CATEGORIES
Categories
स्पिरुलिना की खेती उन्नति का आधार
हमारे देश के ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती पर निर्भर हैं, जिस से उन्हें अपेक्षा के अनुरूप फायदा नहीं मिल पाता है.
जैतून है लाभकारी
औलिव औयल यानी जैतून के तेल के बारे में ज्यादातर सभी लोग जानते हैं. जैतून तेल के अनेक प्राकृतिक उपयोगों से अनेक सौंदर्य प्रसाधन बनाए जाते हैं.
जीरा : मसालों का राजा
मसाला उत्पादन और मसाला कारोबार के मामले में भारत नंबर वन है. मसाले हमारे भोजन को जायकेदार बनाते हैं, साथ ही उन का निर्यात कर हम विदेशी लोगों के भोजन को भी जायकेदार बनाते हैं.
चारा व सब्जी फसल बरबटी की खेती
बरबटी की खेती पशुओं के लिए हरा चारा, दाल व हरी फलियों की सब्जी के तौर पर की जाती है. बरबटी को लोबिया नाम से भी जाना जाता है. यह प्रोटीन का बहुत सस्ता और अच्छा जरीया है. इस को खाने से कब्ज नहीं होता और शरीर मजबूत बनता है.
गन्ना सुधार के लिए जैव प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका
गन्ना एक बारहमासी फसल है, जो 12 से 18 महीने की अवधि के बीच पक कर तैयार होती है. आमतौर पर भारत में 12 महीने के लिए गन्ना लगाया जाता है. इस को खेत में जनवरीफरवरी माह में रोपा जाता है. 16 से 18 महीने के लिए दक्षिण भारत के राज्यों में जैसे आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में जुलाई से अगस्त माह में लगाया जाता है. इस के अलावा अक्तूबर से नवंबर माह में गन्ने को लगाया जा सकता है, जिस को पूर्व मौसमी 15 महीने की फसल के नाम से भी जाना जाता है.
खेतीकिसानी के फरवरी महीने के खास काम
फरवरी महीने की आबोहवा जहां एक ओर तनबदन में चुस्तीफुरती भरने वाली होती है, वहीं दूसरी ओर काम चाहे गन्ने की बोआई का हो या तेजी से तैयार हो रही गेहूं की फसल की देखभाल का, किसान पूरी शिद्दत से जुट जाते हैं. फरवरी में सुस्ती एकबारगी नौदोग्यारह हो चुकी होती है और खेतों में चहलपहल बढ़ जाती है..आइए लेते हैं एक जायजा, फरवरी माह के दौरान खेतीजगत में होने वाले खास कामों का :
खेती में अपनाए प्राकतिक तौर तरीके
भरतपुर जिले की भरतपुरबयाना सड़क पर गांव पना के पास कमल मीणा परिवार ने अपने 16 बीघा खेत यानी फार्महाउस में विभिन्न प्रकार के फल व फूलदार पौधे, औषधीय व सब्जियों और खाद्यान्नों की फसलें लगा कर किसानों के लिए समन्वित खेती का बेहतरीन उदाहरण सामने रखा है.उन्होंने अपने खेत में कैमिकल खाद व कीटनाशक दवाओं के बजाय प्राकृतिक विधि को अपनाया है, ताकि खाद्य पदार्थों में जहरीले तत्त्व न हों.
केला बनाए मालामाल
केले की प्रोसैसिंग से उत्पाद बना कर न केवल इस के उत्पादक अमीर हो रहे हैं, बल्कि ग्राहकों को भी अलगअलग वैराइटी मिलती है.
कृषि यंत्र बैंक बनाएं पैसा कमाएं
अच्छी कमाई करने के लिए खेती में आधुनिक तरीके अपनाने होते हैं. इस में उन्नत किस्म के बीज, मिट्टी जांच के अनुसार खेती में दिए जाने वाले खादउर्वरक, समय पर पानी और खेती में कृषि यंत्रों का उपयोग.
कीड़ों से बचाएं सरसों की फसल
सरसों भारत की एक अहम तिलहनी फसल है. यह फसल ज्यादातर पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में उगाई जाती है. राजस्थान में सरसों आमतौर पर सभी जिलों में पैदा की जाती है, लेकिन जोधपुर, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, पाली, जालौर व श्रीगंगानगर जिलों में इस की फसल बड़े पैमाने में ली जाती है.
मिट्टी की जांच कराएं पैदावार बढ़ाएं
मिट्टी की जांच का मतलब है, मिट्टी को लैब में ला कर वैज्ञानिक तरीके से उस का विश्लेषण करना. इस से खेत की मिट्टी की सही क्वालिटी के बारे में जानकारी मिलती है, मिट्टी की समस्याओं के बारे में पता चलता है और कई फसलों के लिए उपयोगी उर्वरकों व खाद की सही मात्रा के बारे में पता चलता है.
मार्च महीने में खेती के जरूरी काम
मार्च के महीने में गेहूं की फसल में दाने या बालियों में दूध बनने लगता है. इस दौरान खेत में नमी का होना बहुत जरूरी होता है, इसलिए समय पर फसल में सिंचाई करें. दिन में अगर ज्यादा तेज हवा चल रही हो, तो रात को सिंचाई करें.
मशरूम की खेती से करें कमाई
मशरूम की गिनती महंगी सब्जियों में होती है और शाकाहारी लोग इसे बेहद पसंद भी करते हैं. कम जगह में पैदा होने वाली इस की खेती में मुनाफा भी अच्छा मिलता है. जरूरत है केवल जानकारी की. इस की ट्रेनिंग ले कर आप भी मशरूम की खेती कर अपनी कमाई का जरीया बना सकते हैं.
बंजर जमीन में आंवला की खेती से मुनाफा
एक समय था, जब लोग पढ़लिख कर नौकरी पा जाते थे और अपढ़ लोग खेती किसानी के काम में लग जाते थे, लेकिन समय के बदलाव के साथ अब लोगों की सोच भी बदल रही है. अब इंजीनियरिंग और मैनेजमैंट की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौजवान खेती की ओर अपने कदम बढ़ा रहे हैं.
कपास की फसल का कीटों से बचाव
कपास भारत में उगाई जाने वाली खास रेशेदार व नकदी फसल है. गुजरात, कर्नाटक, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सूबे मिल कर देश के उत्पादन का तकरीबन 90 फीसदी कपास पैदा करते हैं.
औषधीय पौधों की खेती
हमारे देश में चोट व बीमारियों में जड़ीबूटियों का इस्तेमाल बहुत पुराने समय से ले कर आज तक हो रहा है. इन जड़ीबूटियों यानी हर्बल पौधों पर आयुर्वेद आज तक टिका है.
ऐसे करें पपीते की खेती
पपीता एक ऐसा फल है, जिस की मांग पूरे साल रहती है, फिर चाहे पपीता कच्चा हो या पका. हाल के दिनों में पपीते की खेती की ओर किसानों का ध्यान ज्यादा गया है. पपीते का पेड़ ज्यादा ठंड सहन नहीं कर सकता, इसलिए बहुत ठंडे इलाकों में इस की खेती नहीं होती.