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क्या अफगानिस्तान में हो रहे परिवर्तन की छाया कश्मीर पर पड़ेगी?
पिछले दिनों कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ प्रधानमंत्री की मुलाकात हुई। यह तय हुआ की समय के साथ संघ शासित प्रदेश से जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उसी के तत्काल बाद जम्मू के एयरफोर्स ठिकाने पर आतंकी हमला होता है, उसके उपरांत ड्रोन साजिश भी पकड़ में आती है। ऐसा होना महज एक आतंकी घटना भर नहीं है जो वर्षों से पाकिस्तान द्वारा किया जा रहा है, बल्कि यह एक सुनयोजित आतंकी हमले की नयी शुरुआत थी।
कोविड महामारी से सबक
मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली, उन्नत भारत का आधार
सबको साथ लेकर चले योगी इसी में है सरकार-संगठन की भलाई
योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्या के बीच तनातनी तो सरकार बनने के समय से चल रही थी, लेकिन इसे कभी किसी ने सार्वजनिक नहीं किया। उक्त दोनों नेताओं के बीच तनातनी की सबसे बड़ी वजह 'सीएम की कुर्सी है। भले ही योगी सीएम हों, लेकिन केशव प्रसाद मौर्य को हमेशा यह लगता रहा था कि वह सीएम की कुर्सी के असली हकदार थे। इसकी वजह भी है। 2017 के विधानसभा चुनाव केशव प्रसाद मौर्य के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष होते लड़ा गया था।
उग्रवाद की कोख में शिक्षा के दीप
उन्नीस सौ नब्बे के बाद अविभाजित बिहार के मध्य बिहार (अब दक्षिण बिहार) कभी उग्रवादी संगठनो के रहमोकरम पर था, जहां उग्रवादी संगठनो की अपनी सरकार चलती थी। 1987 में दलेलचक बघौरा नरसंहार, 1992 में बारा नरसंहार हुए।
आयुर्वेद में पूरे विश्व को आगे ले जाने की क्षमता
मैं टेक्नॉलॉजी का विद्यार्थी हूं और मैंने यह देखा है कि पोलिटिक्स और टेक्नॉलॉजी में यह संबंध है कि आप टेक्नॉलॉजी का पैराडिगम बदल दीजिए, पावर का पैराडिगम बदल जाता है।
लोकतंत्र को कमजोर करती अवसरवाद की राजनीति
भारत के राजनैतिक परिदृश्य में दल बदलने की घटनाएं कोई नई नहीं हैं। अपने राजनैतिक नफा-नुकसान को ध्यान में रखते हुए नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाना आम बात है। हां यह सही है कि कानून की नजर में यह अपराध नहीं है और ना ही ये नेता अपराधी, लेकिन नैतिकता की कसौटी पर यह जनता के ही अपराधी नहीं होते बल्कि लोकतंत्र की भी सबसे कमजोर कड़ी होते हैं।
लगे रहो दिग्गी राजा कांग्रेस-मुक्त भारत
कांग्रेस मुक्त भारत करने का भारतीय जनता पार्टी का मतलब शायद एक मुहावरा बना रहता। कांग्रेस भले सत्ता में ना रहती पर पार्टी का समाप्त होना संभव नहीं था। यह दिग्गी वायरसो के रूप बदल-बदल कर पार्टी पर कमजोर होते ही हमला करने लगता है इसलिए पार्टी से भारत मुक्त हो भी सकता है। क्योंकि दिग्गी को 370 को फिर लागू करने की बात कहना कांग्रेस पार्टी की गले की हड्डी बन गयी है। अगर पार्टी दिग्गी से कुछ पूछताछ करती है तो मुस्लिम नाराज और नहीं पूछती है तो हिंदू नाराज।
प्रवासी पक्षियों पर भरोसा खतरनाक
मुकुल रॉय की तृणमूल में वापसी के साथ ही राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ जारी हिंसा के बाद भाजपा और संघ विचार परिवार में कुछ सवाल और कुछ चिंताएं होना उठ खड़ी हुई हैं। विचार परिवार में यह सवाल उठने लगा है कि केंद्र में सत्ता होने के बावजूद अगर भारतीय जनता पार्टी अपने आफत में अपने कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा नहीं हो पा रही तो ऐसे में भविष्य में उसके साथ कार्यकर्ता क्यों जुड़ना चाहेंगे।
मुकुल रॉय की घर वापसी
टीएमसी की प्रारम्भिक सफलता के पीछे निचित रूप से ममता के साथ मुकुल रॉय का हाथ है। कलकत्ता विश्वविद्यालय के विज्ञान के इस ग्रेजुएट और कामराज विधाविद्यालय के सार्वजनिक प्रशासन के इस पोस्ट ग्रेजुट ने पिछले तीन दशकों से जमकर राजनीति की है। उनकी राजनीति भले ही प्रयोजन व उत्पादकता की दृष्टि से बहुत सकारत्मक रही है, परंतु शुद्ध राजनीतिक दृष्टिकोण से वे अन्य चतुर और अवसरवादी राजनीतिज्ञों से अलग रहकर कोई नई राह पर चलते नजर नहीं आते।
बंगाल की राजनीति में आया एक और उफान
बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेदु अधिकारी तमाम कागजी कार्रवाई कर रहे हैं। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा से मुकुल रॉय को अयोग्य ठहराने की अपनी मांग के समर्थन में कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है। बंगाल चुनाव के परिणाम आने और प्रदेश में ममता बनर्जी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार टीएमसी की सरकार बनने के बाद मुकुल रॉय हाल ही में बीजेपी से तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये थे।
राजनीतिक विचारधारा और दल-बदल
राजनीति में शुरुआती दौर से ही विचारधारा का अकाल रहा है। बीते पांच सालों में 16 में से 10 सांसद दल बदलकर बीजेपी में शामिल हुए है। जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद ने भी साल 2000 में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में सोनिया गांधी से बगावत की और उनके खिलाफ मैदान में उतरे। अब उनके बेटे ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद नितिन का कांग्रेस पार्टी से जाना यह बताता है कि कांग्रेस के भीतर सशक्त नेतृत्व और परिवारवाद को लेकर सवाल उठने लगे है।
योगी को हटाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन
प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी में बनारस माडल की खूब चर्चा कि जिसमें ए. के.शर्मा की खूब सराहना हुई। उसके बाद ए.के. शर्मा को दिल्ली बुलाया गया। लोगों को पक्का हो गया कि शर्मा जी अब शपथ ले लेंगे। लेकिन गुरु वो मोदी है और ये यूपी है दोनो को आज तक कोई नही समझ पाया। दोनो शतरंज के वो घोड़े है जो ढाई नही साढ़े सात कदम चलते है। फिर योगी को लेकर बाजार गर्म हुआ, कि योगी हट रहे है। राज्यपाल से योगी का मिलना। लोगों ने सोचा अब तो योगी गए लेकिन योगी को हिंदुत्व बचा ले गया।
इंटरनेट : केवल ज्ञान का साधन नहीं बिजनस और कॅरियर का हाई टेक प्लेटफॉर्म भी
मानव ज्ञान-विज्ञान की आज ऐसी कोई भी विधा नहीं है जिसके बारे में इंटरनेट पर अगाध ज्ञान उपलब्ध नहीं हो। यदि आपको इस दुनिया के किसी भी टॉपिक पर लिखने की कला आती है तो आप यूं मानिए कि आप एक अच्छे राइटर बन सकते हैं।
दल-बदल का इतिहास
राज करने अथवा राज चलाने सम्बन्धी नीति को ही राजनीति कहा जाता है। लिहाजा स्पष्ट है कि राज करने या चलाने जैसी अति संवेदनशील एवं गम्भीर जिम्मेदारी को अंजाम देने के लिए इस पेशे में शामिल व्यक्ति को अत्याधिक योग्य, दक्ष, ईमानदार तथा कुशल नेतृत्व प्रदान कर पाने की क्षमता रखने वाला व्यक्ति होना चाहिए। अशोक सम्राट, चन्द्रगुप्त, चाणक्य जैसे राजनीति में सिद्ध पुरुषों से लेकर सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी तथा अटल बिहारी वाजपेयी सरीखे देश के सुप्रसिद्ध राजनैतिक महापडितों तक भारतीय राजनीति का इतिहास ऐसे तमाम राजनैतिक दिग्गजों के नामों से भरा पड़ा है जिन पर न सिर्फ भारत की जनता बल्कि स्वयं देश की राजनीतिक व्यवस्था भी गर्व करती है।
आज के समय में योग साधनाओं का महत्व
योग साधना ही समाज को बेहतर व्यवस्था दे सकती है। इसका उदहारण हमारे सामने है की योगी आदित्यनाथ और नरेन्द्र मोदी ने कितने सुधार विरोधी शक्तियों के होते हुए सुधार किये। समाज को ऐसे ही योगियों की आवश्यकता है। अतः प्रभु राम लाल जी की दी हुई योग शास्त्र की विद्या ही असल में वो हथियार है, जो देश की विरोधी ताकतों का मुकाबला कर सकती है।
सेना के हाथ मजबूत करती शारंग तोपें
'शारंग पूर्ण रूप से आर्टिलरी गन है। यह देश की सबसे बड़ी स्वदेशी तोप है। 155 एम.एम. कैलिबर वाली इस गन को अपग्रेड कर इसकी मारक क्षमता को बढ़ाया गया है। मेक इन इंडिया के संकल्प को साकार करती हुई यह गन स्वदेशी में सबसे आधुनिक तकनीक से युक्त कही जा सकती है। यह भी कह सकते हैं कि इस तोप को 130 एमएम की एम-46 की तकनीक अपग्रेड करके बनाया जा सका है। अपग्रेड होने के बाद ये और भी खतरनाक हो गई है।
पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा कारण और निवारण
सच तो यह है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की जीत के बाद हुई हिंसा राजनीतिक नहीं है, उसके पीछे वहां की जनसांख्यिकीय स्थिति मुख्य कारक है। पश्चिम बंगाल में 30 से 35 प्रतिशत आबादी मुसलमानों की है। वे सत्ता को उपकरण बनाकर वहां हिंसा का मजहबी कुचक्र रच रहे हैं। ताकि शांति और सुरक्षा को सर्वोपरि रखने वाली बची-खुची हिंदू जाति भी वहां से पलायन कर जाए। ध्रुवीकरण को कारण मानने और ऐसा विश्लेषण करने वाले विद्वान या तो कायर हैं या दुहरे चरित्र वाले!
मदरसा शिक्षा के उप-उत्पाद
पिछले दिनों की कुछ घटनाओं पर जरा पुनर्विचार कीजिए। फ्रांस में पैगंबर साहब के कार्टून के नाम पर क्रमबद्ध हिंसा, उस हिंसा के पक्ष में भारत सहित अनेक देशों में हुए बड़े आंदोलन, अफ्रीकी देश मोजांबिक में आईएस के कट्टरपंथी द्वारा "अल्लाह हू अकबर" के नारे के साथ बर्बरता पूर्वक 50 से अधिक लोगों की हत्या, काबुल में सैकड़ों लोगों की हत्या आदि घटनाएं मीडिया व सोशल मीडिया पर चर्चित रही।
सावधान न्यायपालिका सीमा लांघी जा रही है
अगर न्यायिक सक्रियता का सच्चा अर्थ जानना हो तो ब्लैक्स लॉ डिक्शनरी की मदद लेनी होगी, जिसके मुताबिक...... "न्यायिक निर्णयप्रक्रिया का वह दर्शन है, जिसमें जज सार्वजनिक नीति के बारे में अपने फैसलों में अन्य बातों के अलावा अपने व्यक्तिगत विचारों को भी तवज्जो देते हैं।"
यूपी में भाजपा की चुनौतियां दोबारा पांच साल की राह में खड़े हैं अगले छह माह!
यूपी में चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च में होने हैं। वैसे में तकनीकी रूप से आठ-नौ माह भले बचे हों लेकिन व्यावहारिक तौर पर भाजपा नेतृत्व के पास यूपी में फिर से सत्ता में वापसी के हालात बनाने के लिए इस साल के बचे तकरीबन छह माह का वक्त ही है। यानी इन छह महीनों में वह क्या और कैसे कदम उठाती है उसकी कामयाबी एवं उससे बना माहौल ही फिर से पांच साल के लिए सत्ता पाने की राह तय करेंगे।
लक्षद्वीप विकास के आड़े आता इस्लामिक कट्टरवाद
लक्षद्वीप में लगभग 12 उपद्वीप समूह है जिनमें शामिल है अगत्ती, अमीनी, कवारत्ती, मिनिकॉय, किल्टन, आंड्रोट, बंगाराम, बित्रा, चेटलत, कदमत, और कल्पेनी। बित्रा इनमें सबसे छोटा उपद्वीप है। यह क्षेत्र आकर्षक समुद्र तटों और हरे-भरे परिदृश्य के लिए जाना जाता है। रेतीले समुद्र तट, वनस्पतियों और जीवो की प्रचुरता पर्यटन की दृष्टि से इस क्षेत्र को और उपयोगी बनाती है। कवारत्ती लक्षद्वीप समूह की राजधानी और लक्षद्वीप समूह का प्रमुख राज्य है।
चिकित्सा पद्धति कोई भी हो लक्ष्य मात्र मानव कल्याण हो
विगत कुछ दिनों से देश में आयुर्वेद बनाम ऐलोपैथी की जंग छिड़ी हुई है। बाबा रामदेव के एक बयान का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पुरजोर विरोध किया है। हालांकि बाबा रामदेव ने अपना बयान वापस ले लिया है परन्तु फिर भी बात आईएमए द्वारा बाबा पर एक हजार करोड़ रुपए की मानहानि के दावे के साथ-साथ न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से लेकर देशद्रोह के आरोपों तक पहुंच गई है।
उत्तर प्रदेश की कयासबाजी पर पटाक्षेप
कहा जा रहा है कि योगी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बचाया है। वैसे भी योगी जी जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, जैसे प्रशासनिक फैसले ले रहे हैं, वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वैचारिक राजनीतिक के करीब पड़ता है। यूं भी भारतीय जनता पार्टी के जितने भी मुख्यमंत्री हैं, उनमें सिर्फ योगी ही ऐसे हैं, जिनकी पूरे देश में पहचान है। यही वजह है कि उन्हें त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल से लेकर केरल तक में चुनाव प्रचार में भेजा जाता है और वहां भारी भीड़ जुटती है। उन्हें देश का एक बड़ा वर्ग भाजपा के भावी नेतृत्वकर्ता के रूप में भी देखता है। कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि उत्तर प्रदेश जैसे बेपटरी राज्य की व्यवस्था को चलाना अगर संभव हो पा रहा है तो उसकी बड़ी वजह योगी जी की अक्रवड़ शैली भी है।
कोविड महामारी और भारतीय नवाचार
भारत के स्टार्टअप्स विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए-नए नवाचार के साथ अपनी मिसाल कायम कर रहे हैं। कोविड-19 की दूसरी लहर के खिलाफ जंग में भी ये स्टार्टअप्स अपना पूरा योगदान दे रहे हैं। इसी श्रृंखला की कड़ी में मुंबई के एक स्टार्टअप ने बहुत ही महत्पूर्ण अविष्कार किया है। मुंबई स्थित स्टार्टअप इंद्रा वाटर ने एक पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट विकसित किया है। यह एन 95 मास्क, कोट, दस्ताने और गाउन से बीमारी पैदा करने वाले सार्स-कोव-2 वायरस के किसी भी संभावित निशान को मिटा देती है।
उत्तरप्रदेश में भाजपा के रामबाण बने रामभक्त योगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोरोना नियंत्रण में योगी के द्वारा उठाए गए कदमों और त्वरित कार्यवाही के लिए योगी की भारी सराहना करते रहे हैं। न सिर्फ हिंदुस्तान में बल्कि पूरी दुनिया ने योगी के समर्पित भाव से कोरोना नियंत्रण के लिए रात-दिन एक करके जो प्रयास किए हैं उनकी भारी प्रशंसा की है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी से योगी की लोकप्रियता और भी अधिक बढ़ गई है। जनता में उनके प्रति उनका कार्य देखकर विश्वास और भी गहरा हुआ है।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को हिंदू-मुस्लिम रंग देने की शरारत
इस बहाने मोदी को औरंगजेब, हिटलर और तालिबानी कहना सहनशीलता की पराकाष्ठा
वैक्सीन का राजनीतिकरण भारत के विपक्ष का घिनौना रूप
कांग्रेस ने सरकार तथा वैक्सीन पर अविश्वास करते हुए सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को वैक्सीन लगवाने की वकालत की। वहीं, समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने तो वैक्सीन को बीजेपी वैक्सीन' कहकर उसे अविश्वसनीय करार दे दिया। स्मरण रहे, जब संपूर्ण विश्व भारत की ओर आशान्वित होकर वैक्सीन के लिए देख रहा था, अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें 'भाजपा की वैक्सीन पर भरोसा नहीं है।
कोरोना-काल में विपक्ष का दायित्व
भारत इन दिनों कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। अपने सीमित संसाधनों और विशाल जनसंख्या के बाद भी भारत बेहद मजबूती से इस आपदा के सामने टिककर खड़ा है एवं इस प्रयास में है कि महामारी की इस सुनामी से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाल लाए।
तरबूज गर्मियों का बेनजीर तोहफा
जैसा की आप महसूस कर ही रहे होंगें कि मौसम बदल रहा है और धीरे-धीरे गर्मियां दस्तक दे रही हैं तो बदलते मौसम में खान-पान का खास ध्यान रखना ही पड़ता है।
क्या स्वप्न सच के प्रतिबिम्ब होते हैं?
स्वप्न का हमारे जीवन के साथ गहरा तादात्म्य है। स्वप्न क्यों आते हैं, उनका वास्तविक जीवन से क्या संबंध है, क्या स्वप्न सच के प्रतिबिम्ब होते हैं, क्या स्वप्न जीवन को प्रभावित करते हैं ऐसे अनेक प्रश्न है जो बंद पलकों के पीछे की इस रोमांचक दुनिया से जुड़े है। इस ख्वाबों की दुनिया के रहस्य की पडताल सदियों से होती रही है। लेकिन अनेक अनुसंधानों और खोजों के बावजूद आज भी स्वप्न की यह मायाबी दुनिया रहस्य ही बनी हुई है।