मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब 24 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से नगरीय निकाय चुनाव अभियान की शुरुआत की तो इसके पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सोची-समझी रणनीति थी. पिछले कुछ चुनावों में सहारनपुर से चुनावी अभियान की शुरुआत करके जीत हासिल करने वाली प्रदेश भाजपा के सामने नगरीय निकाय चुनावों में चुनौती कठिन थी. निकाय चुनाव के हिसाब से बनी भाजपा की सूची में सहारनपुर सबसे चुनौतीपूर्ण था. यहां सामाजिक संरचना भाजपा के समर्थक मतदाताओं के हिसाब से फिट नहीं बैठ रही थी और मुस्लिम बहुल देवबंद नगर पालिका से कभी भी हिंदू उम्मीदवार नहीं जीता था. प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद कुछ मुसलमान मतदाताओं के बीच भाजपा को लेकर गुस्सा भी था. इन चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच सहारनपुर के महाराज सिंह कॉलेज मैदान पर आयोजित चुनावी जनसभा में योगी का अंदाज कुछ बदला हुआ था. उन्होंने शाकंभरी देवी को प्रणाम करके अपने संबोधन की शुरुआत तो की लेकिन मुसलमानों पर तीखे बयान देने से बचते हुए योगी ने मुख्यमंत्री रहते 12 बार सहारनपुर आने का जिक्र किया और लोगों से भावनात्मक संबंध जोड़ने की भी भरपूर कोशिश की. 13 मई को जब नतीजे आए तो सबसे चौंकाने वाला परिणाम देवबंद नगर पालिका अध्यक्ष का था. 1940 में गठित 70 फीसदी से अधिक मुस्लिम आबादी वाली देवबंद नगर पालिका में हमेशा मुसलमान अध्यक्ष ही जीतता आया है लेकिन पहली बार भाजपा के विपिन गर्ग ने चुनाव जीतकर सबको चौंका दिया. भाजपा ने सहारनपुर नगर निगम में मेयर की सीट जीतने के बाद बोर्ड में बहुमत भी हासिल किया.
मेरठ नगर पालिका के 1995 में नगर निगम में तब्दील होने के बाद से एक मिथक चला आ रहा था कि यूपी में जिस भी पार्टी की होती है उस पार्टी का उम्मीदवार मेरठ में मेयर का चुनाव नहीं जीत पाता. योगी आदित्यनाथ ने 5 मई को मेरठ के जिमखाना मैदान पर रैली कर कांवड़ यात्रा का जिक्र तो किया ही, साथ में मेरठ से गुजरने वाले एक्सप्रेसवे, खेल विश्वविद्यालय समेत कई विकास योजनाओं को गिनाकर शहरी मतदाताओं का दिल जीतने की भरसक कोशिश की. जब चुनाव का नतीजा आया तो भाजपा ने सारे मिथक तोड़ते हुए न केवल मेरठ के मेयर पद पर कब्जा जमाया बल्कि पहली बार नगर निगम में 42 पार्षदों को जिताकर अपनी बढ़ी ताकत एहसास भी कराया.
هذه القصة مأخوذة من طبعة May 31, 2023 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك ? تسجيل الدخول
هذه القصة مأخوذة من طبعة May 31, 2023 من India Today Hindi.
ابدأ النسخة التجريبية المجانية من Magzter GOLD لمدة 7 أيام للوصول إلى آلاف القصص المتميزة المنسقة وأكثر من 9,000 مجلة وصحيفة.
بالفعل مشترك? تسجيل الدخول
मजबूत हाथों में भविष्य
भविष्य के बिजनेस लीडर्स को गढ़ने में बिजनेस स्कूलों की बेहद निर्णायक भूमिका है, ऐसा भविष्य जिसकी अगुआई टेक्नोलॉजी करेगी
कॉर्पोरेट के पारखी
आइआइएम कलकत्ता के छात्रों को महज बिजनेस दिग्गज बनने के लिए ही प्रशिक्षित नहीं किया जा रहा, वे पार्टनरशिप्स के जरिए राज्य की नौकरशाही को ऊर्जावान बनाने में भी मदद कर रहे
विरासत की बड़ी लड़ाई
बड़े दांव वाले शक्ति प्रदर्शन के लिए मैदान सज गया है, राजनैतिक दिग्गज और ताकतवर परिवार आदिवासी बहुल क्षेत्र पर कब्जे के लिए आ गए हैं आमने-सामने
कौन दमदार शिवसेना
महाराष्ट्र में किसका राज चलेगा, यह लोगों के वोट से तय होगा लेकिन साथ ही यह भी तय होगा कि कौन-सी शिवसेना असली है-ठाकरे की या शिंदे की
सीखने का सुखद माहौल
स्वास्थ्य प्रबंधन में एक नए पाठ्यक्रम से लेकर ब्लॉकचेन तकनीक पर केंद्रित कार्यक्रम तक, आइआइएम लखनऊ अपने नए ईकोसिस्टम के साथ अग्रणी भूमिका निभा रहा
ट्रंप की नजर में दुनिया
अमेरिका के लोगों ने दूसरी बार डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अपनी आस्था जताई है. ऐसे में भारत और बाकी दुनिया इस बात के लिए अपने को तैयार कर रही कि व्यापार और भू-राजनीतिक व्यवस्था के संदर्भ में 47वें राष्ट्रपति के अमेरिका-प्रथम के एजेंडे का आखिर क्या मायने होगा?
नवाचार की शानदार चमक
इस संस्थान में शिक्षा का मतलब ऐसे समाधान तैयार करना है जिनके केंद्र में देश की सामाजिक वास्तविकता मजबूती से जुड़ी हो
योगी बनाम अखिलेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 26 अगस्त को आगरा में ताज महल पश्चिमी द्वार स्थित पुरानी मंडी चौराहे पर दुर्गादास राठौर मु की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे.
लैब कॉर्पोरेट लीडरशिप की
सख्त एकेडमिक अनुशासन, रिसर्च पर फोकस और विश्वस्तरीय गुणवत्ता के जरिए आइआइएम-के बिजनेस एजुकेशन की नई परिभाषा गढ़ रहा
सत्ता पर दबदबे की नई होड़
इन दिनों धुंध की मोटी चादर में लिपटी कश्मीर घाटी में छह साल के इंतजार के बाद नई उम्मीद जगी है. केंद्र शासित प्रदेश की नवनिर्वाचित नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) की सरकार ने आते ही अपने इरादे साफ कर दिए - जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाना उनका पहला संकल्प है.