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![सत्संग परम औषध है सत्संग परम औषध है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/682351/KZzT_olMP1624272884947/crp_1624274568.jpg)
सत्संग परम औषध है
जब तक जीवन में सत्संग नहीं मिला तब तक मिथ्या का संग होगा।
![एकादशी को चावल खाना वर्जित क्यों ? एकादशी को चावल खाना वर्जित क्यों ?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/682351/98DqIWGo11624274222693/crp_1624274566.jpg)
एकादशी को चावल खाना वर्जित क्यों ?
असाधन से बचनेमात्र से आप साधन के फल को बिल्कुल यूँ पायेंगे!
![स्वास्थ्यरक्षक दैवी उपाय स्वास्थ्यरक्षक दैवी उपाय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/682351/G1TIMzQDQ1624273538990/crp_1624274570.jpg)
स्वास्थ्यरक्षक दैवी उपाय
हम जब ईश्वर की शरण जाते हैं तो तन और मन की थकान मिट जाती है।
![महान-से-महान बना देता है सत्संग महान-से-महान बना देता है सत्संग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/654695/4-doYdryh1620716895271/crp_1620717577.jpg)
महान-से-महान बना देता है सत्संग
सत्संग (सत्यस्वरूप परमात्मा का संग) एक बार हो जाय तो फिर उसका वियोग नहीं होता।
![गुरुकुल शिक्षा-पद्धति की आवश्यकता क्यों ? गुरुकुल शिक्षा-पद्धति की आवश्यकता क्यों ?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/654695/MAZ7D8wfu1620717447560/crp_1620717576.jpg)
गुरुकुल शिक्षा-पद्धति की आवश्यकता क्यों ?
सत्संग अपने-आप नहीं होता, करना पड़ता है । कुसंग अपने-आप हो जाता है।
![केवल नारियों की निंदा का आरोप झूठा है केवल नारियों की निंदा का आरोप झूठा है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/654695/93xfSxOTA1620717088273/crp_1620717575.jpg)
केवल नारियों की निंदा का आरोप झूठा है
विकारी सुखों को जब तक भोगा नहीं तब तक आकर्षक लगते हैं और भोगो तो पछताना ही पड़ता है।
![शास्त्रानुकूल आचरण का फल क्या ? शास्त्रानुकूल आचरण का फल क्या ?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/654695/VJZMegP461620716724662/crp_1620717578.jpg)
शास्त्रानुकूल आचरण का फल क्या ?
वैराग्यप्रधान व्यक्ति इसी जन्म में अपने आत्मा को जान लेता है।
![अपने जन्मदिन व महापुरुषों के अवतरण दिवस पर क्या करें ? अपने जन्मदिन व महापुरुषों के अवतरण दिवस पर क्या करें ?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/634697/h1b4bguU11617797299385/crp_1617799642.jpg)
अपने जन्मदिन व महापुरुषों के अवतरण दिवस पर क्या करें ?
आत्मा-परमात्मा का साक्षात्कार सभी बड़प्पनों की पराकाष्ठा है।
![देश-विदेश में गूंजी आवाज 'निर्दोष बापूजी को रिहा करो! देश-विदेश में गूंजी आवाज 'निर्दोष बापूजी को रिहा करो!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/634697/uYdLmVQEb1617797093817/crp_1617799643.jpg)
देश-विदेश में गूंजी आवाज 'निर्दोष बापूजी को रिहा करो!
आत्मबोध होने के लिए ब्रह्मवेत्ता सद्गुरु का सान्निध्य नितांत जरूरी है।
![बालक के चरित्र ने पिता को किया विस्मित बालक के चरित्र ने पिता को किया विस्मित](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/634697/ij3792XrI1617797922458/crp_1617799644.jpg)
बालक के चरित्र ने पिता को किया विस्मित
परमात्मा में विश्रांति पाने से मन-बुद्धि में विलक्षण लक्षण प्रकट होने लगते हैं।
![ध्यान में उपयोगी महत्त्वपूर्ण १२ योग ध्यान में उपयोगी महत्त्वपूर्ण १२ योग](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/618516/6pVQCwyzu1615529362731/crp_1615532814.jpg)
ध्यान में उपयोगी महत्त्वपूर्ण १२ योग
परमात्म-ध्यान के पुण्य के सामने बाहर के तीर्थ का पुण्य नन्हा हो जाता है।
![गुरुकुल शिक्षा-पद्धति की आवश्यकता क्यों ? गुरुकुल शिक्षा-पद्धति की आवश्यकता क्यों ?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/618516/VI3i68nyQ1615529060935/crp_1615529751.jpg)
गुरुकुल शिक्षा-पद्धति की आवश्यकता क्यों ?
गुरु की आज्ञा पालना यह बंधन नहीं है, सारे बंधनों से मुक्त करनेवाला उपहार है।
![ऐसे ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष की महिमा वर्णनातीत है ! ऐसे ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष की महिमा वर्णनातीत है !](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/618516/mt-EPpIsv1615528655762/crp_1615529750.jpg)
ऐसे ब्रह्मनिष्ठ महापुरुष की महिमा वर्णनातीत है !
आत्मा-परमात्मा का साक्षात्कार सभी बड़प्पनों की पराकाष्ठा है।
![आप आत्मशिव को जगाओ आप आत्मशिव को जगाओ](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/601823/u-yrBjkNb1612865638357/crp_1612866925.jpg)
आप आत्मशिव को जगाओ
हे जीवात्मा! तुम चैतन्य हो, अमर हो । अपने को जानकर मुक्त हो जाना तुम्हारा कर्तव्य है ।
![नारी का सम्मान व अपमान कब ? नारी का सम्मान व अपमान कब ?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/601823/dl5aaZYnE1612866507043/crp_1612866927.jpg)
नारी का सम्मान व अपमान कब ?
बड़े-में-बड़ा पाप है शरीर को मैं मानना ।
![विद्यार्थी संस्कार...तो जो भी काम तुम करोगे उसमें सफलता मिलेगी विद्यार्थी संस्कार...तो जो भी काम तुम करोगे उसमें सफलता मिलेगी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/601823/qdxmVSSbz1612866335326/crp_1612866926.jpg)
विद्यार्थी संस्कार...तो जो भी काम तुम करोगे उसमें सफलता मिलेगी
जो व्यक्ति ईश्वर के रास्ते चलता है वह धैर्य न छोड़े तो पहुँच जायेगा।
![विश्वमाता है श्रीमद्भगवद्गीता विश्वमाता है श्रीमद्भगवद्गीता](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/587838/2WyX3snxi1610522814985/crp_1610523895.jpg)
विश्वमाता है श्रीमद्भगवद्गीता
जिसके चित्त में समता होती है, उसके जीवन की कीमत होती है।
![यह है संसार की पोल ! यह है संसार की पोल !](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/587838/OwGerN-t91610521089943/crp_1610523894.jpg)
यह है संसार की पोल !
संसारी चीज में कहीं भी प्रीति की, आसक्ति की तो फँसना है।
![...तो ३३ करोड़ देवता भी हो जायें नतमस्तक! ...तो ३३ करोड़ देवता भी हो जायें नतमस्तक!](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/587838/glzkZpdv61610523429751/crp_1610523891.jpg)
...तो ३३ करोड़ देवता भी हो जायें नतमस्तक!
जो सदा प्राप्त है वह कभी हमें छोड़ता नहीं और जो प्रतीत होता है वह सदा हमारे पास टिक नहीं सकता।
![भाइयों ने मुख मोड़ा लेकिन भगवान का चिंतन न छोड़ा भाइयों ने मुख मोड़ा लेकिन भगवान का चिंतन न छोड़ा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/587838/hdqz5iaFW1610522468910/crp_1610523892.jpg)
भाइयों ने मुख मोड़ा लेकिन भगवान का चिंतन न छोड़ा
सत्यस्वरूप परमात्मा को पाने की जिज्ञासा तीव्र हो गयी तो समझो आपके भाग्य में चार चाँद लग गये।
![सेवा का रहस्य सेवा का रहस्य](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/587838/1ZavUZivw1610523130345/crp_1610523896.jpg)
सेवा का रहस्य
अपनी वासना मिटाने के लिए जो करते हो वह सेवा है।
![तुम भी बन सकते हो अपनी २१ पीढ़ियों के उद्धारक तुम भी बन सकते हो अपनी २१ पीढ़ियों के उद्धारक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/572272/W0tru1cyb1607943292343/crp_1607944303.jpg)
तुम भी बन सकते हो अपनी २१ पीढ़ियों के उद्धारक
प्राचीन काल की बात है। नर्मदा नदी जहाँ से निकलती है वहाँ अमरकंटक क्षेत्र में सोमशर्मा नामक एक ब्राह्मण रहता था। उसकी पत्नी का नाम था सुमना । सुमना के पुत्र का नाम था सुव्रत । सुव्रत जिस गुरुकुल में पढ़ता था वहाँ के कुछ शिक्षक, आचार्य ऐसे पवित्रात्मा थे कि वे उसे ऐहिक विद्या पढ़ाने के साथ योगविद्या और भगवान की भक्ति की बातें भी सुनाते थे।
![तुम्हारे जीवन की संक्रांति का भी यही लक्ष्य होना चाहिए तुम्हारे जीवन की संक्रांति का भी यही लक्ष्य होना चाहिए](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/572272/j7y6yhQ301607942204396/crp_1607944304.jpg)
तुम्हारे जीवन की संक्रांति का भी यही लक्ष्य होना चाहिए
जब तक सर्व दुःखों की निवृत्ति एवं परमानंद की प्राप्ति का लक्ष्य नहीं है तब तक राग-द्वेष की निवृत्ति नहीं होती।
![तुलसी-पूजन से होती सुख-समृद्धि व आध्यात्मिक उन्नति तुलसी-पूजन से होती सुख-समृद्धि व आध्यात्मिक उन्नति](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/572272/SIL4R6Z--1607943960098/crp_1607944305.jpg)
तुलसी-पूजन से होती सुख-समृद्धि व आध्यात्मिक उन्नति
अच्छी बात जो ठान लें उसको पूरा करें और बुरी बात को निकालने की ठान लें, आपकी आत्मशक्ति बढ़ जायेगी।
![बल एवं पुष्टि वर्धक तिल बल एवं पुष्टि वर्धक तिल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/572272/dV5cYFQcB1607943488918/crp_1607944306.jpg)
बल एवं पुष्टि वर्धक तिल
सत्संग का अमृत पीने से व्यक्ति संयमी और योगी बनता है।
![हर संबंध से बड़ा है गुरु-शिष्य का संबंध हर संबंध से बड़ा है गुरु-शिष्य का संबंध](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/572272/8D8LiXhY31607942591633/crp_1607943331.jpg)
हर संबंध से बड़ा है गुरु-शिष्य का संबंध
जो सुख के दाता हैं उनका नाम है सद्गुरु'।
![चंचल मन से कैसे पायें अचल पद ? चंचल मन से कैसे पायें अचल पद ?](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/555156/mj1WAPOSv1605598695041/crp_1605604734.jpg)
चंचल मन से कैसे पायें अचल पद ?
नित्य की स्मृति अगर नित्य रहे तो परमात्मप्राप्ति सुलभ हो जाती है।
![मेरे गुरुदेव की महिमा अवर्णनीय है मेरे गुरुदेव की महिमा अवर्णनीय है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/555156/QlB-CTM0C1605599508705/crp_1605604738.jpg)
मेरे गुरुदेव की महिमा अवर्णनीय है
अपने आत्मा-परमात्मा के साथ नाता जोड़ने की सहायता जो पुरुष देते हैं, वे चिरआदरणीय होते हैं।
![ध्यान की जितनी प्रगाढ़ता उतना लाभ ध्यान की जितनी प्रगाढ़ता उतना लाभ](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/555156/Z-Vf28xlM1605604209813/crp_1605604737.jpg)
ध्यान की जितनी प्रगाढ़ता उतना लाभ
बार-बार ध्यान-समाधि का सुख भोगने से व्यक्ति विकारों के सुख से ऊपर उठ जाता है।
![ऐसा इंटरव्यू जो न कभी देखा न सुना ऐसा इंटरव्यू जो न कभी देखा न सुना](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/6486/555156/Os94oKdaP1605603668114/crp_1605604733.jpg)
ऐसा इंटरव्यू जो न कभी देखा न सुना
अपनी योग्यता विकसित करने के लिए अपने को तत्परता से कार्य करना चाहिए।