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पानी की बचत के लिए बसंत मक्का की बिजाई पर पाबंदी की आवश्यकता
यह तीसरी फसल फरवरी में बोई जाती है और जून में काटी जाती है, और यह पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की अत्याधिक अनुशंसित सूची में है क्योंकि राज्य पहले से ही खतरनाक स्तर पर भूजल स्तर की कमी से जूझ रहा है।
मक्की की अधिक पैदावार लेने हेतु सस्य क्रियाएं
मक्की हरियाणा राज्य के मुख्यतः अम्बाला, पंचकुला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर व करनाल जिलों की खरीफ की फसल है। किसान भाईयों को मक्की की अधिक पैदावार लेने हेतु निम्नलिखित सस्य क्रियाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए :-
बाजरे की खेती - जलवायु, किस्में, देखभाल और पैदावार
बाजरा की फसल मुख्यतः बारानी क्षेत्रों में ली जाती है, परन्तु फूल आते समय व दाना बनते समय नमी की कमी होना अधिक हानिप्रद है। अतः यदि सिंचाई का स्त्रोत उपलब्ध हो तो इन क्रांतिक अवस्थाओं पर सिंचाई करना लाभप्रद होता है। बाजरा जल भराव से भी प्रभावित होता है इसलिए जल निकास का समुचित प्रबंध करें।
प्राकृतिक कृषि का आधार: नीम
नीम प्राचीनकाल से ही हमारी औषधीय एवं भैषज्य परम्परा का अभिन्न अंग रहा है। वैदिक रचनाओं में निम्बः, निम्बा, निम्बपत्राम् जैसे शब्दों का वर्णन आया है। अग्नि पुराण में कुष्ठ रोग के निदान हेतु नीम के प्रयोग का परामर्श दिया गया है। नीम को स्वास्थवर्द्धक बताया गया है। इसी कारण नीम वृक्ष को धरती का कल्प वृक्ष या देव वृक्ष भी कहा जाता है।
कीटनाशक अवशेषों से बचाव के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण
भारत में हरित क्रांति की सफलता का एक मुख्य कारण फसल सुरक्षा के उपायों के रूप में सिंथेटिक कीटनाशकों का उपयोग था
किसानों को उद्यमी बनने की आवश्यकता
मनुष्य की सभी समस्याओं का समाधान मनुष्य के अपने उद्यम में है। उसके दर्द में है। उसकी सोच में है। उसके अपने विश्वास में है। मनुष्य स्वार्थी भी है, परन्तु मनुष्य समूह के लिए चिंता एवं चिंतन भी करता आया है। भारत की गरीबी की समस्या का समाधान भी मनुष्य जाति ने करना है।
खादों के अधिक प्रयोग के कारण मिट्टी के स्वास्थ्य में बिगाड़
पंजाब के किसानों के लिए एक बड़ी चिंता की बात यह है कि रासायनिक उर्वरकों के अत्याधिक उपयोग के कारण राज्य में मिट्टी की उर्वरता लगातार घट रही है
टमाटर की वैज्ञानिक खेती
सब्जियों में टमाटर एक अत्यंत लोकप्रिय सब्जी है।
धान की फसल के लिये पूसा शैवाल
डॉ० राघवेंद्र सिंह, सहायक प्राध्यापक, शारदा कृषि महाविद्यालय शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश
एक वैकल्पिक संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकी : धान की सीधी बिजाई
पवन कुमार, सुरेंद्र मित्तल और राजेश कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र, जींद
मक्की के प्रमुख कीट प्रबंधन
बीज के लिए केवल स्वस्थ भुट्टे ही रखें, जो बोरर के हमले से मुक्त हों। ढूंठों, डंठलों, भुट्टों और कोर जैसे पौधों के अवशेषों में शीतनिद्रा में रहने वाले बोरर लार्वा को मार दें।
वर्ल्ड फूड प्राईज़ विजेता डॉ. मार्क वैन मोनटैगू
मोनटैगू कई अकादमी जैसे कि नेशनल अकादमी ऑफ साइंसिज ऑफ द यूनाईटिड स्टेटस, इटली एंड थर्ड वर्ल्ड अकादमी ऑफ साईंसिज, द अकादमी ऑफ एग्रीकल्चर ऑफ फ्रांस एंड रशिया एवं अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग के सदस्य भी हैं।
जलवायु परिवर्तन के कारण लीची एवं आम उत्पादन प्रभावित
गर्मी की लहर ने न सिर्फ गर्मी के फलों जैसे- लीची और आम की आमद पर असर डाला है, बल्कि उनके स्वाद को भी प्रभावित कर दिया है। लीची और आम उगाने वाले किसानों ने कहा कि कटाई के मौसम में बढ़ते तापमान के कारण फलों की गुणवत्ता और उपज प्रभावित हो रही है।
कैसे घटे खेती में ग्रीन गैसों की निकासी
खेती जो दुनिया भर में करोड़ों लोगों का पेट भरती है वो साथ ही जलवायु में आते बदलावों के लिए भी जिम्मेवार है।
बंजर हो रही भूमि एक चुनौती
मरुस्थलीकरण यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शुष्क भूमि अपनी उत्पादकता खो देती है। इसमें पौधों को सहारा देने, अन्न उत्पादन करने, आजीविका उपलब्ध कराने की जमीन की क्षमता खत्म होने लगती है।
सफेद मक्खी एवं गुलाबी सुंडी ने खा लिया नरमे का क्षेत्रफल
पंजाब में मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान नरमे की बिजाई अधीन क्षेत्रफल बड़े स्तर पर कम हो गया है।
पीएयू की ओर से विकसित बाजरे की दो एवं मक्का की एक किस्म को राष्ट्रीय स्तर पर काश्त के लिए मिली स्वीकृति
बीते दिनों पालमपुर में आयोजित नेशनल ग्रुप मीट में पीएयू की ओर से विकसित चारे वाली मक्का की एक किस्म के साथ दो चारे वाली बाजरे की किस्मों को काश्त के लिए स्वीकृति मिली। यह पहली बार है कि पीएयू की चारे की फसलों की तीन किस्में एक ही समय राष्ट्रीय स्तर पर जारी हो रही हैं।
पोस्ट हार्वेस्टिंग के उपरांत बागवानी फसलों का रखरखाव
कृषि विशेषज्ञों की सिफारिशों को मानते हुए किसान भाई कठिन परिश्रम, पैसा एवं ऊर्जा व्यय करके फल एवं सब्जियों की अधिक पैदावार करते हैं।
पोस्ट हार्वेस्टिंग नुक्सान को समझने की आवश्यकता
विकासशील देशों में खाद्य पदार्थ की बर्बादी अधिकतर कृषि उत्पादन के समय होती है। जबकि दर्मियाने एवं अधिक आमदनी वाले देशों में यह नुकसान मंडीकरण के समय अधिक होता है। एक अनुमान के अनुसार हमारे देश में प्रत्येक वर्ष जितना खाद्य पदार्थ व्यर्थ हो जाता है, यदि उस पर नियंत्रण कर लिया जाये तो इससे देश की कुल आबादी को वर्ष में 365 दिनों तक भोजन उपलब्ध करवाया जा सकता है।
राजनीति का तमाशा ईमानदारी पर तमाचा है ब्याज माफी
विधानसभा चुनाव से पूर्व मप्र सरकार ने डिफाल्टर किसानों के लिये ब्याज माफी की घोषणा कर स्वयं की पीठ जरुर थपथपाई है।
मधुमेह रोगियों के लिये मिलेट आहार एक वरदान
मिलेट में दो तरह के अनाज होते हैं- एक मोटा अनाज और दूसरा छोटे दाने का अनाज।
गोबर... काला सोना इसे न जलायें
हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। यहां के किसान प्राचीन काल से ही अपनी खेती में पशुओं का गोबर एवं मलमूत्र का उपयोग करते हैं। लेकिन वास्तविकता में लोग इन्हें ना तो उचित रूप में जमा करते हैं और ना ही उचित ढंग से इस्तेमाल। इससे हमारे देश में गोबर की खाद की गुणवत्ता इतनी अच्छी नहीं होती है, जितनी होनी चाहिए।
खरीफ तिलहन फसलों में खाद प्रबन्धन
डॉ. अमित कुमार, डॉ. जसबीर सिंह एवं डॉ. दीपक कुमार
आर्टीफिशियल इंटेलीजैंसी द्वारा तुड़ाई के उपरांत उचित प्रबंधन
कृषि उपज की उपलब्धता, गुणवत्ता एवं सुरक्षा को यकीनन बनाने में कुशल कटाई के बाद प्रबंधन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है क्योंकि यह खेतों से खपतकारों की मेजों की ओर जाता है। हालाँकि, महामारी ने पारपंरिक सप्लाई श्रृंखला को बिगाड़ दिया है, जिसमें मजदूरों की कमी, यातायात की पाबंदियाँ एवं मार्केट की अनिश्चितताएं शामिल हैं।
कद्दूजातीय सब्जी फसलों के प्रमुख रोग एवं कीट
कद्दू जातीय सब्जी फसलों में बीज उत्पादन के दौरान लगने वाले कीड़ों तथा उनका नियंत्रण :
बायोचार: स्वस्थ मृदा का आधार ( भूमि के लिए काला सोना )
आजादी के समय आधुनिक तकनीकियों की कमी के कारण खेती से बहुत ही कम अनाज उत्पादित होता था, इसलिए खाने के लिए अनाज विदेशों से मंगाया जाता था फिर जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हुई और अनाज की और भी ज्यादा कमी महसूस होने लगी जिसके कारण नई किस्मों का प्रवेश, जन्म हुआ और अनाज उत्पादन में अत्याधिक वृद्धि हुई जिसका मुख्य कारण नई किस्मों का प्रवेश, आधुनिक तकनीकियों का समायोजन तथा कृषि में रासायनिक पदार्थों का उपयोग रहा।
मक्का के मुख्य रोग एवं उनकी रोकथाम
मक्का दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण अनाज फसलों में से एक है।
भूजल संरक्षण के लिए धान की बुवाई बदलने की जरूरत
भूजल को बचाने के लिए किसानों को धान की सीधी बुआई के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
बढ़ रहे तापमान के कारण मछली उत्पादन पर प्रभाव
एक नए अध्ययन में पाया गया कि पानी में रहने वाले जीवों का गर्म पानी से इनके विकास में तो वृद्धि हुई, लेकिन इनकी मृत्यु दर भी बढ़ गई है जिसकी वजह से छोटी और बड़ी मछलियों की आबादी बढ़ी है।
बंदरों के भय से धान-मक्का का विकल्प बनी औषधीय फसलें
जम्मू-कश्मीर के किसान बंदरों की वजह से काफी परेशान थे। बंदर उनकी पूरी फसल को बर्बाद कर रहे थे।