मेरठ के छावनी इलाके में मौजूद प्रसिद्ध औघड़नाथ मंदिर से दिल्ली रोड पर चलते ही एक सफेद रंग की बेहद आलीशान कोठी को एडवोकेट हाउस के नाम से जाना जाता है. इसी कोठी के आगे तीसरे नंबर की कोठी के मुख्य गेट पर 'राम' लिखा हुआ है. यह पता है मेरठ लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार और रामानंद सागर के प्रसिद्ध धारावाहिक रामायण में राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल का. पिछले माह होली के बाद से यह कोठी भाजपा के चुनावी अभियान की धुरी बनी हुई है. होली के ठीक एक दिन पहले 24 मार्च को भाजपा ने मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से पार्टी के लगातार तीन बार के सांसद राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काटकर गोविल को थमाया था. अग्रवाल की ही तरह वैश्य बिरादरी के गोविल का मेरठ से पुराना रिश्ता है. उनकी शुरुआती शिक्षा मेरठ के सरस्वती शिशु मंदिर में हुई. उनके पिता मेरठ नगरपालिका के जलकल विभाग में इंजीनियर थे. रोज ठीक नौ बजे गोविल का काफिला कोठी से निकल पड़ता है. गाड़ी पर आगे सांसद राजेंद्र अग्रवाल बैठते हैं. गोविल विधानसभा वार तय स्थानों पर जनसंपर्क और रोडशो करते है. पर्दे के 'राम' को असल में देखते हुए सबसे ज्यादा तो महिलाएं रोमांचित होती हैं.
गोविल 9 अप्रैल को मेरठ के मुस्लिम बहुल किठौर इलाके में प्रचार के लिए पहुंचे. आमतौर पर आउडी कार की छत से बाहर निकलकर रोडशो करने वाले अरुण गोविल को देखने के लिए बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं मौजूद थीं. फूल मालाएं लेकर खड़ी महिलाओं ने गोविल से कार से उतरने का इशारा किया तो वे बेहिचक उनके बीच आ गए. आमतौर पर चुनावी सभाएं करने की बजाए गोविल ज्यादा से ज्यादा रोडशो को तवज्जो दे रहे हैं. इस दौरान गोविल न केवल स्थानीय मंदिरों के दर्शन करते हैं बल्कि पूजा-पाठ में भी बखूबी शिरकत करते हैं. राजेंद्र अग्रवाल बताते हैं, "मेरठ की जनता में गोविल की भगवान राम वाली छवि बसी है."
Diese Geschichte stammt aus der May 01, 2024-Ausgabe von India Today Hindi.
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