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वापसी भी अचानक
पिछली बार नोटबंदी का मकसद कथित रूप से काले धन को निकालना और खत्म करना था. उसके विपरीत, इस बार 2000 के नोट पहले से ही खत्म हो रहे थे
आदिल को देख तोते उड़ गए मेरे
अभिनेता गुलशन देवैय्या अपनी पहली फिल्म, पसंदीदा डायरेक्टर्स की स्टाइल और हाल ही आई सीरीज दहाड़ में काम करने के अनुभव के बारे में
दुनिया के बाजार में आगरा और केनेडी
नए दर्शक और बाजार की उम्मीद से अनुराग कश्यप और कनु बहल अपनी ताजा फिल्मों के साथ प्रतिष्ठित कान फिल्म समारोह में हाजिर
'घर में दीया जलाने का अब मौका आया है'
इन दिनों एक नई मैथिली फिल्म जैक्सन हॉल्ट को दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं. मैथिली भाषी ही नहीं, दूसरी भाषाओं के लोग भी.
कैंपस में खुदकुशी
आइआइटी परिसर में छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं में चिंताजनक बढ़ोतरी. इस प्रवृत्ति ने ऊंची कक्षाओं में पढ़ाई को लेकर बढ़ रहे तनाव पर नए सिरे से सोच-विचार को मजबूर किया
अब घातक समुद्री ड्रोन
पानी के भीतर और बाहर चलने वाले मानवरहित जहाजों तथा वाहनों से नौसैनिक कार्रवाइयों और युद्ध का कायापलट तय. भारतीय नौसेना बेड़ा हासिल करने को तैयार, तो घरेलू मैन्युफैक्चरर आगे आए
शहरों में मजबूत हुई भगवा लहर
उत्तर प्रदेश नगरीय निकाय चुनावों में मेयर के सभी पदों पर जीत हासिल करके भाजपा ने बढ़ाई अपनी ताकत. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे और भूपेंद्र चौधरी - धर्मपाल सिंह की संगठनात्मक क्षमता पर लगी मुहर
जीतकर भी अटकी सांसत में जान
शिंदे सरकार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से थोड़ी राहत तो मिली. लेकिन उनके सामने अब भी दो चुनौतियां हैं: अपनी सीनियर पार्टनर भाजपा के सामने तनकर खड़े होना और अपने खेमे में असंतोष को काबू में रखना. इसके अलावा शिवसेना के उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट को मिल रही सहानुभूति से भी उन्हें पार पाना होगा
जाति जनगणना आखिर हो क्यों नहीं जाती?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार जाति जनगणना से पीछे हटने के लिए पिछली सरकारों की दलीलों का सहारा ले रही है, हालांकि इसके राजनैतिक नफा-नुक्सान भी उसे उठाने पड़ सकते हैं पड़
भावी समर को तैयार
कांग्रेस को उम्मीद है कि वह राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कर्नाटक जैसा शानदार प्रदर्शन करेगी, जहां इस साल के आखिर में चुनाव होने हैं. क्या कांग्रेस ऐसा जादू फिर से चला पाएगी?
कर्नाटक कांग्रेस की जीत का नुस्खा
देश की सबसे पुरानी पार्टी ने कैसे जीता सूबा और इस कामयाबी के उसके लिए क्या हैं सबक, एक खोजी रपट
जीत के आगे जंजाल
नए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के लिए सब कुछ आसान नहीं होगा क्योंकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी सरकार में उनके बाद नंबर दो पर होंगे. इतना ही नहीं, पार्टी की पांच गारंटियों को जमीन पर उतारने का भारी-भरकम लक्ष्य भी उनके सामने है
फंदे में सरकारी बाबू
जुलाई, 2020 से जुलाई, 2022 तक रांची के डिप्टी कमिश्नर के 152 रूप में काम कर रहे छवि रंजन से अपेक्षा की जाती थी कि वे भूमि के रिकॉर्ड को दस्तावेजों में सावधानी और पूरी सुरक्षा से रखेंगे. लेकिन 4 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रंजन को कई अवैध भूमि सौदों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
रंग लाएगी नीतीश की मुहिम?
विपक्ष को एकजुट करने की नीतीश कुमार की मुहिम के तहत पटना में विपक्षी दलों के एक जुटान की तैयारी शुरू
चलेगी एलजी की ही
मई की 11 तारीख को भारत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाइ. चंद्रचूड़ की अगुआई वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के पक्ष में एक फैसला सुनाया तो एकबारगी यही लगा कि केंद्र सरकार के साथ दिल्ली की आप सरकार का आठ साल से जारी झगड़ा सुलझ गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में अफसरों के तबादले और तैनाती का अधिकार किसके पास होना चाहिए, लेकिन दिल्ली आप सरकार को इस फैसले से मिली शक्तियां अधिक समय तक टिक नहीं सकी और 19 मई को केंद्र की भाजपा सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलट दिया. अध्यादेश का सार यह है कि अफसरों के तबादलों और तैनाती में उपराज्यपाल (एलजी) की ही चलेगी. कोर्ट के फैसले का सीधा मतलब था कि नौकरशाहों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार आप सरकार के पास रहेंगे और इस अधिकार का इस्तेमाल भी दिल्ली सरकार ने शुरू कर दिया था.
आर-पार के लिए तैयार
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की 'जन संघर्ष यात्रा' 15 मई को समाप्त हुई.
'हर हुक्म सिर माथे अनुराग सर'
2023 सनी लियोनी के लिए नई शुरुआतों वाला साल बन रहा है. हाल ही उन्होंने अपनी पहली ब्यूटी लाइन लॉन्च की है, रंगीला की चल रही शूटिंग के जरिए मलयालम सिनेमा में डेब्यू किया है और अनुराग कश्यप की केनेडी के प्रीमियर पर पहली दफा कान फेस्ट में जा रही हैं
परवाज पर पाबंदी
गो फर्स्ट की मुसीबतों से सामने आई तगड़ी प्रतिस्पर्धा और ऊंची परिचा लागत से जूझ रहे भारतीय विमानन उद्योग की लाचारियां. जानकारों को अभी इस सेक्टर में और भी कंपनियों के नाकाम होने का अंदेशा
भ्रष्टाचार के इंजीनियर
दस हजार रुपए की एक रिश्वत ने 100 करोड़ रुपए से अधिक के मनी-लॉन्ड्रिंग रैकेट का भंडाफोड़ करा झारखंड के एक शीर्ष इंजीनियर को प्रवर्तन निदेशालय के फंदे में फंसाया
धारावी की आवाज
एशिया की सबसे बड़ी मलिन बस्ती के पुनर्विकास की योजना ने आखिरकार यहां के लोगों में एक गरिमापूर्ण जीवन की उम्मीद तो जताई है लेकिन अदाणी समूह के शामिल होने से क्या इसका विवादों से दूर रहना मुमकिन है ?
धोखे के शिकार, फिर दोहरी मार
दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में अतिक्रमण की कार्रवाई से बेघर हुए हजारों लोग खुद को ठगी का शिकार क्यों बता रहे हैं
सबका पति एक रूपचंद
बिहार के अरवल में नर्तकियों के एक मोहल्ले की 40 औरतों के पति का नाम रूपचंद लिखवाने की सनसनीखेज खबर आई. कहा गया कि सेक्सवर्कर रुपए को ही पति मानती हैं. लेकिन पड़ताल करने पर पता चला कि कहानी इतनी सीधी भी नहीं. इसमें कई पेच हैं, जिनकी कड़ियां समाज और सरकारी व्यवस्था की खामियों को उजागर करती हैं
ऐसी सुस्त जांच कब पहुंचेगी ठिकाने?
लखनऊ के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में साढ़े पांच साल बाद भी सीबीआइ जांच सुस्त. दो पूर्व मुख्य सचिवों से पूछताछ की से कवायद के बाद ठहरी जांच के आगे बढ़ने की उम्मीद. रिवर फ्रंट के अधूरे पड़े काम पैदा कर रहे मुश्किलें
अब समान अधिकारों पर बात आ पड़ी है
समलैंगिक जोड़ों ने जैसे ही अपने संग-साथ पर कानूनी मुहर की मांग शुरू की, उनका सामाजिक और राजनैतिक स्तर पर विरोध शुरू हो गया. संतुलित समाधान के लिए गेंद अब सुप्रीम कोर्ट के पाले में
पवार बरकरार
शरद पवार के इस्तीफे के इस शक्ति प्रदर्शन के बावजूद एनसीपी का संकट अभी खत्म नहीं हुआ है
बदलती वफादारी
दीपक जोशी की विदाई की पटकथा 2020 में लिखी जा चुकी थी जब 25 कांग्रेसी विधायक भाजपा में आए
मणिपुर में क्यों मचा बवाल
मणिपुर में हिंसा के बाद हालात बिगड़ गए हैं. हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है. आइए जानते हैं कि मणिपुर में अभी विवाद क्यों हो रहा है?
बड़ी खबर देता बदलाव
एनएसडी के इतिहास में पहली बार एक बैच में तीन-चौथाई छात्राएं. प्रक्रिया में किस तरह के बदलाव से हुआ यह मुमकिन, उससे किस तरह की मुश्किलें पेश आईं और आगे क्या हैं संभावनाएं
प्रकृति में कुछ भी अचानक नहीं होता
चित्रकार मनीष पुष्कले की ताजा एकल चित्र प्रदर्शनी कोलकाता की आकार-प्रकार आर्ट गैलरी में 14 अप्रैल से 20 मई तक के लिए लगी है. उनसे उनकी सोच और उनके कलाकर्म पर बातचीत
कौन थे मौर्यकाल के हेयर ड्रेसर?
उन दिनों जो स्त्रियां अपने बालों को आगे की तरफ घुंघराला बना लेती थीं और उनकी लटें आगे की तरफ लटका लेती थीं, ऐसी स्त्रियों को प्रागुल्फा कहते थे. जो स्त्रियां अपने बालों में फूल लगा लेती थीं, उन्हें कबरी. स्त्रियां जब अपने बालों को पीछे बांधती थीं, तो उसे जूड़ा और अगर बालों को बांधकर सिर के ऊपर उठा लेती थीं तो उसे चूड़ा कहते थे. उन दिनों हर प्रांत में जूड़ा और चूड़ा बांधने की अलग-अलग शैलियां हुआ करती थीं.\"