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तनाव-मुक्त जीवन है - खुशियों की कुंजी
रोज सुबह उठकर अखबार के पन्ने पलटने पर मन में एक अजीब सी भावना जागृत होती है, उन खबरों का अध्यन करने से यह ज्ञात होता है कि किस मानसिक स्थिति में पूरी दुनिया रहती है। हर रोज अजीबो-गरीब खबरें हमारे सामने आती हैं। लोगों की मानसिक स्थिति, वाकई में एक चिंताजनक विषय हो गई है ।
तनाव है तो होने दें, इसमें बुरा क्या है?
स्ट्रैस यानी तनाव : पहले इसके बारे में यदा-कदा ही सुनने को मिलता था। लेकिन आज भारत समेत सम्पूर्ण विश्व के लगभग सभी देशों में यह किस कदर तेजी से फैलता जा रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज हर जगह स्ट्रेस मैनेजमेंट अर्थात तनाव प्रबंधन पर ना सिर्फ अनेक जानकारियां उपलब्ध हैं बल्कि इस विषय पर अनेक रिसर्च भी की जा रही हैं।
तनाव प्रबंधन की चुनौती
तनाव प्रबंधन और आधुनिक जीवनशैली विषय पर कवर स्टोरी काफी लम्बे से लंबित थी (इस विषय पर हिंदी संस्करण में इस सप्ताह की कवर स्टोरी)। आज के समय में, गांव के जीवन से लेकर शहरी जीवनशैली तक, अधिकांश मनुष्यों को काम के दबाव के कारण तनाव से ग्रसित पाया जाता है ।
झारखण्ड में सोरेन को ताज
झारखण्ड में सोरेन को ताज भाजपा आदिवासी उपेक्षा के कारण हारी
गाय और गांधीजी का दृष्टिकोण
गाय और गांधीजी का दृष्टिकोण
कैसा था 2019?
सन 2019 में कुछ मूल बातों की आधारशिला रखी गई। ये नींव है समाज में सभी के लिए संविधान सम्मत सम्मान, न्याय, इंसाफ, बराबरी पर आधारित व्यवस्थाओं की। ऐसा नहीं है कि 2019 से पहले ऐसा नहीं था। लेकिन 70 साल पुरानी जो हमारे देश की व्यवस्थागत इमारत थी उसमें वक्त और व्यवहार के साथ खामियां आ गयीं थी। उनमें सही बदलाव की जरूरत थी। इसके लिए 2019 में जो उपाय किए गए उनपर हलचल होना सहज और स्वाभाविक लोकतान्त्रिक प्रक्रिया है। जिसकी प्रतिध्वनि हमें मीडिया में दिखाई देती है।
अवैध घुसपैठिया बनाम शरणार्थी
अवैध घुसपैठिया बनाम शरणार्थी
...मन से बड़ा न कोय
जीवन के बारे में संजीदगी से विचार करें तो यह सत्य खुल कर सामने आ जाता है कि जीवन जीना आसान नहीं होता है। यह एक कठिन कार्य है, लेकिन इसका अर्थ कदापि यह नहीं है कि जीवन में आनंद नहीं है, जीवन में खुशियां नहीं हैं।