अगर मुझे ऐसी किसी एक महत्वपूर्ण चुनौती का नाम लेना होता जिससे कि आने वाले दशकों में भारत को अच्छी तरह से निबटना चाहिए, तो मेरे हिसाब से वह होती एक सच्ची और मजबूत ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बनाने की जरूरत. मैं इंसानी कोशिश के इस एक क्षेत्र पर इतना जोर क्यों दे रहा हूं ? दुनिया भर की कुछ सफल अर्थव्यवस्थाओं को देखने से कुछ बहुत ही उपयोगी सीख मिल सकती है. मेरी बात को कुछ खास मिसालों और आंकड़ों से सबसे अच्छी तरह से समझा जा सकता है. मैंने कुछ साल पहले गूगल चलाने वाली आइटी फर्म की एक खास तिमाही की आय पर नजर डाली थी. उस समय गूगल लगभग 10 साल पुरानी थी और दुनिया भर में उसके कर्मचारियों की संख्या लगभग 10,000 थी. मैंने भारत की शीर्ष तीन आइटी कंपनियों की साझा आय पर भी नजर डाली, जिनमें कर्मचारियों की कुल संख्या 1,50,000 से ज्यादा थी. तीनों कंपनियों ने मिलकर एक साल में जो कमाया, वह गूगल की एक-तिमाही के मुनाफे से भी कम था. इसका सबसे आसान स्पष्टीकरण यह है कि गूगल का सर्च इंजन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्नातक जीवन के गलियारों से निकले ज्ञान के विचार पर चलता है. मैं इसे ज्ञान का क्रियान्वयन कहता हूं. गूगल सर्च इंजन बहुत ही व्यावहारिक तरीके से स्नातक स्तर के सुंदर गणित और कुछ बहुत ही सरल कोडिंग का इस्तेमाल करता है. दूसरी ओर, हमारी आइटी कंपनियां अनिवार्य रूप से मानव बल पर चल रही हैं.
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