CATEGORIES
Kategorier
കയ്യിലെ വെണ്ണ പകുത്തുനൽകിയ കണ്ണൻ...
അനുഭവകഥ
പ്രാകൃതയുഗശിൽപ്പികൾ
ലക്ഷങ്ങളുടെ പൂജകളും, ഏലസ്സുകളും, കല്ലുകളും ഒന്നിനും പരിഹാരമല്ല. അത് പുതിയ സുമന്മാരെ സൃഷ്ടിക്കാനേ ഉതകൂ.
നിറങ്ങളുടെ ഉത്സവം
ഹോളിഗയുടെ കഥ
जन्मपत्रिका से जानें मकान प्राप्ति के योग
रोटी, कपड़ा और मकान इन तीन चीजों को जीवन-यापन की मूलभूत आवश्यकता माना जाता है। हम अपनी कमाई से रोटी की व्यवस्था करते हैं, कपड़ों की भी व्यवस्था करते हैं, लेकिन एक अपना मकान बनाना अधिक समय और लागत माँगता है।
ऊँट पर बैठे आदमी को कैसे कुत्ता काट लेता है?
जानें हस्तरेखा विश्लेषण से
शिवोपासना की महिमा
सृष्टि के प्रारम्भ में फाल्गुन त्रयोदशी (कृष्ण पक्ष की) तिथि को मध्यरात्रि में भगवान् शिव का ब्रह्मा से रूद्र के रूप में अवतरण हुआ था। शिवरात्रि के दिन व्रत एवं उपवास रखकर शिवलिंग पर बिल्वपत्र अर्पित करने चाहिए।
शिव-शक्ति के महामिलन का दिवस है महाशिवरात्रि
शिव का अर्थ है 'कल्याणकारी'। सृष्टि के कल्याण के लिए ही समुद्र मन्थन से उत्पन्न विष को अपने कण्ठ में उतारा और 'नीलकण्ठ' बन गए। शिव का जो कल्याण करने का भाव है, वही 'शिवत्व' कहलाता है। 'शिवोहम्' का उद्घोष वही व्यक्ति कर सकता है, जो स्वयं के भीतर इस शिवत्व को धारण कर लेता है। उसे अपने आचारव्यवहार में उतार लेता है। महाशिवरात्रि पर शिव की उपासना तभी सार्थक होती है, जब हम दूसरों के कल्याण के लिए विष पीने को भी उद्यत हो जाएँ। इसी तरह हम शिवत्व प्राप्त कर सकते हैं।
स्वामी दयानन्द का बोधोत्सव दिवस है शिवरात्रि
आज समस्त आर्य जगत् महाशिवरात्रि को ‘महर्षि दयानन्द बोधोत्सव' के रूप में मनाता आ रहा है।
वास्तुनुरूप उत्तरामुखी भवन पर विशेष समीक्षा
महाशिवरात्रि पर विशेष
होलिका दहन का शास्त्रीय विधान
गीता में भगवान् श्रीकृष्ण ने कहा है अर्जुन! जो कुछ करते हो, जो कुछ खाते हो, अग्नि के अर्पण करते हो, दान देते हो, तपस्या करते हो, उसे मेरे अर्पण करते हुए करो।
रात्रिजागरण एवं चार प्रहर पजा
08 मार्च, 2024 (शुक्रवार)
शिवरात्रि का वास्तविक मर्म
महाशिवरात्रि पर विशेष
सफलता के लिए तिथि के अनुसार करें अपने कार्य
सेना सम्बन्धी कार्य, मुकदमेबाजी जैसे अदालती कार्य निबटाना, वाहन खरीदना, कलात्मक कार्यों जैसे विद्या, गायन-वादन, नृत्य आदि के लिए विशेष शुभ होती हैं।
ശിവരാത്രി വ്രതനിഷ്ഠകൾ
ശിവരാത്രി വ്രതം ഭാര്യയും ഭർത്താവും ഒരുമിച്ച് അനുഷ്ഠിക്കുന്നതാണ് ഉത്തമം.
ശിവരാത്രി മഹത്വം
പുരാണപ്രകാരം ഐശ്വര്യപ്രദമായ സദ്ക്കർമ്മങ്ങളും ശിവരാത്രി ദിവസമാണ് നടന്നത്
മഹാദേവ പൂജയിലൂടെ ശാപമോക്ഷം ലഭിച്ച ഗന്ധർവ്വൻ
ഉറക്കത്തിനിടയിൽ രാജാവിന്റെ സ്വപ്നത്തിൽ ശിവഭഗവാൻ പ്രത്യക്ഷപ്പെട്ടു പറഞ്ഞു.
ക്ഷേത്രങ്ങളിലെ പഞ്ചഗവ്യം
പഞ്ചഗവ്യം കഴിക്കുന്നവരുടെ ശരീരം, ചർമ്മം, മാംസം, രക്തം തുടങ്ങി അസ്ഥിവരെയുള്ള കേടുപാടുകളെ വിറകിനെ അഗ്നി ചാമ്പലാക്കും പോലെ പഞ്ചഗവ്യം ചാമ്പലാക്കുമെന്നാണത്രേ ശാസ്ത്ര നിഗമനം.
आनंदस्वरूप के ज्ञान-माधुर्य को जगाने का उत्सव
होली पर्व : २४ व २५ मार्च
बालक पुरुषोत्तम का भगवत्प्रेम
गंगा-तट पर स्थित देवपुरी नामक गाँव में पुरुषोत्तमदासजी महाराज नाम के एक बहुत उच्च कोटि के संत हो गये। उनका जन्म एक साधारण कुटुम्ब में हुआ था। ३-४ साल की उम्र में उनके पिता चल बसे और ६ साल की उम्र में माता भी चल बसीं। बड़ी बहन ने उनको पाला-पोसा। बहन भगवान की भक्त थी। वह सत्संग में जाती थी तब छोटे पुरुषोत्तम को भी साथ में ले जाती थी।
महँगा सौदा
एक किसान जा रहा था अपने खेत की रखवाली करने के लिए। रास्ते में उसे एक गठरी मिली।
द्वन्द्रों से मुक्ति और अद्वैत की प्राप्ति
मन का निग्रह कैसे किया जाय इस बारे में बताते हुए भगवान श्रीकृष्ण उद्धवजी से कहते हैं: \"मन ही सुख-दुःख का कारण है और संसार भी मनःकल्पित है। जिसे संसार का दुःख नष्ट करना हो उसे अवश्य ही मन पर काबू पाना चाहिए क्योंकि मन के सिवाय दुःख देनेवाला त्रिभुवन में दूसरा कोई नहीं। मन अत्यंत चंचल है, वह सहसा स्थिर नहीं रहता। इसलिए जिससे भेदभाव दूर हो सके ऐसा विचार करने का अवसर उसे दिन-रात देना चाहिए।
आत्मशिव को कैसे पायें?
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं: न मां दुष्कृतिनो मूढाः प्रपद्यन्ते नराधमाः ।...
बुद्धि शुद्ध हो तो घसियारिन का उपदेश भी लग जाता है
संत कबीरजी कहते हैं :
जीवन के ओज की रक्षा कैसे करें?
जो विकारों के प्रभाव में आकर आकर्षित हो जाता है उसका सेवा में मन नहीं लगेगा, वह सेवा से च्युत हो जायेगा, भ्रष्ट हो जायेगा; ज्ञान से, संयम से, तप से भी भ्रष्ट हो जायेगा। जब तक पूर्णता को नहीं पाया तब तक स्त्री पुरुष की तरफ देखकर प्रभावित होती है और पुरुष स्त्री की तरफ देख के प्रभावित होता है, उनके हृदय में क्षोभ पैदा होता है... और यह है प्रकृति का, कई जन्मों का संस्कार। मनुष्य-जन्म में पुरुषार्थ करके उसे हटाना है।
भागकर कहाँ जाओगे?
एक राजा ने रात में सपना देखा कि एक काली छाया आयी है और कह रही है : \"हे राजन् ! कल शाम को सूरज ढलने से पहले ठीक जगह पर पहुँच जाना।’’
மகான் நாராயண பட்டத்ரி அருளிய மகாமந்திரம்
இவர் பொன்னானி தாலூக்காவைச் சேர்ந்த நம்பூதிரி குடும்பத்தில் பிறந்தவர். மாபெரும் பண்டிதராக விளங்கிய அச்சுத பிக்ஷரோடி என்பவரின் சீடரானார் பட் டத்ரி அவரிடம் இலக்கணம், சமஸ்கிருதம் உட்பட சகல சாஸ்திரங்களையும் கற்றறிந் தார். குருவாக விளங்கிய அச்சுத பிக்ஷரோ டியின் சகோதரியைத் திருமணம் செய்து கொண்டு, குருவின் மைத்துனரானார்.
'நான்' நீங்குவதுதான் சேவையின் பண்பு
니லனடக்கம் என்பது எது? கண்களால் தீயனவற்றைப் பார்க்காமல் தவிர்ப்பதைப் புலனடக்கம் என்று சொல்லலாமா? அதாவது தீயன என்று நம் மனம் கருது வதை கண்கள் பார்க்காமலிருப்பதா? அல்லது, எதைப் பார்த்தாலும் அதிலி ருந்து நல்லதை மட்டும் மனம் வடிகட்டி எடுத்துக் கொண்டு வேண்டாததை ஒதுக்கி விடுவதுதான் புலனடக்கமா?
வீரவசந்த வைபோகன்
வசந்தம் என்பது இனி மையும், இதமும் எங் கும் நிறைந்தது. மரங்களும் செடிகொடிகளும் பூத்துக் குலுங்கிப் பொலிவுடன் எங்கும் இனிமை நிறைந்து விளங்கும் காலமாகும்.
திருவுருவங்களுடன் கூடிய தீர்த்தங்கள்
தென்னகமெங்கும் அமைந் துள்ள தீர்த்தங்களில் பெரும்பாலானவை குளம் அல்லது கிணறுவடிவில் அமைந்தவை.
செந்தில் ஆண்டவன் செந்தமிழ் காதலன்
திருச்செந்தூர் முருகனைக் கண்ணாரக் கண்டு மனமார வழிபட்டுவிட்டு, திருச்செந்தூர் கோயிலின் அருகே இருந்த ஒரு மணல் திட்டில் அமர்ந்திருந்தார், கந்தசாமி புலவர்.