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शिवलिंग पूजन की प्रतीकात्मकता
संस्कृत में लिंग का अर्थ है चिह्न। इस प्रकार शिवलिंग का अर्थ हुआ शिव का चिह्न। देव चिह्नों में 'लिंग' शब्द का अर्थ शिवलिंग के लिए ही ग्राह्य है। शिव की सर्वव्यापक सत्ता होने के कारण ही उनके पूजन की परम्परा लिंग के रूप में चल पड़ी। शिव के चिह्नों के अनेक स्वरूप हैं, जिनकी चर्चा शिवपुराण में इस प्रकार की गई है-
वेदों की ओर लौटो
आर्य समाज के संस्थापक एवं सत्यार्थ प्रकाश के रचयिता स्वामी दयानंद सरस्वती को भला कौन नहीं जानता। लेकिन आर्य समाज के संस्थापक एवं समाज सुधारक के साथ-साथ देश की स्वतंत्रता में भी उनका उल्लेखनीय योगदान था। स्वामी दयानंद की जयंती के अवसर पर उनके संन्यासी और योद्धा दोनों ही स्वरूपों से रू-ब-रू कराता है यह आलेख।
मां सरस्वती की आराधना
हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्लपक्ष की के पंचमी तिथि को देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। ग्रंथों के अनुसार इस दिन देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थीं। देवताओं ने देवी स्तुति की। स्तुति से वेदों की ऋचाएं बनीं और उनसे बसंत राग।
प्रेम, प्रकति और मां सरस्वती
साहित्य, संगीत और कला सम्भवतः ये तीन अमूर्त योग्यताएं ही मानव को पशु से अलग करती हैं। इन तीनों की अधिष्ठात्री जिस शक्ति को माना जाता है उसे ही भारतीय वाइमय में सरस्वती नाम दिया गया है। सरस्वती विचारण, भावना एवं संवेदना का त्रिविध समन्वय हैं।
सर्दियों में लें गुनगुनी धूप का आनंद
सर्दियों के मौसम में रिवली-रिवली गुनगुनी धूप हमारे लिए किसी वरदान से कम नहीं। शरीर को गर्माहट देने के साथ-साथ यह कई स्वास्थ्य लाभ भी देती है। कई छोटी-बड़ी बीमारियों का इलाज छिपा है सूरज की किरणों में।
झूमकर आई लोहड़ी
सुंदर मुंदरिए और दुल्ला भट्टी के लोकगीतों से सजा और पौराणिक कथाओं के ताने बाने से बुना लोहड़ी का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। जानें लोहड़ी से जुड़ी कुछ रिति-रिवाजों को इस लेख से।
सर्दियों में बुजुर्गों का ऐसे रखें ख्याल
सर्दी का मौसम बुजुर्गों के लिए बेहद खतरनाक होता है। बुजुर्गों को अक्सर सर्दी में हार्ट अटैक, हाइपोथर्मिया, फ्लू और दमे की बीमारी बढ़ जाती है।
सर्दियों में त्वचा का सबसे बड़ा दुश्मन- एक्जिमा
सर्दियों में खुजली की समस्या भले ही आम बात हो, लेकिन जब त्वचा हद से ज्यादा सूरवी और रिवंची हुई लगे, त्वचा में जलन, फुसियां तथा पुंसियों में से तरल पदार्थ का रिसाव हो तो यह एक्जिमा हो सकता है। समय रहते इनका उपचार कर इस गंभीर त्वचा रोग से बचा जा सकता है।
मकर संक्रांति का आध्यात्मिक महत्त्व
यूं तो हम सभी के लिए त्योहारों का मतलब होता है हंसी, उल्लास और उमंग लेकिन सही मायनों में त्योहारों का महत्त्व उससे कहीं बढ़ कर और गूढ़ होता है।
निराले हैं ये प्रसाद
भारत के कुछ मंदिरों में जहां अपने आप में ही अनुठा प्रसाद चढ़ाया जाता है तथा कुछ मंदिर तो ऐसे भी हैं जहां इस प्रकार का प्रसाद चढ़ाया जाता है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। आइए बताते हैं आपको कुछ ऐसे ही प्रसादों के बारे में।
मकर संक्रांति पर दान से पाएं सुरव और सम्पन्नता
सूर्य भगवान की उपासना का पर्व है मकर संक्रांति। समस्त ग्रहों के राजा सूर्य मकर संक्रांति के दिन पृथ्वी के अत्यंत निकट होते हैं। इस दिन ये अपनी किरणों के माध्यम से समस्त रश्मियों का पूर्ण प्रभाव पृथ्वी के सभी प्राणियों पर बिरवेरते हैं।
ऊनी कपड़ों का हो रखरखाव, तो जरा संभलकर
सर्दियों का मौसम आता नहीं कि स्वेटर, शॉल और बाकी ऊनी कपड़े धीरे-धीरे हमारे सूटकेस से बाहर आने लगते हैं। ऊनी कपड़े महंगे हो या सस्ते उनका रवररवाव बेहद जरूरी है। तभी तो वे सालोंसाल हमें ठंड से बचा सकते हैं।
जब सताए सर्दी-जुकाम
सर्दियों के लिए घरेलू नुस्खे
उमंगों और आशाओं का नाम नववर्ष
नई उमंग, नई तरंग तथा नए सपनों से होता है नए वर्ष का आगाज। पुराने वर्ष की सारी बीती बातें व असफलताएं इत्यादि भुलाकर लोग नए वर्ष में एक नए सिरे से अपने जीवन का शुभारंभ करना चाहते हैं। इसलिए बड़े हर्षोल्लास से इसका स्वागत करते हैं।
स्वस्थ शरीर के लिए प्रकृति का अनंत वरदान है धूप
सर्दियों के मौसम में सूरज की रिवली-रिवली धूप आपको केवल गर्म ही नहीं बल्कि स्वस्थ भी रखती है। केवल सर्दी-जुकाम ही नहीं हृदय रोग के उपचार में भी है इसका महत्त्वपूर्ण योगदान । धूप से किस तरह कर सकते हैं आप रोगों का निदान, जाने हमारे इस अंक में।
हृदय से जुड़ी सर्जरी
जब भी हृदय चिकित्सा की बात होती है तो सलाह के रूप में के दो-चार चीजें हमारे सामने आती हैं जैसे- बाईपास सर्जरी, एंजियोप्लास्टी, हृदय प्रत्यारोपण आदि। यह क्या हैं व एक दूसरे से कैसे भिन्न हैं आइए जानते हैं।
मुझे कभी मृत मत समझना मैं सदा वर्तमान है
आशा नमृत्युका उसा सहजता आर हष स वरणाकया था जिस प्रकार स एक आम व्यक्ति जीवन को करता है। उन्होंने जगत को यही संदेश दिया कि मृत्यु के प्रति सदा जागरूक रहो, उसे वरण करो। आज ओशो भले ही अपना शरीर छोड़ चुके हों लेकिन अपने विचारों के माध्यम से वो आज विश्व में कहीं ज्यादा विस्तृत, विशाल रूप से मौजूद हैं।
गुणों से भरी मूंगफली
घर-घर एवं दुकानों पर मिलने वाली मूंगफली एक आम मेवा है, पर यह जितनी आम है उतनी ही अपने गुणों के कारण रवास है। सर्दियों में तो यह किसी औषधि से कम नहीं। यह मात्र ताकत ही नहीं देती बल्कि हमें सर्दी से भी बचाती है। आइए जानें मूंगफली के विभिन्न उपयोगों एवं लाभों को।
खांसी,जुखाम और दमा के उपाय
रखांसी, जुरवाम सर्दी के कारण ही नहीं होती बल्कि बदलते मौसम व धूल-मिट्टी से भी होती है और यदि यह बिगड़ जाए तो दमें का रोग भी धारण कर लेती है। ऐसे में क्या करें जब रवांसी, जुरवाम और दमा सताए ?
सर्दियों का मजा लेना हो तो अपनाएं 'पंचमंत्र'
सर्दी में रिवली-रिवली धूप और अपने आस-पास हर चीज प्यारी लगती है। लेकिन जरा सी सावधानी हटी और आप बिस्तर में रजाई के अंदर भर्ती कर दिये जाएंगे और गजक, मूंगफली से ज्यादा डॉक्टर की दी हुई गोलियों पर अपना दिन बिताएंगे। हमारे पंचमंत्र से जानें पांच सरल उपाय जिनके जरिये आप कर सकते हैं सर्दी से दोस्ती।
प्रेम और विवाह
जिसके जीवन में प्रेम की कोई झलक नहीं है, उसके जीवन में परमात्मा के आने की कोई संभावना नहीं है। प्रेम के अतिरिक्त कोई रास्ता प्रभु तक नहीं पहुंच सकता।
ओशो और विवेकः एक प्रेम कथा
सू एपलटन अपने पूर्व जन्म से ही ओशो की प्रेमिका रही है। अप्रैल 1971 में ओशो द्वारा संन्यास दीक्षा ग्रहण की। ओशो ने उसे नया नाम मा योग विवेक दिया। मा विवेक दिसंबर 09, 1989 को अपने भौतिक जीवन से पृथक हो गई।
मानवता के महान उपासक गुरु नानक देव
सिरवों के प्रथम गुरु नानक देव जी का रुझान बचपन से ही अध्यात्म की तरफ था। नानक जी ने समाज में व्याप्त कुरीतियों और रूढ़ियों को तोड़ा आइए नानक देव जी की आध्यात्मिक यात्रा को इस लेख से जानें।
यूं निबटें कैंसर से
कैंसर रोग लोगों को इतना भयाक्रांत करता है कि वे जीवन के प्रति आशा छोड़ मृत्यु के दिन गिनने लगते हैं, लेकिन अब कैंसर लाइलाज रोग नहीं रह गया है। आइए कैंसर से बचने के उपायों पर नजर डालें।
महिलाएं और कैंसर
आज बड़ी संख्या में महिलाएं भी कैंसर के रोग से पीड़ित हो रही हैं। महिलाओं में कैंसर होने के क्या हैं कारण, लक्षण व निवारण तथा इसके विभिन्न प्रकार? आइए जानें इस लेख से।
वास्तु अनुसार हो दिवाली की तैयारी
दिवाली के पावन अवसर पर हम सभी की यही कोशिश होती है कि पूजा व अन्य प्रकार की तैयारियों में किसी प्रकार की कमी न होने पाएं ऐसे में वास्तुशास्त्र के कुछ नियम हमारे लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
मिठाइयों में मिलावट को इस तरह से जांचे
त्योहारों की रौनक मिठाइयों से बढ़ती है, लेकिन मिलावटी मिठाइयां त्योहार की चमक फीकी भी कर सकती हैं। इसलिए मिठाइयों में मिलावट की जांच जरूर करें, आरिवर मामला हमारी सेहत का जो है।
सांस है तो आस है
दीपावली में अगर पटारवों का शोर ना गूंजे तो कुछ ' कमी सी लगती है। लेकिन पटाखों से निकलने वाले हानिकारक धुओं से सांस संबंधी तकलीफें बढ़ जाती हैं, वासकर अस्थमा के रोगियों के लिए। इनसे बचने और देखभाल करने के कुछ सुझाव जानें इस लेख से।
दीपावली में रंग भरती रंगोली
लोकजीवन का एक बहुत ही अभिन्न अंग है। देश के विभिन्न हिस्सों में रंगोली सजाने का अपना अलग-अलग स्वरूप है। दीपावली के मौके पर इसका महत्त्व और भी बढ़ जाता है।
पंच पर्वो का महापर्व-दीपावली
भारतीय संस्कृति के सबसे महान पर्व दीपावली को पंच पर्व भी कहा जाता है। जो धनतेरस से शुरू होकर भैया दूज तक समस्त भारत में बड़े हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाता है।