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दुनिया के शहरों की आधी आबादी पर होगा जलसंकट
'वर्ष 2030 तक पानी और स्वच्छता के लिए बनाए गए टिकाऊ विकास लक्ष्य (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल) की पूर्ति कठिन प्रतीत होती है यदि वर्तमान स्थितियों में समस्त देशों की स्थिति यथावत रहती है? यह खुलासा हाल ही में संयुक्त राष्ट्र जल विकास रिपोर्ट 2023 ने किया है। विश्व की शहरी आबादी जो कि वर्ष 2016 में भारी जल संकट से जूझ रही है, उस आबादी की संख्या 933 मिलियन से बढ़कर 2050 तक 2 बिलियन तक भी होने की संभावनाएं हैं। रिपोर्ट के मुताबिक एशियाई देशों में चीन, भारत और पाकिस्तान की फीसदी आबादी पानी की कमी से जूझ रही है।'
भारतीय समाज के पथ प्रदर्शक कर्मयोगी संत रविदास
संत रविदास जयंती पर विशेष
रूस- यूक्रेन जंग आज भी है बड़ा मुद्दा
देखा जाये तो इस युद्ध में अब तक जानमाल का सर्वाधिक नुकसान भले यूक्रेन को हुआ हो लेकिन प्रतिष्ठा का नुकसान सर्वाधिक रूस को हुआ है।
शादी - विवाह पर दिखावे का असर
पिछले दिनों अपने एक परिचित से बातें हो रही थीं। गांव में रहते हैं। वह अपनी बहन की लड़की की शादी के बारे में बताने लगे।
वास्तविक नामों के लिये चलाया जाये अभियान
ऐतिहासिक अजातशत्रु नगर का नाम बर्बर बेगू ने अपने नाम पर रख लिया और आज भी वह बेगूसराय कहलाता है।
विश्वगुरु भारत में गुरुओं की स्थिति
गुरु, शिक्षक अथवा अध्यापक का नाम सामने आते ही प्रत्येक विद्यार्थी का शीश उनके आदर में सम्मान से झुक जाता है।
संसद में विपक्षी एकता है अत्यंत जरूरी
संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ था। दोनों जगह विपक्ष अपनी मांगें मनवाने के लिए लगातार शोर करता रहा। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई बहस के दौरान प्रधानमंत्री एक घंटे से अधिक समय तक बोलते रहे थे।
क्या यह बजट सिर्फ 1 प्रतिशत मध्यमवर्ग लोगों के लिए है?
वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण संसद में पांचवी बार बजट पेश करते हुए जब वह आयकर की छूट के बाबत घोषणा कर रही थी, तब उन्होंने यह कहा कि मध्यमवर्ग (मीडियम क्लास) के लिए वह विशेष छूट लेकर आई हैं।
वित्तीय पोषण में क्यों हाशिए पर रहते हैं पर्यावरणीय नियम?
हर साल हमारे वित्तीय संस्थान जैसे सार्वजनिक बैंक, आवास फाइनेंस कंपनियां बड़े-बड़े आवासीय / व्यवसायिक प्रोजेक्टों को करोड़ों का ऋण देती हैं और ऋण देने के पूर्व तमाम वैधानिक अनुमतियों के दस्तावेज बिल्डरों से आवश्यक रूप से लेती हैं। मगर इनमें पर्यावरणीय संबंधी नियम हाशिए पर रख दिए जाते हैं, जबकि भारतीय रिज़र्व बैंक का मास्टर सर्कुलर जुलाई 2015 और फरवरी 2022 कहता है कि आवासीय प्रोजेक्ट को ऋण देने के पूर्व सभी बैंक को शासकीय, स्थानीय प्रशासन और अन्य वैधानिक अभिकरणों से अनुमतियां प्राप्त होने पर ऋण प्रपोजल को अनुमोदित करना चाहिए। क्या वैधानिक अनुमतियों में पर्यावरणीय नियमों की अनुमतियां नही आती हैं? यदि है तो हमारे बैंकों ने पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के कानून को कैसे दरकिनार कर रखा है ?
मुख्यमंत्री बघेल के साथ ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक नगरी सिरपुर पहुंचे सांसद राहुल गांधी
मुख्यमंत्री श्री बघेल के साथ ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक नगरी सिरपुर पहुंचे
विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 4 हजार 144 करोड़ रूपए का तृतीय अनुपूरक बजट पारित
मुख्य बजट का आकार बढ़कर हुआ 0। लाख 5 हजार ३85 करोड़ रूपए
जनाधार सहेजने में जुटीं राजनीतिक पार्टियां
कहावत है कि इतिहास खुद को दोहराता है... उत्तर प्रदेश की विपक्षी राजनीति जिस तरह के कदम उठा रही है, उससे तो यह कहावत सही ही होती नजर आ रही है।
लीथियम खोजने की कवायदें जारी
खदान मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने देश में लीथियम और सोने के भंडार खोज निकाले हैं और ऐसे लगभग 51 खनिज ब्लॉक राज्य सरकारों को सौंप दिए गए हैं।
मुफ्त की बजाय गरीबों का आर्थिक स्वावलम्बन जरूरी
आजादी के अमृत काल में सशक्त भारत एवं विकसित भारत को निर्मित करते हुए गरीबमुक्त भारत के संकल्प को भी आकार देना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी सरकार ने वर्ष 2047 के आजादी के शताब्दी समारोह के लिये जो योजनाएं एवं लक्ष्य तय किये हैं, उनमें गरीबी उन्मूलन के लिये भी व्यापक योजनाएं बनायी गयी है।
कानपुर की घटना कानून की ताकत का दुरुपयोग है
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले की मड़ौली गांव में घाटी त्रासदी की दुःस्वप्न में भी कल्पना नहीं की जा सकती।
शुद्ध पानी का हक दिलाने की सरकारी मुहिम
दरअसल भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जल जीवन मिशन के तहत तेलंगाना, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, पुदुचेरी और हरियाणा के भी 100 प्रतिशत ग्रामीण घरों को नल के जरिये साफ पानी का कनेक्शन दिया जा चुका है, सरकार की यह पहल अनुकरणीय एवं प्रशंसनीय है।
तो दक्षिणपंथियों को इसलिये है कांग्रेस से नफरत
स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करते हुये जिस कांग्रेस पार्टी ने भारतवर्ष को अंग्रेज़ों की गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराया था, जिस कांग्रेस पार्टी को दुनिया गांधीवादी दर्शन एवं विचारों पर चलने वाली पार्टी के रूप में जानती है, उसी ऐतिहासिक कांग्रेस पार्टी को देश से समाप्त किये जाने का गोया एक अभियान दक्षिणपंथी विचारधारा के लोगों द्वारा दशकों से चलाया जा रहा है।
भोपाल में बिक रहे पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर की जांच में सिर्फ खानापूर्ति
20 लीटर के जार पर नियम का है अभाव
खदानों से आदिवासियों को हो रही है परेशानी
ईसीएल का दावा है कि उसने तालझारी मौजा में 125 एकड़ जमीन अधिग्रहण किया है।
शासन-प्रशासन के बीच संघर्ष से आहत होता लोकतंत्र
चुनी हुई सरकार बनाम केंद्र की तरफ से नियुक्त प्रशासक के अधिकारों की लड़ाई अब ऐसे मोड़ पर पहुंच गई लगती है, जिसमें लोकतांत्रिक मूल्य, सिद्धांत और नियम-कायदे कहीं हाशिए पर चले गए हैं।
हिमालय जैसे अटल थे बाला साहेब
राजनीति के इतिहास में बाला साहेब ठाकरे का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित रहेगा। क्योंकि वे एक ऐसी शख्सियत थे जिन्होंने अपने दम पर मुम्बई शहर की काया पलट कर दी थी।
नेता जी ने बापू को सर्वप्रथम कहा था राष्ट्रपिता
17 जनवरी 1941 की रात्रि 12-45 बजे नेताजी अँग्रेजी हुकूमत के पहरेदारों को चकमा देकर मौलवी नियाजुउद्दीन के भेष में निकल भागे थे
भारतीय प्रतिष्ठा की वैश्विक गूंज
प्रधानमंत्री ने आयुष उत्पादों और इससे जुड़े स्टार्ट-अप के लिए बाजार में वृद्धि की भी सराहना की
मध्य प्रदेश में उमा भारती की सक्रियता के मायने
मध्य प्रदेश में भाजपा को इस बार के विधानसभा चुनाव में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
साफ पानी के नये स्त्रोतों की तलाश
पृथ्वी पर ताजा पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं है और आने वाले वर्षों में पानी की स्थिति और भी बदतर हो जाएगी।
आत्मनिर्भरता के लिए शोध पर खर्च बढ़ाना जरूरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर में 108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का आभासी उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान पूरी दुनिया के लिए मार्गदर्शक सिद्ध हो रहे हैं।
समर्थन और विरोध की पराकाष्ठा : भारत जोड़ो यात्रा
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के नेतृत्व में सात सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू होकर कश्मीर तक चल रही भारत जोड़ो यात्रा भीषण शीत लहरी के बावजूद अपने पूरे जोशउत्साह और उमंग के साथ आगे बढ़ते हुये अपनी मंजिल की ओर अग्रसर है।
बेरोजगारी - महंगाई से निपटने का लें संकल्प
हमारा देश एक उत्सवधर्मी देश है। बीते वर्ष में हमने अपनी उपलब्धियों के बहुत उत्सव मनाए।
वैश्विक स्तर पर बढ़ सकता है रेत का संकट
विश्व भर में पर्यावरण सम्बन्धी मंडराते तमाम संकटों में एक नया संकट और भी है जिसकी ओर मनुष्य उतनी गम्भीरता से विचार नहीं कर रहा है।
लोकतंत्र के मर्यादा मार्ग पर कदमताल की वेला
बीत गया साल भी ऐसे कई सवाल छोड़ गया है, जिनके जवाब आने अभी बाकी हैं।