पाकिस्तान में तवारीख जैसे फिर-फिर उसी मोड़ पर लौट आती है. जाने-माने शायर सलमान पीरजादा की आम चुनाव 2024 के नतीजों पर चुटीली बातें सब कुछ बयान कर देती हैं. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में चुटकी ली, "जालिमों ने ऐसी जबरदस्त धांधली की कि मुझे 2018 के चुनावों की याद दिला दी." वे जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नाराज समर्थकों की चीख-चिल्लाहट का हवाला देते हैं कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पार्टी को बहुमत से दूर रखने के लिए नतीजों में गड़बड़ी की गई. हालांकि पटीआइ से जुड़े उम्मीदवारों को नेशनल असेंबली में सबसे अधिक सीटें आईं. फिर, पीरजादा 2018 के पिछले आम चुनाव का हवाला देते हैं, जब दूसरी पार्टियों ने आज जैसी ही चुनावी धांधली का आरोप मढ़ा था और इमरान खान के हाथ मामूली फासले से सत्ता आ गई थी.
पहली नजर में दोनों आरोपों में दम नजर आता है. 2018 की तरह, इस बार भी कई सीटें ऐसी हैं जहां आखिरी दौर की गिनती में वोटों की संख्या शुरुआती दौर के रुझान से एकदम उलट थी. फर्क सिर्फ यह है कि 2018 में पीटीआइ मजे-मजे फायदे में थी, जबकि 2024 में उसे खामियाजा भुगतना पड़ा और वह हंसी-खुशी विरोधी पार्टियां के हक में आ गई. इनमें खासकर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) और सिंध की शहरी पार्टी मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) हैं. दोनों बार आरोपों के निशाने पर 'फौजी हुक्मरान' हैं.
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