जानना जरूरी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने रेपो दर को फिर बढ़ा दिया है. रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर यह केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है. इससे आपके पैसे का प्रबंधन कई तरह से प्रभावित होता है. रेपो दर 35 आधार अंकों (बीपीएस) की बढ़ोतरी के साथ अब 6.35 फीसद है, जो अगस्त 2018 के बाद से सबसे ज्यादा है. इस साल मई से ही इसमें इजाफा किया जा रहा है. चूंकि बैंकों की ओर से दी जाने वाली जमा और कर्ज की ब्याज दरें, इसी रेपो दर से जुड़ी होती हैं, लिहाजा इस बदलाव से कर्ज और जमा पर ब्याज का प्रभावित होना स्वाभाविक है. एक ओर जहां जमाकर्ता इस कदम से खुश से होंगे, वहीं कर्ज चुकाने वालों को अधिक ईएमआइ देनी होगी.
अक्तूबर, 2019 से दिए गए लगभग सभी कर्ज रेपो दर से प्रभावित हुए हैं. इसका असर यह हुआ है कि ईएमआइ में होने वाले इजाफे के बारे में उधारदाता उधारकर्ताओं को सूचित कर रहे हैं. इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत के बाद से रेपो दर में लगातार हुए 225 आधार अंकों के इजाफे के साथ, हालिया बढ़ोतरी का असर सबसे ज्यादा उधारकर्ताओं पर पड़ रहा है. ईएमआइ लगातार बढ़ती जा रही है और उन लोगों के लिए ईएमआइ को पहले जितना बनाए रखने की गुंजाइश खत्म हो गई है जो लोन चुकाने की अवधि बढ़ाकर ऐसा करना चाहते थे, विशेष रूप से होम लोन के मामलों में.
बैंक और दूसरे कर्जदाता ईएमआइ के बोझ को फौरन ग्राहकों पर डालने के लिए जाने जाते हैं. हालांकि, वे ग्राहकों की जमा पर ब्याज दरों में इजाफा देर से करते हैं. इसकी एक वजह यह है कि वे रेपो रेट में इजाफे के बोझ को ग्राहकों पर डालकर अपने मुनाफे पर असर को कम करते हैं. लेकिन जब डिपॉजिट पर दरें बढ़ाने की बात आती है तो वे ऐसा नहीं करते. इसके अलावा, होम लोन पर ईएमआइ में वृद्धि के विपरीत (जो मौजूदा उधारकर्ताओं पर फौरन लागू कर दिया गया है) जमा धारकों के लिए ऐसी कोई राहत नहीं है क्योंकि मौजूदा डिपॉजिट पर उसी दर से ब्याज मिलेगा जो उसे जमा करते समय लागू था.
هذه القصة مأخوذة من طبعة December 28, 2022 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة December 28, 2022 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
सबसे अहम शांति
देवदत्त पटनायक अपनी नई किताब अहिंसाः 100 रिफ्लेक्शन्स ऑन द सिविलाइजेशन में हड़प्पा सभ्यता का वैकल्पिक नजरिया पेश कर रहे हैं
एक गुलदस्ता 2025 का
अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ ह्यूमनकाइंड जैसी चर्चित किताब के लेखक युवाल नोआ हरारी की यह नई किताब बताती है कि सूचना प्रौद्योगिकी ने हमारी दुनिया को कैसे बनाया और कैसे बिगाड़ा है.
मौन सुधारक
आर्थिक उदारीकरण के देश में सूत्रधार, 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया.
हिंदुस्तानी किस्सागोई का यह सुनहरा दौर
भारतीय मनोरंजन उद्योग जैसे-जैसे विकसित हो रहा है उसमें अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी आने, वैश्विक स्तर पर साझेदारियां बनने और एकदम स्थानीय स्तर के कंटेंट के कारण नए अवसर पैदा हो रहे. साथ ही दुनियाभर के दर्शकों को विविधतापूर्ण कहानियां मिल रहीं
स्वस्थ और सेहतमंद मुल्क के लिए एक रोडमैप
स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में हमारी चुनौतियों का पैमाना विशाल है. 'स्वस्थ और विकसित भारत' के लिए मुल्क को टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग, प्रिडिक्टिव प्रिसीजन मेडिसिन, बिग डेटा और पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर कहीं ज्यादा ध्यान केंद्रित करना होगा
ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की ओर
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2025 में भारत की शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने, नवाचार, उद्यमिता और सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक का काम कर रही
ईवी में ऊंची छलांग के लिए भारत क्या करे
स्थानीयकरण से नवाचार तक... चार्जिंग की दुश्वारियां दूर करना, बैटरी तकनीक बेहतर करना और बिक्री के बाद की सेवाएं बेहतर करना ही इलेक्ट्रिक वाहन क्रांति को मजबूत करने का मूल मंत्र है
अब ग्रीन भारत अभियान की बारी
देशों को वैश्विक सफलता का इंतजार करने के बजाए जलवायु को बर्दाश्त बनने के लिए खुद पर भरोसा करना चाहिए
टकराव की नई राहें
हिंदू-मुस्लिम दोफाड़ अब भी जबरदस्त राजनैतिक संदर्भ बिंदु है. अपने दम पर बहुमत पाने में भाजपा की नाकामी से भी सांप्रदायिक लफ्फाजी शांत नहीं हुई, मगर हिंदुत्व के कट्टरपंथी तत्वों के खिलाफ आरएसएस की प्रतिक्रिया अच्छा संकेत
महिलाओं को मुहैया कराएं काम के लिए उचित माहौल
यह पहल अगर इस साल शुरु कर दें तो हम देख पाएंगे कि एक महिला किस तरह से देश की आर्थिक किस्मत बदल सकती है