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संतुलन की कवायद
न्यायपालिका से मतभेद दूर करने और न्यायिक ढांचे को मजबूत करने जैसे कई काम नए मंत्री के जिम्मे
सितारों पर नजर
निजी खिलाड़ियों के प्रवेश के साथ भारत का अंतरिक्ष उद्योग ऊंची छलांग लगाने के लिए तैयार
उम्मीदों का भार
योजनाओं के पूरा होने की बात जहां तक है तो काम तेजी से चल रहा है, लेकिन अमल के मॉडल का न होना अच्छे इरादों पर पानी फेर रहा
दमदार आगाज
महज चार साल पुराने इस मंत्रालय में मंत्री रूपाला ने चुनौतियों के बीच काफी कुछ अंजाम दिया
सुधरती सेहत
शिक्षा और नियामक ढांचे में सुधार की दिशा में काम कर रहे आयुष मंत्रालय से सरकार का बेहद करीबी जुड़ाव है
तंदुरुस्ती है यहां...
कोविड के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी उपलब्धियों से संतोष नहीं किया बल्कि पीछे छूट गए लक्ष्यों में आई बाधाएं दूर कर उस दिशा में जी-जान से जुट गया
चुनौतियां बरकरार
सुधारों को लागू करना और किसानों की आय बढ़ाने का लक्ष्य हासिल करना इस मंत्रालय के लिए खासा चुनौतीपूर्ण बना हुआ है
इस बार तपिश कम
पिछले साल बुरी तरह डरा देने के बाद अब कोयले के उत्पादन और आपूर्ति में स्थिरता नजर आ रही; उदारीकरण ने प्रमुख परेशानियां दूर कर दी हैं
उधार की दरकार
कोविड-19 और यूक्रेन युद्ध के झटकों से उबर रहे इस क्षेत्र को अभी कुछ और मदद की जरूरत
खयाल आबोहवा का
ग्रीन मोबिलिटी रफ्तार पकड़ रही. ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को मुहैया छूट चरणबद्ध तरीके से खत्म करने का वक्त
सुधर रही सप्लाइ
पिछली गर्मियों में बिजली की दुश्वारियों के लिए आलोचना झेल चुके विद्युत मंत्रालय ने इस साल कुछ भी राम भरोसे नहीं छोड़ा
कड़वा यथार्थ
रूस से सस्ते कच्चे तेल का आयात फिलहाल राहत की बात है लेकिन भारत को अपना घरेलू उत्पादन भी बढ़ाना होगा
लंबा रास्ता
आशाजनक आंकड़ों के बावजूद भारत को वैश्विक शिपिंग के क्षेत्र में बड़ी शक्ति बनाने का लक्ष्य अभी बाकी
उड़ानों का कप्तान
मुश्किल परिस्थितियों से जूझ रहे विमानन क्षेत्र के लिए मंत्रालय को नियामक के बजाय मददगार की भूमिका अदा करनी पड़ी
बस काम की रफ्तार
दो साल पहले रेल मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद से वैष्णव सुधारों को गति देने के लिए बाधाओं को दूर करने में जुटे
राजमार्ग पर सरपट रफ्तार
अथक उत्साह और लक्ष्य पर पक्की नजर ही इस मंत्रालय में नितिन गडकरी की खासियत है, जिसके बल पर उन्होंने इसे कामकाज में बुलंदी पर पहुंचाया
नई तालीम की दिशा
कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई की चुनौती से रू-ब-रू होने के बाद शिक्षा मंत्रालय का 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल पर भारी जोर
हमारा अपना वैश्विक नजरिया
साझा वैश्विक भलाई के सिद्धांत के साथ राष्ट्रीय हितों का सधा हुआ संतुलन पिछले चार सालों में भारतीय विदेश नीति की पहचान रहा है
तैयारी भविष्य की
चीनी फौजों को दूर रखना, सशस्त्र बलों को आधुनिक और चुस्त-दुरुस्त बनाना, रक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और आत्मनिर्भरता हासिल करना. इस मोर्चे पर कितना कुछ है करते जाने को
विश्व फलक पर भारत
निर्यात अपनी रिकॉर्ड बुलंदी पर हैं. नए व्यापार करारों से इन्हें और उछाल मिल सकता है. लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी की फिजा बड़ी चिंता का सबब
भरोसेमंद हाथों में कमान
वित्त मंत्री ने कोविड महामारी और यूक्रेन युद्ध के दौरान चौकस और चौकन्ना रहकर अर्थव्यवस्था को संभाले रखा पर सुस्त विनिवेश और महंगाई जैसी मुश्किलें बरकरार
सुरक्षा का चौकस घेरा
अमित शाह का गृह मंत्रालय मुश्किल हालात में भी शांति बनाए रखने में कामयाब रहा है, चाहे वह कश्मीर हो, पंजाब हो या फिर पूर्वोत्तर का इलाका. हालांकि मणिपुर की मौजूदा हिंसा इस बात की याद दिलाती है कि शांति कायम रख पाना दरअसल कितना नाजुक मसला है
जीवट और जज्बा
लगातार एक के बाद एक संकटों के दौर से गुजरते हुए नरेंद्र मोदी ने धारा के विपरीत जाकर साहसिक सुधारों को अंजाम दिया. लेकिन चुनौतियां हैं कि कटने का नाम नहीं लेतीं
यानी अब मिलेगा उनको न्याय !
मुरादाबाद दंगों पर जस्टिस सक्सेना आयोग की रिपोर्ट को 40 साल बाद योगी सरकार विधानसभा में रखेगी. इस पर गर्म राजनीति के बीच पीड़ित अब भी न्याय की प्रतीक्षा में
शांति की धुंधलाती उम्मीद
मई, 29. रात के 9 बजकर 5 मिनट पर जब देश के गृहमंत्री अमित शाह का हवाई जहाज मणिपुर में उतरा तो इंफाल में बैठे एक पत्रकार के फोन की घंटी बजी. उठाने पर दूसरी ओर से छितराई हुई हिंदी में आवाज आई, \"अमित शाह कुछ बोला क्या? इंटरनेट कब चालू होगा?\"
जंगल से आज तक मंगल
अभिनेता राजपाल यादव नई सीरीज-फिल्मों, राजनीति, नाम बदलने और नए नाटक की तैयारी पर
सारे जहां में धूम
यह शायद ज्यादा हैरानी की बात नहीं कि जिस साल भारत धरती पर दुनिया का अब तक का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बना, हमारे देश के इतने सारे लोगों ने दूसरी जगहों पर अपने-अपने क्षेत्र में दबदबा कायम किया है.
ताकत इनके हाथ में
अफसरशाही एक तरह का ऐसा सामाजिक ढांचा है जो कानून बनाने के मकसद और उन्हें लागू करने के बीच की खाई को पाटता है. नीति निर्माण में बुनियादी और आधिकारिक भूमिका राजनैतिक कार्यपालिका और विधायिका ही निभाती हैं. लेकिन स्थायी कार्यपालिका की तरह अफसरशाही भी नीति निर्माण और क्रियान्वयन की प्रक्रिया में बेहद अहम रोल निभाती है. यह अपने साथ एक्सपर्टीज और इन्फ्रास्ट्रक्चर लेकर आती है जो नीति बनाने वालों के संकल्प को सामने लाने और उसे पूरा करने में मददगार बन सकती है.
सूरमा बड़े-बड़े
अधिकतर नेता हमें यही यकीन दिलाएंगे कि राजनीति लोगों की व्यापक भलाई का साधन है. लेकिन अमूमन यह सत्ता की तीन-तिकड़मों का खेल होता है जो बिना किसी पर्देदारी के जारी रहता है. बीते दशक में तो बेशक ऐसा ही रहा.
ऊंचे और असरदार - 50 रसूखदार
प्रभु की प्रार्थना इस प्रकार है, \"क्योंकि तेरा ही राज है, सामर्थ्य और महिमा, सदा और सर्वदा.\" चलिए एक हिस्से को पहले लेते हैं - सामर्थ्य और महिमा. यह जीवन में किसी व्यक्ति की उपलब्धियों का एक संभव पैमाना है, पर यह उस चीज की केवल बाहरी परिधि का पता लगाता जो अनिवार्यतः आंतरिक यात्रा है.