CATEGORIES
فئات
कहीं डूबन जाए पूरा वित्तीय तंत्र
तकरीबन 9.4 लाख करोड़ रु. के डूबत कर्ज या एनपीए, धोखाधड़ी, मिलीभगत और कई बैंकों के डूब जाने से देश की बैंकिंग व्यवस्था में लोगों का भरोसा टूटा, आगे भारी वित्तीय संकट की रोकथाम के लिए क्या करने की जरूरत है
कौन बनेगा पटेल
कांग्रेस में दिवंगत अहमद पटेल की जगह कौन ले, इसके लिए माथापच्ची जारी है. लेकिन सत्ता से बाहर पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव के चलते भी चुनौतियां बेशुमार
“गांवों को ताकत देने से घटी बेरोजगारी
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने दो साल पूरे कर लिए. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में न केवल राजनैतिक स्थिरता प्रदान की बल्कि अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के असर को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के जरिए सीमित कर दिया. यही नहीं, बघेल ने अपने राजनैतिक कौशल का भी परिचय दिया. पड़ोसी मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई और राजस्थान में गहलोत ने किसी तरह अपनी सरकार बचाई. इस बीच, बघेल ने न केवल अपने राज्य को कांग्रेस का प्रमुख गढ़ बना दिया बल्कि मजबूत विपक्ष को अस्थिरता पैदा करने का कोई मौका नहीं दिया, हालांकि महामारी और और राज्य में माओवादी उग्रवाद की वजह से उनके सामने भी कम चुनौतियां नहीं थीं. कोरोना लॉकडाउन के दौरान लाखों प्रवासी मजदूरों के छत्तीसगढ़ वापस आने से राज्य में कोविड फैला लेकिन मोटे तौर पर महामारी काबू में रही. ग्रामीणों, आदिवासियों और किसानों के लिए देश की बेहतरीन योजनाएं चलाने वाले छत्तीसगढ़ में कभी रोजगार की कमी नहीं रही. लॉकडाउन की वजह से जब स्कूलकॉलेज बंद हो गए तो उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरह से शिक्षा जारी रखी.बस्तर जैसे आदिवासी इलाके में कनेक्टिविटी की दिक्कत थी, लिहाजा वहां ब्लूटूथ के जरिए कक्षाएं लगाई जा रही हैं, जिसे स्थानीय लोग 'बुल्टु के बोल' कह रहे हैं. बघेल पूरी विनम्रता के साथ कहते हैं, "शासन ने शिक्षकों को नहीं, बल्कि शिक्षकों ने शासन को रास्ता दिखाया है." भारत में अमूमन लोकप्रिय राजनीति अर्थव्यवस्था बिगाड़ देती है, लेकिन बघेल ने सियासी और प्रशासनिक सूझ-बूझ के दम पर छत्तीसगढ़ में मंदी का असर नहीं होने दिया और वे यह बात गर्व से बताते हैं. राज्य में किसानों, बेरोजगारों और आदिवासियों के लिए विभिन्न योजनाओं के लाभ दिख रहे हैं.मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इंडिया टुडे के संपादक अंशुमान तिवारी से अनेक मुद्दों पर बेबाकी से बातचीत की. प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:
राजनीति का रजनी स्टाइल
तलैवा के नाम से लोकप्रिय सुपरस्टार रजनीकांत 12 दिसंबर को 70 वर्ष के हो गए और शायद यह भांपकर कि समय बीता जा रहा है, उन्होंने घोषणा की कि नए साल की पूर्व संध्या पर वे तमिलनाडु के राजनैतिक मंच पर अपना बहुप्रतीक्षित आगाज करेंगे. विधानसभा चुनाव में बमुश्किल चार महीने शेष हैं लेकिन किसी फिल्म की रिलीज से पहले टीजर की तरह कई रहस्यमय ट्वीट में उन्होंने व्यापक बदलाव का वादा किया है.
महामारी के खिलाफ बेहतर मिसाल
कोरोना काल में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं का मजबूत ढांचा विकसित किया गया. इसी की बदौलत राज्य कोरोना वायरस के संक्रमण की बेहतर रोकथाम करने में कामयाब रहा
पंजाब की अनदेखी मत कीजिए
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, ने इंडिया टुडे के ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से 8 दिसंबर को बात की, जिस दिन किसानों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया था. बातचीत के अंश...
छोटे कर्ज का बड़ा मर्ज
कर्ज बाजार को अंदेशा है कि करीब 10,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के छोटे कर्ज डूब जाएंगे, जिसकी वजह से इसके तले दबकर कई सूक्ष्म वित्त संस्थाएं दम तोड़ देंगी
इतने गुस्से में क्यों है पंजाब
खेती के मामले में देश के अग्रणी राज्य के किसान केंद्रीय कृषि कानूनों का जबरदस्त विरोध करने के लिए कई दिनों से सड़कों पर. ऐसे में मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए पूरा विपक्ष भी उनके पीछे आकर लामबंद हुआ
अपनी मर्जी अपना मंसूबा
मुख्यमंत्री के बतौर अपने पहले साल में उद्धव ठाकरे व्यक्तिगत के साथ-साथ राजनैतिक मोर्चे पर नजरिया बदलते नजर आए. क्या वे यह आगे भी जारी रखेंगे?
वास्तविक गतिरोध
नवंबर की 26 तारीख के बाद से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के लगभग पांच लाख किसानों ने नई दिल्ली की वास्तव में घेराबंदी कर दी है. किसान केंद्र सरकार की ओर से संसद के मॉनसून सत्र के दौरान तेजी से पारित कराए गए कृषि सुधारों का विरोध कर रहे हैं.
बिक जाए तब जाने
प्रदेश सरकार की हाइटेक धान खरीद व्यवस्था बदहाली की शिकार, बड़े किसान और माफिया लेखपालों से मिलकर चांदी काट रहे. छोटे किसान फसल लेकर हफ्तों से खरीद केंद्रों पर खड़े, उनकी कोई सुनवाई नहीं
क्या यह सुरक्षित है? कितना असरकारी और कारगर होगी?
कोविड-19 की चुनौती को पछाड़ने के लिए रिकॉर्ड वक्त में जब कई सारी वैक्सीन आने को हैं, दौड़ में शामिल कई वैक्सीनों की सुरक्षा और असर पर करीब से एक नजर
भारत की सबसे बड़ी मुश्किल
भारत वयस्क लोगों के टीकाकरण के लिए अपने पहले सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का ताना-बाना बुन रहा है. ऐसे में 1.4 अरब लोगों के देश को इसके रख-रखाव और वितरण से जुड़ी चुनौतियों से निबटने की तैयारी भी करनी है
फंदा कसता लालफीता
पेचीदा कानून और दोहराव से भरे नियम-कायदों की रोज आती नई-नई शर्ते भारतीय कंपनियों के पैरों में बेड़ियों की तरह जकड़ गई हैं
एक नया धर्म संकट
आदिवासियों के धर्म सरना कोड का प्रस्ताव झारखंड विधानसभा ने पारित कर केंद्र से इसे जनगणना में शामिल करने की अपील की है. लेकिन पूरे देश के आदिवासी इससे सहमत नहीं हैं और इस समुदाय में ही नई बहस छिड़ गई है
भारत के अव्वल राज्य
इंडिया टुडे राज्यों की दशा-दिशा सर्वे 2020 के विजेता राज्य
सार्वजनिक स्वास्थ्य का खास ख्याल
टेनिस स्टार सानिया मिर्जा क्षयरोग पर एमटीवी की डॉक्युमेंट्री निषेध अलोन टुगेदर के जरिए अपने डिजिटल डेब्यू, महामारी के दौरान खेल की अहमियत और फिर से रैकेट थामने जैसे सवालों पर
शिखर पर नजर
पहले इंडिया टुडे डिफेंस समिट में प्रमुख चुनौतियों पर विमर्श के लिए नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों, सैन्य अधिकारियों और रक्षा-औद्योगिक इकाइयों के सदस्यों को मंच मुहैया हुआ
द्रविड़ भूमि पर दांव
अमित शाह धुर दक्षिण तमिलनाडु में भाजपा की संभावनाएं मजबूत करने उतरे लेकिन नजर 2026 के विधानसभा चुनावों में फतह पर
कुनबा सहेजने की कोशिश
यूपी की सत्ता छिनने और फिर लगातार किए जा रहे सियासी प्रयोगों के नाकाम होने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी का आधार मानी गईं जातियों के वोटबैंक को फिर से एकजुट करने उतरे
डिजिटल वालों की घबराहट
केंद्र सरकार नवंबर को एक गजट अधिसूचना के जरिए ऑनलाइन कंटेंट प्रदाताओं की तरफ से उपलब्ध करवाए गए फिल्म और दृश्य-श्रव्य कार्यक्रमों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर न्यूज और समसामयिक विषयों के कार्यक्रमों' को सूचना और प्रसारण (आइबी) मंत्रालय के दायरे में ले आई. इसका मतलब है कि नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और डिज्नी+ हॉटस्टार सरीखे ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित कोई भी डिजिटल मीडिया जो न्यूज और सामयिक विषयों के कार्यक्रम प्रकाशित या स्ट्रीम करता है, अब आइबी मंत्रालय की निगरानी के दायरे में होगा. अभी तक ये माध्मम सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में आते थे.
मन की बात, काम की बात
मन की बात आमने-सामने नहीं की जाती. ऐसा हो तो सुनने वाले हाथ जोड़ सकते हैं कि भाई माफ करो, तुम्हारा मन की बात करने का मन है पर हमारा मन तुम्हारे मन की बात सुनने का नहीं
बलई काका माइ बाप
पिताजी इतवार को और इतनी ही दूर कवि सम्मेलनों में जाते कि रात या भोर तक लौट आएं. अम्मा के डर से वे खुलकर मेरे साथ नहीं आते थे पर उनकी मौन सहमति से ही मुझे हौसला मिला
बंगाल की जोरदार जंग
बिहार के बाद पश्चिम बंगाल को जीतने के लिए भाजपा ने अपना व्यापक अभियान युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया है.उसका अभियान कितना पुख्ता है और कद्दावर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ क्या हैं उसकी संभावनाएं?
बेपेंदी का सच
सफेद दांतों के साथ अदालत में आत्मविश्वास के साथ झूठी गवाही की सेवा देते हैं कोटरा के रामटहल. पंडिज्जी के टहलदार मुन्ना मास्साब एक मामले में उन्हें राजी करने को पधारे हैं
हंसो हंसो जल्दी हंसो
इंटरनेट के विस्तार के साथ हंसी की सबसे ज्यादा खोज भी ऑनलाइन हो रही है. वहां हंसाने के हजारों तरीके, स्माइलीज, स्टिकर्स, इमोटिकॉन्स.लेकिन इन तमाम साधनों के बीच मीम जैसी सफलता किसी ने नहीं पाई ,
'कॉमेडी में मुश्किल बात कहने का माद्दा'
गुदगुदाने वाले किरदारों को संजीदगी से निभाने वाली दिग्गज अभिनेत्री और ज्वलंत मौज विषयों को कॉमिक अंदाज में लाने वाले लेखक-निर्देशक के बीच एक संजीदा संवाद
खाना तो अंडाकरी है, विचार नहीं
कॉमेडी फिल्मों में एक दौर ऐसा आया जब विचार को पीछे धकेल दिया गया. विचार के अभाव में चीख-चिल्लाहट हावी हो गई. पर अब फिर से इन फिल्मों का स्तर ऊपर उठना शुरू हो गया है
'युवा गाली बकते हैं इसलिए शो में भी गालियां हैं'
यूट्यूबर कॉमेडियन आशीष चंचलानी से नवीन कुमार की बातचीत
हिंदू वोटों के लिए दांव-पेच
भाजपा और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, दोनों ही पार्टियां राज्य की आबादी में 70 फीसद हिस्सेदारी वाले हिंदू वोटरों को लुभाने में जुटी, लेकिन क्या बंगाली हिंदू एकतरफा वोट करेंगे?