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बदलते भारतीय भोजन की तरफ: मीलेट्स की वापसी
मिलेट्स में पोषक तत्वों का अधिक मात्रा मौजूद होने के कारण इन्हें 'सुपर फूड' के रूप में जाना जाता है। इनमें प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी, विटामिन ए और विटामिन बी के अच्छे स्तर पाए जाते हैं। मिलेट्स का खाद्य संचार और पोषण में महत्वपूर्ण योगदान होता है।
टमाटर की उन्नत खेती
टमाटर के फलों पर जब लाल व पीले रंग की धारियां दिखने लगें, उस अवस्था में तोड़ लेना चाहिए व कमरे में रख कर पकाना चाहिए। अधपके टमाटरों को दूर स्थानों तक भेजा जा सकता है।
जैविक खेती से गुणवत्तायुक्त उत्पादन लें
जैविक खेती मुख्यतः फसल चक्र, फसल अवशेष, पशु खाद, हरी खाद, प्रक्षेत्र खाद, कम्पोस्ट, जैव उर्वरक, केंचुए की खाद, मृदा आरक्षक फसलें, खलियां तथा कार्बनिक पदार्थों के प्रयोग पर स्थिर है तथा भूमि की उर्वरता को स्थिर रखने, वृद्धि पोषक तत्वों की पूर्ति करने तथा कीट व्याधियों एवं खरपतवारों के नियंत्रण के लिए जैव पीडक प्रणाली पर विश्वास रखती है।
बीज से फसल तक कृषि में खोज ढंगों का योगदान
टिकाऊ कृषि की ओर जाने के अलावा, अच्छी क्वालिटी के बीजों की खोज करना भी आवश्यक है। बीज चयन खोज विधियों में शुद्धता फसल की संपूर्ण गुणवत्ता में सुधार करने में सहायता करेगी। इन खोज विधियों में विशेष गुणों वाले बीजों का ध्यान पूर्वक चयन एवं प्रजनन शामिल होता है जो फसलों की कार्यकारी, उत्पादन एवं स्थिरता को बढ़ाने में सहायता करते हैं।
सब्जी उत्पादन हेतु आवश्यक सुझाव
जब सब्जियों की पैदावार ज्यादा हो और बाजार भाव गिर गया हो तो उनको संरक्षित करके अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। हरी सब्जियों की डिब्बाबंदी, कैनिंग आदि करके इन्हें दूर के बाजारों में भेजा जा सकता है एवं बाजार भाव अच्छा होने पर उन्हें बेचा जा सकता है।
जलवायु परिवर्तन: हमारी पृथ्वी को संरक्षित रखने के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता
जलवायु परिवर्तन, एक चुनौतीपूर्ण वैश्विक मुद्दा, हमारे समय की परिभाषात्मक चुनौतियों में से एक के रूप में सामने आया है। पिछले कुछ दशकों में, हमारी पृथ्वी को तापमान में महत्वपूर्ण परिवर्तन, बढ़ते तापमान, अत्याधिक मौसमी घटनाएं और अन्य पर्यावरणिक विघटनाओं का सामना करना पड़ा है। यह लेख जलवायु परिवर्तन के कारण और परिणामों पर विचार करता है और इसके प्रभावों को कम करने और हमारे भविष्य की देखभाल करने के लिए तत्काल कार्रवाई की महत्वपूर्णता को उजागर करता है।
खाद्य क्षेत्र से बढ़ते उत्सर्जन से निपटने के लिए भोजन में बदलाव जरूरी
अंतराष्ट्रीय शोधकर्ताओं द्वारा किए एक नए अध्ययन से पता चला है कि पिछले 20 वर्षों में खाद्य आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है, जोकि 200 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर है। रिसर्च के मुताबिक उत्सर्जन में होती इस वृद्धि के लिए मुख्य तौर पर पशु आधारित उत्पादों की बढ़ती खपत जिम्मेवार है।
सिंचाई का जलवायु परिवर्तन पर असर
शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम द्वारा किए गए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि सिंचाई कैसे दुनिया भर में क्षेत्रीय जलवायु और पर्यावरण पर असर डालती है। अध्ययन यह भी बताता है कि सिंचाई कैसे और कहां नुकसानदायक और फायदेमंद दोनों है। अध्ययन भविष्य में पानी का स्थायी उपयोग और फसलों की उपज हासिल करने के लिए आकलन में सुधार के तरीकों की ओर भी इशारा करता है।
आहारीय तत्वों की कमी को पूरा करने वाले डॉ. नेविन एस. सक्रिमशा
डॉ. नेविन के आहार संबंधी प्रोग्रामों के कारण स्थानीय तौर पर कम मूल्य वाले भोजन पदार्थों का विकास होना शुरु हो गया। डॉ. नेविन द्वारा विकसित किये गये भोजन पदार्थों ने कई विकसित देशों की पौष्टिक आहार की कमी को पूरा किया।
अपना खुद का ईंधन बनाने वाला सफल किसान देवेंद्र परमार
श्री परमार का मानना है कि किसानों को अपने वित्त का प्रबंधन करने के लिए खुद का कौशल बढ़ाते रहना चाहिए। किसानों को हमेशा खेती के पुराने तरीकों को छोड़ कर कमाई के नए अवसरों और तरीकों की तलाश करनी चाहिए।
पानी की बचत के लिए बसंत मक्का की बिजाई पर पाबंदी की आवश्यकता
यह तीसरी फसल फरवरी में बोई जाती है और जून में काटी जाती है, और यह पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की अत्याधिक अनुशंसित सूची में है क्योंकि राज्य पहले से ही खतरनाक स्तर पर भूजल स्तर की कमी से जूझ रहा है।
मक्की की अधिक पैदावार लेने हेतु सस्य क्रियाएं
मक्की हरियाणा राज्य के मुख्यतः अम्बाला, पंचकुला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर व करनाल जिलों की खरीफ की फसल है। किसान भाईयों को मक्की की अधिक पैदावार लेने हेतु निम्नलिखित सस्य क्रियाओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए :-
बाजरे की खेती - जलवायु, किस्में, देखभाल और पैदावार
बाजरा की फसल मुख्यतः बारानी क्षेत्रों में ली जाती है, परन्तु फूल आते समय व दाना बनते समय नमी की कमी होना अधिक हानिप्रद है। अतः यदि सिंचाई का स्त्रोत उपलब्ध हो तो इन क्रांतिक अवस्थाओं पर सिंचाई करना लाभप्रद होता है। बाजरा जल भराव से भी प्रभावित होता है इसलिए जल निकास का समुचित प्रबंध करें।
प्राकृतिक कृषि का आधार: नीम
नीम प्राचीनकाल से ही हमारी औषधीय एवं भैषज्य परम्परा का अभिन्न अंग रहा है। वैदिक रचनाओं में निम्बः, निम्बा, निम्बपत्राम् जैसे शब्दों का वर्णन आया है। अग्नि पुराण में कुष्ठ रोग के निदान हेतु नीम के प्रयोग का परामर्श दिया गया है। नीम को स्वास्थवर्द्धक बताया गया है। इसी कारण नीम वृक्ष को धरती का कल्प वृक्ष या देव वृक्ष भी कहा जाता है।
कीटनाशक अवशेषों से बचाव के लिए एक वैकल्पिक दृष्टिकोण
भारत में हरित क्रांति की सफलता का एक मुख्य कारण फसल सुरक्षा के उपायों के रूप में सिंथेटिक कीटनाशकों का उपयोग था
किसानों को उद्यमी बनने की आवश्यकता
मनुष्य की सभी समस्याओं का समाधान मनुष्य के अपने उद्यम में है। उसके दर्द में है। उसकी सोच में है। उसके अपने विश्वास में है। मनुष्य स्वार्थी भी है, परन्तु मनुष्य समूह के लिए चिंता एवं चिंतन भी करता आया है। भारत की गरीबी की समस्या का समाधान भी मनुष्य जाति ने करना है।
खादों के अधिक प्रयोग के कारण मिट्टी के स्वास्थ्य में बिगाड़
पंजाब के किसानों के लिए एक बड़ी चिंता की बात यह है कि रासायनिक उर्वरकों के अत्याधिक उपयोग के कारण राज्य में मिट्टी की उर्वरता लगातार घट रही है
टमाटर की वैज्ञानिक खेती
सब्जियों में टमाटर एक अत्यंत लोकप्रिय सब्जी है।
धान की फसल के लिये पूसा शैवाल
डॉ० राघवेंद्र सिंह, सहायक प्राध्यापक, शारदा कृषि महाविद्यालय शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश
एक वैकल्पिक संसाधन संरक्षण प्रौद्योगिकी : धान की सीधी बिजाई
पवन कुमार, सुरेंद्र मित्तल और राजेश कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र, जींद
मक्की के प्रमुख कीट प्रबंधन
बीज के लिए केवल स्वस्थ भुट्टे ही रखें, जो बोरर के हमले से मुक्त हों। ढूंठों, डंठलों, भुट्टों और कोर जैसे पौधों के अवशेषों में शीतनिद्रा में रहने वाले बोरर लार्वा को मार दें।
वर्ल्ड फूड प्राईज़ विजेता डॉ. मार्क वैन मोनटैगू
मोनटैगू कई अकादमी जैसे कि नेशनल अकादमी ऑफ साइंसिज ऑफ द यूनाईटिड स्टेटस, इटली एंड थर्ड वर्ल्ड अकादमी ऑफ साईंसिज, द अकादमी ऑफ एग्रीकल्चर ऑफ फ्रांस एंड रशिया एवं अकादमी ऑफ इंजीनियरिंग के सदस्य भी हैं।
जलवायु परिवर्तन के कारण लीची एवं आम उत्पादन प्रभावित
गर्मी की लहर ने न सिर्फ गर्मी के फलों जैसे- लीची और आम की आमद पर असर डाला है, बल्कि उनके स्वाद को भी प्रभावित कर दिया है। लीची और आम उगाने वाले किसानों ने कहा कि कटाई के मौसम में बढ़ते तापमान के कारण फलों की गुणवत्ता और उपज प्रभावित हो रही है।
कैसे घटे खेती में ग्रीन गैसों की निकासी
खेती जो दुनिया भर में करोड़ों लोगों का पेट भरती है वो साथ ही जलवायु में आते बदलावों के लिए भी जिम्मेवार है।
बंजर हो रही भूमि एक चुनौती
मरुस्थलीकरण यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें शुष्क भूमि अपनी उत्पादकता खो देती है। इसमें पौधों को सहारा देने, अन्न उत्पादन करने, आजीविका उपलब्ध कराने की जमीन की क्षमता खत्म होने लगती है।
सफेद मक्खी एवं गुलाबी सुंडी ने खा लिया नरमे का क्षेत्रफल
पंजाब में मौजूदा खरीफ सीजन के दौरान नरमे की बिजाई अधीन क्षेत्रफल बड़े स्तर पर कम हो गया है।
पीएयू की ओर से विकसित बाजरे की दो एवं मक्का की एक किस्म को राष्ट्रीय स्तर पर काश्त के लिए मिली स्वीकृति
बीते दिनों पालमपुर में आयोजित नेशनल ग्रुप मीट में पीएयू की ओर से विकसित चारे वाली मक्का की एक किस्म के साथ दो चारे वाली बाजरे की किस्मों को काश्त के लिए स्वीकृति मिली। यह पहली बार है कि पीएयू की चारे की फसलों की तीन किस्में एक ही समय राष्ट्रीय स्तर पर जारी हो रही हैं।
पोस्ट हार्वेस्टिंग के उपरांत बागवानी फसलों का रखरखाव
कृषि विशेषज्ञों की सिफारिशों को मानते हुए किसान भाई कठिन परिश्रम, पैसा एवं ऊर्जा व्यय करके फल एवं सब्जियों की अधिक पैदावार करते हैं।
पोस्ट हार्वेस्टिंग नुक्सान को समझने की आवश्यकता
विकासशील देशों में खाद्य पदार्थ की बर्बादी अधिकतर कृषि उत्पादन के समय होती है। जबकि दर्मियाने एवं अधिक आमदनी वाले देशों में यह नुकसान मंडीकरण के समय अधिक होता है। एक अनुमान के अनुसार हमारे देश में प्रत्येक वर्ष जितना खाद्य पदार्थ व्यर्थ हो जाता है, यदि उस पर नियंत्रण कर लिया जाये तो इससे देश की कुल आबादी को वर्ष में 365 दिनों तक भोजन उपलब्ध करवाया जा सकता है।
राजनीति का तमाशा ईमानदारी पर तमाचा है ब्याज माफी
विधानसभा चुनाव से पूर्व मप्र सरकार ने डिफाल्टर किसानों के लिये ब्याज माफी की घोषणा कर स्वयं की पीठ जरुर थपथपाई है।