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लखीमपुर खीरी घटना से घटेगा बीजेपी का ग्राफ?
तराई के सात जिलों और आसपास के जिलों के कुछ हिस्सों में, किसानों की हत्या और दोषियों को दंडित करने में ढिलाई से आने वाले यूपी विधानसभा चुनावों में भाजपा की संभावनाओं में सेंध लगने की आशंका पैदा हो गई है.
होगी बहुकोणीय टक्कर
उत्तर प्रदेश का विधानसमा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है और देशभर की निगाहें अभी से वहां की राजनीतिक हलचल पर टिकी है. हालांकि चुनाव फरवरी में होने हैं लेकिन बिसात बिछनी शुरु हो गई है. अभी तक ऐसे ना तो कोई संकेत मिले हैं और ना ही कोई राजनीतिक पहल ही दिख रही है जिससे लगे कि विधानसभा चुनाव के पूर्व कोई गाबंधन होने वाला है ऐसे में सूबे में बहुकोणीय चुनावी टक्कर होने की संभावना बलवती हो चली है.
विश्व शांति को सही परिप्रेक्ष्य में समझें
विश्व शांति दिवस प्रत्येक वर्ष '21 सितम्बर' को मनाया जाता है. मुख्य रूप से पूरी पृथ्वी पर शांति और अहिंसा स्थापित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता है. आज जबकि दुनिया में अशांति, युद्ध एवं हिंसा की स्थितियां परिव्याप्त है.
हाईवे पर एयर फोर्स का रनवे
हाल ही में बाड़मेर में हाईवे पर एयरफोर्स के रनवे का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया है, पाकिस्तान की सीमा से सिर्फ 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नेशनल हाईवे 925 ए पर उतरते भारतीय लड़ाकू विमान देखकर पाकिस्तान का कलेजा कांप गया होगा, क्योंकि जब हाईवे ही रनवे का काम करते हैं तो निश्चित ही दुश्मन थर्राते हैं. हाईवे वाले रनवे पर उतरे सुपर हरक्यूलिस विमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सवार थे. जालोर की हाईवे वाली इस हवाई पट्टी की कई विशेषताएं हैं और भारत के लिए इसका खास महत्व है. ये हवाई पट्टी भारत पाकिस्तान बॉर्डर के नजदीक है. इसे इमरजेंसी ऑपरेशन में इस्तेमाल किया जा सकता है. भारत के पश्चिमी सेक्टर में ये सेना के लिए एक बड़ा रणनीतिक बूस्टर है. युद्ध की स्थिति में इसे बैकअप रनवे की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. फाइटर जेट्स को बहुत ही कम समय की नोटिस पर ऑपरेशन के लिए तैयार किया जा सकता है और दुश्मन पर स्ट्राइक करने के लिए भी ये बहुत मददगार है.
भवानीपुर में भी नजारा नंदीग्राम जैसा!
पश्चिम बंगाल में भवानीपुर विधानसभा सीट ममता बनर्जी के लिए करीब करीब वैसी ही है, जैसी यूपी की अमेठी संसदीय सीट राहुल गांधी के लिए 2019 के आम चुनाव से पहले तक रही होगी.
दौरे का दौर
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन कई अर्थों में महत्वपूर्ण रहा. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में भारत की दृष्टि और भूमिका को तो सामने रखा ही, यह भी स्पष्ट कर दिया कि लोकतंत्र ही बेहतर भविष्य का आधार हो सकता है. भारत में लोकतंत्र की ठोस नींव है, जिसका एक सिरा अतीत से जुड़ता है, तो दूसरा सिरा वर्तमान को परिभाषित कर रहा है.
आर्थिक असमानता की चौड़ी होती खाई
हाल ही में सरकार द्वारा प्रस्तुत अखिल भारतीय ऋण एवं निवेश सर्वेक्षण-2019 की रिपोर्ट ने एक बार फिर देश में लगातार बढ़ती आर्थिक असमानता की ओर ध्यान खींचा है. रिपोर्ट से पता चलता है कि देश के 10 फीसदी अमीरों के पास शहरी क्षेत्र में 55.7 फीसदी संपत्ति है, जबकि शीर्ष 10 फीसदी ग्रामीण आबादी के पास करीब 132 लाख करोड़ रुपए की संपत्ति है.
अब भाजपा के निशाने पर रायबरेली !
उत्तर प्रदेश में तीन दशक से ज्यादा समय से सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस प्रियंका गांधी के चेहरे के सहारे सूबे में वापसी का सपना संजो रही है.
ऊर्जा का भविष्य ग्रीन हाइड्रोजन ऊर्जा
हाईड्रोजन-एक रंगहीन, गंधहीन गैस है, जो पर्यावरणीय प्रदूषण से मुक्त भविष्य की ऊर्जा के रूप में देखी जा रही है. वाहनों तथा बिजली उत्पादन क्षेत्र में इसके नये प्रयोग पाये गये हैं. भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन ने अपनी मथुरा रिफाइनरी में देश का पहला 'ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट बनाने की घोषणा कर दी है. इस कदम का उद्देश्य भविष्य में तेल और ऊर्जा के स्वच्छ रूपों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयार करना है. कंपनी प्रायोगिक आधार पर कई हाइड्रोजन उत्पादन इकाइयां स्थापित करने की योजना भी बना रही है.
सभी बेटियों के लिए प्रेरणास्रोत है अवनि का गोल्डन सफर
टोक्यो पैरालम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों ने कमाल का प्रदर्शन किया और सबसे बड़ा कारनामा कर दिखाया भारत की पैरा शूटर अवनि लखेरा ने, जो 5 सितम्बर को पैरालम्पिक के समापन समारोह में भारतीय ध्वजवाहक बनी.
भारतीय रक्षा क्षेत्र को मजबूत करेगी चैफ तकनीक
रक्षा क्षेत्र ने देश में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन यानी कि डीआरडीओ एक ऐसी एंटी रडार तकनीक विकसित कर रहा है, जिसके जरिए लड़ाकू विमानों को मिसाइल के हमलों से बचाया जा सकेगा.
बीजेपी का वोट बैंक भी मजबूत करेंगे उसके चुनाव प्रभारी
भाजपा सूत्रों का कहना है कि अब चुनाव लड़ना और जितना इतना आसान नहीं रह गया है. पूरा चुनाव हाईटक हो गया है. इसी लिए शीर्ष नेतृत्व को लगता है कि चुनाव जीतने के कई स्तरों पर रणनीति बनाना जरूरी है. साथ ही साथ एक ऐसी समिति भी रहेगी, जो किसी प्रोजेक्ट, किसी राजनीतिक प्रतिक्रिया आदि पर भी तत्काल निर्णय लेने में सक्षम होगी. प्रधान और ठाकुर चुनाव प्रभार देख ही रहे है.
भाजपा के हिंदुत्व की धार कुंद करने में जुटी सपा-बसपा
योगी राज में जिस तरह से अपराधियों का एनकांउटर हो रहा है,उसमें कुछ अपराधियों को ब्राह्मण बता कर बीएसपी और सपा अपराध में भी जातीय एंगिल तलाश करके इसमें भी सियास करने में लगी है. खासकर,बसपा इस मामले में कुछ ज्यादा ही उतावली दिखाई दे रही है. वह जिन अपराधियों की मुठभेड़ में मौत को अदालत तक 'सही ठहरा दिया है, उस मुठभेड़ को भी हत्या बताकर योगी सरकार पर हमलावर है. यह सब इस लिए किया जा रहा है ताकि 2007 की तरह 2022 में भी ब्राह्मणों के सहारे बीएसपी सत्ता की सीढ़ियां चढ़ सके.
तख्त-ए-तालिबान
केवल अफगानिस्तान ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया दहशतजदा है. भले ही तालिबान अपने बदलने की राग अलाप रहे हैं लेकिन भरोसा काफूर है. दक्षिण एशिया एक बार फिर अस्थिर होने की कगार पर आ खड़ा हुआ है. एक तबका इन सारे हालात के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहरा रहा है, लेकिन वास्तव में अब कई विश्वशक्तियों के लिए अफगानिस्तान प्रयोगस्थली व निजी हित साधने का मैदान बन गया है. अगर कोई सबसे ज्यादा निरीह है तो वह हैं अफगानी आवाम...
पोषण से ही बचपन भरेगा उड़ान
बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उचित पोषण आहार बेहद जरूरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय प्रयास कर रहा है कि सभी लोगों को उचित पोषण मिले और स्वस्थ भारत का निर्माण हो. इसके लिए पिछले वर्ष से सितंबर को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है.
जिन्ना ने क्यों नहीं रुकवाया कत्लेआम
पाकिस्तान के निर्भीक इतिहासकार प्रो. इश्ताक अहमद ने अपनी शानदार किताब 'पंजाब बल्डिड पार्टीशन' में लिखा है, हालांकि गांधी जी और कांग्रेस के बाकी तमाम नेता दंगों को रूकवाने की हर चंद कोशिश कर रहे थे, पर जिन्ना ने इस तरह का कोई कदम उठाने की कभी आवश्यकता तक महसूस नहीं की.
अनजान बुखार का मासूमों पर जानलेवा प्रहार!
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच उत्तर प्रदेश में विकराल रूप धारण करता रहस्यमयी बुखार नई चुनौती बनकर उभर रहा है.
ढाई-ढाई साल कुर्सी का सवाल
कांग्रेस शासित राज्यों में अकेला छत्तीसगढ़ ही ऐसा राज्य बचा था जहां राजनीतिक स्थिरता को लेकर कोई सवाल नहीं है,लेकिन अब यहां भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खिसकाने के लिए अभियान शुरू हो गया है. सत्ता की लिप्सा ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं को अपने ही पांव पर कुल्हाड़ी मारने के लिए उकसा दिया है ..प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बीच अचानक छत्तीस का आंकड़ा प्रकट हो गया है.
तालिबानी तलब
भारत ने कभी भी तालिबान को मान्यता नहीं दी है. इससे पहले भी जब उनकी सरकार थी तब भी भारत ने, राजनयिक भाषा में जिसे कहते हैं एंगेज' करना, वो कभी नहीं किया. सिर्फ एक बार, जब इंडियन एयरलाइन्स के विमान का चरमपंथियों ने अपहरण कर लिया था और उसे कंधार ले गए थे, तब पहली और आखिरी बार भारत ने तालिबान के कमांडरों से औपचारिक बातचीत की थी. फिर भारत ने हमेशा खुद को तालिबान से दूर ही रखा.
खत्म हो अंग्रेजी कानून बने एक नई संहिता
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी के भाषण मे अगले पच्चीस साल का रोड मैप बताता है कि आने वाला समय बड़ा ही सुधार और संपोषणीय विकास का होगा, जिसमें सरकार का हस्तक्षेप कम और नागरिकों की भूमिका ज्यादा होगी. उनके भाषण में साफ था कि प्रशासनिक दक्षता और नवोन्मेष के साथ क्षमता निर्माण पर काम होगा. लेकिन इसके लिए सबसे पहले अंग्रेजी कानूनों से मुक्ति पाना जरुरी है. क्योंकि 1860 में लॉर्ड मैकाले द्वारा बनाई आईपीसी के कई प्रावधान अलगअलग राज्यों में अलग-अलग है.
कोर्ट की आड़ में क्यों लटकती है भर्तियां?
आखिर सरकार कोर्ट की आड़ लेकर भर्ती क्यों नहीं करना चाहती? क्या ये अंदर खाने भ्रष्टाचार की दस्तक तो नहीं है. अगर ऐसा नहीं तो फिर क्यों सरकार भर्ती नहीं कर रही है. और दूसरी बात सरकार कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारी क्यों रखती है. रखती है तो शर्ते साफ-साफ क्यों नहीं है? आखिर क्यों ये कॉन्ट्रक्ट के कर्मचारी हर बार रेगुलर भर्ती में बाधा डालते है. इस सांठ-गांठ के राज उजागर होने चाहिए और सरकार को रेगुलर भर्ती नियमित अंतराल पर करनी चाहिए. सालों से नौकरी की बाट देख रहें है हरियाणा के बीटेक आई. टी.आई. अनुदेशक. आये दिन ट्विटर ट्रेंड में बेरोजगार युवाओं के ट्वीट्स से नौकरी के गुहारों की झड़ी देखने को मिल रही है.
अमरबेल बना राजनीति का अपराधीकरण
आपराधिक प्रवृत्ति के नेताओं को संसदीय लोकतंत्र से दूर स्वने की जिम्मेदारी संसद की है, मगर वास्तविकता यह है कि राजनीतिक दलों पर इनकी पकड़ इतनी मजबूत है कि उनके बिना सत्ता और चुनाव की राजनीति संभव नहीं. भारत में राजनीति अब समाज सेवा का मंच न होकर मोटी कमाई वाला व्यवसाय बनकर रह गया है.
कोरोना काल में बाल श्रम में वृद्धि, चुनौतियां और समाधान
'बच्चे देश का भविष्य होते हैं, बच्चों के प्रति हर किसी को जागरूक होना चाहिए ताकि एक सुन्दर सुदृढ देश का निर्माण हो सके.' पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भारत के विकास में बच्चों की भूमिका को चिन्हित करते हुए कहा था. उन्होंने न सिर्फ नए उज्ज्वल भारत का सपना देखा बल्कि देश के नौनिहालों के प्रति लोगों को जागरूक भी किया. यह बात एकदम सही है कि बच्चे ही हमारी वह भावी पीढ़ी हैं जो देश को आगे ले जाएंगे. बच्चों का बचपन यदि सही राह पर लग गया तो न सिर्फ परिवार बल्कि समाज और देश को भी सही दिशा दी जा सकती है.
अयोध्या और बामियान को एक ही चश्मे से देखने वाले हैं कौन?
अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के ढांचे को तोड़े जाने और अफगानिस्तान के शहर बामियान में भगवान बुद्ध की मूर्तियों को करीब दो दशक पहले ध्वस्त करने की घटना को एक ही चश्मे से देखने वाले अब खुलकर सामने आने लगे हैं. अफगानिस्तान में अराजकता, लूटपाट और कत्लेआम के बाद यह सब कुछ भी हो रहा है. ये वही लोग हैं जो भारत में लोकतंत्र को मजबूत करने की वकालत करते हैं और अफगानिस्तान में तालिबान के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. इन्हें सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर विवाद पर आए ऐतिहासिक फैसले पर भी आपत्ति है. मतलब साफ है कि अगर कोई फैसला इनके मुताबिक नहीं होता तो ये तुरंत ही विरोध में खड़े हो जाते हैं.
धर्म से बड़ी भारतीयता, यह कब स्वीकार करेंगे हम...
हिन्दी सिनेमा में एक बहुत ही मशहूर गीत है कि, 'मांझी जो नाव डुबोए, उसे कौन बचाये? जी हां इस गीत से शुरुआत इसलिए, क्योंकि जब देश और समाज को चलाने वाले लोग ही देश और समाज की भलाई से इतर सोचेंगे, फिर देश तरक्की की बिसात पर आगे कैसे बढ़ पाएगा?
हरियाणा में नौकरी के पेपर लीक कब तक...?
हरियाणा में पुलिस कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा पर भी पेपर लीक माफिया की नजर लग गई है. कोरोना के चलते लंबे अंतराल से स्थगित चल रही हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की भर्ती परीक्षाएं शुरु हो गईं, लेकिन पहले ही दिन पुरुष कांस्टेबल की परीक्षा का पेपर लीक हो गया. कैथल में तीन पेपर साल्वर पकड़े गए, जिनके पास आंसर-की भी बरामद हुई. इसके बाद एचएसएससी ने दो सत्रों में आयोजित परीक्षा के साथ ही होने वाली कांस्टेबल की भर्ती परीक्षा भी रद्द कर दी.
गांव गुलजार
हिंदुस्तान का प्राण गांवों में बसता है. यह उक्ति बीते कुछ वर्षों में अप्रासंगिक हो चली थी, लेकिन समय के चक्र ने फिर इसे प्रासंगिक बना दिया है. बीते मार्च 2019 से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के तौर तरिकों को कोविड-19 ने बदलने पर मजबूर कर दिया है. इससे भारत के गांव भी अछूते नहीं रहे. यह बदलाव 360 डिग्री पर देखने को मिल रहे हैं. यह एक आम बात थी कि गांवों में या तो बुजुर्गों की संख्या ज्यादा थी या फिर बच्चों और किशोरों की. युवा शिक्षारोजगार-कैरियर के लिए लगातार गांव से पलायन कर रहा था लिजाहा गांव विरान और शहर गुलजार होने लगे.
मंदिर के बूते महंगाई को मात देंगे योगी?
उत्तर प्रदेश में लगता है चुनावी दावे, चुनावी वादों की जगह लेने वाले हैं. आलम ये है कि सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी में दावा करने को लेकर सबसे ज्यादा होड़ मची हुई है. पहले तो कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टक्कर लेती नजर आ रही थीं क्योंकि मायावती की आक्रामक राजनीति कांग्रेस विरोध तक ही आक्रामक होने तक सिमटी नजर आती रही, लेकिन पंचायत चुनावों के बाद से अखिलेश यादव ज्यादा एक्टिव नजर आने लगे हैं.
भारतीय बैडमिंटन का जगमगाता सितारा हैं पीवी सिंधु
भारतीय बैडमिंटन की प्रिंसेस मानी जाने वाली पीवी सिंधु (पुसरला वेंकट सिंधु) ने टोक्यो ओलम्पिक में लगातार दूसरी बार पदक जीतकर इतिहास रच दिया. हालांकि 26 वर्षीया सिंधु को इस बार कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा जबकि 2016 के रियो ओलम्पिक में उन्होंने रजत पदक जीता था.
नशे की बढ़ती प्रवृत्ति गंभीर चिंता का विषय
संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दस वर्षों में नशीली दवाओं की खपत में भारत में 2009 के मुकाबले 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. दुनियाभर में लगभग 35 मिलियन लोग नशीली दवाओं के विकारों से पीड़ित हैं. संयुक्त राष्ट्र ने मादक द्रव्यों के सेवन स्वास्थ्य और आपराधिक प्रभावों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता को लेकर चेताया है.