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बच्चन सदा से बेजोड़
शाहरुख खान पठान की कामयाबी के बाद सातवें आसमान पर हैं. लेकिन अमिताभ बच्चन का अब भी कोई सानी नहीं. उन्होंने भारत के सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले अभिनेता के तौर पर अपना ताज बरकरार रखा है. इस बीच ओटीटी की दुनिया ने कुछ जाने-माने नामों की पहचान और भी पुख्ता की
नहीं कोई छुपा रुस्तम
क्रिकेट में आइपीएल के हीरो एम. एस. धोनी फिर शिखर पर, तो महिलाओं में स्मृति मंधाना सबसे आगे. दूसरे खेलों की सूची में नीरज चोपड़ा और पी. बी. सिंधु शीर्ष पर
समान खुशहाली संहिता कब?
धार्मिक ध्रुवीकरण और जातिगत दरारों से लेकर डेटा की निजता तथा जलवायु परिवर्तन तक, देश आज अहम मोड़ पर पुरानी और नई चुनौतियों से रु-ब-रु है. ऐसे में देश के लोगों की प्रमुख मुद्दों पर क्या है राय
देखो, ऐ दुनिया वालो
सर्वे में शामिल अधिकांश लोग मोटे तौर पर केंद्र सरकार की विदेश नीति, चीन के साथ टकराव से निबटने और पाकिस्तान के मामले में भारत के मौजूदा रवैए के पक्ष में. हां, अमेरिका के साथ भारत के संबंध और गहरे हों या नहीं, इस पर लोगों की राय बंटी हुई
प्रीमियर लीग
देशभर के लोगों के बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जलवा बदस्तूर बरकरार है. वहीं, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपने गृह राज्य में सबसे लोकप्रिय बने हुए हैं
'इंडिया' ब्रिगेड का धावा
देश का मिज़ाज जनमत सर्वेक्षण से पता चला कि लोगों को अब लोकप्रिय प्रधानमंत्री से सवाल पूछे जाने पर कोई गुरेज नहीं और विपक्षी गठबंधन को भाजपा की अगुआई वाली सरकार पर हमले तेज करने का मौका मिला
दुखती रंग की ओर संकेत
देश का मिज़ाज सर्वेक्षण के नतीजे साफ संकेत हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव की तरफ बढ़ती मोदी सरकार के सामने बेतहाशा महंगाई और बेरोजगारी दो बड़ी रुकावटें
वापसी के हर आसार
विशेष छमाही सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के तीसरी बार सत्ता में वापसी के आसार. लेकिन महंगाई और बेरोजगारी जैसे आर्थिक मसले चिंता का सबब बने हुए
कांग्रेस की 'जय' करा पाएंगे अजय
चुनावी वर्ष में कांग्रेस आलाकमान ने यूपी में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बदलाव करके नए सिरे से संगठन को तैयार करना शुरू किया. 'इंडिया' गठबंधन को ध्यान में रखते हुए बनी रणनीति
गुजरात का कमजोर पक्ष
जुलाई के आखिरी हफ्ते में गुजरात के कच्छ जिले से दिल दहला देने वाली एक घटना सामने आई. घटना, जिसमें पांच बच्चों ने अपनी जान गंवा दी, नखत्राणा तालुका स्थित लुदबई गांव में हुई.
होड आदिवासी बनने की
अप्रैल की 19 तारीख को मणिपुर हाइकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को शेड्यूल ट्राइब की सूची में शामिल करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए. कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद मणिपुर की स्थिति देश-दुनिया के सामने है.
भारत में चंद्रोदय
इस भारी उपलब्धि के जश्न और उत्तेजना से परे एक बड़ी तस्वीर भी खिलती है. 23 अगस्त, 2023 को चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर शानदार, एकदम सटीक सॉफ्ट लैंडिंग उसकी दोहरी सफलता से कहीं अधिक का प्रतीक है.
क्यों महत्वपूर्ण है आपका क्रेडिट स्कोर
आपका क्रेडिट स्कोर आपकी ऋण प्रबंधन क्षमताओं को दर्शाता है. इससे कर्जदाताओं को यह पता चलता है कि लोन लेने वाले के रूप में आप कितने भरोसेमंद हैं
भविष्य पर नजर
भारत में हेल्थकेयर का बाजार निर्णायक मोड़ पर है. मुल्क ने पहले तो पूरे हक से दुनिया की फार्मेसी होने की शोहरत हासिल की. अब यह एक नए युग की देहरी पर कदम रख रहा है, जिसमें जोर ऐक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रीडिएंट (एपीआइ) में आत्मनिर्भरता हासिल करने पर है. बायोसिमिलर्स के जरिए आला दर्जे के इलाज को सस्ता बनाना और जीन थेरेपी के जरिए विरले जेनेटिक विकारों के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाना भी इसमें शामिल है
उस रात कोई सोया न था
हॉलीवुड फिल्म द व्हाइट टाइगर में अपने दमदार अभिनय से सिनेमा की दुनिया में पहचान हासिल कर चुके ऐक्टर आदर्श गौरव अपनी शुरुआत, किरदारों के चुनाव और हालिया रिलीज वेब सीरीज गन्स ऐंड गुलाब्स पर
आवरण कथा अपना पैसा कहां लगाएं
आजकल शेयर बाजार में बहुत तेजी है और कई विशेषज्ञ इशारा कर रहे हैं कि यह तेजी लंबे वक्त तक जारी रहेगी. अपने निवेश पर ज्यादा कमाने के लिए इस चरण में आगे बढ़ना सीखें
नए कारोबारी कल-पुर्जे
वर्ष 2026 तक 12 लाख करोड़ रु. के कारोबारी मुकाम को छूने की संभावना वाला ई-कॉमर्स तेजी से हर तरह के झंझटों से मुक्त और निपट निजी एहसास दिलाने की ओर कदम रख रहा है. बिना सीधे संपर्क के लेनदेन ही नहीं, ड्रोन डिलिवरी से दिन नहीं, मिनटों में माल पहुंचने की सुविधा और खास है. यही नहीं, ओपन बैंकिंग और फटाफट तथा खास लेनदेन के नए इनोवेशन भविष्य में चार चांद लगाएंगे
वाहन मालिकों के लिए बेहद जरूरी
वाहन बीमा जरूरी है और आप जिन जोखिमों से बचाव चाहते हैं, उनके आधार पर कई अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध हैं
अन्न क्षेत्र में आत्मनिर्भरता
हमारा लक्ष्य 2047 तक विकसित देश की श्रेणी हासिल करना है. ऐसे में तब तक की अनुमानित 1.66 अरब आबादी के लिए पौष्टिक भोजन की पुख्ता व्यवस्था जरूरी है. फिलहाल देश में 30 करोड़ टन अनाज पैदा होता है लेकिन 2030 तक मांग 34.5 करोड़ टन पहुंचने का अनुमान है. देश दूध, मसाले, दालें, चाय, काजू और जूट उगाने में आगे है. चावल, गेहूं, तिलहन, फल, सब्जी, गन्ना और कपास के मामले में दूसरे स्थान पर है. इसके बावजूद आयात एक मजबूरी है. इसे बदलना होगा. तकनीक, नीतियों में सुधार और जलवायु अनुकूल खेती जैसी पहलकदमियों से भविष्य में पैदावार और बढ़ने की उम्मीद है. जरूरत इस बात की भी है कि सालाना 6.87 करोड़ टन तक हो रही खाद्य-पदार्थों की बर्बादी पर लगाम लगाई जाए
नए जमाने के ईंधन
कोयला, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल और डीजल जैसे जीवाश्म ईंधनों का उपयोग घटाकर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए एक वैश्विक आंदोलन चल रहा है. ग्रीन हाइड्रोजन इसी अभियान का हिस्सा है. कुछ बड़ी कंपनियां मैदान में उतरी हैं, लेकिन वैश्विक कंपनियों के साथ गठजोड़ करके इसके लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी कौशल हासिल करना भविष्य की सफलता की कुंजी होगा. इसी तरह, भारत के ऊर्जा सांचे में जैव ईंधन की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय सुधार के लिए, रिफाइनरियों की ओर से बायोडीजल जैसे जैव ईंधन की खरीदारी को लेकर नीति स्तर पर अधिक स्पष्टता होनी चाहिए. इस बीच, भारत चूंकि विद्युत गतिशीलता पर जोर दे रहा है इसलिए बैटरी प्रौद्योगिकी के लिए तेजी से एक इकोसिस्टम बनाना होगा
वॉयस से करें भुगतान
आरबीआइ की अधिसूचना से यूपीआइ के ढांचे के भीतर बातचीत आधारित भुगतान का रास्ता साफ. इससे बदल सकता है भुगतान का तरीका साथ ही, ईपीएफओ ने शेयरों में बढ़ाई हिस्सेदारी और कर्ज चुकाना हुआ लचीला
उंगलियों पर उत्तरा गणराज्य
डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल ने पूरे भारत में राजकाज के मॉडलों को आमूलचूल बदल दिया है, इसने न केवल भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंका बल्कि जनता से जुड़ी सेवाओं की समयबद्ध डिलिवरी और जवाबदेही भी पक्की की. भारत ने विशाल डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा किया है. अब भविष्य इस पर निर्भर है कि कम लागत वाले ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का हम कितनी चतुराई से इस्तेमाल करते हैं, मौजूद कॉमन बिल्डिंग ब्लॉक्स का समान वितरण किस तरह से करते हैं, एआइ, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन को एक-दूसरे से कैसे बेहतरीन ढंग से जोड़ते हैं. केंद्र और राज्य सरकारें इन औजारों को प्रयोग में लाते हुए कई नवाचार लेकर आई हैं. सरकारी और निजी क्षेत्र में साझेदारी की बदौलत ई-गवर्नेस के ढांचों और कार्यप्रणाली की क्षमता भी तेजी बढ़ रही है और रफ्तार भी
बहुनर बढ़ाने की कवायद
पढ़ाई-लिखाई में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भारत में नया नहीं है. नए जमाने की टेक्नोलॉजी ने भारत के लिए ऐसा बुनियादी ढांचा और वातावरण बनाने की ज्यादा गुंजाइश और जरूरत पैदा कर दी है जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्र स्टेम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स) धारा से जुड़ने को प्रोत्साहित हों. देश इस मामले में वैश्विक अगुआ है, पर यहां जरूरत भौगोलिक, लैंगिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के लिहाज से ज्यादा समतामूलक वितरण पर ध्यान देने की है. इस दिशा में मिश्रित शिक्षा का मॉडल और एआइ व मशीन लर्निंग सरीखी टेक्नोलॉजी शिक्षा क्षेत्र को क्रांतिकारी ढंग से बदलने के लिए तैयार हैं
लंबी छलांग
अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी के दम पर क्वांटम मैकेनिक्स, न्यूरल या तंत्रिका नेटवर्क, नैनोमटीरियल्स और ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में प्रगति की नई हिलोरें परवान चढ़ रही हैं. साथ मिलकर वे सुपरफास्ट, बेहद इंटेलिजेंट कंप्यूटिंग प्रणालियों के भविष्य की तरफ इशारा कर रही हैं, जो परिवहन से लेकर संचार तक और चिकित्सा से लेकर घरेलू उपकरणों तक बहुत-से क्षेत्रों का कायापलट कर देंगी. भारत में इस ग्रोथ की अगुआई इन उभरती टेक्नोलॉजी को प्रयोग में लाने वाले हाइटेक उद्योग व स्टार्ट-अप कर रहे हैं. क्वांटम कंप्यूटिंग, एआइ तथा सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग में क्षमताओं के निर्माण के लिए सरकार प्रयासरत है
पहली दुनिया का देश
भारत को 2047 तक इस मुकाम पर क्या चीजें पहुंचाएंगी
अब अपने परों के बूते परवाज
रक्षा सामग्री खरीद के कई बड़े सौदों ने बेशक सुर्खियां बटोरीं लेकिन मेक इन इंडिया अभियान के तहत भारतीय रक्षा उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाए गए सरकार के कदम भी कम उल्लेखनीय नहीं. स्वदेशी तेजस एलसीए एमके-2 के लिए जेट इंजन का निर्माण, तेजी से उभरता भारतीय ड्रोन उद्योग और देश की साइबर सुरक्षा की दिशा में हुए कार्य, ये तीन ऐसे अहम क्षेत्र हैं जिसमें महत्वपूर्ण नवाचार होंगे. ये भारत एक वास्तविक सैन्य महाशक्ति के रूप में स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे
बदलावे का पहिया
कोई बड़ा बदलाव देश के सामाजिक-आर्थिक जीवन के वाहक माने जाने वाले परिवहन नेटवर्क को सबसे पहले प्रभावित करता है. अब जब पूरी दुनिया स्वच्छ ऊर्जा की ओर कदम बढ़ा रही है, तो इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने को लेकर ज्यादा दिमाग खपाने की कोई जरूरत ही नहीं रह गई है. इसी तरह, डिजिटल सेंसर से लैस इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम रियल टाइम डेटा के इस्तेमाल के साथ सुरक्षित यात्रा के अनुभव को पूरी तरह बदल देगा. भारत भी जल्द ही हाइ-स्पीड ट्रेनों के संचालन वाले कुछ चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा. 2047 की राह तय करते-करते हममें से कुछ लोग स्मार्ट वेि पर अपने इलेक्ट्रिक वाहनों से फर्राटा भर रहे होंगे तो बाकी लोग हिंदुस्तान की सबसे तेज ट्रेन में सवारी का आनंद ले रहे होंगे. लेकिन अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी संग कदमताल के साथ इसे सबकी सामर्थ्य के दायरे में भी बनाए रखना जरूरी होगा
बेतार का तार हर सोच से पार
भविष्य की बेतार संचार टेक्नोलॉजी, इनसान, मशीन व डेटा के एक दूसरे पर जबरदस्त असर के साथ, मौजूदा जिंदगी को बदलकर रख देगी. यही नहीं, सैटेलाइट इंटरनेट दूर-दराज के इलाकों में भी संचार और ब्रॉडबैंड सेवाओं के असरदार विकल्प के तौर पर अवसरों की नई खिड़कियां खोल रहा है. और अगर डेटा भेजने के लिए एलईडी लाइट की ताकत का इस्तेमाल करने वाला लाइफ फिडेलिटी (एलआइएफआइ या लाइफाइ) अपनी संभावनाओं पर खरा उतरता है, तो स्पेक्ट्रम की कोई कमी नहीं होगी
अपनी भूमि गोवा के लिए
पर्यावरण रक्षा की मुखर पैरोकार अभिनेत्री भूमि पेडणेकर टिकाऊ विकास और गोवा में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में हाथ आजमाने पर
वैक्सीन सुपरपावर बनता भारत
आज जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो ऐसे समय में पूरी दुनिया में भारत की पहचान 'फार्मेसी ऑफ वर्ल्ड' की बन गई है.