CATEGORIES

शंखनाद व शंखजल पवित्र क्यों ?
Rishi Prasad Hindi

शंखनाद व शंखजल पवित्र क्यों ?

मन से, कर्म से जितना छल छोड़ते हो उतनी तुम्हारे भीतर प्रसन्नता, सुयोग्यता बढ़ती जाती है।

time-read
1 min  |
March 2022
महाशिवरात्रि (१ मार्च) हेतु जोधपुर से पूज्य बापूजी द्वारा भेजा गया संदेश
Rishi Prasad Hindi

महाशिवरात्रि (१ मार्च) हेतु जोधपुर से पूज्य बापूजी द्वारा भेजा गया संदेश

भक्त तो वह है जो संसार में, माया में रहते हुए माया के लेप से पार रहे।

time-read
1 min  |
March 2022
भगवान श्रीराम का आदर्श चरित्र
Rishi Prasad Hindi

भगवान श्रीराम का आदर्श चरित्र

चैत्र शुक्ल नवमी को अभिजित मुहूर्त में दोपहर के ठीक १२ बजे राम-अवतार हुआ है। जो अजन्मा, अविनाशी, परात्पर ब्रह्म है वही साकार होकर नर-लीला करता है और नर को अपनी आत्मिक विभूति पाने की प्रेरणा करता है ।

time-read
1 min  |
March 2022
बहादुर माँ का वह बहादुर बच्चा !
Rishi Prasad Hindi

बहादुर माँ का वह बहादुर बच्चा !

कभी-कभी सम्पत्ति की जगह विपत्ति मिले तो समझ लें कि आध्यात्मिक सम्पदा आनेवाली है।

time-read
1 min  |
March 2022
अपने साथ दुर्व्यवहार मत करो
Rishi Prasad Hindi

अपने साथ दुर्व्यवहार मत करो

अपने दोष को तुरंत ढकने की जो वृत्ति है वह आत्मघाती वृत्ति है ।

time-read
1 min  |
March 2022
अंतर्यामी झूलेलाल तो सबके अंदर प्रकट हो सकते हैं
Rishi Prasad Hindi

अंतर्यामी झूलेलाल तो सबके अंदर प्रकट हो सकते हैं

अहंकार का त्याग करनेवाला सबका प्यारा हो जाता है।

time-read
1 min  |
March 2022
सम्पूर्ण संत-समाज व हिन्दू संगठनों से विनती...
Rishi Prasad Hindi

सम्पूर्ण संत-समाज व हिन्दू संगठनों से विनती...

संस्कृति की रक्षा में भारत के सभी हितैषियों को एकजुट होना पड़ेगा।

time-read
1 min  |
February 2022
सद्गुरु-वचनों में निष्ठा कितना ऊँचा बनाती है !
Rishi Prasad Hindi

सद्गुरु-वचनों में निष्ठा कितना ऊँचा बनाती है !

चौरासी के चक्कर से बचना हो तो ब्रह्मवेत्ता सद्गुरु के चक्कर में आना सौभाग्य की बात है।

time-read
1 min  |
February 2022
शारीरिक-मानसिक आरोग्य हेतु संजीवनी बूटी : पैदल भ्रमण
Rishi Prasad Hindi

शारीरिक-मानसिक आरोग्य हेतु संजीवनी बूटी : पैदल भ्रमण

वासनापूर्ति की बेवकूफी में ही दुःख है।

time-read
1 min  |
February 2022
महाशिवरात्रि-व्रत की महिमा निराली
Rishi Prasad Hindi

महाशिवरात्रि-व्रत की महिमा निराली

असली 'मैं' को खोजते-खोजते नकली 'मैं' विलय होता है तो आत्मज्ञान हो जाता है।

time-read
1 min  |
February 2022
देवत्वहीन होने के लिए नहीं, देवत्व जगाने के लिए होती है उपासना
Rishi Prasad Hindi

देवत्वहीन होने के लिए नहीं, देवत्व जगाने के लिए होती है उपासना

विद्यार्थी संस्कार

time-read
1 min  |
February 2022
जीवन में धर्म, सुख-समृद्धि और परमानंद लाना है तो 'ऋषि प्रसाद' के अभ्यासी बन जाइये
Rishi Prasad Hindi

जीवन में धर्म, सुख-समृद्धि और परमानंद लाना है तो 'ऋषि प्रसाद' के अभ्यासी बन जाइये

विकारी लोगों का संग छोड़ते जायें और सत्संगियों का, सत्शास्त्रों का संग बढ़ाते जायें तो जल्दी कल्याण होगा।

time-read
1 min  |
February 2022
...तो जीवनदाता तुम्हारा आत्मा प्रकट हो जायेगा
Rishi Prasad Hindi

...तो जीवनदाता तुम्हारा आत्मा प्रकट हो जायेगा

सत्संग में हमारे विवेक का दीया जलता है लेकिन हम रक्षा नहीं करते इसलिए बुझ जाता है।

time-read
1 min  |
February 2022
'ऋषि प्रसाद' व सत्साहित्य से बदला नारकीय जीवन
Rishi Prasad Hindi

'ऋषि प्रसाद' व सत्साहित्य से बदला नारकीय जीवन

गुरुमंत्र की चिनगारी लेकर उसको फूंकते जाओ तो चाहे कितनी भी वासनारूपी घास हो, जल जायेगी।

time-read
1 min  |
February 2022
भक्तों के भाव स्वीकारते गुरुवर पग-पग पर सहाय करते बन रहबर
Rishi Prasad Hindi

भक्तों के भाव स्वीकारते गुरुवर पग-पग पर सहाय करते बन रहबर

भगवान को तुम क्या देते हो इसका महत्त्व नहीं है बल्कि किस भाव से देते हो इसका बड़ा महत्त्व है।

time-read
1 min  |
January 2022
सूर्यदेव ने कार्तिकजी का पूजन रोककर पहले किनको पूजा ?
Rishi Prasad Hindi

सूर्यदेव ने कार्तिकजी का पूजन रोककर पहले किनको पूजा ?

तुम आत्मदेव में जग जाओ तो वह दिन दूर नहीं कि देवी-देवता तुम्हें रिझाना शुरू कर दें।

time-read
1 min  |
January 2022
शरीर को स्वच्छ व पुष्ट करनेवाला गेहूँ का चोकर
Rishi Prasad Hindi

शरीर को स्वच्छ व पुष्ट करनेवाला गेहूँ का चोकर

अनुकूलता का सदुपयोग किया तो प्रतिकूलता का असर नहीं होगा।

time-read
1 min  |
January 2022
ईश्वरीय अंश विकसित कर यहीं ईश्वरतुल्य हो जाओ
Rishi Prasad Hindi

ईश्वरीय अंश विकसित कर यहीं ईश्वरतुल्य हो जाओ

भोगों से विरक्ति हो रही है तो समझो जगने की तरफ (ईश्वर की ओर) चल रहे हैं।

time-read
1 min  |
January 2022
कसाब के लिए मानवाधिकार है और संत के लिए नहीं ?
Rishi Prasad Hindi

कसाब के लिए मानवाधिकार है और संत के लिए नहीं ?

जो सच्चे संतों की निंदा करता है, उनको सताता है, वह अपने भाग्य को ठुकराता है, आत्मघात करता है।

time-read
1 min  |
January 2022
परिक्रमा क्यों ?
Rishi Prasad Hindi

परिक्रमा क्यों ?

सत्संग से समत्व योग की कला सुनकर थोड़ा मनन करके अपने व्यवहार में लायें तो व्यवहार भी बंदगी हो जायेगा।

time-read
1 min  |
January 2022
दृढव्रती हो जाओ
Rishi Prasad Hindi

दृढव्रती हो जाओ

अपने वास्तविक स्वरूप में टिकने की दृढ़ता आ जाय तो शांति तो हमारा स्वभाव है।

time-read
1 min  |
January 2022
ऐसा निःस्वार्थ सेवाभाव महान बना देता है
Rishi Prasad Hindi

ऐसा निःस्वार्थ सेवाभाव महान बना देता है

जो चिंता की खाई में नहीं गिरता है उसके हृदय में आनंद का झरना फूट निकलता है।

time-read
1 min  |
January 2022
आशारामजी बापू जेल में नहीं हैं, हमारी संस्कृति की रक्षा-प्रणाली जेल में है : श्री धनंजय देसाई
Rishi Prasad Hindi

आशारामजी बापू जेल में नहीं हैं, हमारी संस्कृति की रक्षा-प्रणाली जेल में है : श्री धनंजय देसाई

अधा वृत्राणि जङ्घनाव भूरि ।

time-read
1 min  |
January 2022
'सबकी तृप्ति में अपनी तृप्ति' दीपोत्सव मनाने की गुरुप्यारों की अनोखी है युक्ति
Rishi Prasad Hindi

'सबकी तृप्ति में अपनी तृप्ति' दीपोत्सव मनाने की गुरुप्यारों की अनोखी है युक्ति

तुम्हारे जीवन में जो भी श्रेय है, जो भी अच्छा है वह बाँटने के लिए है।

time-read
1 min  |
January 2022
Rishi Prasad Hindi

मैं जिंदा हूँ तो केवल पूज्य बापूजी की वजह से !

सन् २००१ की बात है। मेरा प्लाइवुड का धंधा अच्छा चल रहा था लेकिन ज्यादा मुनाफे के लालच में मैं 'फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर' का काम करने लगा । उसमें मुझे बहुत घाटा सहना पड़ा और मेरे ऊपर डेढ़-दो करोड़ रुपये का कर्जा हो गया । पैसे समय पर न लौटाने के कारण मेरे ऊपर २२ केस हो गये । कई जगहों पर तो कोर्ट ने अरेस्ट वारंट तक निकाल दिये थे । जेल जाने की नौबत आ गयी थी। आखिर कोई रास्ता न निकलता देख परेशान होकर मैंने आत्महत्या करने का र निर्णय ले लिया।

time-read
1 min  |
December 2021
...तो समझ लेना चाहिए कि मोह प्रबल है
Rishi Prasad Hindi

...तो समझ लेना चाहिए कि मोह प्रबल है

मोह (अज्ञान) सारी व्याधियों का मूल है, इससे भव का शूल उत्पन्न होता है।

time-read
1 min  |
December 2021
Rishi Prasad Hindi

तुलसी के एक पत्ते पर बिक गये भगवान

जहाँ अपनापन होता है वहाँ प्रीति होती है अतः भगवान को अपना मानो।

time-read
1 min  |
December 2021
Rishi Prasad Hindi

भक्तों की सुनते पुकार, सर्वांतर्यामी हैं मेरे करतार !

'पूज्य बापूजी के प्रेरक जीवन-प्रसंग' गतांक से आगे

time-read
1 min  |
December 2021
Rishi Prasad Hindi

बापूजी के साथ अन्याय हो रहा है, उनकी जल्द-से-जल्द रिहाई होनी चाहिए

अगर समाज में भाईचारा लाना है तो ब्रह्मवेत्ता संतों के ही प्रभाव-प्रसाद की जरूरत है।

time-read
1 min  |
December 2021
Rishi Prasad Hindi

समता और लगन का महत्त्व

समता ऊँचा ब्रह्मास्त्र है। दूसरे कोर्स के बजाय समताप्राप्ति का कोर्स करो, यह सर्वश्रेष्ठ कोर्स है।

time-read
1 min  |
December 2021