आजादी गुलामी का या स्वाधीनता पराधीनता का जैसे विलोम है, उसी तरह अंग्रेजी का इंडिपेंडेंस शब्द मध्ययुगीन फ्रांसीसी शब्द 'डिपेंडरे' का विलोम है. 'डिपेंडरे' का अर्थ 'से लटका हुआ' होता है, उसमें लैटिन का 'इन' उपसर्ग यानी नहीं जोड़ने से अर्थ हो जाता है 'नहीं लटका हुआ.' यह शब्द अंग्रेजों की 200 साल की औपनिवेशिक ताकत से मुक्त होने की सही अभिव्यक्ति है, जिससे देश गुलामी और पराधीनता की चरम अवस्था में पहुंच गया था.
ईस्ट इंडिया कंपनी ने जब इस उपमहाद्वीप पर करीब 1750 में आधिपत्य जमाया, उस समय भारत की अर्थव्यवस्था की दुनिया के उत्पादन में 24.5 फीसद की हिस्सेदारी थी और ब्रिटेन की सिर्फ 1.9 फीसद. उसके करीब डेढ़ सदी बाद ब्रितानी अर्थव्यवस्था भारत के विशाल संसाधनों के दोहन के बल पर दुनिया में 18.5 फीसद की हिस्सेदारी रखने लगी, जबकि भारत की हिस्सेदारी घटकर 1.7 फीसद हो गई. इसलिए, जवाहरलाल नेहरू से क्षमायाचना के साथ, 15 अगस्त, 1947 की आधी रात जब दुनिया सो रही थी, तो भारत सिर्फ नए जीवन और आजादी के माहौल में नहीं जगा, बल्कि दुनिया के सबसे गरीब देश के नाते भी उठा. देश औद्योगिक क्रांति से पीछे छूट गया था, कृषि ही मुख्य पेशा बना हुआ था, और देश के नेताओं का पहले कुछ दशकों में फोकस लोगों को भूख, बीमारी और अभावों के गहरे भंवर से बाहर निकालने पर था.
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