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वह इंसान से बन गया कुत्ता
दुनिया में अजीबोगरीब शौक पालने वाले लोग हैं, मगर एक आदमी लाखों रुपए खर्च कर कुत्ता क्यों बन गया, जान कर दांतों तले उंगली दबा लेंगे आप.
बच्चों को बेसहारा बनाते अपराधी मांबाप
मातापिता बच्चे की परवरिश की रीढ़ होते हैं. मातापिता के किसी अपराध में संलिप्त होने से उस का बच्चों पर सीधा असर पड़ता है. वे बेसहारा हो जाते हैं, दरदर भटकना पड़ता है उन्हें. आखिर ऐसी नौबत ही क्यों?
जितनी जातियां उतने देवता
अब देवीदेवताओं की संख्या और बढ़ती जा रही है. हरेक जाति का एक बड़ा देवता हो गया है. यह साजिश है जिस के भव्य मंदिर बनने लगे हैं। तथा इस से किसे कितना नुकसान है, जानने के लिए पढ़िए यह रिपोर्ट.
लंग्स की बीमारियां झाड़फूंक के चक्कर में न पड़ें
कुछ लोग श्वास संबंधित बीमारियों को भूतप्रेत का साया समझ झाड़फूंक करने वालों के यहां चक्कर काटने में लग जाते हैं. इस से सही इलाज का समय निकल जाता है और अंत में मुश्किलें उठानी पड़ जाती हैं.
लंग्स को सुरक्षित रखने के उपाय
लंग्स शरीर के बेहद जरूरी अंगों में से होते हैं. श्वसन क्रिया लंग्स पर निर्भर करती है. लंग्स का खराब होना कई बीमारियों का वाहक बन सकता है. ऐसे में इस का सुरक्षित रहना अतिआवश्यक हो जाता है और तब जब बात दिनप्रतिदिन बढ़ते पौल्यूशन की हो.
पहाड़ियों और माउंटेनियर के लंग्स क्यों होते हैं मजबूत
पहाड़ियों व माउंटेनियरिंग करने वाले लोगों के लंग्स अपेक्षाकृत अन्य लोगों से ज्यादा मजबूत होते हैं.
घर के सामान से भी होते हैं लंग्स खराब
लंग्स खराब होने में अकसर प्रदूषण बड़ा जिम्मेदार होता है. लोग कार, इंडस्ट्री, पराली से निकले प्रदूषण का ज्यादा जिक्र करते हैं जबकि घर के भीतर छिपे प्रदूषण को नजरअंदाज कर देते हैं.
फेफड़ों के लिए ब्रोकली व बादाम सूप अनेक गुणों से भरपूर
लंग्स शरीर का जरूरी अंग है. इन्हें स्वस्थ रखने के लिए विटामिंस, प्रोटीन व फाइबर की जरूरत होती है. ऐसे में ब्रोकली व बादाम में कई तरह के गुण प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं.
नींद और लंग्स का आपस में कनैक्शन
नींद और लंग्स का आपस में गहरा रिश्ता है. डाक्टर अच्छी नींद लेने की सलाह देते हैं. बेहद अधिक या बेहद कम सोना स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है, इस में लाइलाज फेफड़ों की बीमारी पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है.
फेफड़ों की बीमारियों के लिए स्टेम सैल थेरैपी
स्टेम सैल थेरैपी को फेफड़ों की विभिन्न बीमारियों के लिए कारगर इलाज माना जा रहा है. जानिए कि क्या है यह थेरैपी और कैसे काम करती है.
घातक है फेफड़ों का कैंसर
सभी तरह के कैंसरों में फेफड़ों का कैंसर सब से ज्यादा कौमन है. इस के अलगअलग स्टेजेस होते हैं, जरूरी है कि सही समय पर यह पकड़ में आ जाए. ऐसे में कैंसर के लक्षण, जोखिम और उपचार के बारे में जानना जरूरी है.
लंग्स के स्वास्थ्य का जिस्म के अंगों पर प्रभाव
फेफड़े रक्तप्रवाह के जरिए शरीर के अन्य अंगों से जुड़े होते हैं, इसलिए फेफड़ों का स्वास्थ्य शरीर के अन्य जरूरी अंगों की स्थिति को निश्चितरूप से प्रभावित कर सकता है.
फेफड़ों के रोग बढ़ता खतरा
बढ़ते प्रदूषण के चलते सब से ज्यादा लंग्स पर असर पड़ रहा है. धुएं और प्रदूषण का लंग्स पर सीधा असर होता है. इस से फेफड़ों की औक्सीजन देने की क्षमता पर असर पड़ता है जिस का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है.
विवाहिता नए घर में बेटी के नहीं बेटे के बराबर
जीवन में बहुत से संबंध जन्म से बनते हैं. मांपिता, भाईबहन और मां व पिता के संबंधियों से संबंध जन्म से अपनेआप बनते चले जाते हैं और इसी के साथ ढेरों चाचाचाची, ताऊ चचेरेममेरे भाईबहन, भाभियां, मौसियां, मौसा, फूफा, बूआ के संबंध बन जाते हैं. इन संबंधों को निभाने और इन में खटपट होने का अंदेशा कम होता है क्योंकि ये मांबाप के इशारे पर बनते हैं जो प्रगाढ़ होते हैं.
“संगीत के सुनहरे युग को वापस लाने के लिए प्रयासरत हूं” - कैप्टन ए डी मानेक
गरीबी और तंगहाली में बचपन बिताने वाले पद्मश्री से सम्मानित कैप्टन ए डी मानेक ने हवाई जहाज उड़ाने का सपना शुरू में देख लिया था पर सभी ने उन का मजाक बनाया. आज वे विपरीत स्थिति में जी रहे लोगों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं.
ग्लैमरस हीरोइनें अब नहीं रहीं शोपीस
समय गया जब फिल्मों में हीरोइनें रोनेधोने और हीरो की महज लव एंगल होने का अभिनय करती थीं. हीरोइनें आज हीरो के बराबर हैं, कई मौकों पर तो हीरो से आगे भी रही हैं. फिल्मों में आजकल हीरोइनों के लिए स्पैशली दमदार किरदार लिखे जा रहे हैं.
लांगो पंडित
धर्म की चाशनी पिला कर पंडितजी खूब उल्लू सीधा करते. कट्टर इतने कि कोई जातबिरादरी से अलग शादी कर लेता तो उस के घर का पानी तक न पीते. एक दिन पता चला कि वे अपने बेटे की वजह से अस्पताल में भरती हैं.
इजराइल-फिलिस्तीन एक अंतहीन युद्ध
इजराइल के यहूदी और गाजा के मुसलिम हमास लड़ाकों के बीच जमीन को ले कर जबरदस्त युद्ध छिड़ा हुआ है. धर्म की इन तीनों धाराओं का स्रोत एक ही है, फिर भी ये तीनों एकदूसरे से नफरत करते हैं और कई शताब्दियों से आपस में लड़ते हुए इंसानियत का खून बहा रहे हैं.
महंगाई है पर दीवाली है
कुछ सालों में देशभर में महंगाई बढ़ी है. लगभग हर चीज का दाम दोगुना हो गया है. दीवाली वह त्योहार है जब लोग सबकुछ भूलभाल कर खुशी मनाते हैं. अब देखना यह है कि इस बार की दीवाली महंगाई से कितनी बेअसर रहती है.
धार्मिक सामग्री से पटा बाजार
धर्म ऐसा बाजार है जहां बेचने वाले को मुनाफा ही मुनाफा है. कोई भी त्योहार, दिनांक, कार्यक्रम हो, धर्म की सामग्रियां सब से पहले बाजारों में सज जाती हैं. दीवाली का समय है, बाजार धार्मिक सामान से ठसाठस भरे हुए हैं.
लुभावने औफर्स के झांसे में न आएं
फैस्टिव सीजन में जहां लोग खूब खरीदारी करते हैं वहीं विक्रेता औनलाइन व औफलाइन ज्यादा से ज्यादा सामान बेच कर बड़ा मुनाफा कमाने से नहीं चूकते. इस के लिए वे तरहतरह के लुभावने औफर्स पेश करते हैं जो खरीदारों के लिए फायदेमंद होते हैं बशर्ते...
दीपोत्सव या घूसोत्सव
वैसे तो उपहार बेलौस दिए जाते हैं लेकिन दीवाली के मौके पर दिए जाने वाले अधिकतर उपहारों के पीछे उपहारदाता के मन में कुछ और ही होता है.
दीवाली से पहले चैक लिस्ट बनाने के 7 टिप्स
फैस्टिवल औफ लाइट्स को मनाने के लिए सभी तैयारी करते हैं लेकिन फिर भी अनावश्यक खर्च कर बैठते हैं तो फिर कैसे करें तैयारी कि समय भी बचे और पैसा भी, जानिए आप भी.
दीवाली में टैक्नोलौजी की खाताबही को समझें
इस दीवाली में खाताबही को छोड़िए, टैक्नोलौजी को समझिए और अपने वित्त का बजट बनाएं. क्या है यह वित्तीय टैक्नोलौजी, जानिए आप भी.
गिफ्ट में बराबरी का खयाल रखें
यों तो फैस्टिव सीजन में उपहार लेने और देने का चलन आम है लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आप के दिए उपहार को लोग ताउम्र याद रखें तो क्यों न उन्हें कुछ अलग और खास चीज गिफ्ट करें.
दीवाली उत्साह का उज्ज्वल उत्सव
दीवाली के उजाले में पुरानी परंपराओं का अंधेरा आड़े न आने दें. जुए की पौराणिक संस्कृति को त्याग दें और दीयों की रोशनी से अपना घरसंसार जगमगाएं. अपनों के संग इस त्योहार में खूब मजा करें और खुशियां बांटें.
फिल्मी सितारों की स्पौंसर्ड प्रैस कौन्फ्रेंसेज
देश में सरकार बदलने के साथ समाज बदल सा जाता है और इस का असर सिनेमा पर भी पड़ता है. आज फिल्मकारों और कलाकारों का मिजाज कुछ ज्यादा ही बदल गया है और वे खास जर्नलिस्टों से बात करते हैं जो सिर्फ उन की प्रशंसा करते हैं.
मां की बनारसी साड़ी
दिल से लगा कर रखीं थी पूर्णिमा ने मां की अमानत, वह बनारसी साड़ी. लेकिन अब वह चाह कर भी उसे पहन नहीं सकती थी.
सिद्ध सीरीज के अधिकार
देश में अधिकार ही अधिकार हैं. जहां समाज के दबेकुचलों को अधिकार हैं कि वे अपना हक हासिल कर सकें, वहीं कुछ ने तो खुद ने से अपने लिए ऐसेऐसे अधिकार बना लिए कि क्या ही कहने.
दवा एक्सपायरी डेट की रखें जानकारी
दवाओं के मामले में विशेष सावधानी बरते जाने की जरूरत होती है. गलती से एक्सपायरी दवा खाने से इस के घातक साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं. ऐसे में दवाओं को ले कर यह जानकारी जरूर रखें.