
स्कूली और सामाजिक जिंदगी पूरी तरह से ऑनलाइन हुई और आमने-सामने की बात-मुलाकात भी करीब-करीब शून्य, ऐसे में भारत के बच्चों पर बहुत बुरी बीत रही
आभासी लड़ाई में फंसे
नरेंद्र मोदी की सरकार और सोशल मीडिया दिग्गज ट्विटर एक बार फिर उलझ गए हैं. हालिया झड़प उस अंतिम तिथि से 24 घंटे पहले हुई जब ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया मंचोंखासतौर पर इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और सिगनल को सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 को लागू करना था.
अनहोनी की आशंका
कोविड की जानलेवा दूसरी लहर ने खौफ और चिंता की एक नई महामारी को जन्म दिया है. लोग अपने प्राण खोने, प्रियजनों के हमेशा के लिए साथ छोड़ जाने, अकेले रह जाने और नौकरी/रोजगार आदि छिन जाने जैसे अंदेशों से खासे दहशत में हैं. चिंता और व्यग्रता ने इस संकट में मानसिक संत्रास से जुड़े नए पहलू लाकर जोड़ दिए हैं
समुद्र में भयंकर भूल
चक्रवात तौकते ने भारत में अब तक की भीषणतम अपतटीय आपदा में 86 लोगों की जान ले ली. यह इसलिए और भी दुखद है क्योकि पूर्व चेतावनियों के मद्देनजर इन्हें पूरी तरह से टाला जा सकता था
तैरती उम्मीदें
पारंपरिक शिकारे को जल एंबुलेंस में बदलकर डल झील के बाशिंदों को वक्त पर इलाज मुहैया करने में मदद की जा रही है
जिसका कोई नहीं, उसका...
कोई अंतिम सम्मान से वंचित न रह जाए, मन में इस संकल्प के साथ एक नेक दिल इनसान अब गरीब कोविड पीड़ितों और उनके परिवारों को यह गरिमा मुहैया कराने को आगे आया
प्राणवायु का लंगर
तेजी से सोचने में समर्थ सामाजिक सहायता समूह ने मुफ्त ऑक्सीजन देने वाला नया-नवेला लंगर चलाकर कमी को पूरा किया
बॉलीवुड पर डिजिटल राज?
कोरोना महामारी के दौरान सिनेमा के बिजनेस का तौर-तरीका भी बदल रहा है. अमेरिका से फिल्म वितरण का एक नया मॉडल निकला है जिसे हाइब्रिड कहा जा रहा है. इसके तहत थिएटर और डिजिटल में फिल्म एक साथ दिखाई जाएगी और फिर दूसरे प्लेटफार्मों पर.
नारदा कांड का हौवा
पश्चिम बंगाल में जनता की ओर से खारिज कर दिए जाने के बाद भले ही भाजपा सार्वजनिक रूप जसे सामान्य दिखने की कोशिश करे, मगर यहां की चुनावी हार का अपमान वह शायद ही जल्दी भुला पाए. पहले तो भगवा खेमा ने चुनाव बाद हिंसा को राष्ट्रपति शासन लगाने जैसा बड़ा मुद्दा बताने की कोशिश की. लेकिन उसमें खुलेआम राजनैतिक प्रतिशोध की गंध आने लगी तो पार्टी ने उसे छोड़ दिया, और तरकश से नारदा घोटाले का पुरानी तीर निकाल लाई.