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सैली का चश्मा
सैली गिलहरी बहुत सारे \"पेड़पौधों वाले एक खूबसूरत और बड़े पार्क में घने अशोक के पेड़ पर रहती थी. पंक्तियों में फूल अपनी साफसुथरी पट्टी यानी बिस्तर पर अनुशासित छात्रों की तरह खड़े दिखाई दे रहे थे. चारों ओर हरियाली थी. सैली को अशोक की लंबी पत्तियां और उस का मोटा तना काफी पसंद था, जिस पर वह रहती थी. वह अपनी पूंछ घुमाती हुई पेड़ के तने पर ऊपरनीचे दौड़ लगाती रहती.
करण और रजत की यादगार दीवाली
इस बार दीवाली पर करण और रजत बहुत 'रोमांचित थे. वे एक विशेष यात्रा पर जाने वाले थे.
सैंट फिलोस में बाल दिवस
जैसे ही स्कूल की घंटी बजी, सैंट फिलोस स्कूल के वीं कक्षा के सभी बच्चे, जो अपने गेम्स पीरियड के दौरान मैदान में थे, अपनी कक्षा की ओर वापस भागे. कक्षा में लौटते समय सुमन, रीता और जानवी ने स्कूल सभागार के अंदर अपने कई शिक्षकों को देखा और वे उन्हें देखने के लिए रुक गई कि वे क्या कर रहे हैं.
जंगल में दीवाली
शुभम और श्याम अच्छे दोस्त थे. दोनों के घर गांव 'में पासपास थे. वे दीवाली पर पटाखे फोड़ने के बड़े शौकीन थे, लेकिन इस बार उन्होंने दीवाली से पहले ही बहुत सारे पटाखे खरीदे थे. दीवाली से पहले ही उन्होंने सारे पटाखे फोड़ दिए.
शहर की यात्रा
आनंदवन हिमालय पर्वत से घिरा एक घन था. यहां का राजा बोबो भालू था. एक दिन शहर से क्रिस्टी कौआ वहां घूमने आया. वन के निवासियों ने उस की खूब आवभगत की पर क्रिस्टी वहां के रहनसहन को देख कर खुश नहीं था.
एक प्यारा छोटा सा गांव
दशहरे की छुट्टियां शुरू होने वाली थीं. समर उत्सुकता से सुन रहा था, क्योंकि उस के दोस्त उन स्थानों के नाम बता रहे थे जहां वे अपने मम्मीपापा के साथ घूमने जाएंगे, जैसे पहाड़ी क्षेत्र, समुद्रतट और विदेशी स्थान.
डमरू की दुकान
डमरू गधे ने चंपकवन में एक नई दुकान खोली, जिस का नाम था, 'डमरू इलैक्ट्रोनिक्स.' उस ने काफी समय तक कड़ी मेहनत की और कुछ पैसे बचाए. अपनी दुकान से वह काफी खुश था...
रामलीला
\"आदि, रुको, तुम इतनी जल्दी कहां जा रहे हो?\" पार्थ ने आदि को पकड़ने की कोशिश करते हुए पूछा...
असली भूत कौन
हौस्टल लाइब्रेरी का एक अंधेरा शांत कोना वह जगह है, जहां मिहिका अपनी किताब ले कर बैठी थी. हौस्टल की अंधेरी लाइब्रेरी में किताबों की अलमारियों पर रखे जैकओलालटेन और कांच की खिड़की से आती चांद की रोशनी ने कमरे को अद्भुत रूप से रोशन कर दिया. मिहिका एक शांत कोने में अपनी किताब ले कर बैठ गई. चमकती आंखें मानो छाया में छिपी हुई थीं.
स्कूल की रामलीला
\"बच्चो, क्यों न इस साल स्कूल के मैदान में रामलीला का आयोजन किया जाए?\" शनिवार के सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बच्चों से प्रिंसिपल ने राय ली...
मां की सलाह
बहुत पुरानी बात है. तीन छोटे सूअर अपनी मां के साथ रहते थे. वे सारे दिन खेलते और खाते थे और कुछ नहीं करते थे. एक दिन उन की मां ने सोचा, 'आखिर ऐसा कब तक चलेगा? अब इन्हें अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए.'
सफलता की कहानी
नौर्स साम्राज्य में यह एक चमकीला, तेज धूप वाला दिन था. इस साम्राज्य का राजा ओलाफ था. प्रजा प्यार से उन्हें 'फ्री' कहती थी.
एल्मो के कान
इंटरवल की घंटी बजी. सारे बच्चे क्लास से निकल कर मैदान में आ गए. एल्मो हाथी, रोरो खरगोश, मैडी लंगूर और डैनी हिरण अपने लंच बौक्स ले कर एक पेड़ के नीचे बैठे थे...
अंधविश्वास से आजादी
डेजी बिल्ली अपनी दो बेटियों के साथ एक छोटे से घर में रह रही थी. उस की दोनों बेटियां बहुत होशियार थीं. रीरी का रंग नारंगी और आंखें सुनहरी पीली थीं, तो बेरी का रंग काला और उस की आंखें भूरे रंग की थीं...
गांधीजी और उन की आत्मकथा
\"दादी, आप क्या पढ़ रही हैं?\" मिंकी अपनी दादी के कमरे में गई...
मोनिया से गांधी तक
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का बचपन का नाम मोनिया था. वे अपने परिवार के साथ पोरबंदर में रहते थे. उन्हीं दिनों पोरबंदर में उन के घर के पास एक नाटक मंडली आई हुई थी, जो सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के जीवन पर आधारित एक नाटक का मंचन कर रही थी, मोनिया नाटक देख रहा था.
दोस्तों में झड़प
ब्लैकी भालू गुस्से में दनदनाता हुआ वैली भेड़िए के घर की ओर जा रहा था...
एक अजीब प्रतिबिंब
साइंस की क्लास में टीचर ने सैम भेड़ से पूछा, \"तुम अपना होमवर्क कर के क्यों नहीं लाए?\"
खुद पर विश्वास रखो
अर्जुन अपने दादादादी के साथ रहता था, जो उस के अभिभावक होने के साथसाथ उस के मित्र भी थे. वह अपने दादा को प्यार को प्यार से 'दद्दू' कहता था. उस के दद्दू युवावस्था में एथलीट थे और उन्होंने अपने शहर के लिए कई पदक जीते थे.
सही पहचान
एक समय की बात है, एक मनमोहक गांव में गोल्डीलौक्स नाम की एक नटखट लड़की रहती थी. वह सूरज की किरणों की तरह चमकते अपने बेहद खूबसूरत सुनहरे बालों के लिए दूरदूर तक प्रसिद्ध थी. वह जहां भी जाती, लोग उस के शानदार बालों की प्रशंसा किए बिना नहीं रह पाते थे.
19वें एशियाई खेलों की टीम
एशिया में 48 देश हैं और भारत सहित ये सभी देश एशियाई खेल नामक एक बड़ी खेल थीम वाली पार्टी का आयोजन करने जा रहे हैं. खेलों के 19वें संस्करण की मेजबानी तीसरी बार चीन द्वारा 23 सितंबर से 8 अक्तूबर तक हांगझू में की जाएगी. हांगझू 10,000 से अधिक एथलीटों का स्वागत करने के लिए तैयार है, जो 40 से अधिक रोमांचक खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगे. हम ने खेलों की सूची में शामिल कुछ भारतीय एथलीटों से बात की, यह जानने के लिए कि वे कौन हैं और कहां पहुंचे.
जल जादू
आइए, जानने की कोशिश करें कि हवा का दबाव पानी को अंदर रोकने में कैसे मदद करता है?
हीरे का हार
बाणी भालू के पिता चंपकवन वन के बड़े व्यापारी थे. वह अपने पिता बोबो और मां बेला के साथ एक शानदार घर में रहती थी. बाणी को रंगबिरंगे पत्थर और कंचे इकट्ठा करने का शौक था.
स्पाइक जूते
एक छोटे से शहर से सूरी खरगोश इस नए बड़े शहर में आई. उसे अपने पुराने दोस्तों और स्कूल की याद आती थी. वह वहां एक स्टार थी और हर कोई उसे जानता था. जब वाणी लोमड़ी स्कूल में उस से दोस्ती करने आई तो सूरी के कान खुशी से खड़े हो गए.
क्रूज पर अराकता
क्रूज मौली चुहिया सुंदरवन में एक जासूसी एजेंट थी. एक सुबह अखबार पढ़ते समय उस ने चंपक सी डिसकाउंट औफर का विज्ञापन देखा. उस ने ब्रेक लेने और चंपक सी क्रूज के साथ अवकाश यात्रा पर जाने का फैसला किया. उस शाम वह ट्रैवल एजेंसी के औफिस गई और अगले सप्ताह के लिए क्रूज पैकेज बुक करने की सारी व्यवस्था की.
पीयूष को मिला सबक
अर्धवार्षिक परीक्षा खत्म होते ही पीयूष ने राहत की सांस ली. वह बोला, \"पापा, आप ने मुझ से वादा किया था कि परीक्षा खत्म होने पर पिकनिक चलेंगे?”
एक सपना
विज्ञान का पीरियड था. मोहित सर बड़ी लगन से बच्चों को वैज्ञानिक आविष्कारों के बारे में पढ़ा रहे थे. चैप्टर खत्म होते ही उन्होंने बच्चों से पूछा, \"तुम सब बड़े हो कर क्या बनना चाहते हो?”
नारियल पानी की दुकान
आनंदवन में जोजो सियार की नारियल पानी की एकमात्र दुकान थी इसलिए वह मनमाने दाम पर नारियल पानी बेचता था, वह नहीं चाहता था कि जंगल में कोई और नारियल पानी की दुकान खोले इसलिए जैसे ही उसे पता चला कि डैनी गधा भी जंगल में नारियल पानी की दुकान खोलने वाला है तो वह गुस्सा हो गया और तुरंत डैनी के पास जा पहुंचा.
शिक्षक दिवस का उपहार
बिली भालू अब बूढ़ा हो गया था और पिछले कुछ दिनों से उनकी सभाएं भी बंद हो चुकी थीं. अब वे दिनभर अपने घर पर रहते थे. उन का इधरउधर घूमना पूरी तरह बंद हो चुका था. उस की वजह से पिछले दो हफ्ते से उन की तबीयत बहुत खराब थी. वह दवा ले रहे थे, लेकिन इस से उन्हें कोई खा फायदा नहीं हो रहा था.
कोकोनट रिले रेस
आज 2 सितंबर का दिन था यानी कोकोनट डे. कर्नाटक के एक गांव मंड्या के स्पोर्ट्स क्लब में आज कोकोनट डे मनाया जा रहा था. मिस्टर आयंगर अपने दो बच्चों वेंकट और गायत्री के साथ स्पोर्ट्स क्लब जाने की तैयारी कर रहे थे.