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गले की हड़ी बना 580 करोड़ डॉलर का जुर्माना
पाकिस्तान एक ऑस्ट्रेलियाई खनन कंपनी की लीज को रद्द करने के लिए उस पर लगाए गए 580 करोड़ डॉलर के जुर्माने से राहत चाह रहा है. उसका कहना है कि यह जुर्माना भरने से कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम की कोशिशों में रुकावट होगी.
देश में बेरोजगारी क्या बन पाएगी चुनावी मुद्दा
कोरोना के कहर के बीच देश में लॉकडॉउन में ठप्प पड़ी आर्थिक गतिविधियों ने सासें भरनी शुरू कर दी है. ये अलग बात है कि जब हर दिन करीब एक लाख लोग संक्रमित हो रहे हैं तब देश को अनलॉक-4 करना पड़ रहा है.
महत्वपूर्ण पहल है जर्मनी की इंडो-पैसिफिक नीति
जर्मन सरकार ने इंडो-पैसिफिक रणनीति की कैबिनेट से पुष्टि के बाद औपचारिक तौर पर इंडो-पैसिफिक व्यवस्था को अपने समर्थन की घोषणा कर दी. जर्मनी हिंद और प्रशांत महासागर के बीच के इलाके को इंडो-पैसिफिक की संज्ञा देता है.
पंच रत्नों को खेल रत्न
खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत 1991-92 में की गई थी और तब शतरंज के ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को पहली बार यह सम्मान प्राप्त करने का गौरव हासिल हुआ था. 2001 में निशानेबाज अभिनव बिंद्रा महज 18 वर्ष की आयु में यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे.
शह-मात शुरू
वैसे तो पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है जहां लोगों के मिजाज में ही राजनीति है. लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जिस तरह से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो रही है उसकी कुछ खास वजहें हैं.
पाकिस्तान ही नहीं, हिमस्खलन भी है बड़ा दुश्मन
अप्रैल 1984 के बाद से सियाचिन ग्लेशियर-सॉल्टोरो रिज क्षेत्र में 35 से अधिक अधिकारियों सहित 1,000 से अधिक भारतीय सैनिकों ने हिमस्खलन से अपनी जान गंवाई है.
नई तकनीक ने आसान की लड़ाई
केरोनावायरस का संक्रमण नियंत्रित करने के लिए इस वर्ष मार्च के अंत में लॉकडाउन लागू हुआ, तो हर मर्ज के मरीजों के लिए डॉक्टर तक पहुंचना मुश्किल हो गया. तब बेंगलूरू में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर टीएस राघवेंद्र प्रसाद के मन में शहरवासियों की मदद का ख्याल आया और उन्होंने 'स्टेपवन' की शुरूआत की. यह ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म था
अपने-अपने राम
राम सबके हैं और सब राम के हैं यह कोई राजनीतिक बयान नहीं है.इसके पीछे एक लंबा इतिहास और परंपरा है. जहां राम आपको अलग अलग रूप और चरित्र में दिखाई देते हैं.
अयोध्या के बाद अब काशी और मथुरा!
दशकों तक सुप्रीम कोर्ट में कानूनी जंग लड़ने के बाद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के हक में फैसला आने के बाद बीते 5 अगस्त, 2020 को मंदिर का शिलान्यास कर दिया गया. इसके बाद देश में फिर से मथुरा और काशी के मंदिरों को लेकर बयान तेज हो गये हैं.
महेंद्र सिंह धोनी किंवदंती व विरासत
चार मिनट के जज्बाती वीडियो के नेपथ्य में बजते 'मैं पल दो पल का शायर हूं, पल दो पल मेरी कहानी है' गीत के बीच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विदा लेने वाले महेंद्र सिंह धोनी की कहानी कुछ पलों की नहीं बल्कि क्रिकेट के इतिहास में हमेशा के लिये दर्ज होने वाली कामयाबी की गाथा है.
बिहार चुनाव पर हावी सुशांत प्रकरण
बिहार चुनावी मोड में आ गया है. चुनावी मुद्दे भी उठने लगे हैं, इसी क्रम में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी की मौत, वह भी गैर राजनीति व्यक्तित्व का वह चुनावी मुद्दा बन गया है. बीते दिनों बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में पटना पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी और नीतीश कुमार सरकार की सीबीआइ जांच की अनुशंसा पर सर्वोच्च न्यायालय ने मुहर लगा दी है. इसके बाद बिहार के सियासी दलों में इसका श्रेय लेने की होड़ मच गई है. सत्तारुढ़ जनता दल-यूनाइटेड जहां इसका श्रेय मुख्यमंत्री को दे रहा है, वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल इसके लिए अपने नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की पीठ थपथपा रही है.
विदेशी निवेश नहीं आसां!
कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद दुनिया के तमाम बड़े देश आत्मनिर्भर भारत' की तर्ज पर घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देंगे और विदेशी कंपनियों की जगह अपने देश की कंपनियों को संरक्षण देंगे. ऐसे में विदेशी निवेश के पीछे भागना तर्क संगत नहीं है. विदेशी कंपनियों के प्रति आकर्षण की बजाय देश के एमएसएमई को वरीयता दी जानी चाहिए.
राफेल हिंदुस्तान की शक्ति में एक और इजाफा!
लंबे इंतजार के बाद 29 जुलाई को भारतीय वायुसेना के बेड़े में पांच राफेल लड़ाकू जेट विमान शामिल हो गये.
शिवालिका ओबेरॉय करीना कपूर की नकल करते-करते खुद बन गई हीरोइन
अपनी पहली फिल्म की रिलीज से पहले ही शिवालिका ओबेरॉय को विद्युत जामवाल के अपोजिट दूसरी फिल्म मिल गई.
क्यों प्रेम का बदला नफरत से देते शोएब-अफरीदी
सचिन तेंदुलकर, रोजर फेडरर, मोहम्मद अली या पेले जैसे खिलाडियों को विश्व नागरिक माना जाता है. ये भले ही भारत, ब्राजील, अमेरिका वगैरह के नागरिक हों पर इनके फैंस तो सारी दुनियाभर में हैं.
जब राजीव गांधी ने खुलवाया था राममंदिर का ताला
इसमें कोई दो राय नहीं कि आज देश की सियासत और धर्म एक दूसरे से गहरे जुड़े हैं. हाल ही के दशकों में देश की सियासी जमीन पर जिस मुद्दे ने धर्म की फसल तेजी से उगाई है वो मसला है अयोध्या में राम मंदिर का. यह एक ऐसा मुद्दा है जिसने आधुनिक समय में देश की सियासत की दशा और दिशा दोनों बदल कर रख दी.
आंधे की माक्खी राम उड़ावै
मंदिर के सरोवर की खुदाई से कुषाणकाल (प्रथम-द्वितीय शती ई.) से लेकर मध्यकाल 9-10वी शती ई. के मृदपात्र एवं अन्य पुरावशेष मिले थे. जिससे इस तीर्थ की प्राचीनता सिद्ध होती है.यहां महर्षि वाल्मीकि संस्कृत यूनिवर्सिटी भी बनाई जा रही है.
गहराता पेयजल संकट और वर्षा का पानी
आंकड़ों के नजरिए से देखें तो भारत वैश्विक ताजे जल स्त्रोत्र का मात्र 4 फीसदी हिस्सेदारी स्वता, जबकि इसकी आबादी 18 फीसदी वैश्विक परिदृश्य पर है. नीति आयोग द्वारा 2018 में जारी कंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक देश भर के लगभग 21 प्रमुख शहर जिसमें दिल्ली, चेन्नई, बंगलुरु और अन्य शामिल हैं वे 2020 तक शून्य भूजल स्तर तक पहुंच जाएंगे. इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया कि 2030 तक भारत में जल की मांग उसकी पूर्ति का लगभग दोगुना हो जाएगा.
बेहद आलीशान है कियारा आडवाणी का घर
बॉलीवुड एक्ट्रेस कियारा आडवाणी को फिल्म 'एमएस धोनीः द अनटोल्ड स्टोरी' से इंडस्ट्री में पहचान मिली, जिसके बाद वो पिछले साल की ब्लॉक बस्टर फिल्म 'कबीर सिंह' में शाहिद कपूर के साथ नजर आई.
ममता की नई चाल, लाल झंडा करेगा कमाल
समूचा पश्चिम बंगाल कोरोनावायरस संक्रमण की बेकाबू लहर और रह-रहकर लॉकडाउन के थपेड़ों से झुलस रहा है. बावजूद इसके, यहां कई लोगों, खासकर सियासी सरपरस्तों की नजरें अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर जमी हुई हैं.
नई शिक्षा नीति से आत्मनिर्भर होगा भारत
आजाद भारत में अभीतक केवल तीन बार शिक्षा नीति में बदलाव की जरूरत महसूस हुई, वह भी अंशतःयह चौथा अवसर है
सशक्त भारत का माध्यम बनेगा राम मंदिर
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम मन्दिर का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में होना, नये भारत के अभ्युदय की शुभ एवं गौरवमय ऐतिहासिक घटना है, जो युगयुगों तक इस देश को सशक्त बनाने का माध्यम बनती रहेगी.
होइहि सोइ जो राम रचि राखा...
5 अगस्त, भारत के नव इतिहास में एक महत्वपूर्ण तारीख बन गया है. अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का शिलान्यास यह दशार्ता है कि भारत का लोकतंत्र विवेकी, धैर्यवान और संवेदनशील भी है. यह किसी एक धर्म, संप्रदाय या वर्ग के आस्था की बात नहीं बल्कि संपूर्ण भारतीय जनमानस के मन में अन्याय के खिलाफ न्याय को स्थापित करने वाले दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रति आस्था को मजबूत करने का कृत है. श्रीराम न्याय और मयार्दा के प्रतीक पुरुष रहे हैं, और इस मयार्दा का पालन करते हुए हर भारतीयों का धर्म है कि वह किसी भी वर्ग के भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करें. अयोध्या में प्रभु श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन के मूल कारणों और उसकी परिणति को रेखांकित करती गंभीर समाचार' की विशेष प्रस्तुती:
असुरक्षा बोध ने बनाया चीन को आक्रामक
गलवाल में हुए हिंसक संघर्ष की बात करें तो यह अब भी रहस्य है कि चीनी सेना को इस तरह षड्यंत्रपूर्वक हमला करने की अनुमति क्या सोचकर दी गई थी.
चीनी धुन पर कांग्रेसी थिरकन
2 दिसंबर, 1992 को टाइम्स आफ इंडिया ने खुलासा किया कि 31 अक्तूबर, 1992 तक फाउंडेशन को चंदा देने वालों की सूची में शेयर बाजार घोटाले के आरोपी हर्षद मेहता, उसकी कंपनी ग्रोमोर और चीन के नेता ली पेंग का नाम था.
अपने फिल्मी किरदारों से जुदा नहीं हैं तापसी पन्नू
तापसी पन्नू जब कॉलेज में थीं, शायद उन्होंने अपनी पॉकेटमनी अरेंज करने के आशय से पहली बार मॉडलिंग शुरू की थी. एक्ट्रेस बनने के बारे में उन्होंने कभी नहीं सोचा था लेकिन जब पहली बार साउथ की फिल्म का ऑफर मिला तो वह इन्कार नही कर सकी.
जाने क्या दिख जाए
सियासत का लक्ष्य ही सत्ता होती है, जब सत्ता पर संकट का अंदेशा होता है तो फिर सियासत अपने बनावटी खोल से बाहर आती है और उसका नग्न स्वरूप सामने आता है. हालांकि भारतीय राजनीति में यह कोई नया वाकया नहीं है लेकिन राजस्थान की सियासत में आये तूफान ने फिर से कई चेहरों को बेनकाब करने की आधारशीला रख दी है.
डीएचएफएल का एक और फर्जीवाड़ा
बैंक को चपत लगाने वालों में एक नया नाम और जुड़ गया है और वह है- दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल). दरअसल, कई घोटालों के दलदल में फंसी डीएचएफएल ने पंजाब नेशनल बैंक को करीब 3,690 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया है. इसके पहले नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चौकसी ने बैंक को करीब 15,000 करोड़ रुपये का चूना लगाया था. इस बात का पता तब चला जब पंजाब नेशनल बैंक की ओर से स्टॉक एक्सचेंज को इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराई गई.
दाने-दाने को मोहताज हुए दिल्ली के मजदूर
लगभग डेढ़ माह पहले पूरे देश का ध्यान महानगरों से अपने घर गांव लौट रहे मजदूरों की ओर था. तब ये मजदूर पैदल सफर कर रहे थे, तब सबका दिल पिसजा था, लेकिन समय के साथ इन मजदूरों को फिर से भुला दिया गया है.
राजनीतिक हिंसा नहीं, हिंसा की राजनीति
बंगाल की राजनीति में विरोधी दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्याएं होती रही हैं. वामदलों के साढ़े तीन दशक चले शासन में राजनीतिक हिंसा की खूनी इबारतें निरंतर लिखी जाती रही थीं. दरअसल वामपंथी विचारधारा विरोधी विचार को जड़-मूल से खत्म करने में विश्वास रखती हैं. ममता बनर्जी जब सत्ता पर काबिज हुई थीं, तब यह उम्मीद जगी थी कि बंगाल में लाल रंग का दिखना अब समाप्त हो जाएगा लेकिन धीरे-धीरे तृणमूल कांग्रेस वामदलों के नए संस्करण में बदलती चली गई.