India Today Hindi - January 01, 2025
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In this issue
Highlights of India Today Hindi 1st January 2025 edition:
Nirnayak Pal Jinhone Desh Ko Prerit Kiya
Since 1975, when India Today English was founded, it has accompanied more than a couple of generations of Indians along a tumultuous and exciting journey for the greater part of our country’s history as an independent nation. Now, on the cusp of our 50th year in print, you’ll understand the impulse to look back with a range of emotions. The nostalgia goes without saying, but in compiling this special selection of 50 ‘turning points’ in the back pages of India and India today, we have focused on events and episodes that caught our collective imagination or national sentiment. They range from civic milestones like the Right to Information Act of 2005 to fanciful beauty pageant victories of 1994.
Business
Relianced IPO, 1977
Equity Ka Aaya Samrat
With his novel idea of raising funds from the public in the late ’70s, Dhirubhai Ambani awoke the sleeping giant that was India’s capital market, giving the ordinary investor a chance to own a small piece of big business and be part of an equity revolution
Infrastructure
Metro Rail
Shahri Safar Ki Badli Surat
From Calcutta’s pioneering start to Delhi’s technological leap, India’s metro systems have changed the way its urban citizenry travels
Defence and Space
AGNI-I, 1989
Aasmaan Me Agnikawach
In 1989, the launch of its first intermediate-range ballistic missile, Agni, elevated India into an elite club. Agni-I laid the foundation of the country’s emergence as a regional superpower
Sports
Cricket World Cup, 1983
Jeet Ki Soch Jab Hui Saakar
Yes, even that was not there when Kapil Dev, himself only 24, led a bunch of devil-may-care no-hopers right up to the summit of world cricket. For India, it was the equivalent of the Moon Landing—except unplanned and unimagined. What changed after that? Everything.
निर्णायक पल
जिनसे देश को प्रेरणा मिली
3 mins
जनता की कार का जलवा
देश में कार खरीदने को नितांत लोकतांत्रिक बनाने वाली इस छोटी-सी कार ने भारत के ऑटोमोटिव उद्योग का चेहरा बदल दिया
3 mins
और फिर टूट गईं बेड़ियां
1990 में भारत आर्थिक रूप से ढहने के कगार पर था, विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो चला था और कर्ज का बोझ बढ़ गया था. अगले साल नरसिंह राव सरकार ने वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के साथ परिवर्तनकारी सुधारों की शुरुआत करते हुए संरक्षणवाद खत्म किया और अर्थव्यवस्था को नया आकार दिया
3 mins
बाइट से बिलियन तक
आउटसोर्सिंग और इनोवेशन में दुनिया का अगुआ बनने के लिए दूरदर्शी नीतियों, पथप्रदर्शक कंपनियों और वाइ2 के अवसरों का लाभ उठाकर भारतीय आइटी उद्योग 1991 में 10 करोड़ डॉलर के नौसिखुआ से आज 250 अरब डॉलर का साम्राज्य बन गया
2 mins
दुनिया भर का सप्लायर
भारत का दवा उद्योग जो कभी विदेशी फर्मों पर निर्भर था, आज उसका वैश्विक दबदबा है. जेनेरिक, बायोफार्मा में सफलताओं और नवाचार के बल पर उसने भारत की हैसियत विश्व की फार्मेसी के रूप में मजबूत की
3 mins
बिना तामझाम की उड़ान
वर्ष 2003 में एयर डेक्कन ने यह मिथ तोड़ दिया कि सिर्फ आभिजात्य लोग ही हवाई जहाज में बैठ सकते हैं. बिना सुख-सुविधा वाली सेवाओं और बेहद कम दाम वाली इस हवाई सेवा ने भारतीय विमानन उद्योग को बदलकर रख दिया जिससे बजट एयरलाइंस सेवा क्षेत्र को तेजी से प्रोत्साहन मिला
3 mins
शहरी सफर की बदली सूरत
कोलकाता में शुरुआत से लेकर दिल्ली में तकनीकी छलांग तक, भारत की मेट्रो प्रणाली ने शहर में आवाजाही, टिकाऊपन और प्रगति के एक नए युग की शुरुआत की
2 mins
चलते-फिरते फोन का जलवा
भारत की पहली मोबाइल कॉल ने 1995 में एक ऐसे सफर की शुरुआत की जिसने पूरे देश में संचार, अर्थव्यवस्था और सामाजिक गतिविधियों को पूरी तरह से एक नई परिभाषा दे दी
3 mins
सुपरफास्ट सफलता
1988 में शुरू की गई शताब्दी एक्सप्रेस ने रफ्तार और आराम दोनों के मेल के साथ भारतीय रेल यात्रा को नई परिभाषा दी. इसी ने फिर वदे भारत एक्सप्रेस जैसे आधुनिक नवाचारों की नींव रखी
3 mins
चारों कोने जोडने का बड़ा कदम
एक साहसिक दृष्टिकोण वास्तविकता में बदल गया. स्वर्णिम चतुर्भुज का स्थायी प्रभाव अभूतपूर्व ढंग से देश के राजमार्गों को आकार देकर आर्थिक विकास को गति दे रहा
2 mins
चिनगारी से निकली क्रांति
यह सामाजिक न्याय और शायद राजनैतिक फायदा उठाने की मंशा से शुरू हुआ और फिर अपने आप में एक बड़ा मुद्दा बन गया. उससे जाति आधारित राजनीति के दौर का आगाज हुआ और नौकरियों तथा शिक्षा में आरक्षण के लिए विभिन्न जातियों और समुदायों के बीच होड़ मचने लगी
3 mins
जिसने देश की आत्मा को झकझोर डाला
एक युवा फिजियोथैरेपी इंटर्न के साथ राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर हुए वीभत्स सामूहिक बलात्कार पर भड़के लोगों का गुस्सा इतना जबरदस्त था कि नीति-निर्माताओं के पास बलात्कार और सजा पर देश के मौजूदा कानूनों को बदलने और उन्हें ज्यादा सख्त बनाने के सिवा कोई चारा न था
2 mins
दोस्तों को प्यार की आजादी
अभी छह साल पहले ही देश की अदालतों ने एलजीबीटीक्यू समुदाय के पक्ष में फैसला सुनाया कि वे जिससे चाहें प्यार करने के लिए स्वतंत्र हैं, यह कोई अपराध नहीं. लेकिन बुनियादी अधिकारों को हासिल करने के साथ-साथ सामाजिक कलंक से मुक्ति पाने की उनकी लड़ाई अभी जारी
2 mins
कार्यस्थल पर स्त्री की सुरक्षा
एक महिला की इंसाफ की लड़ाई पूरे देश की स्त्रियों की लड़ाई बन गई. उसी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न को महिलाओं के साथ भेदभाव माना और उससे निबटने के लिए विशाखा दिशा-निर्देश जारी किए
3 mins
सुनवाई के हक के लिए
जनहित याचिका या पीआइएल वरदान की तरह आई. इसने साधनहीन लोगों के लिए अदालत के दरवाजे खोले, सामाजिक सुधार और सरकारी जवाबदेही के ताकतवर औजार की तरह विकसित हुई. लेकिन इसके दुरुपयोग की मिसालें भी सामने आईं, जिस पर अदालत ने फौरन संज्ञान लिया
3 mins
अजन्मी बेटियों को बचाने की मुहिम
देश ने प्रसवपूर्व लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध लगाकर कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने की दिशा में पहला कदम उठाया. उसके बाद तो कई अन्य मोर्चों पर जंग शुरू हुई, जिसमें लड़कियों की पढ़ाई-लिखाई के अधिकार की लड़ाई भी शामिल
2 mins
आसमान में अग्निकवच
भारत 1989 में मध्यम दूरी की अपनी पहली बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करके कुलीन देशों के क्लब में शामिल हो गया. अग्नि-I ने क्षेत्रीय महाशक्ति के रूप में भारत के उभरने की बुनियाद रखी
2 mins
टटीं भारत की एटमी बेड़ियां
भारत-अमेरिका एटमी समझौते के जरिए अमेरिका ने एटमी टेक्नोलॉजी के पहरेदार देशों के साथ अपनी गोलबंदी तोड़कर भारत को वैश्विक एटमी व्यापार में दाखिल करवाया. इसने वाशिंगटन के साथ ज्यादा मजबूत रणनीतिक रिश्तों का रास्ता भी साफ किया
3 mins
तीसरा सिरा तिकड़ी का
पेचीदा सैन्य टेक्नोलॉजी में स्वदेशी महारत की विजयपताका फहराते हुए आइएनएस अरिहंत भारत की एटमी तिकड़ी को पूर्णता प्रदान करती है. इसके अलावा यह चीन के आक्रामक सैन्य विस्तार के दौर में भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत बनाती है
2 mins
अंतरिक्ष में ऊंची उड़ान
भारत 1980 में एसएलवी-3 को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजने के साथ उस विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया जो उपग्रह प्रक्षेपण यान बनाने में सक्षम था. इसने भारत के अंतरिक्ष की एक ताकत बनकर उभरने का रास्ता खोला और इसके साथ ही हमारे सौर मंडल की बेहद गहराई तक खोज करने की यात्रा शुरू हुई
3 mins
हौसले की चोटी सियाचिन
सियाचिन ग्लेशियर पर भारतीय सेना की 1984 की साहसिक कार्रवाई एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. इसने किसी भी स्थिति में राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए तत्पर रहने का जज्बा पैदा किया, जो करगिल जंग और 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट हवाई हमले में साफ तौर पर नजर भी आई
3 mins
एटमी शक्तिसंपन्न बिरादरी में दाखिला
भारत ने 1998 में ऑपरेशन शक्ति के तहत पोकरण में एटमी परीक्षणों को अंजाम देकर खुद को एक आधुनिक एटमी हथियार संपन्न देश घोषित कर दिया. इसके बाद सामरिक बलों के गठन, एक एटमी पनडुब्बी हासिल करने और असैन्य एटमी सौदों के साथ भारत निरंतर आगे बढ़ता गया
2 mins
चांद से आगे के खोजी
भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की हमारी भूख को तीव्र कर दिया. चंद्रयान 1 ने 2008 में उसे हकीकत में बदला और शानदार कामयाबियों का सिलसिला शुरू हुआ
3 mins
अंतिम छोर वाले को अधिकार
बुनियादी स्तर पर शासन को सशक्त बनाते हुए 1992 में भारतीय संविधान में 73वें और 74वें संशोधन ने लोकतंत्र को फिर से परिभाषित किया, जिससे स्थानीय स्वशासन और समावेशिता की शुरुआत हुई
3 mins
जन-गण-मन का धन
पीएमजेडीवाई के दस वर्षों ने लाखों लोगों के लिए वित्तीय पहुंच के मायने बदलकर रख दिए. इसने उन्हें पैसे बचाने, निवेश करने और कर्ज लेने के लिहाज से सशक्त बनाया, साथ ही आर्थिक और सामाजिक बदलाव को बढ़ावा दिया
2 mins
बताने को मजबूर हुए बाबू
जमीनी स्तर पर संघर्ष से जन्मे इस ऐतिहासिक कानून ने भारत में लाखों लोगों के हाथों में सूचना का हथियार थमाकर गवर्नेस को न सिर्फ बदल दिया, बल्कि अधिकारों की जवाबदेही भी तय करने में बड़ी भूमिका निभाई
3 mins
हमारी पहचान का एक अनूठा अभियान
दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक आइडी प्रणाली 'आधार' ने कल्याणकारी डिलीवरी को सुव्यवस्थित कर वित्तीय समावेशन और सुरक्षा को बढ़ावा दिया
3 mins
टैक्स अराजकता पर काबू
जीएसटी ने अनुपालन को सुव्यवस्थित कर राजस्व को बढ़ाया और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देकर अहम बदलाव किया
3 mins
जब मौन बन गया उद्घोष
एक पनबिजली परियोजना के विरोध में पर्यावरणविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवियों और पत्रकारों ने मिलकर जन जागरुकता अभियान चलाया और भारत के अब बचीखुची उष्णकटिबंधीय वर्षावनों में से एक, केरल की साइलेंट वैली को बचाने में कामयाब रहे।
2 mins
जंगल की संतानें
पेड़ों को गले लगाने की सीधी-सादी सामूहिक पहल ने हिमालय के बचे हुए जंगलों की रक्षा की. भारत और दुनिया के दूसरे देशों के नीति निर्माताओं तथा पर्यावरण अभियानों के लिए यह प्रकाश स्तंभ का काम कर रहा
2 mins
एक वायरस के खिलाफ उठ खड़ा हुआ देश
यह बच्चों को स्थायी विकलांगता का शिकार बनाने वाली एक खतरनाक बीमारी थी. भारत ने सरकार, गैर सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों के सदस्यों की ओर से निरंतर और ठोस प्रयास के माध्यम से पोलियो उन्मूलन के असंभव से दिखते लक्ष्य को हासिल कर दिखाया
2 mins
जब स्वच्छता बन गया एक आंदोलन
सामूहिक शर्म से लेकर राष्ट्रीय गौरव तक, खुले में शौच का चलन खत्म करने के देश के सफर में मजबूत सियासी इच्छाशक्ति और नेतृत्व के साथ-साथ समुदाय, कॉर्पोरेट और सेलेब्रिटी के मिलकर काम करने की दास्तान शामिल
2 mins
जीत की सोच जब हुई साकार
निश्चित तौर पर, उस समय तक किसी ने इसकी कल्पना भी नहीं की थी, जब खुद महज 24 वर्ष के रहे कपिल देव ने कई बिंदास और बेपरवाह खिलाड़ियों की टीम को विश्व क्रिकेट के शिखर तक पहुंचाया. भारत के लिए यह उपलब्धि चांद पर उतरने से कम नहीं थी. बस यह बिना किसी योजना के और अकल्पनीय थी. इसके बाद क्या बदला? सबकुछ.
3 mins
दस हजारी शतक वीर
वे अपने उत्तराधिकारी सचिन की तरह ही धूम मचा सकते थे, पर मुश्किल से ही उन्होंने ऐसा किया. आमतौर पर उनका ढंग परंपरागत रहा, सलीकेदार और संपूर्ण
2 mins
आनंद की विरासत
विश्वनाथन आनंद अचानक ही सामने आए और दुनिया फतह कर ली. गुकेश के साथ 2024 में भारत को मिली उपलब्धि उसी विरासत का हिस्सा है
3 mins
प्रकाश स्तंभ
यह विंबलडन के बराबर था. और पादुकोण की जीत दूरगामी असर डालने वाली घटना थी. भारतीय माता-पिता ने अपने बच्चों के लिए कीर्ति की नई राह खुलते देखी - और नई पीढ़ी स्मैश लगाने के वास्ते खुलकर सामने आई
2 mins
एक सटीक निशाने ने बदली सूरत
चेहरे पर संन्यासियों जैसा संयम और शिकारी की तरह लक्ष्य पर टिकी आंखें. अभिनव बिंद्रा को इसी की जरूरत थी, क्योंकि उन्हें अपने अचूक निशाने से भारतीय मानस पर छाई गहरी उदासीनता को निकाल फेंकना जो था
2 mins
जिस लीग ने बनाई नई लीक
लगातार पड़ते छक्के, स्टैंड में बॉलीवुड सितारों और नामी कॉर्पोरेट हस्तियों और सत्ता- रसूखदारों की चकाचौंध, खूबसूरत बालाओं के दुमके - आइपीएल ने भद्रलोक के इस खेल को रेव पार्टी सरीखा बना डाला, जहां हर किसी की चांदी ही चांदी है
2 mins
पर्दे पर जादू का जन्म
पहले भी फिल्में हिट हुईं, लेकिन शोले देश के सामूहिक मानस पर बंदूक से निकली गोली की तरह असर कर गई. ऐसा पहले नहीं देखा गया कि कोई फिल्म नई लोक संस्कृति का बायस बने. उसके बाद तो जैसे एक के बाद एक ब्लॉकबस्टर फिल्मों का दौर ही शुरू हो गया
4 mins
छोटा पर्दा बड़ा बना
भारतीय टेलीविजन अस्सी के दशक में नीरस बेरंग बक्से से लुभावनी किस्सागोई के भरे-पूरे रंगों में बदल गया. उधर बहुत सारे चैनलों की क्रांति धमाके के साथ घटित होने का इंतजार कर रही थी
2 mins
डिस्को का देसी अंदाज
घर हो या कोई भी नुक्कड़-चौराहा, हर तरफ फिल्मी गानों की बादशाहत कायम थी. उसके अलावा जैसे कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता था. तभी भारतीय ब्रिटिश गायकसंगीतकार बिट्टू ने हमें नाजिया से रू-ब-रू कराया, जिनकी आवाज ने भारतीयों को दीवाना बना दिया. सच में लोग डिस्को के दीवाने हो गए. इसके साथ एक पूरी शैली ने जन्म लिया
4 mins
रोशन हुआ भारत
भारत महोत्सव हमारे 'सॉफ्ट पावर' का प्रतीक बना. इसने दुनिया को न केवल हमारी कला और सौंदर्यशास्त्र से परिचित कराया बल्कि हमारे घरेलू उत्पादों को नए ब्रांड के तौर पर पेश करने में भी यह मददगार साबित हुआ
2 mins
कमाल करती हिंदुस्तानी कूची
भारतीय कला परिदृश्य के लिए 1990 के दशक का आर्थिक उदारीकरण किसी प्राणवायु से कम नहीं रहा, जिसने हर तरफ इसकी जगमगाहट फैला दी. आज स्थापित कलाकारों की कलाकृतियां आम तौर पर बहुत ज्यादा कीमत पर बिकती हैं
2 mins
छलकने लगे मस्ती भरे दिन
यूबी की किंगफिशर ने 1990 के दशक में बीयर को कूल बना दिया. तब से घरेलू अल्कोहल उद्योग के जोशीले दिन कभी थमे नहीं
3 mins
कागज पर महादेश की मिट्टी
रुश्दी ने राह रोशन की पर अंग्रेजी में भारतीय लेखन ने अपनी स्वतंत्र पहचान बीते कुछ दशकों में बनाई, जब अनूदित भारतीय कथा साहित्य ने बहुत हाल में दुनिया का ध्यान खींचा और शोहरत हासिल की
2 mins
तंदूरी नाइट्स
आइटीसी के बुखारा और दम पुख्त ने दुनिया को तंदूरी व्यंजनों की तरफ मोड़ा और फूड ऐंड बेवरेज इंडस्ट्री पर जबरदस्त असर डाला. दशकों बीत चुके हैं मगर आज भी दिल्ली आने वाली मशहूर हस्तियां और राष्ट्र प्रमुख इनके लिए वक्त जरूर निकालते हैं
2 mins
खरीदारी का मॉडर्न ठिकाना
शॉपिंग मॉल भारत में '90 के दशक की ऐसी अनूठी घटना है जिसने भारतीय मध्य वर्ग की खरीद के तौर-तरीकों को बदल दिया. 'खरीदारी के साथ-साथ मनोरंजन' केंद्र होने की वजह से वे अब कामयाब हैं. वहां हर किसी के लिए कुछ न कुछ है
3 mins
मोक्ष का रजनीशी मार्ग
भारतीय धर्मगुरुओं में से किसी की भी पश्चिमी जनमानस पर उतनी व्यापक पकड़ नहीं रही जितनी 'ओशो' रजनीश की थी. शायद वे उद्यम खड़े कर लेने वाले आज के गुरुओं के भी रोल मॉडल हैं
3 mins
सीधे जन्नत का सफर
पर्यटन के विज्ञापन अभियानों में 'गॉड्स ओन कंट्री' सुनहरा मानदंड है. इसने केरल को अंतरराष्ट्रीय शीर्ष 10 पर्यटक स्थलों में जगह दिलवाई, जहां पर्यटन अब राज्य के जीडीपी में 12 फीसद का योगदान दे रहा
3 mins
खूबसूरत काया का जलवा
भारत की खूबसूरत बालाएं और वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिताएं, लगता है नब्बे के दशक से एक-दूसरे के लिए ही बनी हैं. और यह सिर्फ किस्मत की बात नहीं. खिताब जीतने वाली कई सुंदरियों ने बाद में इसके सहारे अपने करियर को बुलंदियों पर पहुंचाया
3 mins
थम गई धड़कन की थाप
ज़ाकिर हुसैन आवाजाही के हरेक तजुर्बे की लय उठाते और अपनी तालों में शामिल कर लेते. उनके लय चक्र में केवल खुशी, खिलखिलाहट और थपथपाहटें झलकतीं...ऐसा था ज़ाकिर की उंगलियों का जादू
3 mins
चांदनी ओढ़े एक रेगिस्तान
सर्दियों के मौसम में कच्छ के रण में 100 दिन तक आयोजित होने वाला रण उत्सव नमक, संस्कृति और सितारों से जगमगाती भव्यता का एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला कैनवस है
7 mins
लीक से हटकर
मध्य प्रदेश में जंगली सैर से लेकर लद्दाख में पश्मीना के इतिहास को जानने तक, हमने कुछ खास यात्रा अनुभवों की सूची तैयार की है जो आपको एक अनदेखे भारत के करीब ले जाएंगे
4 mins
एकला चलो
अभिनेत्री निमरत कौर, जिन्हें आखिरी बार थ्रिलर, सजनी शिंदे का वायरल वीडियो में देखा गया था, सफर से जुड़े अपने तजुर्बे पर
1 min
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Category: News
Language: Hindi
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