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“भारतीय संस्कारों ने दिलाया दुनिया में भारतवंशियों को सम्मान"
फिजी के उप प्रधानमंत्री प्रो. बिमान प्रसाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण की प्रगति के बारे में सुनते हैं तो उनकी आंखों की कोर गीली हो जाती हैं। कह उठते हैं- 'एक राम मंदिर फिजी में भी बनना चाहिए'। उनकी बातों में अपने पुरखों की माटी के प्रति कृतज्ञता और सम्मान का भाव है। हिन्दी के प्रति उनका स्नेह देखते ही बनता है। वे आगे बढ़ते भारत की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहते हैं कि आज दुनिया हर क्षेत्र में भारत की धाक मानती है। भारत के बढ़ते कदम उनके मन को सुकून देते हैं। अपनी भारत यात्रा के दौरान नई दिल्ली स्थित फिजी उच्चायोग में उप प्रधानमंत्री प्रो. बिमान प्रसाद ने पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर से फिजी-भारत संबंधों के विभिन्न पक्षों पर खुलकर बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश:
साहित्य, संस्कृति और डिजिटल तकनीक
साहित्यिक संस्थाएं प्रौद्योगिकी के प्रयोग के माध्यम से न सिर्फ अपनी पहुंच बढ़ा सकती है बल्कि आर्थिक अभावों का भी मुकाबला कर सकती हैं
बढे हमलों से दहशत में हिंदू
2022 में 66 हिंदू महिलाओं का रेप, 154 की हत्या, 333 को गोमांस खाने के लिए किया मजबूर हिंदू परिवारों की 8990 एकड़ जमीन जिहादियों ने हड़प ली तो 128 हिंदू मंदिरों में आग लगा दी गई
सत्य ही शिवत्व
प्रेम प्राणीमात्र को एकसूत्र में बांधने वाली शक्ति है, प्रेम का आधार शिवत्व ही है । शिवत्व अर्थात् कल्याण के उच्चतर स्तर पर उठना जहां दूसरा कोई शेष न रहे
सृष्टि को सहेजने की सीख देती है शिवपूजा
भगवान् शिव अपने संपूर्ण स्वरूप से जिस तरह समूची प्रकृति को रूपायित करते हैं, वह अपने आप में विलक्षण है। शिव की आराधना हमें प्रकृति को सहेजना सिखाती है
माटी का मोल
गढ़मुक्तेश्वर के पास ढाना देवली स्थित 'माटी कला केंद्र' के परिसर में आधुनिक मशीनों के माध्यम से मिट्टी के 30 से अधिक प्रकार के बर्तन बनाए जा रहे हैं। इससे जहां लगभग 500 परिवारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल रहा है, वहीं पर्यावरण की रक्षा भी हो रही
समस्या खड़ी करने में माहिर वामपंथी
वामपंथी एक अच्छे विषय को उपयोगिता की सीमा से परे ले जाकर वहां खड़ा हैं, वह समस्या बन जाता है। वे स्त्रियों के अधिकारों को परिवार की संरचना, मजदूरों के वेतन के विषय को उद्योगों और पर्यावरण के प्रश्न को आर्थिक प्रगति के विरुद्ध खड़ा कर देते हैं।
एकनिष्ठ भारतभक्ति ही सच्चा भारतीयकरण
आज जब ‘इंडिया फर्स्ट' और 'मेक इन इंडिया' का दौर चल रहा है, तब भारतीयकरण का मुद्दा प्रासंगिक हो जाता है। अप्रैल, 1970 में पाञ्चजन्य के भारतीयकरण विशेषांक के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तत्कालीन सरसंघचालक श्री गुरुजी का पाञ्चजन्य के तत्कालीन संपादक श्री देवेंद्र स्वरूप ने साक्षात्कार लिया था। प्रस्तुत है उस साक्षात्कार का संपादित अंश
सनातन धर्म योद्धा
छत्रपति शिवाजी जैसे आदर्श शासक और संगठक विश्व के इतिहास में दूसरे नहीं हैं। उन्होंने एक राजा के तौर पर निष्पक्ष शासन किया और राजकीय व्यवस्था एवं सेना खड़ी करने की उनकी क्षमता अद्भुत थी
समाज और स्वतंत्रता की जगाई अलख
आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती ने जहां एक ओर वेदों का प्रचार किया, वहीं दूसरी ओर स्वतंत्रता की लड़ाई में भी भाग लिया। यही कारण है कि उनके अनेक शिष्यों ने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया
भविष्य के भारत की राह
देश की अत्यंत महत्वाकांक्षी परियोजना नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (डीएमई) के पहले चरण - सोहना (हरियाणा) - दौसा (राजस्थान) सेक्शन - को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को देश को समर्पित करेंगे। इसमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के साथ पर्यावरण, स्थानीय विकास, रोजगार और भविष्य की कनेक्टिविटी का पूरा ध्यान रखा गया है। यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ यात्रा की अवधि को कम करेगा बल्कि लोगों को विभिन्न अवसरों, विकास और सपनों की नई उड़ान भी प्रदान करेगा
दरार पर वामपंथी दुष्प्रचार
भू-धंसाव को लेकर वामपंथियों ने दुष्प्रचार किया कि विकास योजनाओं के कारण जोशीमठ खतरे में आ गया है, लेकिन यह सच नहीं है
हाड़ौती ने बढ़ाई चिंता
रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से राजस्थान के हाड़ौती अंचल की भूमि में पोषक तत्वों की कमी हो गई है। इसका असर उत्पादन और फसल की गुणवत्ता पर ही नहीं, मनुष्यों पर भी पड़ेगा, जैविक खेती है इसका समाधान
पानी पर निर्णायक पहल
सिंधु जल संधि पर पाकिस्तान के अड़ियल रवैये पर भारत ने निर्णायक कदम उठाते हुए संधि के प्रावधानों के अनुरूप इसमें संशोधन की मांग की है। भारत का यह रुख अतीत के दबावपूर्ण माहौल में हुए समझौतों को न्यायसंगत बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है
बचा लीं बेटियां
असम में बाल विवाह की स्थितियां भयावह रही हैं और माना जाता था कि उन्हें सुधार पाना आसान नहीं है। कभी इसके लिए सामाजिक बातें की जाती थीं, तो कभी कानूनों में मौजूद कमियों का हवाला दिया जाता था। लेकिन इस बार हिमंता सरकार ने बाल विवाह के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही की है। जो बच्चियां दुलहन बनाई जा सकती थीं, अब उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं रह गई है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा उनके संरक्षक बनकर खड़े हो गए हैं
क्या वे वास्तव में बीजगणित के पिता थे ?
बगदाद के गणितज्ञ अल ख्वारिज्मी ने भारतीय मनीषियों के काम को आधार बनाकर हिंदू अंकों को दुनिया तक पहुंचाया, हालांकि अल ख्वारिज्मी द्वारा प्रस्तुत किए जाने से उन्हें हिंदू-अरबी अंक कहा जाने लगा
ध्रुवीकरण के खतरे
ब्राजील में अक्तूबर माह में हुए राष्ट्रपति चुनाव में लुला दा सिल्वा की जीत के बाद देश दो खेमों में बंटा। पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो के समर्थकों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगा सत्ता के तीन प्रमुख केंद्रों पर कब्जा कर लिया, जिन्हें खाली कराने के लिए सैन्य कार्रवाई करनी पड़ी
चीन की चीन द्वारा चीन के लिए
नेपाल में शेर बहादुर देउबा को झटका देकर पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नाटकीय ढंग से सरकार तो बनाई ही, संसद में 'प्रचंड' बहुमत भी साबित कर दिखाया। नई गठबंधन सरकार चीन के अनुकूल होने के चलते तेजी से अपने एजेंडे पर काम करना शुरू भी कर चुकी है
माफी नहीं मांगने पर मिली फांसी
अंग्रेजी फौज को लेकर जा रही रेलगाड़ी को उड़ाने के आरोप में हेमू कालाणी को 10 वर्ष की सजा हुई थी, लेकिन बाद में एक अंग्रेज अधिकारी ने उन्हें मौत की सजा दे दी
पाञ्चजन्य का महानाद
पाञ्चजन्य का अर्थ पञ्चजनों यानी समाज के सभी वर्गों का उद्धार करने वाला है। वेदों में पाञ्चजन्य का पद इसी संदर्भ में लिया गया है
सौर-रश्मियों का मंगल पर्व
लोक संस्कृति के विविध पक्षों को अपने में संजोये मकर संक्रान्ति का पर्व भारत की सामाजिक व सांस्कृतिक चेतना को आध्यात्मिक भावना एवं साधना से जोड़ता है। वर्तमान क्षणों में यह संदेश युग- आह्वान भी है कि यदि प्राणवान संस्कृति प्रेमी संकल्पबद्ध होकर नदी संरक्षण व पर्यावरण प्रदूषण को दूर करने की मुहिम में जुटेंगे तभी सौर-रश्मियों के क्रांतिकारी उत्कर्ष से भरे मंगल पर्व मकर संक्रान्ति का गौरव एवं गरिमा कायम रह सकेगी
काशी और तमिलनाडु का नेह बंधन
वाराणसी में ‘काशी-तमिल संगमम्' का अनूठा कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस संगमम् ने भारतवासियों को यह स्पष्ट संदेश दिया कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक भारत सदियों से सांस्कृतिक रूप से एक है
हम बना रहे हैं दुनिया के लिए
भारत न केवल दुनिया का प्रमुख दवा उत्पादक देश बन गया है, बल्कि मोबाइल उत्पादक देश के तौर पर भी उभरा है। इसके अलावा देश कार और रक्षा क्षेत्र से जुड़े उपकरणों और हथियारों का भी उत्पादन और निर्यात करा
अब मुंडारी और संथाली में रामायण
मुंडारी और संथाली झारखंड के जनजातीय समाज की दो प्रमुख भाषाएं हैं। इन दोनों भाषाओं में रामायण का अनुवाद हो रहा है। यही नहीं, निकट भविष्य में महाभारत का संथाली संस्करण भी आने वाला है
फिर जीवंत हुई परम्परा
तमिलनाडु में धर्म और संस्कृति के प्रतीक जल्लीकट्टू के आयोजन पर जब सर्वोच्च न्यायालय ने प्रतिबंध लगाया, तब हिंदू समाज ने व्यापक आंदोलन किया। अंततः राज्य सरकार को पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक पारित कर 'जल्लीकट्टू' के आयोजन के लिए नया रास्ता निकालना पड़ा
धरती क्यों दरकी!
धार्मिक नगरी जोशीमठ आज संकट से घिरी है। यही हाल नैनीताल का भी होने का भय है। पता चला है कि उत्तरकाशी में भी कुछ जगहों पर भू-धंसाव हो रहा है। पहाड़ क्यों रूठ रहे हैं और धरती क्यों दरक रही है? इसके कारण और निदान, दोनों की चिंता करनी होगी
कोहिमा की राह पर कोडरमा !
देखते-देखते पूरा नागालैंड ईसाई-बहुल हो गया। आज उसकी राजधानी कोहिमा में चर्च ही चर्च दिखते हैं। झारखंड में भी ईसाई मिशनरी के लोग लोभ-लालच, छल-कपट और यहां तक कि डर दिखाकर हिंदुओं को ईसाई बना रहे हैं। कोडरमा की घटना से हिन्दू समाज अत्यंत चिन्तित है
मीडिया की देखादेखी!
एक ओर सर्वोच्च न्यायालय हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर कब्जा जमाने वाले मुसलमानों के प्रति नरमी दिखाता है, दूसरी ओर हिंदुओं से जुड़े ऐसे ही मामले में कठोर बन जाता है। हल्द्वानी मामले में शीर्ष अदालत का रवैया सेकुलर मीडिया से अलग नहीं है
अंध कूप में पाकिस्तान!
पाकिस्तान पर रहम करना तो दूर, विश्व में कोई देश उसे गंभीरता से लेने के लिए भी तैयार नहीं है, जबकि उसकी स्थिति बहुत गंभीर हो चुकी है। उसकी अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, सेना उस पर बोझ बनी हुई है और तमाम देनदारियां सिर पर हैं। पाकिस्तान का यह हश्र समकालीन इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है
सत्य, सरोकार और संस्कृति
पाञ्चजन्य का निर्भीक स्वर लोगों को आकर्षित करता रहा तो इससे सरकार की भौहें भी तनती रहीं। 1959 में कम्युनिस्ट चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा और दलाईलामा के निष्कासन के समय पाञ्चजन्य ने नेहरू की अदूरदर्शिता और चीन-नीति की तथ्यात्मक आलोचना की।