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!['सबकी तृप्ति में अपनी तृप्ति' दीपोत्सव मनाने की गुरुप्यारों की अनोखी है युक्ति 'सबकी तृप्ति में अपनी तृप्ति' दीपोत्सव मनाने की गुरुप्यारों की अनोखी है युक्ति](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/842526/stEyhHuHf1642849174097/crp_1642853679.jpg)
'सबकी तृप्ति में अपनी तृप्ति' दीपोत्सव मनाने की गुरुप्यारों की अनोखी है युक्ति
तुम्हारे जीवन में जो भी श्रेय है, जो भी अच्छा है वह बाँटने के लिए है।
मैं जिंदा हूँ तो केवल पूज्य बापूजी की वजह से !
सन् २००१ की बात है। मेरा प्लाइवुड का धंधा अच्छा चल रहा था लेकिन ज्यादा मुनाफे के लालच में मैं 'फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर' का काम करने लगा । उसमें मुझे बहुत घाटा सहना पड़ा और मेरे ऊपर डेढ़-दो करोड़ रुपये का कर्जा हो गया । पैसे समय पर न लौटाने के कारण मेरे ऊपर २२ केस हो गये । कई जगहों पर तो कोर्ट ने अरेस्ट वारंट तक निकाल दिये थे । जेल जाने की नौबत आ गयी थी। आखिर कोई रास्ता न निकलता देख परेशान होकर मैंने आत्महत्या करने का र निर्णय ले लिया।
![...तो समझ लेना चाहिए कि मोह प्रबल है ...तो समझ लेना चाहिए कि मोह प्रबल है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/818271/SjiKj_HLF1640261710419/crp_1640262662.jpg)
...तो समझ लेना चाहिए कि मोह प्रबल है
मोह (अज्ञान) सारी व्याधियों का मूल है, इससे भव का शूल उत्पन्न होता है।
तुलसी के एक पत्ते पर बिक गये भगवान
जहाँ अपनापन होता है वहाँ प्रीति होती है अतः भगवान को अपना मानो।
भक्तों की सुनते पुकार, सर्वांतर्यामी हैं मेरे करतार !
'पूज्य बापूजी के प्रेरक जीवन-प्रसंग' गतांक से आगे
बापूजी के साथ अन्याय हो रहा है, उनकी जल्द-से-जल्द रिहाई होनी चाहिए
अगर समाज में भाईचारा लाना है तो ब्रह्मवेत्ता संतों के ही प्रभाव-प्रसाद की जरूरत है।
समता और लगन का महत्त्व
समता ऊँचा ब्रह्मास्त्र है। दूसरे कोर्स के बजाय समताप्राप्ति का कोर्स करो, यह सर्वश्रेष्ठ कोर्स है।
सुप्रचार का एक तरीका यह भी...
जो ईमानदारी से गुरुसेवा करते हैं उनमें गुरु-तत्त्व का बल, बुद्धि, प्रसन्नता आ जाती है।
अभेद दृष्टि लायें, चिंतन अनन्य बनायें
अपने को खोजोगे तो एक (परमात्मा) से दिल बँध जायेगा।
क्या है मूल समस्या व उसके समाधान में 'तुलसी पूजन दिवस' का योगदान
सत्यस्वरूप परमात्मा का पता न होना और संसार सच्चा लगना - यही सबसे बड़ी भूलभुलैया है।
तब हमें पता चलेगा कि उत्तरायण कितना मूल्यवान पर्व है !
दुराचार, अश्रद्धा या अहंकार ऐसा दुर्गुण है कि उससे सब योग्यताएँ नष्ट हो जाती हैं।
![यह जिनके हाथ लगी उनका जीवन चमक उठा यह जिनके हाथ लगी उनका जीवन चमक उठा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/791568/BK-A8yBkM1637067520462/crp_1637068230.jpg)
यह जिनके हाथ लगी उनका जीवन चमक उठा
आप अपना अपमान नहीं चाहते हैं तो दूसरों का अपमान करने से पहले विचार करिये ।
![हर हृदय में ईश्वर हैं फिर भी दीनता-दरिद्रता क्यों? हर हृदय में ईश्वर हैं फिर भी दीनता-दरिद्रता क्यों?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/791568/ZjD0uqKb-1637067353346/crp_1637068232.jpg)
हर हृदय में ईश्वर हैं फिर भी दीनता-दरिद्रता क्यों?
भगवान के भजन से भगवान के ऐश्वर्य के साथ आपका चित्त एकाकार होता है।
![जीवन को परमात्म-रस से भरे, जीने की कला सिखाये : गीता जीवन को परमात्म-रस से भरे, जीने की कला सिखाये : गीता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/791568/sU79N0Qe81637067711515/crp_1637068232.jpg)
जीवन को परमात्म-रस से भरे, जीने की कला सिखाये : गीता
आत्मा का रस जीव को आत्मा-परमात्मा से जोड़ देता है।
![जीवन की सारी समस्याओं का हल : गुरु-समर्पण जीवन की सारी समस्याओं का हल : गुरु-समर्पण](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/791568/rYYEOdpJN1637066785487/crp_1637068228.jpg)
जीवन की सारी समस्याओं का हल : गुरु-समर्पण
भगवान और सद्गुरु के अधीन होना यह सारी अधीनताओं को मिटाने की कुंजी है।
![बालक गृहपति की एकनिष्ठता बालक गृहपति की एकनिष्ठता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/773140/PIIra_0Mp1635417982737/crp_1635418485.jpg)
बालक गृहपति की एकनिष्ठता
जिसके जीवन में संयम, व्रत, एकाग्रता और इष्ट के प्रति दृढ़ निष्ठा है, उसके जीवन में असम्भव कुछ नहीं है।
![दीपोत्सव पर आत्मज्योति जगाओ ! दीपोत्सव पर आत्मज्योति जगाओ !](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/773140/ek-bmJUZp1635417685819/crp_1635418484.jpg)
दीपोत्सव पर आत्मज्योति जगाओ !
भ्राजं गच्छ। हे पराक्रमशाली मानव ! तू प्रकाश को, आत्मज्योति को प्राप्त कर।' (यजुर्वेद : ४.१७)
![बापू आशारामजी को जल्द-से-जल्द छोड़ा जाना चाहिए बापू आशारामजी को जल्द-से-जल्द छोड़ा जाना चाहिए](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/746151/4cLU_VUJW1631794361728/crp_1631794697.jpg)
बापू आशारामजी को जल्द-से-जल्द छोड़ा जाना चाहिए
ब्रह्मवेत्ता संत के दैवी कार्य में सच्चे हृदय से लग जाना ही उनकी सेवा है।
![कर्जदार से बना दिया २ फैक्ट्रियों का मालिक कर्जदार से बना दिया २ फैक्ट्रियों का मालिक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/746151/7yY0ASzgd1631793181001/crp_1631794686.jpg)
कर्जदार से बना दिया २ फैक्ट्रियों का मालिक
समदर्शी संतों के दैवी कार्य में भागीदार होने से ईश्वर के वैभव में भी आप लोग भागीदार हो जायेंगे।
![श्राद्धकर्म व उसके पीछे के सूक्ष्म रहस्य श्राद्धकर्म व उसके पीछे के सूक्ष्म रहस्य](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/746151/OvGhG-m9w1631793408427/crp_1631794691.jpg)
श्राद्धकर्म व उसके पीछे के सूक्ष्म रहस्य
जिसने दूसरों के हृदय में छिपे हुए उस मालिक को संतुष्ट किया है, उसके मन में पवित्र विचार उत्पन्न होते हैं।
![श्रीकृष्ण के जीवन से सीखें कृष्ण-तत्त्व उभारने की कला श्रीकृष्ण के जीवन से सीखें कृष्ण-तत्त्व उभारने की कला](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/718831/OvxZ28LMM1628686755941/crp_1628687260.jpg)
श्रीकृष्ण के जीवन से सीखें कृष्ण-तत्त्व उभारने की कला
जो सच्चे प्रेमरस (भगवत्प्रेम-रस) को समझे बिना संसार में प्रेम खोजते हैं वे दुःखी हो जाते हैं।
![इस प्रकार से रक्षाबंधन मनाना है कल्याणकारी इस प्रकार से रक्षाबंधन मनाना है कल्याणकारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/718831/cIXkQQvHR1628686602118/crp_1628687259.jpg)
इस प्रकार से रक्षाबंधन मनाना है कल्याणकारी
परमात्मा के सिवाय कोई भी चीज मिलती है तो वह छूट जाती है।
![कष्ट-मुसीबतों को पैरों तले कुचलने की कला कष्ट-मुसीबतों को पैरों तले कुचलने की कला](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/718831/s788_-fsd1628686293504/crp_1628686681.jpg)
कष्ट-मुसीबतों को पैरों तले कुचलने की कला
दुःख उससे दुःखी होकर मरने की चीज नहीं है, दुःख तो पैरों तले कुचलने की चीज है।
![स्वास्थ्यवर्धक एवं उत्तम पथ्यकर ‘परवल' स्वास्थ्यवर्धक एवं उत्तम पथ्यकर ‘परवल'](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/718831/EHlfujDjd1628686121990/crp_1628687264.jpg)
स्वास्थ्यवर्धक एवं उत्तम पथ्यकर ‘परवल'
ज्ञान की भूख लगे तो ब्रह्मज्ञानी के टूटे-फूटे शब्द भी ज्ञान बन जाते हैं।
![खून की कमी (रक्ताल्पता) कैसे दूर करें? खून की कमी (रक्ताल्पता) कैसे दूर करें?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/702047/IXebcio1h1627303477958/crp_1627304533.jpg)
खून की कमी (रक्ताल्पता) कैसे दूर करें?
आत्मलाभ की बराबरी ब्रह्मांड में और कोई लाभ नहीं कर सकता है।
![ऋषि प्रसाद सेवाधारियों को पूज्य बापूजी का अनमोल प्रसाद- इस प्रसाद के आगे करोड़ रुपये की भी कीमत नहीं ऋषि प्रसाद सेवाधारियों को पूज्य बापूजी का अनमोल प्रसाद- इस प्रसाद के आगे करोड़ रुपये की भी कीमत नहीं](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/702047/Ueam-zOrk1627302812582/crp_1627304531.jpg)
ऋषि प्रसाद सेवाधारियों को पूज्य बापूजी का अनमोल प्रसाद- इस प्रसाद के आगे करोड़ रुपये की भी कीमत नहीं
ईश्वर ने हमको क्रियाशक्ति दी है तो ऐसे कर्म करें कि कर्म के बंधनों से छूट जायें।
![आशारामजी बापू के साथ अन्याय कब तक ? संत-समाज आशारामजी बापू के साथ अन्याय कब तक ? संत-समाज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/702047/w4XNiFWNA1627303108368/crp_1627304529.jpg)
आशारामजी बापू के साथ अन्याय कब तक ? संत-समाज
महान आत्मा तो वे हैं जो महान परमात्मा में ही शांत व आनंदित रहते हैं, परितृप्त रहते हैं।
![मृतक की सच्ची सेवा मृतक की सच्ची सेवा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/702047/YDNBaY1Ca1627304002088/crp_1627304534.jpg)
मृतक की सच्ची सेवा
दुनिया के लोग चाहे कुछ भी कहें लेकिन दुःखी होना या न होना यह आपके हाथ की बात है।
![परिस्थितियों के असर से रहें बेअसर परिस्थितियों के असर से रहें बेअसर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/682351/DdjjZ9kgz1624273136675/crp_1624274567.jpg)
परिस्थितियों के असर से रहें बेअसर
जब तक परिस्थितियों में सत्यबुद्धि रहेगी तब तक सच्चे जीवन के दर्शन नहीं हो सकते।
![आत्मबल कैसे जगायें ? आत्मबल कैसे जगायें ?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/682351/Umh0B0Cil1624273312228/crp_1624274565.jpg)
आत्मबल कैसे जगायें ?
पृथ्वी का राज्य मिल जाय लेकिन आत्मराज्य का पता नहीं मिलता है तो उस राज्य को लात मारो।