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![भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी केंचुओं की दो नई प्रजातियां](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1668334/bn_9JzCW51713951566319/1713951786025.jpg)
भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी केंचुओं की दो नई प्रजातियां
ओडिशा केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूओ) और केरल के महात्मा गांधी विश्वविद्यालय से जुड़े शोधकर्ताओं ने भारत में केंचुओं की दो नई प्रजातियों की पहचान की है। केंचुओं की यह नई प्रजातियां ओडिशा के कोरापुट में खोजी गई हैं।
![ड्रैगन फ्रूट का जुम तैयार करने के लिए विकसित की नई तकनीक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1668334/opSPJOtsq1713951420705/1713951562306.jpg)
ड्रैगन फ्रूट का जुम तैयार करने के लिए विकसित की नई तकनीक
बढ़ती मांग को पूरा करने और टिकाऊ बागवानी प्रथाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आईसीएआर-भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) के शोधकर्ताओं ने रेडी-टू-सर्व ड्रैगन फ्रूट जूस तैयार करने के लिए अभिनव तकनीक विकसित की है।
![खेत में उपज से लेकर थाली में पहुंचने तक बर्बाद हो रहा 13 प्रतिशत अनाज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1668334/Ke6ZtIg9o1713951264581/1713951393403.jpg)
खेत में उपज से लेकर थाली में पहुंचने तक बर्बाद हो रहा 13 प्रतिशत अनाज
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की फूड वेस्ट इंडेक्स 2024 रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में पूरी दुनिया में 1.05 अरब टन भोजन बर्बाद हो गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार करीब 20 प्रतिशत भोजन कूड़े में फैंक दिया जाता है।
![15.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है मधुमक्खी पालन बाजार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1618095/JW4REK0gy1712664610313/1712664737019.jpg)
15.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है मधुमक्खी पालन बाजार
मधुमक्खियां फसलों को परागित करके कृषि और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, फिर भी दुनिया के कई हिस्सों में मधुमक्खियों की आबादी घट रही है। इससे मधुमक्खी पालन-मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन में गहरी रुचि पैदा हो रही है। वास्तव में, वैश्विक मधुमक्खी पालन बाजार का आकार 2022 में 10.3 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2032 तक 15.3 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जो इस अवधि के दौरान 4% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है।
![मक्का फसल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर खोज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1618095/v2rbvwJsS1712663295291/1712663395380.jpg)
मक्का फसल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर खोज
बदलती जलवायु में मक्का उत्पादकों को किसी भी समस्या के लिए तैयार रहना चाहिए, जिसमें नई और तेजी से बदलती बीमारियां भी शामिल हैं। यह अनुमान लगाना असंभव है कि कौन से साल में कौन सी हानिकारक बीमारी सामने आएगी। हालांकि, कई बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता वाली मक्के की फसल, उत्पादकों के लिए एक बड़ी जीत हो सकती है।
![वायु प्रदूषण से घटती है परागण क्रिया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1618095/uXPIEie7p1712663084390/1712663259445.jpg)
वायु प्रदूषण से घटती है परागण क्रिया
परागण की प्रक्रिया से आशय परागकणों का नर से मादा के अंगों में पहुंचना है। यह पौधों के लिए प्रजनन का एक जरूरी हिस्सा है। इस प्रक्रिया में पौधों को कीट-पतंगों के माध्यम से भोजन मिलता है, जिसे कीट परागण के रूप में जाना जाता है। लेकिन अब एक अध्ययन में सामने आया है कि कीट परागण की प्रक्रिया बाधित हो रही है और इसके लिए वायु प्रदूषण भी जिम्मेवार है।
![मौजूदा खाद्य प्रणाली में बदलाव लाना आवश्यक](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1618095/GFqHBtoj11712662960604/1712663079104.jpg)
मौजूदा खाद्य प्रणाली में बदलाव लाना आवश्यक
हमारी खाद्य प्रणाली, यानी जिस तरह से हम खाद्य पदार्थ उपजाते हैं, उनकी मार्केटिंग करते हैं तथा उन्हें खाते हैं, ने एक तरफ हमारी खाद्य जरूरतें पूरी की हैं तो दूसरी तरफ निरंतर अल्प पोषण, मोटापा, जैव विविधता और पर्यावरण को नुकसान तथा जलवायु परिवर्तन जैसी समस्याएं भी पैदा की हैं।
![कीटनाशकों के बिना फसल सुरक्षा के लिए नई खोजें](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1618095/mFeBKj7Wv1712662396282/1712662955231.jpg)
कीटनाशकों के बिना फसल सुरक्षा के लिए नई खोजें
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कृमि (वर्म) की एक नई प्रजाति खोजी है। उनका दावा है कि यह नन्हा जीव कीटनाशकों के बिना भी फसलों को कीटों से सुरक्षित रखने में मददगार साबित हो सकता है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह सूक्ष्म कृमि पहले कीटों को संक्रमित करते हैं, फिर उन्हें खत्म कर देते हैं। वैज्ञानिकों ने अमेरिकी जीव विज्ञानी बायरन एडम्स के सम्मान में इस नई प्रजाति को \"स्टीनरनेमा एडम्सी\" नाम दिया है।
![हरित क्रांति ने भारत को खाद्य सुरक्षा हासिल करने में तो मदद की, लेकिन पोषण सुरक्षा कमजोर](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1618095/ImKE33XAq1712662280766/1712662370491.jpg)
हरित क्रांति ने भारत को खाद्य सुरक्षा हासिल करने में तो मदद की, लेकिन पोषण सुरक्षा कमजोर
जैसा आप खाते हैं, वैसे ही आप बनते हैं या यूं कहें, जो उगाते हैं, वही खाते हैं। कल्पना कीजिए, पूरी आबादी ऐसी चीज खा रही हो जिसमें कम पोषण हो, जिसमें विटामिन और वे जरूरी तत्व नहीं हों जो विकास, बीमारियों से बचाने और स्वस्थ रहने के लिए जरूरी हैं।
![पर्यावरण दिवस और प्रकृति के महत्व एवं इसके संरक्षण की पहल](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/O2VGv6L-V1712061626529/1712061945055.jpg)
पर्यावरण दिवस और प्रकृति के महत्व एवं इसके संरक्षण की पहल
पर्यावरण दिवस द्वारा हमें पर्यावरण और प्रकृति के महत्व को समझाया जाता है और देश के प्रयासों को दर्शाया जाता है। हम सभी जानते हैं कि प्रकृति और पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन में कितना महत्वपूर्ण है।
![गन्ने और फलों से प्राकृतिक सिरका उत्पादन एक सहायक व्यवसाय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/2M2kcJJmF1712061410875/1712061605296.jpg)
गन्ने और फलों से प्राकृतिक सिरका उत्पादन एक सहायक व्यवसाय
प्रमुख बिंदु - सिरका एक साधारण घरेलू नाम है, जो अपने पोषण गुणों के कारण स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण बहुत अधिक महत्व प्राप्त कर रहा है। अधिकतर व्यवसायिक इकाईयां और उद्यमी प्राकृतिक सिरके की उत्पादन तकनीक में निवेश कर रहे हैं और उससे लाभ प्राप्त कर रहे हैं।
![बैंगन की फसल पर बहुआयामी कीट प्रबंध](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/85z6O_czA1712060760168/1712061404023.jpg)
बैंगन की फसल पर बहुआयामी कीट प्रबंध
यदि किसान को कीटों के बारे जानकारी हो तो इन स्प्रेयों के खर्च और नुक्सान से बचा जा सकता है। हर फसल में यदि फसल को नुक्सान पहुँचाने वाले कीट आते हैं तो इन कीटों को प्राकृतिक तौर पर नियंत्रण में रखने के लिए अनेकों मांसाहारी कीट भी फसल पर आते हैं। जरूरत है इन कीटों की जानकारी और इनके सर्वेक्षण की विधि के ज्ञान के बारे में।
![मधुमक्खियों पर कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की जानकारी एवं बचाव के जरूरी उपाय](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/fjD_Z3T6k1712060548814/1712060749196.jpg)
मधुमक्खियों पर कीटनाशकों के दुष्प्रभाव की जानकारी एवं बचाव के जरूरी उपाय
मधुमक्खियाँ सर्वोत्तम परागणकर्ता होती हैं और अन्य कीटों की तुलना में इनको सबसे अधिक प्रभावी परागणकर्ता माना जाता है। फसल उत्पादन की दृष्टि से परागण तथा कीट नियंत्रण दोनों ही महत्वपूर्ण कार्य हैं और भरपूर उपज लेने के लिए दोनों में पर्याप्त सामंजस्य होना अनिवार्य है।
![जीएम सरसों मुद्दे पर निर्णय लंबित](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/CCHoda0nq1712060274077/1712060545060.jpg)
जीएम सरसों मुद्दे पर निर्णय लंबित
2010 में आनुवंशिक रूप से संशोधित बीटी बैंगन के बाद, अब एक और आनुवंशिक रूप से संशोधित फसल, जीएम सरसों बढ़ रही है। भारत के पर्यावरणविद, स्वास्थ्य और प्राकृतिक खेती के समर्थक, किसान, वैज्ञानिक और कार्यकर्ता शाकनाशी सहिष्णु सरसों को मंजूरी देने के मुद्दे पर भारत सरकार के साथ आमने-सामने हैं।
![चूजों में गम्बोरो बीमारी की रोकथाम के लिए नई वैक्सीन](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/0tw1kYcs11712060121277/1712060251019.jpg)
चूजों में गम्बोरो बीमारी की रोकथाम के लिए नई वैक्सीन
किसी भी पोल्ट्री फार्म में अंडे के लिए पाले जाने वाले चूजों की संख्या पांच हजार से कम नहीं होती है। यदि चिकन वाले ब्रॉयलर चूजों की बात करें तो इनकी संख्या कम से कम 10 से 20 हजार होती है।
![किसानों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार करेगा मौसम पूर्वानुमान](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/B-K4JNDfI1712059997270/1712060106984.jpg)
किसानों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में मददगार करेगा मौसम पूर्वानुमान
तेलंगाना में हुए एक नए अध्ययन में सामने आया है कि मानसून के सटीक पूर्वानुमान किसानों को बेहतर निर्णय लेने में मददगार साबित होते हैं और इससे उन्हें जलवायु परिवर्तन के अनुकूल ढलने में मदद मिलती है।
![मूंगफली फसल सुरक्षा में एफ्लाटॉक्सिन प्रतिरोधक सिस्टम की खोज](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/hfOX9sOEk1712059914299/1712059993662.jpg)
मूंगफली फसल सुरक्षा में एफ्लाटॉक्सिन प्रतिरोधक सिस्टम की खोज
मूंगफली किसानों को फंगल संक्रमण से भारी नुकसान झेलना पड़ता है। यह फंगल संक्रमण एस्परगिलस फ्लेवस के कारण होता है और इसे एफ्लेटॉक्सिन कहते हैं। यह फसल को प्रदूषित और संक्रमित करने के साथ ही मानव स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है।
![नया प्रोटोकॉल अरहर के प्रजनन चक्र को 3-5 साल तक कम कर सकता है](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/tzJkPipfa1712059773719/1712059906754.jpg)
नया प्रोटोकॉल अरहर के प्रजनन चक्र को 3-5 साल तक कम कर सकता है
अरहर जिसे भारत में तूअर भी कहा जाता है, देश की पोषण सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण दलहनी फसल है। भारत में मुख्य रूप से दाल के रूप में खाए जाने वाले प्रोटीन युक्त भोजन की मांग अधिक है- देश अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक और आयातक भी है।
![क्या मक्का की बिजाई को प्रोत्साहित करने से बचेगा पानी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1653069/myGmRhnNm1712059679989/1712059770927.jpg)
क्या मक्का की बिजाई को प्रोत्साहित करने से बचेगा पानी
वर्तमान किसान आंदोलन में किसान संगठनों के साथ हुई कई दौर की वार्ता में केंद्र सरकार के पैरोकारों ने एक प्रस्ताव रखा है, जिसमें सरकार धान के बदले मक्का, कपास, दलहन फसलों को अगले पांच वर्ष तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की गारंटी देगी, लेकिन यह प्रस्ताव तकनीकी तौर पर अव्यावहारिक है।
![पशुपालकों के लिए सिरदर्द पशु का पीछा मारना](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/K4RzW3RHu1710842702353/1710842877311.jpg)
पशुपालकों के लिए सिरदर्द पशु का पीछा मारना
दुधारू पशुपालन का व्यवसाय आज बहुत सारे किसान भाइयों के लिए मुक्य व्यवसाय बन चुका है। इसमें होने वाले आर्थिक लाभ से किसानों की उन्नति हो सकती है। आज के समय में बहुत से डेयरी कार्य पर महंगे से महंगे अच्छी नस्ल के पशु रखे जाते हैं।
![वैज्ञानिकों ने आठ नई प्रजातियों का रहस्य सुलझाया](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/dn5WhuyJ71710842559565/1710842670382.jpg)
वैज्ञानिकों ने आठ नई प्रजातियों का रहस्य सुलझाया
वर्ष 1934 में, अमेरिकी कीट विज्ञानी एलवुड जिम्मरमैन ने पोलिनेशिया के 'मंगरेवन अभियान' में भाग लिया था।
![हरियाणा की कृषि नीति से कृषि उत्पादन में हो सकती है कमी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/M398auNaB1710842334572/1710842544840.jpg)
हरियाणा की कृषि नीति से कृषि उत्पादन में हो सकती है कमी
हरित क्रांति के दौर (वर्ष 1970) से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले प्रमुख राज्यों में शामिल हरियाणा के कृषि उत्पादन में ठहराव प्रदेश और देश दोनों के लिए चिंता का विषय है।
![जलवायु में बदलाव बढ़ा सकता है टिड्डियों का प्रकोप](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/mjgxUmx-t1710842188231/1710842329410.jpg)
जलवायु में बदलाव बढ़ा सकता है टिड्डियों का प्रकोप
एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मौसम में बदलाव जैसे-तेज हवा और अत्याधिक बारिश के कारण रेगिस्तानी टिड्डियों के प्रकोप का खतरा बढ़ सकता है।
![एआई टूल देगा पौधों और जीवों की सही जानकारी](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/I6O7wP6-O1710842079803/1710842184130.jpg)
एआई टूल देगा पौधों और जीवों की सही जानकारी
शोधकर्ताओं ने मशीन लर्निंग द्वारा उपयोग किए जाने वाले जैविक छवियों का अब तक का सबसे बड़ा डेटासेट बनाया है, साथ ही इससे सीखने के लिए एक नया दिखाई देने वाला कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) उपकरण विकसित किया है। प्रमुख अध्ययनकर्ता सैमुअल स्टीवंस ने कहा कि नए अध्ययन के निष्कर्षो ने इस दायरे को काफी हद तक बढ़ा दिया है। अब वैज्ञानिक नए सवालों के जवाब देने के लिए पौधों, जानवरों और कवक की छवियों का विश्लेषण करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग कर सकते हैं।
![भोजन कैसे उगाया जाए, इस पर फिर से सोचने की जरूरत](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/m7lnh4CLn1710841988189/1710842075358.jpg)
भोजन कैसे उगाया जाए, इस पर फिर से सोचने की जरूरत
बात चाहे यूरोप के अमीर किसानों की हो या भारत में उनके गरीब भाईयों की, हम अक्सर ऐसी तस्वीरें देखते हैं जिनमें वे अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए ट्रैक्टरों पर सवार होकर राजमार्गों को अवरुद्ध कर रहे होते हैं और यह इस बात का साफ संकेत है कि वैश्विक कृषि बुरे दौर से गुजर रही है।
![आईआईएचआर ने विकसित की मिर्च की तीन रोग-प्रतिरोधी किस्में](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/rBocjnn5s1710841922023/1710841986224.jpg)
आईआईएचआर ने विकसित की मिर्च की तीन रोग-प्रतिरोधी किस्में
बेंगलुरु में भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान (आईआईएचआर) के वैज्ञानिकों द्वारा तीन संकर मिर्च की किस्में विकसित की गई हैं, जो फाइटोपथोरा रूट रोट (पीआरआर) और लीफ कर्ल वायरस (एलसीवी) सहित कई बीमारियों के लिए प्रतिरोधी हैं।
![किसानों के लिए वरदान 'जीवाणु खाद'](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/x8GnmFFM11710841802690/1710841913131.jpg)
किसानों के लिए वरदान 'जीवाणु खाद'
भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का आधार हैं। देश में बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण भोजन की कमी को पूरा करने के लिए मनुष्य खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए कई प्रकार की रासायनिक खादें और जहरीले कीटनाशकों का उपयोग कर रहा है।
![तोरई की उत्तम खेती एवं पैदावार](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/ibj8d95Hz1710841487971/1710841788253.jpg)
तोरई की उत्तम खेती एवं पैदावार
तोरई की खेती पूरे भारत में की जाती है। लेकिन तोरई की खेती के मुख्य उत्पादक राज्य केरल, उड़ीसा, कर्नाटक, बंगाल और उत्तर प्रदेश हैं। यह बेल पर लगने वाली सब्जी होती है।
![एमएसपी की कानूनी गारंटी खाद्य सुरक्षा और किसान की जीवन रेखा](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/zSf8rm28C1710841051600/1710841482146.jpg)
एमएसपी की कानूनी गारंटी खाद्य सुरक्षा और किसान की जीवन रेखा
एमएसपी पर केवल सार्वजनिक खरीद की बजाये, इस बारे व्यापक दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है क्योंकि एमएसपी मूल रूप से भारत की खाद्य सुरक्षा और किसानों की जीवन रेखा सुनिश्चित करने के लिए एक मूल्य गारंटी तंत्र है, जिसे सरकार और बाजार दोनों द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए। एमएसपी को कानूनी गारंटी बनाने के लिए एपीएमसी अधिनियम में आवश्यक संशोधन द्वारा एक खंड को शामिल करने की आवश्यकता है कि 'एपीएमसी मंडियों में कृषि उपज की नीलामी घोषित एमएसपी कीमतों से कम पर करने की कानूनी अनुमति नहीं है'।
![आनुवंशिकी नहीं, एफसीओ हैं बढ़ते कुपोषण का मुख्य कारण](https://reseuro.magzter.com/100x125/articles/1183/1635532/ym61lVqfq1710840713841/1710840936790.jpg)
आनुवंशिकी नहीं, एफसीओ हैं बढ़ते कुपोषण का मुख्य कारण
हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित शोध में धान और गेहूं में आयरन और जिंक जैसे सूक्ष्म खनिज पोषक तत्वों में कमी और विषाक्त तत्वों की वृद्धि सुर्खियों में रही। शोध के अनुसार, देश के प्रमुख खाद्य अनाजों में खनिज पोषक तत्वों की लोडिंग बढ़ाने से संबंधित आनुवंशिक लक्षणों की उपेक्षा के कारण आवश्यक खनिजों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।