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सपने मार्गदर्शक हैं अपने
मनुष्य गहरी नींद में सूक्ष्माकार होकर अपने भूत और भविष्य से संपर्क स्थापित करता है। यही संपर्क स्वप्न का कारण और स्वप्न का माध्यम बनता है। स्वप्न के मूल में हमारे जीवन में घटित घटनाएं होती हैं। सभी प्राणियों में मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो स्वप्न देख सकता है। जानते हैं इन सपनों का रहस्य इस आलेख से।
आपका खर्चा आपके हाथ
कई बार जाने-अनजाने हमसे बेहिसाब खर्चे हो जाते हैं, हम खुद को चाहकर भी नहीं रोक पाते। कहीं इस अनावश्यक खर्च में हमारे साथ-साथ हमारे हाथों की रेखाओ का भी तो हाथ नहीं ? तो जानें हमारे लेख से।
मान आपका अपमान भोजन का
आजकल विवाह व अन्य समारोह में दिखावा करने का प्रचलन काफी बढ़ गया है। दिखावे की इस परंपरा में सबसे ज्यादा बर्बादी होती है खाने की । आइये जानते हैं कि किस प्रकार हम दिखावे व मेहमाननवाजी के चक्कर में कितनी ज्यादा मात्रा में अन्न की बर्बादी कर रहे हैं।
भारत की गरिमा का प्रतीक हिमालय
हिमालय धरती पर देवनगरी कही जाती है। क्योंकि हिमालय ने अपने अंदर अनेक अनकही कहानियां समेटी हुई है।
नाथों के नाथ भगवान शिव का मंदिर - केदारनाथ मन्दिर
जून 2013 के दौरान भारत के उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश राज्यों में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण केदारनाथ सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र रहा। मंदिर की दीवारें गिर गईं और बाढ़ में बह गईं | इस ऐतिहासिक मन्दिर का मुख्य हिस्सा और सदियों पुराना गुंबद सुरक्षित रहे लेकिन मन्दिर का प्रवेश द्वार और उसके आसपास का इलाका पूरी तरह तबाह हो गया।
जब सिर पर हों परीक्षाएं
यूं तो जीवन ही एक परीक्षा है जिसका एक मुख्य अंग है स्कूली परीक्षाएं जिसका अपना एक विशेष महत्त्व है इसलिए उन्हें कैसे दें तथा उसके पहले व दौरान विद्यार्थी किन बातों का ध्यान रखें आइए जानते हैं।
कैसे करें पढ़ाई ?
पढ़ाई की अच्छी आदतें विकसित करने से स्कूल-कॉलेज के कॅरियर में भी लाभ होगा। सबसे पहले तो आपको अपने कामों का जिम्मेदार होना होगा।
हष्ट-पुष्ट बनने के टिप्स
जिन व्यक्तियों का वजन आयु के अनुसार उचित मात्रा में नहीं होता अथवा उनके शरीर में मांस और चर्बी का अभाव होता है, उन्हें दुर्बल कहा जाता है।
शरीर में पंच तत्त्वों की महत्ता
हमारा यह पंचभौतिक शरीर पंच महाभूतों से निर्मित है। हमारे शरीर में मिट्टी, जल, वायु, अग्नि, आकाश इन पंच महाभूतों का एक समन्वित स्वरूप है।
गुणों की खान आंवला
आंवला विटामिन सी से भरपूर एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो अनेक गुणों से भरा है। ये पेट संबंधी कई रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है, जानें आंवले के विभिन्न औषधीय गुण।
आदतें जो करती हैं स्वास्थ्य को खराब
बचपन से लेकर जवानी तक, जवानी से लेकर बुढ़ापे तक हमारे साथ कुछ ऐसी आदतें जुड़ जाती हैं जो हमारी जीवन शैली का हिस्सा बन जाती हैं और जो छुड़ाए नहीं छूटती। इनमें कुछ अच्छी तथा कुछ बुरी आदतें होती हैं तथा कुछ ऐसी आदतें होती हैं जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। कौन सी हैं वो आदतें जो हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, आइये जानते हैं।
शरीर में वात, पित्त और कफ की भूमिका
मनुष्य शरीर में कफ, पित्त व वात ये तीन प्रकार की प्रकृति होती है। शरीर को निरोग रखने में इनकी क्या भूमिका है, जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
जरुरी है पीलिया पर पहरा
पीलिया रोग में यदि रोगी को समय पर उचित इलाज मिल जाए तो वह पूर्णत: स्वस्थ हो सकता है परन्तु जरा सी लापरवाही से उसकी जान भी जा सकती है । इस रोग के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें यह लेख
आहार स्वास्थ्य का आधार
भोजन करने का एक उचित समय व नियम होता है। स्वस्थ रहने के लिए इनका पालन करना बेहद जरूरी है। आइये जानते हैं क्या हैं वे नियम जो आपको निरोगी रख सकते हैं।
विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति
भारत त्योहारों का देश है, यहां प्रत्येक त्योहार को हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। उन्हीं में से एक त्योहार है मकर संक्रांति जिसे भारत के प्रत्येक राज्य के लोग अपनी परंपरा, संस्कृति के अनुसार मनाते हैं। कैसे मनाया जाता है भारत के विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति का त्योहार आइए जानते हैं-
ऐसी हो नव वर्ष की संकल्प रश्मि
हर साल हम सभी पुराने वर्ष के जाने तक नए वर्ष के आने का जश्न मनाते हैं, लेकिन क्या सिर्फ जश्न मनाना ही काफी है।
नववर्ष यानी नव संकल्प
नए साल की नई भार के साथ सूर्योदय की नई किरणों की तरह आप एक बेहतर इंसान बनने का संकल्प लें। अपने मधुर व्यक्तित्व को निखारें और अपने आसपास के परिवेश को भी खुशहाल बनाए रखने की आदत बनाएं
गुरु से आशीर्वाद लेने की कला
आशीर्वाद का अर्थ है- गुरु ने तुम्हारे शून्य में, तुम्हारी रिक्तता में अपने को भरा, ताकि तुम्हारे भीतर जो दबा पड़ा है, उसे पुकार मिल जाए, तुम्हारे भीतर जो बीज है वह भी अंकुरित होने लगे, उसे खबर मिल जाए कि मैं क्या हो सकता हूं!
सिंदूर सुहाग का प्रतीक है: कैसे ?
सुहागिन महिलाएं सिन्दूर क्यों लगाती हैं ?
गेस्ट रूम के मानक नियम
प्रत्येक भवन अथवा प्रतिष्ठान में प्राय: अतिथि कक्ष (गेस्ट रूम) अवश्य बनवाया जाता है। इसका कारण यह है कि सभी परिवारों में उनके कुछ संबंधी, मित्र आदि अथवा प्रतिष्ठान से जुड़े लोग प्राय: दो-चार दिन के लिए किसी कार्य वश आते रहते हैं।
क्या एक दूसरे के पूरक हैं दर्शनशास्त्र और विज्ञान ?
ज्ञान को हम दो भागों में विभक्त करते हैं। एक है विज्ञान और दूसरा दर्शनशास्त्र। अमूमन विज्ञान और दर्शनशास्त्र पृथक माने जाते हैं। किन्तु कई विषयों पर दोनों में पूरकता भी नजर आती है। दर्शन और विज्ञान के इस संबंध पर आइए विस्तार से चर्चा करें।
जापान में कैसे 100 वर्ष आराम से जी लेते हैं लोग ?
जापान दुनियां में एक अत्याधुनिक देश के रूप में जाना जाता है, किन्तु जापान जितना बाहर से अत्याधुनिक या समृद्ध दिखता है उतना ही वहां रहने वाले लोग सामान्य जीवन या यूं कहे अनुशासनबद्ध जीवन पसंद करते हैं। शायद यही कारण है कि, जापान में 100 वर्ष का जीवन लोग आसानी से जी लेते हैं।
हर्ष, उमंग एवं सद्भावना का त्योहार - लोहड़ी
लोहड़ी की बात करते ही आंखों के सामने छा जाती है आग, मूंगफली और रेवड़ी की तस्वीर और साथ ही उभर आता है ढोल और भंगडे का शोर, क्यों? आइये जानते हैं।
खुश्की से पाएं मुक्ति
बाजार में आसमान छूती कीमत वाले कई मॉइश्चराइजर भरे पड़े हैं। किंतु आपकी रसोई में मौजूद कई उत्पादों का अगर आप सही तरीके से इस्तेमाल करें तो वे बेहद कम कीमत में प्रभावी मॉइश्चराइजर का काम कर सकते हैं।
सूर्य आराधना का केंद्र है पश्चिमोन्मुख देव मंदिर
भगवान सूर्य को समर्पित भारत में अनेकों मंदिर हैं, ऐसा ही एक मंदिर औरंगाबाद में स्थित है। कैसे हुआ मंदिर का निर्माण, क्या मान्यता है इस मंदिर से जुड़ी ? आइए लेख से जानें विस्तारपूर्वक।
सेहत और स्वाद का खजाना - 'साग'
हरी सब्जियों में साग के अनेक लाभ हैं। क्या है साग के लाभ आइए जानते हैं इस लेख से-
युवकों के लिए स्वामी विवेकानंद के उद्बोधन
युगपुरुष एवं करोड़ों युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 को हुआ था। स्वामी जी के जन्मदिवस पर प्रस्तुत है युवाओं को दिए उनके कुछ प्रेरणादायक विचार।
आखिर कौन हैं ये नागा साधु ?
महाकुम्भ के मेले में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहने वाले नागा साधुओं के बारे में हर कोई यह जानना चाहता है कि आरिवर कौन हैं ये ? क्या है इनकी अनोखी वेष-भूषा का रहस्य ? तो आइए जानते हैं इस लेख के माध्यम से।
स्नानं और ध्यान का पर्व 'मकर संक्रांति'
वसंत के आने के पूर्व तैयारी का पर्व है मकर संक्रांति। यह पर्व हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन सूर्य अपना अयन बदलता है। क्या महत्त्व है मकर संक्रांति का तथा कौन सी हैं इस पर्व से जुड़ी कथाएं आइए जानते हैं-
क्या होता है कल्पवास ?
कल्पवास एक तपस्या के समान है इसमें संयम, नियम के साथ अल्पाहार, भूमि पर शयन, शुद्ध मन, वचन जरूरी है।