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शक्ति की आराधना का पर्व है नवरात्र
रात्रि रूपा यतो देवी दिवा रूपो महेश्वरः रात्रि व्रतमिदं देवी सर्वपाप प्रणाशनम्
ऊर्जा प्रदायिनी आद्याशक्ति
नवरात्र का पर्व व्यक्ति के भीतर स्थित आसुरी शक्ति (काम, क्रोध, असत्य, अहंकार आदि) को नष्ट कर दैवीय सम्पदा के तत्त्वों का प्रार्दुभाव करता है।
नवरात्र पर कुमारी भोजन से पूर्व करें कढ़ाई पूजा
कढ़ाई पूजन एक ऐसी ही परम्परा है, जो आंचलिक भिन्नता के आधार पर अलग-अलग रूपों में प्रचलित रही है। कहीं यह बहुत संक्षेप में है, तो कहीं इसके साथ अन्य अनुष्ठान भी होते हैं।
हनूमान् जयन्ती पर करें भयनाशक हनुमत्स्तोत्र
इस स्तोत्र का प्रतिदिन तीन बार पाठ करने का विधान है, परन्तु दो बार भी कर लेना पर्याप्त है। इसे हनूमान् जयन्ती से आरम्भ करते हुए वर्ष पर्यन्त करना है। कुछ ही माहों में आप स्वयं के आत्मविश्वास में वृद्धि देखेंगे।
हनूमान् जी की जन्मपत्रिका और उसमें विद्यमान प्रमुख योग
लग्नेश उच्च राशिस्थ ग्रह से देखा जाए, तो मरुत्वेग नाम का योग बनता है। इस योग के प्रभाव से जातक वायुवेग के समान शीघ्रगमन करने वाला और अत्यधिक कल्पनाशील होता है।
क्यों कहा जाता है सुन्दरकाण्ड को 'सुन्दरकाण्ड'
महाभारत का विराट् पर्व सर्वश्रेष्ठ है, उसी प्रकार रामायण में सुन्दरकाण्ड सर्वश्रेष्ठ काण्ड है। सुन्दरकाण्ड में राम सुन्दर हैं, कथाएँ सुन्दर हैं, सीता सुन्दर हैं, सुन्दर में क्या सुन्दर नहीं है?
बासन्तीय नवरात्र पर विशेष - नवरात्र में 'जयन्ती' की महिमा और उसका प्रयोग
जयन्ती घर में सुख-समृद्धि एवं लक्ष्मीका सूचक मानी जाती है। सामान्यत: जयन्ती हरे रंग की होती है, परन्तु कभी-कभी श्वेत जयन्ती भी निकल आती है।
शिव-शक्ति के महामिलन का दिवस है महाशिवरात्रि
शिव का अर्थ है 'कल्याणकारी'। सृष्टि के कल्याण के लिए ही समुद्र मन्थन से उत्पन्न विष को अपने कण्ठ में उतारा और 'नीलकण्ठ' बन गए। शिव का जो कल्याण करने का भाव है, वही 'शिवत्व' कहलाता है। 'शिवोहम्' का उद्घोष वही व्यक्ति कर सकता है, जो स्वयं के भीतर इस शिवत्व को धारण कर लेता है। उसे अपने आचारव्यवहार में उतार लेता है। महाशिवरात्रि पर शिव की उपासना तभी सार्थक होती है, जब हम दूसरों के कल्याण के लिए विष पीने को भी उद्यत हो जाएँ। इसी तरह हम शिवत्व प्राप्त कर सकते हैं।
सफलता के लिए तिथि के अनुसार करें अपने कार्य
सेना सम्बन्धी कार्य, मुकदमेबाजी जैसे अदालती कार्य निबटाना, वाहन खरीदना, कलात्मक कार्यों जैसे विद्या, गायन-वादन, नृत्य आदि के लिए विशेष शुभ होती हैं।
स्वामी दयानन्द का बोधोत्सव दिवस है शिवरात्रि
आज समस्त आर्य जगत् महाशिवरात्रि को ‘महर्षि दयानन्द बोधोत्सव' के रूप में मनाता आ रहा है।
ऊँट पर बैठे आदमी को कैसे कुत्ता काट लेता है?
जानें हस्तरेखा विश्लेषण से
वास्तुनुरूप उत्तरामुखी भवन पर विशेष समीक्षा
महाशिवरात्रि पर विशेष
जन्मपत्रिका से जानें मकान प्राप्ति के योग
रोटी, कपड़ा और मकान इन तीन चीजों को जीवन-यापन की मूलभूत आवश्यकता माना जाता है। हम अपनी कमाई से रोटी की व्यवस्था करते हैं, कपड़ों की भी व्यवस्था करते हैं, लेकिन एक अपना मकान बनाना अधिक समय और लागत माँगता है।
शिवोपासना की महिमा
सृष्टि के प्रारम्भ में फाल्गुन त्रयोदशी (कृष्ण पक्ष की) तिथि को मध्यरात्रि में भगवान् शिव का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था। शिवरात्रि के दिन व्रत एवं उपवास रखकर शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित करने चाहिए।
शिवरात्रि का वास्तविक मर्म
महाशिवरात्रि पर विशेष
रात्रिजागरण एवं चार प्रहर पजा
08 मार्च, 2024 (शुक्रवार)
होलिका दहन का शास्त्रीय विधान
गीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा है अर्जुन! जो कुछ करते हो, जो कुछ खाते हो, अग्नि के अर्पण करते हो, दान देते हो, तपस्या करते हो, उसे मेरे अर्पण करते हुए करो।
श्रीदुर्गासप्तशती : एक रहस्य
श्रीदुर्गासप्तशती के 700 श्लोक रूपी सीढ़ियाँ ब्रह्म की शक्ति भगवती चण्डिका के पास पहुँचने के माध्यम हैं। श्रीदुर्गासप्तशती के तीनों चरित्रों के विनियोग से ही इस विषय का स्पष्ट आभास होता है।
सरवाड़ (केकड़ी) का वीणाधारिणी मूर्ति फलक
सभ्यता के उदय से ही मातृशक्ति की पूजा किसी न किसी रूप में प्रचलित रही है। सभ्यता के आरम्भ से ही मातृदेवी के रूप में मूर्त संकल्पना मानवीय एवं प्रतीक दोनों रूपों में मिलती है।
अनूठा है गजकेसरी योग
यदि गुरु और चन्द्रमा की युति होती है, तो जातक तेज दिमाग वाला, तुरन्त निर्णय लेने वाला, धार्मिक, परोपकारी तथा स्वयं के बल पर सफलता प्राप्त करने वाला होता है।
बाँसवाड़ा की सरस्वती प्रतिमाएँ
बाँसवाड़ा जिले में तलवाड़ा ग्राम में स्थित माँ त्रिपुर सुन्दरी मन्दिर।
विलक्षण सन्त श्री रामकृष्ण परमहंस
‘महाशय! क्या आपने ईश्वर को देखा है?' तब महान् साधक रामकृष्ण ने उत्तर दिया, ‘हाँ देखा है। जिस प्रकार तुम्हें देख रहा हूँ, ठीक उसी प्रकार, बल्कि उससे कहीं अधिक स्पष्टता से।'
भारतीय गणितज्ञ भास्कराचार्य
यह सत्य है कि विज्ञान की अन्य शाखाओं की भाँति गणित विज्ञान में भी भारतीय गणितज्ञों के काफी शोध कार्य किए जाते हैं। यह भी निर्विवाद सत्य है कि विज्ञान की उन्नति मुख्यत: गणित पर ही निर्भर है। प्राचीन काल से ही भारतीय गणितज्ञों ने अंक विज्ञान में काफी प्रगति की है। भास्काराचार्य का नाम उनमें से एक है।
गजलक्ष्मी रूपी स्त्री प्राप्ति के योग
यदि चतुर्थ भाव में वृषभ राशि हो और उसमें चन्द्रमा स्थित हो तथा दशम अथवा अष्टम स्थान में गुरु स्थित हो, तो ऐसे योग वाली स्त्री विवाह होकर जिस परिवार में जाती है, उसके अशुभ फलों को नष्ट करके घर को शुभता से भर देती है।
घर में पानी का सही स्थान बनेगा भाग्योदय में सहायक
उत्तर–पूर्व (NE) में ओवरहैड वाटर टैंक नहीं होना चाहिए, क्योंकि यदि आपके घर में इस तरह की व्यवस्था है, तो इससे आपका ईशान कोण भारी हो जाएगा, जो वास्तु की दृष्टि से उचित नहीं है।
महर्षि अरविन्द जन्मपत्रिका विश्लेषण
महर्षि अरविन्द की भारत की महान् आध्यात्मिक विभूतियों में गणना होती है। उनका ओरोविले आश्रम आस्था का एक केन्द्र बन चुका है। न केवल गीता, उपनिषद् एवं योग पर उनके व्याख्यान, वरन् उनकी कविताएँ भी लोगों को आकृष्ट करती हैं।
ज्योतिष के कतिपय प्राकृत भाषायी ग्रन्थ
इस ग्रन्थ को कूष्माण्डिनी देवी से प्राप्त कर धरसेन आचार्य ने पुष्पदन्त एवं भूतबलि नामक अपने शिष्यों के लिए लिखा था। इस ग्रन्थ में 800 गाथाएँ हैं।
भाग्य से जगमगाते अमीरी के सितारे
लग्नेश-कर्मेश और भाग्येश का सम्बन्ध बन रहा हो और ये उच्च के होकर कर्म स्थान, भाग्य स्थान अथवा लग्न स्थान, इनमें से किन्हीं दो को अपनी दृष्टि से देख रहे हों, तो जातक समय आने पर प्रसिद्धि और धन प्राप्त करता है।
श्री जगन्नाथ मन्दिर हैरिटेज कॉरिडोर नए स्वरूप में तैयार है पुरी का जगन्नाथ मन्दिर!
लीजिए, अब पुरी का जगन्नाथ मन्दिर भी अपने नए स्वरूप में तैयार हो चुका है। 17 जनवरी, 2024 को श्री जगन्नाथ मन्दिर हैरिटेज कॉरिडोर का उद्घाटन ओडीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक एवं गजपति महाराजा दिव्यसिंह देव ने किया।
आइए चलें...महातीर्थ खजुराहो
खजुराहो में केवल एक मन्दिर नहीं है। वहाँ 25 मन्दिर हैं।