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बदलती जीवनशैली से बढ़ रही बीमारियां
पहले उम्रदराज लोग हृदय रोग से पीड़ित होते थे, अब युवाओं में भी हृदय संबंधित खतरे बढ़ गए हैं. इस का कारण जीवनशैली में भारी बदलाव का आना है, जिस में युवा गलत खानपान, रहनसहन और खराब पर्यावरण का शिकार बन रहे हैं.
"टोबैको कैंसर का ही नहीं, हार्ट रोग का भी प्रमुख कारक है" - प्रोफेसर डा. सुदीप कुमार
दुनियाभर में हार्ट संबंधित रोग बुजुर्गों में ज्यादा दे को मिलते थे, अब युवाओं में भी ये समस्याएं उभरने लगी हैं. युवाओं में इन के होने का बड़ा कारण खानपान, रहनसहन, प्रदूषण और टोबैको उत्पादों का अत्यधिक सेवन करना है.
कोलेस्ट्रोल पर रखें नजर
कोलैस्ट्रौल अच्छा और खराब दो तरह का होता है. बात जब खराब कोलैस्ट्रौल के बढ़ने की आती है तो चिंताजनक हो जाती है, क्योंकि इस का संबंध सीधे दिल की गंभीर बीमारी से जुड़ा होता है. ऐसे में बेहतर है कि समयसमय पर इस पर नजर रखते रहें.
ब्रेन ब्लीड से दिल का दौरा पड़ने का खतरा
इस्केमिक स्ट्रोक और हार्टअटैक दिल की वे बीमारियां हैं जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती हैं. सेरेब्रल हैमरेज यानी ब्रेन ब्लीडिंग यानी दिमाग में रक्तस्राव से इस्केमिक स्ट्रोक या हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है.
हार्ट अटैक जान पर भारी
हार्ट अटैक ऐसी गंभीर समस्या है जिस में मरीज तो मरीज, पूरा परिवार भी सकते में आ जाता है. ऐसी स्थिति में सारी चीजें आननफानन होती हैं. इस का फायदा अस्पताल और डाक्टर उठाने से गुरेज नहीं करते.
भारत को औस्कर इमोशन का उत्सव
तमिलनाडु के मुदुमले नैशनल पार्क में 5 साल तक फिल्माई गई कार्तिकी गोंजाल्विस की फिल्म 'द एलिफैंट व्हिस्परर्स' ने औस्कर अवार्ड जीत कर इतिहास रचा है. इस की कहानी अकेले छोड़ दिए गए हाथी और उस की देखभाल करने वालों के बीच अटूट बंधन है.
भारत भूमि युगे युगे
संक्षेप में भारतीय राजनीति
सौंदर्य प्रसाधनों से होने वाले गंभीर रोग
सौंदर्य प्रसाधनों में भारत दुनिया का तेजी से उभरने वाला बाजार है. भारत का दुनियाभर में चौथा स्थान है जहां से सौंदर्य प्रसाधन इंडस्ट्री रैवेन्यू इकट्ठा करती है. लेकिन जितनी बड़ी यह इंडस्ट्री है उसी तरह के खतरे भी इस से पैदा हुए हैं. सवाल यह कि सुंदरता किसे कहा जाए, बाहरी लीपापोती को या अंदरूनी व्यक्तित्व को?
हैप्पीनेस इंडैक्स में 126वीं रैंक भारत से खुशी गायब
संयुक्त राष्ट्र खुशी सूचकांक में भारत को 126वां रैंक मिला है यानी भारत में लोग बेतहाशा दुख में हैं. यह सही है कि देश को तमाम तरह की समस्याएं घेरे हुए हैं लेकिन पाकिस्तान, श्रीलंका, नेपाल जैसे देशों जहां गरीबी, राजनीतिक अस्थिरता व्याप्त है, उन से भी हमारा पिछड़ना गंभीर सवाल छोड़ जाता है.
अमृतपाल और लाचार सिस्टम
न तो खालिस्तान की मांग नई है और न ही हिंदू राष्ट्र की. ये दोनों ही देश को नुकसान पहुंचा रही हैं. अमृतपाल के बहाने आइए देखें कि अलगाव की मानसिकता क्यों पनपती है और उस का हल क्या है.
पर्यटन का बढ़ता कारोबार
पर्यटन बिजनैस से न सिर्फ किसी देश की जीडीपी में बढ़ोतरी होती है बल्कि वहां के लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुलते हैं. भारत में पर्यटन कारोबार कोरोनाकाल के बाद अब फिर से पटरी पर आ रहा है, जिस से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है.
जरूरी मोबाइल औनलाइन एप्लीकेशंस
कहीं घूमने जा रहे हैं तो उस की प्लानिंग पहले ही करनी बेहतर होती है. इस से गलतियां कम होती हैं और ट्रिप का मजा दोगुना हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि उन ऐप्स का इस्तेमाल किया जाए जो आप की ट्रिप को सुविधाजनक और आसान बनाएं.
ग्रुप टूरिज्म - एक सुंदर एहसास
बड़े शहरों में भीड़भाड़ और शोरशराबा युवाओं की मैंटल हैल्थ पर असर डाल रहा है. इस के लिए ब्रेक ले कर कहीं टूर पर निकल पड़ना अच्छा विकल्प है.
होम स्टे - घर जैसा आनंद
छुट्टियों में जब हम घूमने के इरादे से निकलते हैं तो सब से पहला खयाल दिल में आता है कि हम रहेंगे कहां होटल और रिसोर्ट में ठहरना जहां बड़ा खर्च कराता है वहीं पर अपने मनमुताबिक खाना भी नहीं मिलता. मगर होम स्टे सुविधा ने पर्यटकों की ये दिक्कतें खत्म कर दी हैं. पर्यटकों के लिए होम स्टे कई मानो में खास और बेहतर चुनाव है. आइए जानते हैं कैसे.
विलेज टूरिज्म से स्मार्ट होंगे गांव
टूरिज्म किसी भी देश के लिए आय और नौकरी पैदा करने का बढ़िया जरिया होता है. इन दिनों भारत में विलेज टूरिज्म का चलन खूब बढ़ रहा है. अब टूरिस्ट किसी विशेष जगह की संस्कृति, खानपान और रहनसहन को जानने में दिलचस्पी रख रहे हैं. ऐसे में वहां के लोकल लोगों के लिए यह सुनहरे अवसर से कम नहीं.
एडवेंचर टूरिज्म - रिस्क और रोमांच का अनूठा रोमांस
युवा एडवेंचर टूरिज्म खूब पसंद करते हैं जहां थ्रिल और थोड़ाबहुत रिस्क हो. दूरदूर तक फैले ग्लेशियर के पहाड़ों की ट्रेकिंग, जंगल सफारी, बंजिंग जम्पिंग, स्कूबा डाइविंग यह सब युवाओं की पसंद रहती है. लेकिन इस तरह के टूरिज्म में कुछ तरह की सावधानियां बरतनी जरूरी हैं.
बरबाद होते पुराने पर्यटन स्थल
भारत में दर्जनों ऐसे पुराने पर्यटन स्थल बरबाद होने की कगार पर हैं जो कभी आबाद थे और पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र में थे. गंदगी, घोचपोच, लूटखसोट से पर्यटकों का उन जगहों से मोह भंग हो रहा है. इस के लिए जितने जिम्मेदार पर्यटक स्थलों के कारोबारी हैं उतने ही खुद पर्यटक भी हैं जो वहां जा कर गंदगी फैलाना अपना हक समझते हैं.
"कुछ लोग सरकार से मिलने वाली सब्सिडी को ध्यान में रख कर ही सिनेमा बनाते हैं" - दीपक अंतानी
दीपक अंतानी को फिल्म जगत का गांधी कहा जाए तो गलत नहीं. 500 से अधिक बार गांधी की भूमिका निभाने वाले अंतानी को गुजराती थिएटर और गुजराती फिल्म इंडस्ट्री की बारीक समझ है.
जान लें सेरोगेसी के नियम
आमतौर पर सेरोगेसी को किराए की कोख के नाम से भी जाना जाता है. जो लोग मातापिता बनने के सुख से वंचित रह जाते हैं वे इस के जरिए संतान प्राप्ति का सुख पा सकते हैं.
थुलथुल बीवी किसे भाए
महिलाओं में मोटापा बीमारियों को न्योता तो देता ही है, साथ में उन की सैक्स लाइफ को भी बुरी तरह प्रभावित करता है. विवाहित महिलाओं के पति उन्हें तवज्जुह नहीं देते हैं क्योंकि हर पुरुष चाहता है कि उस की पत्नी भले ही बहुत सुंदर न हो लेकिन प्रेजेंटेबल हो.
कहीं बीमार न कर दे कमजोर इम्यूनिटी
इम्यून सिस्टम मानव शरीर को बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी और कवक आदि से बचाने के लिए मिल कर काम करता है जो इन्फैक्शन और बीमारी का कारण बनते हैं. दुनियाभर की तमाम मैडिकल संस्थाएं इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने की सलाह दे रही हैं ताकि कोरोना महामारी के बाद कमजोर हुए शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाई जा सके.
लाइब्रेरी व पत्रिकाओं के प्रति उदासीनता क्यों
आधुनिक तकनीक के आने के बाद से लोगों की जीवनशैली में अंतर आया है. लिखापढ़ी कागजी कम और स्क्रीन पर अधिक होने लगी है. समस्या यह कि इस ने ऐसी जगहें लोगों से छीन लीं जहां शांति से बैठ कर पढ़ाई की जाती थी. सरकारों ने इस मौके का फायदा उठा कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा है.
आपदाओं के लिए तैयारी जरूरी
पिछले एक दशक से आ रहे आपदाओं के संकेत बता रहे हैं कि कहीं कुछ तो गलत हो रहा है. इंसान आपदाओं को रोक तो नहीं सकता मगर इस की रोकथाम के लिए उपाय जरूर कर सकता है.
भारत भूमि युगे युगे
मध्य प्रदेश में 7 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुत बड़ा उलटफेर करने के लिए आम आदमी पार्टी को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी.
हास्यास्पद है सीबीआई-ईडी का घमासान
लोकतंत्र और कानून के नाम पर खूब धमाचौकड़ी चल रही है. जैसे जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ईडी और सीबीआई खासा ऐक्टिव हो गई हैं, उन के छापे विपक्ष के बड़े व मुखर नेताओं पर पड़ने लगे हैं. इस से यह लग रहा है कि खेल कुछ और ही है.
नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाने में असफल अखिलेश
नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सही तर्कों व तथ्यों को सदन में रखने से ले कर सड़कों पर आम लोगों के बीच सरकार की गलत नीतियों को उजागर करने की होती है पर उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव भाजपा व योगी के आगे हथियार डाल चुके हैं. वे न तो सड़क पर हैं, न ही सदन में मजबूती से बात रख पाते हैं.
सुप्रीम फैसले से बदलेगी चुनाव आयुक्त की छवि
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन पर सुनाए फैसले से उम्मीद तो जगती है पर इस से चुनाव आयुक्त का पद और निष्पक्षता मजबूत होगी, कहना मुश्किल है क्योंकि सीबीआई चीफ की नियुक्ति भी पीएम, विपक्षी दल के नेता और सीजेआई का पैनल करता है. इस के बावजूद, सीबीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठते रहे हैं.
राजनीति के कोने में पड़े रहने वाले नगरनिगम ही महत्त्वपूर्ण
एक आम आदमी के लिए मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री उतने महत्त्वपूर्ण नहीं हैं जितना उस के क्षेत्र का पार्षद क्योंकि घर में यदि पानी नहीं आ रहा है या सीवर लाइन चोक है तो ऐसी समस्याओं का निस्तारण प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि वह पार्षद करेगा जिसे आप ने चुन कर निगम में बिठाया है.
"पति की मौत के बाद डिप्रेशन का शिकार हो गई थी मैं" शांती प्रिया
90 के दशक की मशहूर व सुंदर अभिनेत्री शांती प्रिया लंबे ब्रेक के बाद फिल्मों में वापसी करने जा रही हैं. वे आगामी फिल्म में सरोजिनी नायडू की भूमिका में नजर आएंगी. फिल्मों से दूरी बनाने के लंबे अंतराल में उन का जीवन कई उठापटकों से गुजरा जिस पर उन्होंने खुल कर बात की.
जब पत्नी करे परेशान
पतिपत्नी में जब कभी झगड़ा होता है तो यह मान लिया जाता है कि सारी गलती पति की ही होगी. कानून भी उसी अनुसार बनाए गए हैं जिन में पत्नियों की आवाज को ज्यादा सुना जाता है पर क्या हो जब कोई पत्नी पति को टौर्चर करे?