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വ്യായാമം കളിയല്ല
വ്യായാമം ചെയ്യുമ്പോൾ ഭക്ഷണം; വസ്ത്രം എങ്ങനെ; എത്ര വെള്ളം കുടിക്കണം; സുരക്ഷയും നോക്കണം
മറവിരോഗം നേരത്തെ അറിയാമോ?
പ്രായം കൂടുന്നത് അനുസരിച്ച് അൽഷൈമേഴ്സ് വരാനുള്ള സാധ്യത കൂടുന്നു. 65 നു മേൽ പ്രായമുള്ള പത്തിൽ ഒരാളാക്കും 85 നു മേൽ പ്രായമുള്ളവരിൽ മൂന്നിൽ ഒരാൾക്കും അൽഷൈമേഴ്സ് വരാനുള്ള സാധ്യത ഉണ്ട്. പ്രായം കൂടാതെ, കുടുംബത്തിൽ അടുത്ത ബന്ധുക്കളിൽ ആർക്കെങ്കിലും മറവി രോഗം ഉണ്ടെങ്കിലോ, അതി രക്തതസമ്മർദം, പ്രമേഹം, അമിതമായ പുകവലി, മദ്യപാനം ഒക്കെ മറവിരോഗം വരാനുള്ള സാധ്യത കൂട്ടുന്നു.
കൺഫ്യൂഷൻ വേണ്ട, മനുഷ്യൻ മിശ്രഭുക്ക്
മനുഷ്യന്റെ പല്ല്, നഖം, ആമാശയം, വൻകുടൽ, ചെറുകുടൽ,നാവ്, ഉമിനീർ ഗ്രന്ഥികൾ, ദഹനരസങ്ങൾ എല്ലാം മാംസഭുക്കിനോ സസ്വഭുക്കിനോ സമാനം അല്ല; ഇരുജീവികളുടേയും ശരീരഘടനക്ക് ഇടയിലാണ്
ശ്രദ്ധിക്കു ആത്മഹത്യകൾ തടയാം
ഉയരുന്ന ആത്മഹത്യാ നിരക്ക് ഇന്ന് ലോകം നേരിടുന്ന ഏറ്റവും വലിയ വെല്ലുവിളികളിൽ ഒന്നാണ്. ലോകത്ത് ഏത് പ്രായത്തിലുള്ളവരുടേതായാലും മരണകാരണങ്ങളിൽ ആദ്യ ഇരുപതിൽ ഒന്നാണ് ആത്മഹത്യ
ചിക്കൻപോക്സ്: ശരിയും തെറ്റും
ചിക്കൻപോക്സിനെപ്പറ്റി വളരെയധികം അശാസ്ത്രീയ, മിഥ്യാ ധാരണകൾ പ്രചാരത്തിലുണ്ട്
ഹൃദയത്തിന് വ്യായാമം
ഏയ്റോബിക് ഫിസിക്കൽ എക്സർസൈ സുകൾ രക്തചംക്രമണം മെച്ചപ്പെടുത്തുന്നതിനും ഒപ്പം ഹൃദയമിടിപ്പ് നിരക്കും രക്ത സമ്മർദ്ദവും കുറയ്ക്കാനും സഹായിക്കും
പഴങ്ങൾക്ക് പകരക്കാരനില്ല
പഴത്തിലെ നാരുഘടകങ്ങൾ ദഹനം സുഖകരമാക്കുകയും ദഹനപ്രശ്നങ്ങളും മലബന്ധവും ഇല്ലാതാക്കുകയും ചെ യ്യം. പഴങ്ങളിൽ ധാരാളം ജലാംശമുള്ളതിനാൽ ശാരീരിക പ്രവർത്തനങ്ങൾക്ക് അത് മതിയാവും. രോഗാവസ്ഥകളിൽ പഴം കഴിക്കാമോ? ഏതാണ്ട് എല്ലാ രോഗാവസ്ഥകളിലും പഴം കഴിക്കാം.
मेवों से पाएं स्वाद और स्वास्थ्य
स्वाद व सेहत से भरपूर ड्राई फ्रूट्स का सेवन आपको कई रोगों से दूर रखता है। आइये जानते हैं ड्राई फ्रूट्स में छिपे पोषक तत्त्वों व उनको सही तरीके से खाने की विधि के बारे में
जैसा आहार वैसा व्यवहार
अमूमन हम अपने व्यवहार, स्वभाव एवं व्यक्तित्व तथा बर्ताव आदि का जिम्मेदार अन्य लोगों, रिश्तों, किस्मत एवं परिस्थितियों आदि को ही समझते हैं। हमें लगता है इन्हीं सब के कारण हम चिंतित एवं दुखी हैं, परंतु क्या आप जानते हैं कि हमारे व्यवहार का कारण हमारा आहार भी हो सकता है? नहीं, तो जानिए किस तरह हमारा आहार हमारे व्यवहार को प्रभावित करता है।
भोजन जो दिमाग बढ़ाए
आजकल फास्ट फूड खाने वाले बच्चों को ऐसे आहार (डाइट) की जरूरत है जो शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ दिमाग को चुस्त और ध्यान को दुरुस्त कर सके। आइए, जानें उन खाद्य पदार्थों के बारे में जो आपके बच्चों के लिए जरूरी हैं।
हिंदू धर्म में लक्ष्मी-गणेश का महत्त्व
दिवाली के अवसर पर लक्ष्मी-गणेश की पूजा का विधान है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनके स्वरूप में जीवन का रहस्य छिपा हुआ है। आइये, जानते हैं क्या है हिन्दू धर्म में लक्ष्मी-गणेश की पूजा का अर्थ।
खुलकर हंसिए और तनाव से बचिए
हंसना मानव की स्वाभाविक क्रिया है, सृष्टि का कोई दूसरा प्राणी हंसता नहीं है, इसलिए विचारक मानव को हंसने वाला प्राणी भी कहते हैं, परंतु आज भागमभाग वाली जिंदगी ने इंसान को हंसना, गुनगुनाना भुला दिया है, इससे उसका शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है इंसान मुसीबतों में जकड़ गया में है, आज प्राय हर चेहरे पर चिंता की रेखाएं स्पष्ट दिखाई देती हैं, भौतिकता पाने के लालच में इंसान प्रसन्नता का सुख भूल गया है।
युगों पुरानी है जुए की परम्परा
भले ही आज जमाना बदल गया हो परंतु आज भी लोग दिवाली की रात जुआ खेलते हैं। जुए की यह परम्परा कोई नई नहीं है युगों पुरानी है। कितनी पुरानी है यह प्रथा तथा कितना व कैसे बदला है इसका रूप व महत्त्व जानें इस लेख से।
शाकाहार भी हिंसा है मगर सूक्ष्म हिंसा है
क्या आप जानते हैं कि शाकाहार भी एक प्रकार की हिंसा है और केवल मांसाहारी ही नहीं, शाकाहारी भी हिंसा को अपनाते हैं? यदि नहीं, तो इस बारे में विस्तार से जानें इस लेख में
मोटापा दूर करने में सहायक-स्नान
मोटापा कम करने के लिए लोग कई उपाय करते हैं। कोई डायट कंट्रोल करता है, कोई जिम जाता है, तो कोई घरेलू उपाय अपनाता है। वहीं मोटापा से छुटकारा दिलाने में कुछ स्नान भी सहायक हैं। कैसे व किस प्रकार? जानें लेख से।
कहीं नाश्ता न कर दे सब नाश
हमारे उत्तम स्वास्थ्य के लिए सुबह का नाश्ता करना बेहद जरूरी है। यह तो हम सब जानते ही हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके द्वारा किया जाने वाला नाश्ता ही आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है? कैसे? आइये जानते हैं।
दीया जलाएं अनिष्ट मिटाएं
हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य में दीपक की उपस्थिति अनिवार्य मानी गई है। आइये जानते हैं कि दीपक कितने प्रकार के होते हैं, उसके क्या लाभ हैं तथा क्या है दीपक द्वारा आरती करने की सही विधि?
दीपक की यात्रा कथा
हमारे सभी संस्कारों व पर्वों में दीपक की मौजूदगी इसकी महत्ता को बयां करती है। हमारी संस्कृति से अभिन्न रूप से जुड़े इस दीपक के बारे में और भी कई रोचक बातें जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
सिंदूर सुहाग का प्रतीक है: कैसे?
सुहागिन महिलाएं सिन्दूर क्यों लगाती हैं? दरअसल सिंदूर माथे के ऊपर मध्य भाग में लगाया जाता है। कबीरदास ने तो कह दिया कि सिंदूर प्रेम का प्रतीक है लेकिन थोड़ा गहरे रूप में विचार करने पर कुछ और बात समझ में आती है।
गोवर्धन पूजा का महत्त्व व इतिहास
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। गोवर्धन पूजन के महत्त्व के बारे में आइए विस्तार से जानें लेख से।
क्या है दिवाली पूजन की सही विधि?
मां लक्ष्मी धन व समृद्धि की देवी हैं। दीपावली पर लोग इनकी आराधना कर सुख-समृद्धि प्राप्त करते हैं। तो आइये, जानते हैं मां लक्ष्मी की आराधना कर उन्हें प्रसन्न करने के सरल उपाय।
আধ্যাত্মিকতার অর্থ কি শুধুই পূজা?
মানুষ শান্তির জন্য চাতকের মতো ঘুরে বেড়াচ্ছে। অথচ তীব্র অতৃপ্তির দহ ক্রমশ তাদের টেনে নিচ্ছে অনিশ্চিত অতলে! পরম আনন্দময় জীবনে ফেরার আলোকবিন্দু কোথায় তবে? এই প্রশ্নের উত্তর খুঁজতেই শুরু হয়েছে নতুন বিভাগ। এবারে দিশা দেখালেন আদ্যাপীঠের ব্রহ্মচারী মুরাল ভাই।
শরীর তো আমার, ফিট তো থাকতেই হবে
বয়স? ফ্যাক্টরই নয় তাঁদের কাছে। অবসরের পরেও ক্রীড়া প্রশাসন, কমেন্ট্রি, বিজ্ঞাপনী প্রচার, বিনোদন— কোথায় নেই তাঁরা! স্ট্রেস, টেনশনে দ্রুত বুড়িয়ে যাওয়ার সময়ে কীভাবে পারেন ফিট অ্যান্ড ফাইন থাকতে? টিপস দিচ্ছেন তারকারা। এবারের ব্যক্তিত্ব উৎপল চট্টোপাধ্যায়৷ লিখেছেন সৌগত গঙ্গোপাধ্যায়।
মহিলাদের প্রধান ক্যান্সার
পরামর্শে পিয়ারলেস হাসপাতালের অঙ্কোলজি বিভাগের ক্লিনিক্যাল ডিরেক্টর ডাঃ মধুছন্দা কর।
সুরের আবেশে হারছে অসুখ
মিউজিক থেরাপি কীভাবে কাজ করে? জানালেন পিজি হাসপাতালের ক্রিটিক্যাল কেয়ার বিভাগের সহযোগী অধ্যাপক ডাঃ সুগত দাশগুপ্ত।
শিল্পডাঙার গীতা
তাঁর আন্তরিক নৈপুণ্যে গড়ে তোলা ধাতব গণেশমূর্তি বাজায় খোল! প্যাঁচার দল চেয়ে থাকে আদুরে চোখে! বাঁকুড়ার মাটিতে বসে তিনি ছিনিয়ে নেন জাতীয় সম্মানের খেতাব। ক্লান্তিহীন এভাবেই দশহাতে সংসার-শিল্প সামলান গীতা কর্মকার। লিখেছেন স্বরলিপি ভট্টাচার্য।
মনের গভীরে
পরামর্শে পাভলভ হাসপাতালের মনোরোগ বিশেষজ্ঞ ডাঃ শর্মিলা সরকার।
থ্যালাসেমিয়া রোগের প্রতিকার ও প্রতিরোধ H--
পরামর্শে মানিকতলার সেন্ট্রাল ব্লাড ব্যাঙ্কের অধিকর্তা ডাঃ স্বপন সোরেন।
‘কোল্ড ড্রিঙ্কস খাবার হজম করায় না, উল্টে ক্ষতি করে’
ঢাকে কাঠি পড়ল বলে। বাঙালি এসময় বাঁধনছাড়া, আগলহীন। উৎসবের মেজাজে চলে খাওয়াদাওয়াও। অনিয়ম তো হয়ই। কীভাবে তার পরেও ভালো থাকবেন? জানালেন বিশিষ্ট গ্যাস্ট্রোএন্টেরোলজিস্ট ডাঃ সত্যপ্রিয় দে সরকার। লিখেছেন মনীষা মুখোপাধ্যায়৷
সবকিছু এত মেপে চলতে রাজি নই
ইন্সটাগ্রাম ও ফেসবুকে তাঁর ছবির নীচে লক্ষ লক্ষ লাইক। অনুরাগীর সংখ্যাও লাফিয়ে লাফিয়ে বাড়ছে। নো মেকআপ লুক-এও সমান জনপ্রিয়। নিজের ফিটনেস ও ডায়েট নিয়ে কী ভাবেন? সেই কথাই জানালেন বাংলা ইন্ডাস্ট্রির নায়িকা ইশা সাহা। খোলামেলা আড্ডা দিলেন মনীষা মুখোপাধ্যায়-এর সঙ্গে।