उंगलियों पर उत्तरा गणराज्य
India Today Hindi|August 30, 2023
डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल ने पूरे भारत में राजकाज के मॉडलों को आमूलचूल बदल दिया है, इसने न केवल भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंका बल्कि जनता से जुड़ी सेवाओं की समयबद्ध डिलिवरी और जवाबदेही भी पक्की की. भारत ने विशाल डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया है. अब भविष्य इस पर निर्भर है कि कम लागत वाले ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का हम कितनी चतुराई से इस्तेमाल करते हैं, मौजूद कॉमन बिल्डिंग ब्लॉक्स का समान वितरण किस तरह से करते हैं, एआइ, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन को एक-दूसरे से कैसे बेहतरीन ढंग से जोड़ते हैं. केंद्र और राज्य सरकारें इन औजारों को प्रयोग में लाते हुए कई नवाचार लेकर आई हैं. सरकारी और निजी क्षेत्र में साझेदारी की बदौलत ई-गवर्नेस के ढांचों और कार्यप्रणाली की क्षमता भी तेजी बढ़ रही है और रफ्तार भी 
कौशिक डेका
उंगलियों पर उत्तरा गणराज्य

यह कोड बड़े काम का

भारत जनता से जुड़ी सेवाओं की सस्ती, सुलभ और समावेशी डिलिवरी की राह पर तेजी से बढ़ रहा है. अब इसे एक नई ऊंचाई देते हुए इसको सबकी पहुंच में लाए जाने की जरूरत

इसे आप ग्राम स्वराज 2.0 कह सकते हैं. कोई भी गांव, चाहे कितना भी दूरदराज क्यों न बसा हो, जनसेवाओं की पहुंच से बाहर नहीं है. जहां राज्यसत्ता और नागरिक एक सीधी-सादी हॉटलाइन यानी मोबाइल फोन से जुड़े हैं. इसे ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर (ओएसएस) मुमकिन बना रहे हैं, जो सस्ता, इस्तेमाल में आसान और जरूरत के हिसाब से ढाला जा सकने वाला प्लेटफॉर्म है. यही बात इसे सरकारों के लिए लीक-प्रूफ तरीकों से जनसेवाएं मुहै जरिया बना देती हैं. यह हमारे सरीखे मुल्क के लिए खास तौर पर उपयोगी है, जो इस साल चीन को पीछे छोड़कर दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन गया, और जिसके लोग भिन्न-भिन्न भूगोलों की माला में गुंथे में हैं. भारत ने इतने बड़े पैमाने पर सावर्जनिक डिजिटल बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है कि दूसरे देशों में जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती. राष्ट्रीय ई-गवर्नेस योजना में 31 मिशन मोड परियोजनाएं हैं, जिनमें स्वास्थ्य से लेकर कृषि, बैंकिंग, कराधान और शिक्षा आदि तक सरकार और नागरिकों के बीच संवाद का समूचा तंत्र मौजूद है. चुनौती अब इसकी पहुंच बढ़ाकर पूरी तरह समावेशी बनाने की है.

यह गेमचेंजर क्यों है

ज्यादा तेज, सटीक और यूजर यूजर के अनुकूल डिजिटल सेवाओं के साथ ओएसएस पर आधारित प्लेटफॉर्म न केवल गुणवत्तापूर्ण सेवाएं दे सकते हैं, बल्कि परिस्थितियों के अनुसार उनका आकार बढ़ाया भी जा सकता है. साथ ही ये सेवाएं इतनी गतिशील और लचीली हैं कि मांग और टेक्नोलॉजी के विकास में किसी भी बदलाव का जवाब दे सकें.

هذه القصة مأخوذة من طبعة August 30, 2023 من India Today Hindi.

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