आदिवासियों की अपनी 'सेना'
India Today Hindi|March 08, 2023
कई दशकों से हर साल दिसंबर में कंगला मांझी सरकार के वर्दीधारी 'सैनिक' छत्तीसगढ़ के एक गुमनाम से गांव में जमा होते हैं. यह 'सेना' सुभाष चंद्र बोस की भारतीय राष्ट्रीय सेना और समाजवादी विचारों से प्रेरित है. यह असंगठित 'सेना' आखिर किसके लिए लड़ रही है और इसका भविष्य क्या है? 
राहुल नरोन्हा
आदिवासियों की अपनी 'सेना'

त्तीसगढ़ में घने जंगलों के बीच बसा एक अनजानासा गांव हर साल तीन दिनों के लिए किसी गहमागहमी भरे सैन्य शिविर में तब्दील हो जाता है. खाकी वर्दीधारी सैकड़ों आदिवासी पुरुष-महिलाएं पहरा देने के अंदाज में गांव के चारों तरफ घूमते नजर आते हैं. कुछ अस्थायी दुकानें भी सज जाती हैं जहां सस्ते दामों पर सैन्य सामग्रीबैग, वर्दी, जूते, बेल्ट, रैंक और प्रतीक चिन्ह आदि - मिलते हैं. हां, हथियारों के नाम पर सैनिकों के पास कुछ खास नहीं होता. उनके पास सबसे बड़ा हथियार डंडा ही होता है. अधिकारी संवर्ग में आने वाले कुछ सैनिकों के पास जरूर वायरलेस सेट होते हैं, जो शिविर में उपलब्ध सबसे आधुनिक उपकरण हैं. गांव में कुछ पेड़ों और लकड़ी के खंभों पर मुर्गे बंधे नजर आ रहे हैं, जिनकी यहां आदिवासी देवताओं के सम्मान में बलि दी जाएगी. यहां एकत्र सैनिक सितारों भरे खुले आसमान के नीचे ही बिस्तर लगाकर सोते हैं और जरूरत की छोटीमोटी चीजें और बर्तन आदि करीने से उनके तंबुओं के पास रखे रहते हैं. दिन के वक्त कंगला मांझी सरकार के 'सैनिक' अपने अभ्यास और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की तैयारी में व्यस्त रहते हैं और देश के आदिवासियों के उत्थान की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं. इन गतिविधियों के बीच बाघमार गांव जीवंतता से भर उठता है.

रायपुर से करीब 120 किलोमीटर दूर बाघमार में 5 दिसंबर से 7 दिसंबर तक चलने वाला यह तीन दिवसीय कार्यक्रम एक आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी कंगला मांझी की पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित होता है, जो सुभाष चंद्र बोस से बहुत प्रभावित थे (इसलिए इनके सैनिकों की वर्दी आजाद हिंद फौज- आइएनए- की जैसी ही है). 'सेना' एक स्वयंसेवी बल है जो आदिवासियों के उत्थान की दिशा में काम करता है. हालांकि, इसके बारे में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के बाहर किसी को कोई खास जानकारी नहीं है. लेकिन राज्य की प्रमुख सियासी हस्तियों का इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना कोई नई बात नहीं है. पिछले साल 6 दिसंबर को केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री और मंडला से सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते इसमें शामिल हुए. राज्यपाल अनुसुइया उइके भी इस कार्यक्रम में शिरकत कर चुकी हैं.

هذه القصة مأخوذة من طبعة March 08, 2023 من India Today Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

هذه القصة مأخوذة من طبعة March 08, 2023 من India Today Hindi.

ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.

المزيد من القصص من INDIA TODAY HINDI مشاهدة الكل
ट्रंप की नजर में दुनिया
India Today Hindi

ट्रंप की नजर में दुनिया

अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?

time-read
4 mins  |
November 20, 2024
नवाचार की शानदार चमक
India Today Hindi

नवाचार की शानदार चमक

इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो

time-read
3 mins  |
November 20, 2024
योगी बनाम अखिलेश
India Today Hindi

योगी बनाम अखिलेश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.

time-read
4 mins  |
November 20, 2024
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
India Today Hindi

लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की

सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा

time-read
3 mins  |
November 20, 2024
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
India Today Hindi

सत्ता पर दबदबे की नई होड़

इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.

time-read
3 mins  |
November 20, 2024
नई सोच का संस्थान
India Today Hindi

नई सोच का संस्थान

बी-स्कूलों का परंपरागत खाका तोड़कर आइआइएम इंदौर शैक्षणिक उत्कृष्टता पर तो जोर दे ही रहा है, प्लेसमेंट को लेकर अनूठे दृष्टिकोण के साथ सामाजिक प्रभाव बढ़ाने पर भी ध्यान दे रहा

time-read
3 mins  |
November 20, 2024
तो क्या सांची पर भारी पड़ेगा अमूल?
India Today Hindi

तो क्या सांची पर भारी पड़ेगा अमूल?

गाजय तो गाय, अब दूध भी मध्य प्रदेश में सियासी मुद्दा बनता जा रहा है. राज्य सरकार ने एमपी राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ) का नियंत्रण पांच साल के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) को सौंपने का फैसला किया तो हंगामा मच गया.

time-read
3 mins  |
November 20, 2024
शर्माजी की अग्नि परीक्षा
India Today Hindi

शर्माजी की अग्नि परीक्षा

शर्मा के लिए स्थितियां आसान नहीं हैं. उपचुनाव वाली सात में से चार सीटों पर हाल के दिनों में कांग्रेस जीतती आई है. दो सीटें आरएलपी और बीएपी जैसी क्षेत्रीय पार्टियों के गढ़ वाले क्षेत्र की हैं

time-read
4 mins  |
November 20, 2024
परबिया अस्मिता की आवाज
India Today Hindi

परबिया अस्मिता की आवाज

रदा सिन्हा नहीं रहीं. करीब पखवाड़े भर शा जिंदगी उनके साथ शहमात का खेल खेलती रही. पर संयोगों का संयोग कि जिस छठ पर्व को उन्होंने अपार विस्तार देने में गीतों के माध्यम से कालजयी भूमिका निभाई, उसी छठ पर्व के दौरान वे दुनिया से विदा हुईं.

time-read
3 mins  |
November 20, 2024
भीमकाय त्रासदी
India Today Hindi

भीमकाय त्रासदी

उनतीस अक्तूबर को धनतेरस का शुभ अवसर था, जो कि दीवाली से दो दिन पहले आता है. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में रेंजर, ड्राइवर, वन रक्षक, टुअर ऑपरेटर और पार्क के प्रबंधन से जुड़ा हर व्यक्ति उत्सव के माहौल में था. लेकिन दोपहर होते-होते स्थितियां एकदम बदल गईं.

time-read
5 mins  |
November 20, 2024