अगर वॉल्यूम की दृष्टि से देखें तो दवाओं के क्षेत्र में भारत पूरी दुनिया में तीसरे स्थान पर है. भारत में बनी दवाइयां आज पूरे विश्वास के साथ पूरी दुनिया में इस्तेमाल की जा रही हैं. इसे कुछ तथ्यों के जरिए समझा जा सकता है. अमेरिका में जितने टैबलेट की खपत होती है, उसमें हर तीसरा टैबलेट भारत में बना हुआ होता है. अमेरिका में जितनी जेनरिक दवाओं की खपत होती है, उसमें 40 प्रतिशत जेनरिक दवाएं भारत में बनी हुई होती हैं, पूरी दुनिया में अगर पांच जेनरिक दवा का निर्यात होता है तो उसमें एक भारत में बनी हुई होती है. आज सबसे अधिक जेनरिक दवाओं का निर्यात भारत कर रहा है. यह हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है.
ऐसा अनुमान है कि 2030 तक भारत के दवा उद्योग का आकार 130 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा. भारत का दवा उद्योग किस तेजी से बढ़ता हुआ भारत से दवा निर्यात को बढ़ा रहा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2021-22 में दवाओं के निर्यात में 18 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है. यह पिछले सात साल में सबसे अधिक है.
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