CATEGORIES
Categories
चंद्रयान-3 वैज्ञानिक सफलता पर सवार पौराणिकता
चंद्रयान की सफलता यज्ञों, हवनों, मंत्रों से नहीं मिली. इस के लिए वैज्ञानिकों का गहन अध्ययन, छोटेछोटे उपकरणों का निर्माण और उन्हें एक जगह लगाना और समय पर काम करने का निर्देश पृथ्वी से रेडियो तरंगों से भेजना था. इस का श्रेय हमारे पौराणिकवादी नाहक लेने में लग गए.
चंद्रयान-3 चांद तक पहुंचने वाला भारत चौथा देश
चांद पर पहुंचने का सपना मानव तब से देख रहा था जब से पता चला कि यह देवीदेवता नहीं, एक उपग्रह है. अमेरिका ने 1969 में अपने एस्ट्रोनौट नील आर्मस्ट्रोंग को वहां पहुंचाने और लौटा लाने के साथ चांद पर सब से पहले कदम रखा था. चांद पर यह वैज्ञानिक उपलब्धियों की एक निशानी है और अब लैंडर को वहां पहुंचा कर भारत चौथा देश बन गया है.
बेसिरपैर के हिंदी गाने
गाने हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा होते हैं. हम गानों के जरिए अपनी खुशी, अपने गम या कहें अपनी हरेक फीलिंग को जाहिर करते हैं. लेकिन ऐसे गानों की भी कमी नहीं है जिन में ऊलजलूल कुछ भी लिख दिया गया है.
पर्यटन और आप की पर्सनैलिटी
घूमनाफिरना सभी को पसंद होता है लेकिन घूमना कहां है, यह पर्यटक की ही चौइस होती है. क्या आप जानते हैं कि घूमने की जगहों के चयन से पर्सनैलिटी का अंदाजा लगाया जा सकता है?
अस्थि विसर्जन का पाखंड
नेता व अभिनेता बहुत बार जाने अनजाने ऐसे काम करते हैं जिन से उन के फौलोअर्स प्रभावित होते हैं और वे भी हूबहू वही करने लगते हैं. ऐसे कामों में कर्मकांड और कुरीतियां भी शामिल हैं जिन से समाज में गलत संदेश चला जाता है.
इकलौती संतान शादी के बाद
इकलौते बच्चे आमतौर पर हर समय अपने पैरेंट्स पर निर्भर रहते हैं. वे अपनी समस्याएं उन्हीं से शेयर करते हैं पर शादी के बाद जीवनसाथी से हर चीज शेयर करने पर ही दांपत्यरूपी गाड़ी सुचारू रूप से चलती है, यह उन्हें सीखना पड़ता है.
तनावपूर्ण जीवनशैली से माइग्रेन की समस्या
काम के बढ़ते दबाव को माइग्रेन का सिरदर्द बढ़ाने वाले प्रमुख कारकों में से एक माना जाता है और इसी वजह से तनावपूर्ण सिरदर्द भी उभरता है. आखिर क्यों है यह महानगरों में खतरनाक?
चीतों की तड़ातड़ मौतें
मोदी सरकार की महत्त्वाकांक्षी चीता परियोजना के तहत कूनो अभयारण्य में विदेशों से चीते ला कर छोड़े गए, इस बात की जांचपरख किए बगैर कि भारत की आबोहवा विदेशी चीतों को रास आएगी या नहीं. नतीजा जितना बड़ा इवैंट उतना बड़ा फैल्योर कूनो में अब तक 9 चीतों की मौतें हो चुकी हैं.
पीएम मोदी का भाषण और वास्तविकता
स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले से दिए भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आत्मकेंद्रित और एक हद तक कुंठित भी नजर आए. वे देश से ज्यादा नेहरू-गांधी पर बोले, जिस से साफ लगा कि वे धार खो रहे हैं.
स्मृति ईरानी भाजपा का स्त्री चेहरा दर्द नहीं कोरी राजनीति
संसद में हालिया फ्लाइंग किस वाला मामला बताता है कि सत्ता पक्ष के लिए महिला न्याय महज मजाक है. इसी कड़ी में कथित रूप से अपनी बेबाक छवि के लिए जाने जानी वाली भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी भाजपाई पुरुषवादी एजेंडे को थोपने वाली मुहर बन कर रह गई हैं. उन की यह छवि कहीं न कहीं अमेरिकी दक्षिणपंथी नेत्री फिलिस श्लेफ्ली जैसी बन गई है जो महिलाओं के ही पर कुतरने का काम कर रही थीं.
हिंसा के बाद आर्थिक बहिष्कार की नौटंकी
नूंह की हिंसा के बाद मुसलमानों के बहिष्कार की सार्वजनिक व सामूहिक अपीलें नई बात नहीं है लेकिन अब यह कैंसर जैसी होती जा रही है जिस का इलाज कानून से होना संभव नहीं लग रहा और जिस का असर गैरमुसलमान दलित और पिछड़ों पर पड़ेगा ही.
राजनीति और औरतें लिया वोट, दिया कुछ नहीं
वोटबैंक के ध्रुवीकरण और नेताओं की खुदगर्जी में महिलाओं के मुद्दे पिछड़ गए हैं. धर्म की राजनीति ने महिला मुद्दों को राजनीतिक हाशिए पर खड़ा कर दिया. इस सदी के पिछले 23 सालों में दमदार महिला नेताओं की भी बेहद कमी दिखी है. कट्टरवाद के पक्ष में खड़ी महिला नेता न अपनी पहचान बना पाई हैं, न ही महिलाओं के हित में ठोस काम कर सकी हैं.
“हिंदी रंगमंच की बदौलत भोजन करना संभव नहीं" - नरोत्तम बेन
बचपन में अभिनेताओं की मिमिक्री से सब को हंसाने वाले नरोत्तम बेन आगे जा कर खुद अभिनेता बनने वाले थे, यह उन्हें भी नहीं पता था. उन की गिनती संजीदा कलाकारों में होती है. थिएटर से जुड़े रह कर उन्होंने खुद को मांझा है.
चटक मसालों से पारिवारिक मूल्यों को पिरोने की कोशिश
रौकी और रानी की प्रेम कहानी
'शादी में प्यार और सम्मान होना जरूरी' - कंगना रनौत
बौलीवुड की सैल्फ स्टैब्लिश ऐक्ट्रैस की बात की जाए तो कंगना रनौत का नाम ऊपर कहीं आएगा. 'गैंगस्टर' से चर्चा में आने वाली कंगना आज सफल अभिनेत्री हैं.
गुरुकुल का कुलजोड़
सोशल मीडिया में इन दिनों ऐसे मैसेजों की बाढ़ आई हुई है जो कि एक प्रोपेगंडा के तहत फैलाए जा रहे हैं. आइए समझते हैं कि इन मैसेजों का उद्देश्य क्या होता है.
नजर वायरस
जब इंसान की बनाई मशीन को नजर लग सकती है, बंगले को नजर लग सकती है तो कुदरत के बनाए हुए संवेदनशील इंसान को नजर कैसे नहीं लग सकती. वह उस से कैसे बच सकता है.
अंगदान में पीछे भारत
भारत में अंगदान करने वालों की कमी के चलते बचाए जा सकने वाले कई लोग बेवक्त मारे जाते हैं. विशाल जनसंख्या वाले भारत में लोग अंगदान क्यों नहीं करते, जानिए.
कान का संक्रमण बन न जाए मुसीबत
कान शरीर की जरूरी इंद्रियों में से है, जबकि इसे सब से ज्यादा नजरअंदाज किया जाता है. कान में सब से ज्यादा संक्रमण का खतरा रहता है, जो बड़ी मुसीबत बन सकता है.
हेपेटाइटिस के लक्षण और बचाव
हेपेटाइटिस ऐसी संक्रामक समस्या है होता है. हेपेटाइटिस वायरल संक्रमणों का एक समूह है जो मुख्य रूप से हमारे लिवर को प्रभावित करता है.
धार्मिक पर्यटन सुकून नहीं परेशानी का सबब
पिछले एक दशक के दौरान भाजपा सरकार ने मंदिर निर्माण व रखरखाव पर इतना जोर दिया कि लोग धर्म से ऊबें न और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले. इस के लिए करोड़ों सरकारी रुपए फूंके गए. इस से आम नागरिक को सुकून मिला या परेशानी, जानिए इस रिपोर्ट में.
चालाकियां
लोगों को क्यों लगता है कि वे चालाकियां करते रहेंगे और सामने वाला मूर्ख है, उसे कुछ समझ नहीं आएगा? वंशा वरदा की धर्म पर आधारित हरकतें बरदाश्त कर रही थी तो बस इसलिए कि वरदा बड़ी बहन थी लेकिन इस बार पानी सिर से ऊपर आ गया था.
प्रेम न माने हार
प्यार में इतनी ताकत होती है कि बड़ी से बड़ी मुसीबत भी प्यार करने वाले पार कर जाते हैं. अरुंधति ने अनुराग का हाथ थामा था जिंदगीभर के लिए, बीच रास्ते में छोड़ने के लिए नहीं. अरुंधति की इसी जिद ने उसे आज कहां से कहां पहुंचा दिया था.
जब बारबार पेशाब आए
बारबार पेशाब आने की दिक्कत कई लोगों को होती है, इसे लोग शर्मिंदगी से जोड़ लेते हैं. यह समस्या तब खड़ी होती है जब ब्लैडर पर से नियंत्रण खत्म हो जाता है लेकिन इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है.
बर्फ का दिलचस्प इतिहास
बर्फ का इतिहास बहुत रोचक है. भारत में बर्फ कभी अमेरिका से आती थी. आज जो बर्फ हमें नौर्मल लगती है वह एक समय लग्जरी आइटम हुआ करती थी.
मानव स्वास्थ्य पर रेडिएशन के दुष्प्रभाव
रेडिएशन से प्रभावित होना खतरनाक होता है. इस से तरहतरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बना रहता है. इस का स्वउपचार जानलेवा साबित हो सकता है. ऐसे में विशेषज्ञ चिकित्सक से जल्द ही संपर्क किया जाना चाहिए.
श्रीलंका में उथलपुथल से भारत को सीख
आज भी श्रीलंका पटरी पर वापस नहीं लौट पाया है. महिंदा राजपक्षे, गोटाबाया राजपक्षे नमल राजपक्षे, बासिल राजपक्षे ने बौद्ध पंडों के साथ मिल कर जिस तरह दक्षिण एशिया के सब से समृद्ध देश श्रीलंका को दसबीस वर्षों में आज विनाश के गहरे गड्ढे में धकेल दिया है, वह केवल इतिहास को दोहराता है.
विधवा के हक धर्म या जाति का जोर नहीं
पति की मृत्यु के बाद अकसर भारतीय महिलाओं को ससुराल में प्रताड़ित किया जाता है जैसे हादसे की जिम्मेदार वही हों. ऐसे में पति के हक की संपत्ति पर अपने हक की बात करना उन के लिए दूर की कौड़ी साबित होता है जबकि यह अधिकार उन्हें कानून देता है.
साइबर अपराध का बढ़ता दायरा
आज हर चीज इंटरनेट से जुड़ गई है. इस से जुड़े खतरों में सब से बड़ी समस्या साइबर क्राइम है जो कइयों को लील रहा है.
अमोघ दास के बहाने इस्कौन की पब्लिसिटी लीला
मोक्ष की ग्राहकी और धर्म का धंधा बढ़ाने का यह टोटका काफी पुराना है और हर वर्ग में लोकप्रिय है. गरीब झुग्गी बस्तियों में मोक्ष नहीं बिकता. वहां नीबू, हड्डी और सिंदूर के टोटके चलते हैं. मिडिल क्लास हमेशा की तरह नीम करोली बाबा के अलावा अमोघ दास, बागेश्वर बाबा, बाबा, प्रदीप मिश्रा और देवकीनंदन ठाकुर जैसे ब्रैंडेड बाबाओं की ग्रिप में है जो इन दिनों दोनों हाथों से दक्षिणा बटोरते हिंदू राष्ट्र के निर्माण की मुहिम में लगे हैं.