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HALF FULL HALF EMPTY
If you show a glass with some water filled in it, Ian optimist will say, “It is half full” and a pessimist will say, “It is half empty.”
Ram, The King Without Ambition
How hunger and thirst run our lives
कर्तव्य की भावना से कार्य में उत्कृष्ठता (excellence)
क ई तरह की व्यवस्थाएँ हैं, जो हमें सचेत करती हैं कि हमें क्या करना है। माता-पिता, समाज, कानून आदि के प्रति हमारे कुछ उत्तरदायित्व होते हैं, कर्तव्य व व्यवहार के कुछ नियम होते हैं जिनका हमें पूर्ण रूप से पालन करना होता है, परन्तु बहुत से लोग अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह होते हैं, उन्हें अपने कर्तव्य पालन करना पसंद नहीं है ।
सत्य
सूत्र - अहिंसासत्यास्तेय ब्रह्मचर्यापरिग्रहा यमाः । 12.30।।
Thoughts on the Gita
The Blessed Lord said
The Yoga Sutras of Patanjali
As a result of this, there is a complete mastery over the senses.
The Vagus Nerve
Tap into your in-built calming channel
Trust the Universe
And become one with it
Guard Against Egotism and Envy
How to keep undesirable qualities at bay
Read the Manual Then Operate the Machine
Achieving balance in today's complex life
Advancing Holistic Wellbeing through Yoga Education
Getting to know shvarapranidhana
The Perks of Being a Wallflower
Enjoying life from the sidelines
A Journey Within
Thoughts on 7-Day Health Camp at The Yoga Institute
"You are Not God"
Learning when to let go
Ignorance Is All Around
Preventing anger, tension and anxiety
In the Footsteps of a Stithaprajna
At the feet of a Yogi
Strengthening Philosophical Thinking
Finding the thoughts that matter From a Parisamvada
The Significance Of A Smile
Infuse joy into your and someone else's life
Keeping The Mind Busy How And What To Think
Thinking cannot solve anything; thinking cannot give us permanent pleasure. It is just - in a way - a waste of time.
बड़ी गुणकारी हैं तुलसी
तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। सभी रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने वाले गुणों से भरपूर है।
मन का गिलास भरें..
कहते हैं जीवन सकारात्मक तरीके से जीना चाहिये, हम सभी यह जानते भी हैं, करना चाहते भी हैं परन्तु कई बार किसी के व्यवहार से, कभी परिस्थिति के अचानक आ जाने से, कभी शारीरिक तौर पर, कभी मानसिक तौर पर, कभी गुस्से के कारण हम परेशान होकर सकारात्मक नहीं रह पाते व कब नकारात्मक हो जाते हैं समझ ही नहीं पाते और मन का भरा गिलास खाली होता जाता है।
भविष्य में अपने को कैसा देखना चाहते हैं - आज तय करें
आप आज जहाँ भी हैं, कैसा भी काम कर रहे हैं। आज अपने जीवन के लक्ष्य को पर विचार करें व तय करें कि आप 20 साल बाद कहाँ पहुँचना चाहते हैं। यह तय करने के पश्चात उस पर अपनी योजना भी बना लें, पर योजना बनाने से ही कुछ नहीं होगा उस पर अमल भी करना होगा। कई बार हम योजना पर पूरी तरह चल नहीं पाते। तो जानिये कि किस तरह से काम करें -
तटस्थता (detachment) से स्पष्टता बढ़ती है।
कभी-कभी जिन चीज़ों से व्यक्ति को लगाव हो जाता है वह उन्हें चाहकर भी नहीं छोड़ पाता बल्कि जितना संभव हो सके उसके करीब रहने की कोशिश करता है। वास्तव में इस स्थिति में वस्तु को अच्छे से देख नहीं पाते हालांकि हम उसके बहुत पास होते हैं।
यम यानि क्या - अहिंसासत्यास्तेय ब्रह्मचर्यापरिग्रहा यमाः ।।2.30।।
सूत्रार्थ - अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह ये पाँच यम हैं, यानि दूसरों को दुःख न देना, सत्य बोलना, दूसरों की वस्तुओं या धन आदि का अपहरण न करना, ब्रह्मचर्य से रहना तथा संचय वृत्ति का न होना यम कहलाता है।
Jackfruit/Fanas
Just jackfruit for breakfast and nothing else! This is the practice of south Indians during the jackfruit season, especially in Mysore.
Parikarmas
Who is your best friend?
Mesmerising Mantras and Magical Moments
Tapping into our inner strength
Dear Problem, I Have a Big God
Change your perspective and attitude
Those Who Give Gifts Voluntarily are Truly Rare and Great
The age-old tradition of gift-giving
Viparit Karani
A pose full of mystery and benefits