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मोदी की ओर से मोटे अनाज के महत्व पर जोर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेहतर स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाज और खेलों की अहमियत पर बल दिया और सांसदों से इन्हें प्रोत्साहित करने की दिशा में काम करने को कहा।
पाले के प्रकोप से फसलों को कैसे बचाएं
वर्तमान में सर्दी का मौसम शुरू होते ही शीतलहर तथा अधिक ठंड के कारण पाला पड़ने की संभावना के साथ किसानों को भी अपनी फसलों को बचाने की चिंता सताने लगती है।
वर्टिकल गार्डनिंग
वर्टिकल गार्डन में पौधों का नियोजन इस प्रकार करें कि वे सभी पौधे, जिन्हें समान मात्रा में पानी की जरूरत हो, एक जगह रखें। इसके लिए वर्टिकल गार्डन में ड्रिप वॉटर सप्लाई सिस्टम का उपयोग कर सकते हैं।
सूखा प्रभावित क्षेत्रों में फसल और जल उत्पादकता बढ़ाने के लिए हाइड्रोजेल की कृषि में उपयोगिता
अत्याधिक जल अवशोषण क्षमता
शहद उत्पाद एवं मंडीकरण उभरता व्यवसाय
शहद की विश्व स्तर पर बढ़ती माँग को देखते हुए शहद उत्पादन या मधुमक्खी पालन के लिए स्वीट क्रांति का आगाज किया गया जिसमें शहद गुणवत्ता को जांचने के लिए तीन विश्व स्तर की लैब एवं 25 छोटी लैब का निर्माण किया गया है जिससे शहद की विभिन्नता में सुधार किया जा सके। शहद की प्रोसैस्सिंग यूनिट स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से सहायता दी जा रही है।
मिट्टी सेहत सुधार के लिए प्रयासों की आवश्यकता...
मिट्टी के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समाज को प्रोत्साहित करके स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र और मानव कल्याण को बनाए रखने के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करने और इसके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
पशुओं में लंगड़िया रोग एवं उनका उपचार
यह रोग गाय भैंस तथा भेड़ों की एक छूतदार बैक्टीरियल बीमारी है जिसमें किसी मसीले भाग से गैस भरी सूजन आकर पशु को बेचैन कर देती है।
देशों-महाद्वीपों की खेती में विविधता पर जोर
देश में विदेशी और नई किस्म के फलों और सब्जियों की खेती तेज गति से बढ़ रही है क्योंकि इनकी मांग काफी बढ़ गई है। और इनमें ज्यादा मुनाफा पाने की गुंजाइश भी है।
अमरूद में कीट एवं रोग की रोकथाम कैसे करें
अमरूद में फलों का गलन, सफेद फफूंद की वृद्धि एवं पत्तियों का मध्यशिरे के दोनों ओर से भूरा होकर झुलसना इस रोग के मुख्य लक्षण हैं। यह रोग वर्षा के मौसम में फल के केलिक्स (पुटक) भाग पर होता है। प्रभावित भाग पर सफेद रूई जैसी बढ़वार फल पकने के साथ-साथ 3 से 4 दिन में पूरी फल की सतह पर फैल जाती है।
कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी
ड्रोन-जनित उपकरण यह पहचान सकते हैं कि कौन से पौधे दृश्य और निकट अवरक्त प्रकाश दोनों के साथ एक फसल को स्कैन करके हरे रंग की रोशनी और निकट अवरक्त प्रकाश की विभिन्न मात्रा को दर्शाते हैं।
पौधों का प्रवर्धन कैसे करें, पौधे तैयार करने की विधियाँ
पौधों के प्रवर्धन के लिए, बीजू पौधों को 2 से 3 माह के उपरान्त पहले से तैयार क्यारियों या गमलों में रोप देना चाहिए तथा पौधों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर रोपित करने की इस विधि में सिंचाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
कृषि व्यापार में फूड प्रोसैस्सिंग एवं किसान संगठन
फूड प्रोसैस्सिंग सैक्टर में मुख्य तौर पर कृषि उत्पादन के रखरखाव अथवा शीघ्र खराब होने वाले कृषि उत्पादों, फल-सब्जियों एवं दूध इत्यादि के भिन्न-भिन्न उद्देश्यों के लिए रखरखाव से संबंधित है। भारत में अधिकतर गैर संगठित फूड प्रोसैस्सिंग उद्योगों का दबदबा है। देश में लगभग 25 प्रतिशत उत्पादन संगठित, 42 प्रतिशत गैर संगठित एवं बाकी उत्पादन छोटे खिलाड़ियों से आता है।
बाजरा-सर्दियों का तोहफा और गुणों का खजाना
बाजरा भारत की धान, गेहूं और ज्वार के बाद चौथी मुख्य अनाज की फसल है। यह फसल ग्रेमिनी पादप कुल से सम्बन्ध रखती है।
संगरूर में भूजल प्रदूषण के बारे में रिर्पोट
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक पर्यावरण इंजीनियर और भवानीगढ़ के नायब तहसीलदार को लेकर एक गठित टीम ने अंग्रेजी के साथ-साथ पंजाबी भाषा भी में पांच ट्यूबवैलों पर 'पानी पीने लायक नहीं' के संकेत देने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाए हैं।
मोजैक वायरस से सोयाबीन पर संकट
शेट्टे कहते हैं कि एक एकड़ सोयाबीन की बुआई से लेकर कटाई तक लगभग 20 हजार रुपये का खर्च आता है, लेकिन अब इस खर्च की वसूली हो पाएगी या नहीं, यह डर किसान को सता रहा है।
बढ़ रहा नाइट्रोजन प्रदूषण एक बड़ी समस्या
लम्बे समय से कृषि आदि क्षेत्रों में होता नाइट्रोजन का उपयोग पहले ही ग्रह की सुरक्षित सीमाओं को पार कर गया है, लेकिन यह पहला मौका है जब वैज्ञानिकों ने क्षेत्रीय स्तर पर इसे मैप किया है।
जलवायु परिवर्तन के कृषि और खाद्य प्रणाली पर पड़ रहे प्रभावों पर विस्तार से चर्चा
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के पार्टियों के सम्मेलन (कॉप 27) में पहली बार जलवायु परिवर्तन के कृषि और खाद्य प्रणाली पर पड़ रहे प्रभावों पर विस्तार से चर्चा हुई।
वैज्ञानिकों ने विकसित की मक्के की दो नई किस्में
मक्के की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है।
एक आदर्श सोसायटी है लांबड़ा कांगड़ी सोसायटी
भारत में जो 120 वर्ष पूर्व जो सहकारी सोसायटियों का ख्वाब बुना गया था उसको सार्थक कर दिखाया है पंजाब के होशियारपुर की लांबड़ा कांगड़ी सोसायटी ने।
सहजन की वैज्ञानिक खेती तथा इसके गुण और उपयोग
सहजन का फूल फल और पत्तियों का भोजन के रूप में व्यवहार होता है। सहजन की छाल पत्ती बीज गोद जड़ आग से आयुर्वेदिक दवा तैयार किया जाता है जो लगभग 300 प्रकार की बीमारियों के इलाज में काम आता है सहजन के पौधे से गोदा निकालकर कपड़ा और कागज उद्योग के काम में व्यवहार किया जाता हैं।
मधुमक्खी पालन में मधुमक्खी वंशों की देखभाल
सर्दियों में मधुमक्खी की कॉलोनियां बड़ी शीघ्रता से संख्या बढ़ाती हैं। इसलिए फ्रेमों पर मोमीशीट लगाना अति आवश्यक है। यह मधुमक्खी के लिए बच्चे पैदा करने व शहद इकट्ठा करने का उपयुक्त समय है क्योंकि इस समय सरसों व राया की फसलों पर फूल खिलते हैं।
बरसीम : रबी मौसम की महत्वपूर्ण चारा फसल
दुधारू पशु को उसके शरीर के भार का 2.5 से 3.5 प्रतिशत भोजन की आवश्यकता होती है।
मशरूम खेती का व्यवसाय युवाओं की आजीविका सृजन गतिविधि के लिए वरदान
मशरूम स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम, आर्थिक दृष्टि से लाभकारी तथा पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी है। मशरूम एक प्रकार का मशरूम है जिसमें हरे पत्ते नहीं होते इसलिए यह अपना खाना खुद नहीं बना पाता है। पर्याप्त पोषण के लिए, वे वर्षा ऋतु में जंगलों और चरागाहों में मृत कार्बनिक पदार्थों और अन्य कार्बनिक पदार्थों पर उगते हैं।
हरी खाद से भूमि का स्वास्थ्य कैसे सुधारें
हरी खाद - हरियाणा
सब्जी बगीचा निर्माण के आर्थिक लाभ
साग-सब्जियों का हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है विशेषकर शाकाहारियों के जीवन में शाक-सब्जी भोजन के ऐसे स्रोत हैं जो हमारे पोषक मूल्य को ही नहीं बढ़ाते बल्कि उसके बाद को भी बढ़ाते हैं।
खेती में आधुनिक तकनीकों की संभावनाएं
आधुनिक तकनीकें - उत्तरप्रदेश
गाजर की वैज्ञानिक खेती
बागवानी - उत्तरप्रदेश
धान फसल अवशेष का प्रबंधन
अवशेष प्रबंधन - हरियाणा
पॉलीहाऊस में खीरे की खेती
बागवानी - हिमाचल प्रदेश
पोल्ट्री फार्मिंग उभर रहा मुख्य व्यवसाय
आधुनिक समय में पोल्ट्री शब्द को एक बड़े स्तर पर लिया जाने लगा है। इस अधीन मुर्गी फार्म, टर्की, एमू इत्यादि का पालन पोषण भी किया जाने लगा है। मुख्य तौर पर पोल्ट्री में मुर्गी पालन इससे प्राप्त अंडे एवं मीट आते हैं। इसमें हमारा ध्यान पोल्ट्री के मौलिक उत्पादों, मुर्गी फार्म पर भी किया गया है।