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भारत में पहली बार गिर गाय का 'क्लोन' किया तैयार
गिर गाय, अन्य गाय की नस्लों के अपेक्षा, बहुत अधिक सहनशील होती है जो अत्यधिक तापमान व ठण्ड आसानी से सहन कर लेती है और विभिन्न ऊष्ण कटिबन्ध रोगों के प्रति रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है। इसी कारण, हमारे यहां की देशी गायों का ब्राजील, अमेरिका, मैक्सिको, और वेनेजुएला में बहुत मांग हैं
सैकिंडों में होगी दूध की क्वालिटी चैक
परीक्षण से यह पाया गया है कि इस विधि में दूध घटकों के बजाये अभिकर्मक केवल विशिष्ट मिलावट के साथ प्रक्रिया करते हैं। इसलिए, यह विश्लेषणात्मक उपकरण तरल खाद्य सुरक्षा की निगरानी में मदद कर सकता है।
वृक्षों के साथ-साथ होगी मशरूम की खेती
आबादी बढ़ने के साथ बढ़ती खाद्य जरूरतें कृषि पर तेजी से दबाव डाल रहीं हैं। इन जरूरतों को पूरा करने के लिए पहले से कहीं ज्यादा कृषि भूमि की मांग बढ़ रही है। नतीजन वनों का तेजी से विनाश किया जा रहा है। लेकिन हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस समस्या का एक उपाय सुझाया है, जिसके अनुसार पेड़ों के साथ-साथ मशरूम की खेती न केवल लाखों लोगों को पेट भर सकती है साथ ही इसकी मदद से जलवायु परिवर्तन की समस्या को भी कम किया जा सकता है। देखा जाए तो यह मशरूम कार्बन को कैप्चर करने का भी काम करते हैं।
जलवायु परिवर्तन के कम हो सकता है 47 प्रतिशत चावल का उत्पादन
जलवायु परिवर्तन के कारण खेती को हो रहे नुकसान का मामला 21 मार्च 2023 को सदन में उठाया।
विकास के सतत लक्ष्यों को हासिल करने के लिये जरूरी है टिकाऊ फूड वैल्यू चेन्स
फार्म्स और फर्म्स की पूरी श्रृंखला और उनकी सिलसिलेवार समन्वित मूल्य-स -संवर्द्धन गतिविधियां जो इस ढंग से तयशुदा कच्चा कृषि माल पैदा करती हैं और उन्हें तयशुदा खाद्य उत्पादों (जिन्हें अंतिम उपभोक्ताओं को बेचा जाता है और इस्तेमाल के बाद निपटा दिया जाता है) में बदलती हैं, ताकि शुरू से अंत तक मुनाफा हो, समाज को व्यापक रूप से फायदा मिले और प्राकृतिक संसाधनों का स्थायी क्षरण नहीं हो ... टिकाऊ फूड वैल्यू चेन की यह परिभाषा खाद्य एवं कृषि संगठन द्वारा दी गयी है।
मूंगफली-सोया के उत्पादों की तकनीक सीफेट ने की विकसित
छीली हुई मूंगफली को कुछ देर के लिए हल्के गर्म पानी में भिगोया जाता है। इसके बाद मूंगफली को एक मशीन में डाला जाता है, जहां मूंगफली के ऊपर से लाल रंग वाला छिलका उतारा जाता है।
जैविक भोजन की बढ़ती मांग....
कृषि में प्रयोग किये जाते रसायन के बुरे प्रभावों ने भिन्न-भिन्न देशों के कुछ उपभोक्ताओं की मानसिकता में बदलाव किया है और वे स्वास्थ्य के कारण अधिक मूल्य देकर जैविक पदार्थ उत्पाद खरीद रहे हैं। नीति निर्माता भी एक बढ़िया पर्यावरण निर्माण की कोशिशें करने के अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था उत्पन्न करने एवं मिट्टी स्वास्थ्य की पुनः स्थापना के लिए जैविक कृषि को बढ़ावा दे रहे हैं।
मक्के की फसल के प्रमुख रोग एवं नियंत्रण
लोकेश यादव, विशाल गांधी व पूजा, पादप रोग विभाग चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार-125004
अजोला एक उपयोग अनेक
राजर्षि रॉयबर्मन, राहुल सिंह, शैलेन्द्र शर्मा, राजेश और जे.पी.शर्मा
अधिक उत्पादन के लिए सब्जियों की स्वस्थ पौध
सब्जियों की स्वस्थ पौध ही भरपूर पैदावार का आधार होती है। जब पौध एक से डेढ़ इंच की होते ही जड़ गलन (डैम्पिंग आफ) बीमारी से ग्रसित हो जाती है, तथा क्यारियों से लगभग 80 प्रतिशत पौधे नष्ट हो जाते हैं। कृषकों को सब्जियों की स्वस्थ पौध उगाने की वैज्ञानिक तकनीक का प्रयोग करना चाहिए, ताकि क्यारियों से एक पौधा भी नष्ट न होने पाये।
खेत का प्राकृतिक टॉनिक हरी खाद
नसीब चौधरी।, डी पी मलिक॥, राजवीर2, विनोद कुमार3 1कृषि अर्थ शास्त्र विभाग, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विवि., हिसार 2मृदा विज्ञान विभाग, स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विवि., बीकानेर 3शस्य विज्ञान विभाग, विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी, जयपुर
मुफ्त योजनाएं सशक्त नहीं, अपाहिज बनाने का खेल
विनोद के. शाह, अंबिका, हास्पीटल रोड़, विदिशा 464001
किसान गेहूं की कटाई व गहाई के वक्त बरते सावधानी
संजय कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र कैथल, विनोद कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र फरीदाबाद, के. एस. अहलावत, वानिकी विभाग, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार
कृषि यंत्रों का रख-रखाव
इंजीनियर राजकुमार, कृषि विज्ञान केंद्र रामपुरा रेवाड़ी, हरियाणा
वनस्पति विज्ञानी डॉ. चार्ल्स स्पर्गु सरर्जेंट
डॉ. चार्ल्स सरजैंट एक असाधारण व्यक्ति थे। वह हमेशा बोस्टन समाज के सामाजिक मुद्दों से दूर रहते थे। वह अपने काम में मशरूफ रहते थे। उन्होंने फ्रैडरिक ला ओल्मस्टैड के साथ मिल कर लोग भलाई के लिए सड़क पर वृक्ष लगाने संबंधी कार्यों में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ मशरूम की खेती करने वाले राजीव रंजन
आज उनके प्लांट से उत्पादित बटन मशरूम दूसरे राज्य के लोग भी खा रहे हैं। वह कहते हैं कि अपनी माता निर्मला के नाम से मशहूर बटन मशरूम की पहुंच विदेशों तक है, जिनमें नेपाल, बंगाल के लोगों की थाली तक मशरूम पहुंच बना चुकी है।
कार्बन निकासी को जीरो करने की कृषि में कोशिशें
कृषि-व्यवस्था और औद्योगीकृत खाद्य-सामग्री का भविष्य निरंतर संशय के दायरे में है। ऐसे समय में वैशिवक कृषि-व्यापार संबंधित उद्योग रूस-यूक्रेन युद्ध की आड़ लेते हुए खाद्य सुरक्षा आधारित नैरेटिव का इस्तेमाल फिर से खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को सुदृढ़ बनाने के लिए कर रहा है।
तापमान को सहन करने वाली आईसीएआर की गेहूं की नई किस्म
गेहूं की किस्मों की बुवाई नवंबर से पहले की जाए, तो उनमें जल्दी फूल आने शुरू हो जाता है। इसका नतीजा पौधे में बायोमास के खराब संचयन के रूप में नजर आता है।
गुणवत्ता भरपूर भोजन की पूर्ति के लिए कृषि को बदलने की आवश्यकता
किसान खेती का आधार है। यह बात समझनी होगी। किसानों को फायदा और प्रतिष्ठा देना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि वह खेती में रुके। देश का पेट भर सके और दुनिया की अपेक्षा को भी पूरा कर सके। सरकार इस दिशा में सतत प्रयास कर रही है।
किसान भाई (FPO) के माध्यम से डेयरी उद्योग लगा कर ज्यादा मुनाफा कमाएं
हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। देश की लगभग 75 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर काफी कम होते हैं।
कागजी नींबू की खेती किस्में, देखभाल और पैदावार
नींबू फलों का एक वृहत्तम वर्ग है, जिसके अन्तर्गत मुख्य रूप से मैण्डरिन, सन्तरा, कागजी नींबू, माल्टा व चकोतरा आदि आते हैं।
तिलहन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
तिलहन उत्पादन - उत्तरप्रदेश
बजट 2023-2024 एक दृष्टि...
वर्ष 2023-2024 का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा 1 फरवरी 2023 को पेश किया गया। 'अमृत काल' का यह पहला बजट था।
कृषि में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों की अनदेखी नुक्सानदायक है
संपूर्ण विश्व सहित भारत के लिये इस समय सबसे बड़ी चुनौती जलवायु परिवर्तन की है। सरकार कृषि उत्पादन एवं निर्यात के आंकड़े दिखाकर अपनी सुदृढ़ अर्थव्यवस्था की दुहाई दे सकती है।
मोटे अनाज में है बहुत खूबियाँ
हमारे देश की सरकार की कोशिशों के कारण आज सारा विश्व वर्ष 2023 को मोटे अनाज वर्ष के रूप में मना रहा है।
महिला सशक्तिकरण
महिला सशक्तिकरण प्रक्रिया महिलाओं को अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ाने, बेहतर निर्णय लेने, खुद को मुखर करने और समाज और राष्ट्र के सदस्य बनने के लिए खुद को संगठित करने में मदद करेगी।
प्रकृति को बचाने के लिए जी20 देशों को हर वर्ष करना होगा निवेश
वर्तमान में जी20 देश प्रकृति-आधारित समाधानों पर हर साल करीब 9 लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रहे हैं, जिसमें 2050 तक 140 प्रतिशत से ज्यादा का इजाफा करने की जरुरत है।
बायोचार है फसलों के लिए लाभकारी
'बायोचार' सदियों से लोगों द्वारा उपयोग की जाने वाली एक पारंपरिक कृषि पद्धति रही है। कृषि और पेड़ों का कचरा जैसे कार्बनिक पदार्थों को जलाने से बना चारकोल जैसे पदार्थ को बायोचार कहते हैं।
पशुओं को दिये जाने वाले एंटीबायोटिक मिट्टी की गुणवत्ता को पहुंचा सकते हैं नुकसान
भारत के हिमालयी इलाकों में किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि पशुओं में इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक मिट्टी के सूक्ष्म जीवों को प्रभावित कर सकती है। यह मिट्टी के कार्बन को खराब तरीके से प्रभावित कर सकती है, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन कम हो जाता है।
करोना के बाद जैविक भोजन की मांग
एक नए शोध सर्वेक्षण में शोधकर्ताओं ने उन कई चीजों का पता लगाया है जो जैविक खाद्य उत्पादों की बात करते समय उपभोक्ता के व्यवहार और खरीदारी की आदतों पर असर डालते हैं।