ऊंचे और असरदार लोगों की हमारी फेहरिस्त के ये 50 लोग किसी दूसरे ग्रह पर नहीं जन्मे. न ही वे जो राजनीति, अधिकारी वर्ग और विदेश में बड़ा नाम कमाने वाले भारतीयों की तीन अनुपूरक सूचियों में हैं. वे साधारण नश्वर इनसान हैं और फिर भी असाधारण हैं. उनके छोटे और बड़े साम्राज्य हरेक की निपुणता, इच्छाशक्ति, कल्पना और मजबूती...और कभी-कभार व्यक्तित्व की निरी शक्ति के खास मेल से बने. उनमें से कुछ निपट गुमनामी से वहां आ पहुंचे जहां वे हैं. नेटफ्लिक्स की कॉन्टेंट हेड मोनिका शेरगिल मेरठ में ब्लैक ऐंड व्हाइट टीवी देखकर बड़ी हुईं, जेरोधा के नितिन और निखिल कामथ बैंक कर्मचारी के बच्चे हैं, जो बेंगलूरू के मध्यवर्ग के हैं. नरेंद्र मोदी का अतीत तो खैर किंवदंती है ही. यहां तक कि मुकेश अंबानी ने मुंबई की चाल की जिंदगी देखी और कुमार मंगलम बिड़ला के सामने पिता की असमय मृत्यु के बाद तेजी से बड़े होने के अलावा कोई चारा न था. मुकेश और कुमार मंगलम दोनों ने विरासत में मिले कारोबारों को कई गुना बढ़ाया. हर व्यक्ति का सफर खाक से शुरू होता है. राहुल के मामले में यह पिछले साल भारत जोड़ो यात्रा के साथ शुरू हुआ. किस्मत निरंतर बदलाव और निश्चितता के बीच नाजुक राह पर चलती है. गौतम अदाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन जाते हैं, पर उनकी कठोरतम चुनौती बाद में आती है. यहां तक कि अरबपति को भी अप्रत्याशित की आशा करनी चाहिए. युद्ध और महामारी का अंधकार आसमान तले "सदा और सर्वदा" रहेगा, यह निरी फंतासी है. मगर यही मौजूदा वक्त का पावरनामा है.
1 मुकेश अंबानी, 66 वर्ष
चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, रिलायंस इंडस्ट्रीज
एक आंधी
क्योंकि वे ऐसी दूरदृष्टि संपन्न हैं, जो बड़ा खेल खेलता और जीतता है. फ की फेहरिस्त में वे 87.9 अरब डॉलर (7.2 लाख करोड़ रुपए) की नेट वर्थ के साथ एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं. देश के सबसे बड़े प्राइवेट उद्यम को वे अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता के साथ चला रहे हैं और देश के सबसे बड़े कारोबारी बने हुए हैं. 16.7 लाख करोड़ रु. (16 मई) की चौंकाने वाली एम-कैप और 9.7 लाख करोड़ रु. (वित्त वर्ष 23) की कमाई महज किस्मत का खेल नहीं. 1.9 लाख करोड़ रु. का तो सिर्फ उन्होंने टैक्स भरा है
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परदेस में परचम
भारतीय अकादमिकों और अन्य पेशेवरों का पश्चिम की ओर सतत पलायन अब अपने आठवें दशक में है. पहले की वे पीढ़ियां अमेरिकी सपना साकार होने भर से ही संतुष्ट हो ती थीं या समृद्ध यूरोप में थोड़े पांव जमाने का दावा करती थीं.
भारत का विशाल कला मंच
सांफ्ट पावर से लेकर हार्ड कैश, हाई डिजाइन से लेकर हाई फाइनेंस आदि के संदर्भ में बात करें तो दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह भारत की शीर्ष स्तर की कला हस्तियां भी भौतिक सफलता और अपनी कल्पनाओं को परवान चढ़ाने के बीच एक द्वंद्व को जीती रहती हैं.
सपनों के सौदागर
हम ऐसी दुनिया में रहते हैं जहां मनोरंजन से हौवा खड़ा हो है और उसी से राहत भी मिलती है.
पासा पलटने वाले महारथी
दरअसल, जिंदगी की तरह खेल में भी उतारचढ़ाव का दौर चलता रहता है.
गुरु और गाइड
अल्फाज, बुद्धिचातुर्य और हास्यबोध उनके धंधे के औजार हैं और सोशल मीडिया उनका विश्वव्यापी मंच.
निडर नवाचारी
खासी उथल-पुथल मचा देने वाली गतिविधियों से भरपूर भारतीय उद्यमिता के क्षेत्र में कुछ नया करने वालों की नई पौध कारोबार, टेक्नोलॉजी और सामाजिक असर पैदा करने के नियम नए सिरे से लिख रही है.
अलहदा और असाधारण शख्सियतें
किसी सर्जन के चीरा लगाने वाली ब्लेड की सटीकता उसके पेशेवर कौशल की पहचान होती है.
अपने-अपने आसमान के ध्रुवतारे
महानता के दो रूप हैं. एक वे जो अपने पेशे के दिग्गजों के मुकाबले कहीं ज्यादा चमक और ताकत हासिल कर लेते हैं.
बोर्डरूम के बादशाह
ढर्रा-तोड़ो या फिर अपना ढर्रा तोड़े जाने के लिए तैयार रहो. यह आज के कारोबार में चौतरफा स्वीकृत सिद्धांत है. प्रतिस्पर्धा से प्रेरित होकर भारत के सबसे ताकतवर कारोबारी अगुआ अपने साम्राज्यों को मजबूत कर रहे हैं. इसके लिए वे नए मोर्चे तलाश रहे हैं, गति और पैमाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस सरीखे उथल-पुथल मचा देने वाले टूल्स का प्रयोग कर रहे हैं और प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार बढ़ा रहे हैं.
देश के फौलादी कवच
लबे वक्त से माना जाता रहा है कि प्रतिष्ठित शख्सियतें बड़े बदलाव की बातें करते हुए सियासी मैदान में लंबे-लंबे डग भरती हैं, वहीं किसी का काम अगर टिकता है तो वह अफसरशाही है.