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पौधों का प्रवर्धन कैसे करें, पौधे तैयार करने की विधियाँ
पौधों के प्रवर्धन के लिए, बीजू पौधों को 2 से 3 माह के उपरान्त पहले से तैयार क्यारियों या गमलों में रोप देना चाहिए तथा पौधों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर रोपित करने की इस विधि में सिंचाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए।
कृषि व्यापार में फूड प्रोसैस्सिंग एवं किसान संगठन
फूड प्रोसैस्सिंग सैक्टर में मुख्य तौर पर कृषि उत्पादन के रखरखाव अथवा शीघ्र खराब होने वाले कृषि उत्पादों, फल-सब्जियों एवं दूध इत्यादि के भिन्न-भिन्न उद्देश्यों के लिए रखरखाव से संबंधित है। भारत में अधिकतर गैर संगठित फूड प्रोसैस्सिंग उद्योगों का दबदबा है। देश में लगभग 25 प्रतिशत उत्पादन संगठित, 42 प्रतिशत गैर संगठित एवं बाकी उत्पादन छोटे खिलाड़ियों से आता है।
बाजरा-सर्दियों का तोहफा और गुणों का खजाना
बाजरा भारत की धान, गेहूं और ज्वार के बाद चौथी मुख्य अनाज की फसल है। यह फसल ग्रेमिनी पादप कुल से सम्बन्ध रखती है।
संगरूर में भूजल प्रदूषण के बारे में रिर्पोट
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक पर्यावरण इंजीनियर और भवानीगढ़ के नायब तहसीलदार को लेकर एक गठित टीम ने अंग्रेजी के साथ-साथ पंजाबी भाषा भी में पांच ट्यूबवैलों पर 'पानी पीने लायक नहीं' के संकेत देने वाले डिस्प्ले बोर्ड लगाए हैं।
मोजैक वायरस से सोयाबीन पर संकट
शेट्टे कहते हैं कि एक एकड़ सोयाबीन की बुआई से लेकर कटाई तक लगभग 20 हजार रुपये का खर्च आता है, लेकिन अब इस खर्च की वसूली हो पाएगी या नहीं, यह डर किसान को सता रहा है।
बढ़ रहा नाइट्रोजन प्रदूषण एक बड़ी समस्या
लम्बे समय से कृषि आदि क्षेत्रों में होता नाइट्रोजन का उपयोग पहले ही ग्रह की सुरक्षित सीमाओं को पार कर गया है, लेकिन यह पहला मौका है जब वैज्ञानिकों ने क्षेत्रीय स्तर पर इसे मैप किया है।
जलवायु परिवर्तन के कृषि और खाद्य प्रणाली पर पड़ रहे प्रभावों पर विस्तार से चर्चा
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के पार्टियों के सम्मेलन (कॉप 27) में पहली बार जलवायु परिवर्तन के कृषि और खाद्य प्रणाली पर पड़ रहे प्रभावों पर विस्तार से चर्चा हुई।
वैज्ञानिकों ने विकसित की मक्के की दो नई किस्में
मक्के की खेती करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है।
एक आदर्श सोसायटी है लांबड़ा कांगड़ी सोसायटी
भारत में जो 120 वर्ष पूर्व जो सहकारी सोसायटियों का ख्वाब बुना गया था उसको सार्थक कर दिखाया है पंजाब के होशियारपुर की लांबड़ा कांगड़ी सोसायटी ने।
सहजन की वैज्ञानिक खेती तथा इसके गुण और उपयोग
सहजन का फूल फल और पत्तियों का भोजन के रूप में व्यवहार होता है। सहजन की छाल पत्ती बीज गोद जड़ आग से आयुर्वेदिक दवा तैयार किया जाता है जो लगभग 300 प्रकार की बीमारियों के इलाज में काम आता है सहजन के पौधे से गोदा निकालकर कपड़ा और कागज उद्योग के काम में व्यवहार किया जाता हैं।
मधुमक्खी पालन में मधुमक्खी वंशों की देखभाल
सर्दियों में मधुमक्खी की कॉलोनियां बड़ी शीघ्रता से संख्या बढ़ाती हैं। इसलिए फ्रेमों पर मोमीशीट लगाना अति आवश्यक है। यह मधुमक्खी के लिए बच्चे पैदा करने व शहद इकट्ठा करने का उपयुक्त समय है क्योंकि इस समय सरसों व राया की फसलों पर फूल खिलते हैं।
बरसीम : रबी मौसम की महत्वपूर्ण चारा फसल
दुधारू पशु को उसके शरीर के भार का 2.5 से 3.5 प्रतिशत भोजन की आवश्यकता होती है।
मशरूम खेती का व्यवसाय युवाओं की आजीविका सृजन गतिविधि के लिए वरदान
मशरूम स्वास्थ्य की दृष्टि से उत्तम, आर्थिक दृष्टि से लाभकारी तथा पर्यावरण की दृष्टि से अत्यंत लाभकारी है। मशरूम एक प्रकार का मशरूम है जिसमें हरे पत्ते नहीं होते इसलिए यह अपना खाना खुद नहीं बना पाता है। पर्याप्त पोषण के लिए, वे वर्षा ऋतु में जंगलों और चरागाहों में मृत कार्बनिक पदार्थों और अन्य कार्बनिक पदार्थों पर उगते हैं।
हरी खाद से भूमि का स्वास्थ्य कैसे सुधारें
हरी खाद - हरियाणा
सब्जी बगीचा निर्माण के आर्थिक लाभ
साग-सब्जियों का हमारे दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है विशेषकर शाकाहारियों के जीवन में शाक-सब्जी भोजन के ऐसे स्रोत हैं जो हमारे पोषक मूल्य को ही नहीं बढ़ाते बल्कि उसके बाद को भी बढ़ाते हैं।
खेती में आधुनिक तकनीकों की संभावनाएं
आधुनिक तकनीकें - उत्तरप्रदेश
गाजर की वैज्ञानिक खेती
बागवानी - उत्तरप्रदेश
धान फसल अवशेष का प्रबंधन
अवशेष प्रबंधन - हरियाणा
पॉलीहाऊस में खीरे की खेती
बागवानी - हिमाचल प्रदेश
पोल्ट्री फार्मिंग उभर रहा मुख्य व्यवसाय
आधुनिक समय में पोल्ट्री शब्द को एक बड़े स्तर पर लिया जाने लगा है। इस अधीन मुर्गी फार्म, टर्की, एमू इत्यादि का पालन पोषण भी किया जाने लगा है। मुख्य तौर पर पोल्ट्री में मुर्गी पालन इससे प्राप्त अंडे एवं मीट आते हैं। इसमें हमारा ध्यान पोल्ट्री के मौलिक उत्पादों, मुर्गी फार्म पर भी किया गया है।
"बीजों के रिवैलीडेशन की सीमा"
बीज उत्पादन - हरियाणा
सफेद बटन खुम्ब उत्पादकों को नवम्बर और दिसम्बर माह में विशेष ध्यान देने योग्य जानकारी
सहायक व्यवसाय - हरियाणा
गेहूँ में सिंचाई
सिंचाई प्रबंधन - हरियाणा
कागजी नींबू की उन्नतशील बागवानी
बागवानी - राजस्थान
फास्फोरस खाद के उपयोग को सुधारने की जरूरत
शोधकर्ताओं ने खेतों में फास्फोरस बजट की मात्रा निर्धारित करने वाला अपनी तरह का पहला अध्ययन जारी किया है। यह खाद्य उत्पादन तथा विभिन्न क्षेत्रों में पोषक तत्व प्रबंधन में कमी की पहचान करने में मदद करेगा।
कृषि में नाइट्रोजन प्रदूषण ने सुरक्षित सीमा को किया पार
कृषि में बढ़ता नाइट्रोजन और उसके कारण होता प्रदूषण, पर्यावरण के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके लिए कौन जिम्मेवार है। इस बारे में सामने आया है कि भारत, चीन और उत्तरपश्चिमी यूरोप के कुछ देश बहुत ज्यादा नाइट्रोजन उत्सर्जित कर रहे हैं, जो हमारी पृथ्वी के संतुलन के लिए ठीक नहीं है।
भारतीय विशेषज्ञों की ओर से कपास की जैविक किस्में विकसित
भारत कपास के उत्पादन के मामले में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश और प्रति वर्ष लगभग 6.00 मिलियन टन कपास का उत्पादन करता है जो विश्व कपास का लगभग 23 प्रतिशत है।
पशु चरागाह जलवायु परिवर्तन को कम कर सकते हैं
पहाड़ों की मिट्टी की ऊपरी परत के रूप में घास पर्यावरण के लिहाज से बहुत अहम होती है।
ड्रोन के इस्तेमाल से जीडीपी में होगी बढ़ोतरी
विमानन क्षेत्र दुनिया भर में सर्वाधिक विनियमन वाले क्षेत्रों में से एक है। मानव-रहित विमानन को बढ़ावा देने में भारत के साहसिक एवं सोचेसमझे हुए नजरिये को तमाम हितधारकों ने पसंद किया है।
अजवाइन की उन्नत खेती
खेत को भली-भांति घास, ढेले रहित करके साफ करना चाहिए। जमीन की 3-4 जुताई करके फसल लगाने लायक तैयार किया जाता है। ध्यान रहे कि खेत में सूखी घास, खरपतवार तथा अन्य पिछली फसल के अवशेष न रह पायें। इस प्रकार से खेत की मिट्टी बारीक करके पौधे लगाने हेतु तैयार करना चाहिए।