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खेती का जरूरी यंत्र पावर टिलर
पावर टिलर एक ऐसा बहुद्देशीय छोटा ट्रैक्टर है, जिसे किसान अपने हाथों से आराम से चला सकते हैं.
दूब घास से कैसे छुटकारा पाएं?
खेत में दूब घास अपनी जड़ें जमा चुकी है, तो यह जरूरी है कि गरमी में 2-3 सालों तक लगातार जुताइयां की जाएं.
फसल को नुकसान पहुंचाती दूब घास
फसल के साथ उगने वाले को तो निराईगुड़ाई, खरपतवारों किसान जुताई या फिर दवाओं से काबू में कर लेते हैं, पर उन का बस ऐसे जिद्दी खरपतवारों पर नहीं चलता, जो सालभर दिखते नहीं या फिर खेत में कहींकहीं दिखते हैं, लेकिन फसल के साथ ऐसे उगते हैं मानो बोया इन्हें ही गया हो.
हरमन 99 सेब - गरम इलाकों में भी फलता है
अब तक तो हम लोगों ने यही सुना था कि सेब सिर्फ ठंडे प्रदेशों में ही हो सकते हैं, पर इसी सोच के उलट पिछले 20 सालों से भारत के अलगअलग प्रदेशों में हरमन 99 प्रजाति का सेब आसानी से गरम इलाकों में भी फलफूल रहा है, इसलिए यह कहा जा सकता है कि सेब अब कश्मीर, हिमाचल या ठंडे इलाकों की फसल नहीं रह गया है. इतना ही नहीं, बिहार में भी सेब की भरपूर खेती हो रही है.
केले की व्यावसायिक खेती की ओर बढ़ रहे कदम किसानों को काबिल बनाने में जुटे हैं डा. आरएस सेंगर
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथसाथ राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके डा. आरएस सेंगर ने किसानों को प्रशिक्षित कर उन को और्गैनिक केला उत्पादन की तरफ मोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया है.
खरीफ (वर्षां) ऋतु में प्याज उगा कर कमाएं ज्यादा मुनाफा
आमतौर पर प्याज की खेती रबी मौसम में की जाती है, पर खरीफ में भी प्याज का अच्छा उत्पादन किया जा सकता है, बशर्ते उचित प्रबंधन और खरीफ मौसम में उगाने वाली प्रजातियों का चयन सही तरीके से किया जाए.
न्यूमैटिक प्लांटर - बोआई की आधुनिक मशीन
इस मशीन की खूबी यह है कि एक ही बार में एक से ज्यादा फसलों के बीज की बोआई कर सकती है.
रबी सीजन में सोयाबीन की फसल
धरती की कोख से फसलों का सोना निकालने वाला किसान मन में अगर कुछ ठान ले तो वह कुछ भी करगुजर सकता है. मध्य प्रदेश में कई किसानों ने खेती में नए तौरतरीकों से अपनी आमदनी को बढ़ाने के साथ ही एक मुकाम हासिल किया है.
जुलाई का महीना किसानों के लिए है खास
देश के किसान हर महीने अलगअलग फसलों की खेती कर अपनी आजीविका चला रहे हैं. इस के चलते किसानों के लिए जून और आने वाला महीना जुलाई सब से अहम होता है.
कद्दूवर्गीय सब्जियों में फल मक्खी से करें बचाव
इस समय कदूवर्गीय सब्जियों में फल मक्खियों की समस्या काफी बढ़ जाती है.
सोयाबीन की खास किस्में
भारत में सबसे ज्यादा सोयाबीन की खेती मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व राजस्थान में होती है. मध्य प्रदेश का सोयाबीन उत्पादन में 45 फीसदी हिस्सा है, जबकि सोयाबीन उत्पादन में महाराष्ट्र का 40 फीसदी है.
पपीता की फसल को बीमारियों से बचाएं
पपीते की खेती की जानकारी
अरबी (घुइयां) की वैज्ञानिक तरीके से खेती
अरबी एक कंद वाली फसल है. भारत में इस की खेती लगभग सभी जगहों में की जाती है.
लगाएं धान की उन्नत प्रजातियां
आज खेतीबारी से अच्छी पैदावार लेने के लिए खाद, पानी से पहले बीज की बारी आती है.
न नर्सरी, न पलेवा धान की सीधी बोआई
धान की सीधी बोआई 2 विधि से की जाती है. एक विधि में खेत तैयार कर सीड ड्रिल / मल्टी क्राप सुपर सीडर द्वारा बीज बोया जाता बोआई के समय खेत में पर्याप्त नमी होना है.
जैविक खेती का महत्व
हमारे देश में जैविक खाद आधारित खेती पुराने समय से की जा रही है.
ट्रैक्टर खेती के काम बनाए आसान
कई ऐसे कृषि यंत्र हैं, जिन्हें इस्तेमाल करने के लिए ट्रैक्टर की जरूरत होती है, इसीलिए किसानों के लिए ट्रैक्टर एक खास जरूरत बन गया है.
पेठा कट्टू की उन्नत खेती
अगर आप मिठाइयों के शौकीन हैं, तो निश्चित ही आगरा के पेठे का नाम सुन रखा होगा. अगर आप को आगरा जाने का मौका मिला है, तो इसे चखने का मौका भी मिला होगा.
‘पौधों वाले माडसाब' का मिशन हरियालो रेगिस्तान
आज भी शिक्षक समाज का आईना होते हैं. शिक्षक सिर्फ स्कूलों में ही नहीं, बल्कि समाज के बीच भी शिक्षक ही होता है, इसलिए शिक्षक की निजी जिंदगी व दैनिक गतिविधियां भी समाज का मार्गदर्शन करती हैं.
फालसा की खेती
फालसा उत्तराखंड के हिमालय की पहाड़ियों पर झाड़ीनुमा रूप में पाया जाता है और पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, मुंबई, बिहार, पश्चिम बंगाल में एक बहुत ही सीमित पैमाने पर इस की खेती की जाती है. उत्तर प्रदेश में इस की खेती तकरीबन 300 हेक्टेयर जमीन में की जाती है.
कृषि यंत्रों में ईंधन की बचत
मशीनों का इस्तेमाल जिस तरह से खेती में दिनोंदिन बढ़ रहा है, उस की वजह से खेती के काम भी बेहद आसान हो गए हैं.
महिलाओं की छोटी बचत ने दिखाया तिरक्की का रास्ता
समस्तीपुर जिले के कई गांव ऐसे हैं, जिन में सरकार की तमाम योजनाएं संचालित होने के बावजूद भी किसान परिवारों को बीमारी, शादीब्याह और उलट हालात में सेठसाहूकारों से मोटे ब्याज पर लिए गए कर्ज के ऊपर निर्भर रहना पड़ता था.
खरीफ में मक्का की खेती
खरीफ में धान के बाद मक्का पूर्वांचल की मुख्य फसल है. इस की खेती दाने, भुट्टे और हरे चारे के लिए की जाती है.
खर्सू के पेड़ पर रेशम
रेशम प्राकृतिक प्रोटीन से बना रेशा है. रेशम का इस्तेमाल कपड़ा बनाने के लिए किया जाता है.
खरीफ में करें नकदी फसल अरबी की उन्नत खेती
किसान कम समय में उगाई जाने वाली नकदी फसलों की अगर खेती करें, तो वह पारंपरिक फसलों की अपेक्षा अधिक आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. अगर यह नकदी फसल कम लागत और कम जोखिम वाली हो, तो मुनाफा कई गुना अधिक बढ़ जाता है.
धान की नर्सरी और विकसित किस्में
धान खरीफ की मुख्य फसल है. अगर कुछ बातों का शुरू से ही ध्यान रखा जाए, तो धान की फसल ज्यादा मुनाफा देगी. धान की खेती की शुरुआत नर्सरी से होती है, इसलिए बीजों का अच्छा होना जरूरी है.
लाभकारी नींबू
नीबू खासतौर पर अपने खट्टे रस के लिए उपयोग में लाया जाता है.
जून के महीने में खेती के काम गरमी का रखें ध्यान
जून के महीने में वैसे भी चिलचिलाती धूप होती है. इस के बावजूद भी किसान अपने काम में जुटे रहते हैं. इन दिनों किसानों को मानसून के आने का बेसब्री से इंतजार रहता है.
सेहतमंद आवला
उत्तर प्रदेश का आंवला उत्पादन में विश्व मानचित्र पर प्रमुख स्थान है, जहां पर आंवला उत्पादन का 21,150 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जाता है, जिस का 8 फीसदी भाग पूर्वी जनपदों सुलतानपुर, फैजाबाद, प्रयागराज, प्रतापगढ़, मिर्जापुर, वाराणसी, आजमगढ़, जौनपुर में किया जाता है, परंतु कुल उत्पादन का 70 फीसदी भाग खाद्य प्रसंस्करण व आयुर्वेदिक उद्योग में उपयोग किया जाता है. आंवला फल उत्पाद का समय से विपणन व उपयोग न होने पर 30-37 फीसदी फलों की बरबादी हो जाती है.
पैडी ट्रांसप्लांटर द्वारा धान की रोपाई
भारत में धान खरीफ सीजन की मुख्य फसल है. इसे देश के लगभग सभी राज्यों में उगाया जाता है. चीन के बाद चावल का सब से ज्यादा उत्पादन करने में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर आता है.