कोनराड के. संगमा, 44 वर्ष
मुख्यमंत्री, मेघालय, गारो जनजाति
दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल से पढ़े और लंदन के वार्टन और इंपीरियल कॉलेज से मैनेजमेंट की डिग्री लेने वाले कोनराड के. संगमा अपनी जनजातीय पहचान को मुख्यधारा वाले व्यक्तित्व से कुशलता के साथ जोड़ और मिलाकर रखते हैं. पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी.ए. संगमा के बेटे कोनराड की कोशिश रही है कि वे नेशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) को पूर्वोत्तर के लोगों की प्रतिनिधि पार्टी के रूप में खड़ा करें.
"पहले आदिवासी खुद को अलग-थलग महसूस करते थे. आज विभिन्न जनजातियों के नौजवानों में आत्मविश्वास है, वे दूसरों के मुकाबले अपने को मजबूत जमीन पर खड़ा पाते हैं और अपनी कुव्वत दिखाने के लिए बेताब हैं"
पाबीबेन रैबारी, 38 वर्ष
उद्यमी, रैबारी जनजाति
गुजरात के कच्छ इलाके में गरीबी में पलीं-बढ़ीं पाबीबेन रैबारी अपनी ही जनजाति की पहचान से जुड़ी बारीक कढ़ाई पर काम शुरू करने से पूर्व एक साधारण-सी गृहिणी थीं. उसी में उन्होंने हरी जरी नाम से एक नई शैली तैयार कर डाली, जिसके बाद उनके लिए नई राहें खुलीं और उनका ब्रांड पाबीबेन अब फैशन की दुनिया में एक अहम नाम है, जिसके कपड़े 45 देशों को निर्यात होते हैं. उनके बैनियन ट्री फाउंडेशन में 300 आदिवासी महिलाएं काम करती हैं और इसका सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपए है.
"गांव की औरतों को अपना घर छोड़े बिना अच्छी-खासी कमाई करने के मौके मिलने चाहिए”
भज्जू श्याम, 51 वर्ष
चित्रकार, गोंड जनजाति
Denne historien er fra August 10, 2022-utgaven av India Today Hindi.
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शोख सनसनी दिल्ली की
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विदेशी निवेश का बढ़ता क्लेश
अर्थव्यवस्था मजबूत नजर आ रही है, मगर विदेशी निवेशक भारत पर अपना बड़ा और दीर्घकालिक दांव लगाने से परहेज कर रहे हैं
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मोहन चरण माझी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में 'जनता प्रथम' के सिद्धांत वाली शासन प्रणाली स्थापित कर रही. उसने नवीन पटनायक के दौर वाले कथित नौकरशाही दबदबे को समाप्त किया. आसान पहुंच, ओडिया अस्मिता और केंद्रीय मदद के बूते बड़े पैमाने पर शुरू विकास के काम इसमें उसके औजार बन रहे
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कुछ न कर पाने की कसक
कंग्रेस ने 16 दिसंबर, 2023 को जितेंद्र 'जीतू' पटवारी को मध्य प्रदेश का अपना नया अध्यक्ष बनाने का ऐलान किया था.
पुलिस तक पर्याप्त नहीं
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