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बॉलीवुड: ये उन दिना का बात है
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बॉलीवुड: ये उन दिना का बात है

एक ही फिल्मकार की इतनी फिल्में निजी पसंद का हिस्सा हैं कि उनमें से चुनना बेहद तकलीफदेह काम था. मदर इंडिया या अंदाज ? प्यासा, साहिब बीबी और गुलाम या मिस्टर ऐंड मिसेज 55 ? आवारा या श्री 420 ? देवदास या दो बीघा जमीन ? 75 साल के लंबे कालखंड से 10 फिल्में चुनना स्वाभाविक रूप से नामुमकिन है. फिर भी उन ऐतिहासिक फिल्मों की फेहरिस्त प्रस्तुत है जिनका लोकप्रिय हिंदी सिनेमा पर गहरा असर पड़ा.

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January 04, 2023
लाइट, कैमरा और कमाल
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लाइट, कैमरा और कमाल

शानदार वक्त रहा हो या बहुत ही खराब वक्त, भारतीय सिनेमा दुनिया में सबसे ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस करता रहा है और वे क्वालिटी के मामले में खूब विविध भी रही हैं. इस बॉम्बे इंडस्ट्री का आउटपुट अपने प्रभाव के लिहाज से सबसे ज्यादा व्यापक रहा है. यहां पेश हैं 10 ऐसे क्रिएटर्स, जो आंधी हो या तूफान, ओले गिरें या हो महामारी, हमेशा लोगों के दिलो-दिमाग पर छाए रहेंगे. इनमें से ज्यादातर में एक समानता है, बेहतरीन मौसिकी के प्रति उनका लगाव. इसके अलावा, अपने स्टूडियो और फिल्म निर्माण बैनर तैयार करने के लिए उद्यमशीलता की भावना है. यहां 10 लोगों के चुनाव की मजबूरी के चलते इस सूची में से कुछ दिग्गजों के नाम छोड़ने के लिए आप मेरी लानत-मलामत कर सकते हैं. यश चोपड़ा, विजय आनंद, राज खोसला, शक्ति सामंत, दुलाल गुहा, असित सेन, बासु चटर्जी, श्याम बेनेगल और सई परांजपे से माफी चाहता हूं, जो बेशक सर्वकालिक महान लोगों की इस सूची में शामिल हैं.

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January 04, 2023
नृत्य के दशावतार
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नृत्य के दशावतार

भारतीय शास्त्रीय नृत्य का मूल सौंदर्यशास्त्र कम से कम दो सहस्त्राब्दियों में विकसित हुआ, वहीं आज हम इसके जिन विभिन्न रूपों को जानते हैं, उनके सार और स्वरूप को गढ़ने में पिछली सदी बेहद अहम रही. नृत्य को नए सिरे से परिभाषित करने वाले 10- दशावतार -कौन थे ? किनके नृत्य की पदचाप ने भारत के सांस्कृतिक इतिहास की राह ही बदल दी ? भारत के अव्वल नृत्य आलोचक - इतिहासकार अब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आइजीएनसीए) को दान दे दिए गए मशहूर मोहन खोकर डांस कलेक्शन (एमकेडीसी) से दस्तावेजी प्रमाणों सहित पेश कर रहे हैं अपना चयन.

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January 04, 2023
रागों के ये ऊंचे राजदार
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रागों के ये ऊंचे राजदार

भारतीय शास्त्रीय संगीत कोई ठोस और ठहरी हुई चीज नहीं है. सांसों के स्पंदन के साथ इसने आकार लिया है. पिछली सदी की इसकी यात्रा इसकी जीवंत गतिशीलता की गवाह रही है. वे दस नक्षत्र जिन्होंने इसका व्याकरण रचा

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January 04, 2023
मंच पर उदात्त मूल्यों की तलाश
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मंच पर उदात्त मूल्यों की तलाश

पहले भारतीय मिथकों, परंपराओं से जुड़े नाटक रचे गए और फिर कुछ आधुनिक दृष्टिकोण वाले प्रयोग हुए. भारतीय नाटकों ने सार्वभौमिकता की गहरे जाकर तलाश की है

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January 04, 2023
मुल्क की प्रसव-पीड़ा का दस्तावेज
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मुल्क की प्रसव-पीड़ा का दस्तावेज

आधुनिक हिंदी उपन्यास अपनी काया में बंटवारे की लंबी छाया, आजादी के बाद का मोहभंग, राजनैतिक उथल-पुथल और जाति व्यवस्था की सचाइयां समेटे हैं

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January 04, 2023
कारून का खजाना
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कारून का खजाना

बेहिसाब विविधताओं वाला भारत का हस्तशिल्प क्षेत्र न जाने कितने तूफान झेलकर भी फल-फूल रहा

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January 04, 2023
पुराने धागों से उम्मीद का नया ताना-बाना
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पुराने धागों से उम्मीद का नया ताना-बाना

महामारी के दौरान स्लो और टिकाऊ फैशन की तरफ बढ़ता रुझान लंबे समय तक हाशिये पर रहे भारतीय हथकरघा क्षेत्र के लिए उम्मीद की किरण बन गया है

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January 04, 2023
फौलादी जज्बों ने गढ़े सोने-चांदी के रथ
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फौलादी जज्बों ने गढ़े सोने-चांदी के रथ

खेलों के दीवाने देश भारत में विश्व विजेता बनने के लम्हे बहुत ज्यादा नहीं आए. ऐसे ही आग में तपकर निखरे शीर्ष दस लम्हे

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January 04, 2023
'और दुनिया एक होकर रहने लगेगी'
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'और दुनिया एक होकर रहने लगेगी'

भारत की कहानी इसके अंदर गुंथी असमानताओं की कहानी भी है. कुछ लोगों और समूहों ने बेहतर और ज्यादा न्यायसंगत समाज का सपना देखने की न केवल दूरदृष्टि दिखाई, बल्कि उसके निर्माण का साहस और संकल्प भी

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January 04, 2023
लोगों के अधिकार सरकार का कर्तव्य
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लोगों के अधिकार सरकार का कर्तव्य

तमाम नागरिकों के लिए कल्याणकारी राज्य के निर्माण की भारत की कोशिशें उम्मीद जगाने वाली हैं और विचारणीय भी उम्मीद जगाने वाली इसलिए क्योंकि कल्याणकारी राज्य का मौजूद होना भर लोकतंत्र की जीत है. लोकतंत्र ने भारत के आखिरी नागरिक की आवाजों और हितों का सुना जाना पक्का किया. लेकिन विचारणीय इसलिए कि आजादी के 75 साल बाद भी भारत कल्याण कार्यक्रमों पर अपने स्तर की दूसरी अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले बहुत कम खर्च करता है. कल्याणकारी योजनाओं में निवेश सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है लेकिन 'मुफ्त की रेवड़ी' कहकर इसका मजाक उड़ाया जाता है. यही नहीं, ये योजनाएं खराब अमल से बेजार हैं. इस सबके बावजूद आखिरी नागरिक - की, के लिए और के द्वारा इस लड़ाई ने उन दुस्साहसी प्रयोगों की आग में घी का काम किया जिनमें राज्यों और केंद्र की सरकारों और सिविल सोसाइटी ने बेहद अहम भूमिका अदा की है. भारत में कल्याणकारी राज्य का विकास लोकतांत्रिक भागीदारी की ताकत की कहानी बयान करता है- ऐसी कहानी जिसने राष्ट्रीय और वैश्विक विमर्श को गढ़ा है. यहां मैं इनमें से 10 बेहतरीन कल्याणकारी कदमों का जिक्र कर रही हूं.

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January 04, 2023
उपलब्धियों की प्रतिष्ठा
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उपलब्धियों की प्रतिष्ठा

भारतीय वैज्ञानिकों और अन्वेषकों ने पिछले 75 साल में कई उपलब्धियां हासिल की हैं, जिन्होंने हम सभी को गौरवान्वित किया है. अगर हरित और श्वेत क्रांति ने देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की तो इसके परमाणु, अंतरिक्ष और रक्षा अनुसंधान ने भारत को ग्लोबल लीडर्स की पांत में खड़ा कर दिया है. यहां हम उन कुछेक मील के पत्थरों का जिक्र कर रहे हैं जो देश के लिए गेम चेंजर रहे

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January 04, 2023
हरियाली का रास्ता
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हरियाली का रास्ता

पर्यावरण आंदोलन ने आजाद भारत के 75 वर्षों में नीतियों को आकार देने और विकास के तौर-तरीकों को परिभाषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस आंदोलन के तीन अलग-अलग रास्ते रहे हैं. पहला, जहां पर्यावरणीय कार्रवाई ने प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए विकास रणनीति को तय करने में भूमिका निभाई. दूसरा, जहां विकास परियोजनाओं का विरोध किया और विवाद की वजह से एक नई सहमति उभरी. तीसरा, जहां प्रदूषण और मानव स्वास्थ्य के मुद्दों पर पर्यावरण आंदोलन ने नीति में बदलाव को बढ़ावा दिया. हालांकि यह आंदोलन कुछ समुदायों के वन्य संसाधनों पर अधिकार, इन संसाधनों को निकालने और उनके संरक्षण के बीच पेचीदगी से भरा रहा है. इन अंतर्निहित अंतर्विरोधों के मद्देनजर पिछले 75 साल की सबसे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय पहल को गिनाना लगभग नामुमकिन है. मैं इसे आप पाठकों पर छोड़ती हूं कि वे यहां चुने गए लोगों की अहमियत पर विचार करें.

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January 04, 2023
कानून की आत्मा और कोर्ट
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कानून की आत्मा और कोर्ट

भारत के न्यायिक इतिहास में सबसे अच्छे क्षण तब आए जब अदालतों ने कानून को नहीं बल्कि न्याय के ऐसे प्रथम सिद्धांतों का विचार किया जो अलिखित हैं पर संविधान को रेखांकित करते हैं

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January 04, 2023
मजबूत नब्ज
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मजबूत नब्ज

भारत सरीखे उपमहाद्वीप भर में फैले देश में अत्यंत घनी आबादी और संघीय राजनीति के साथ स्वास्थ्य की चुनौतियां बहुतेरी हैं और उपलब्धियां विभिन्न राज्यों में अलग-अलग. तिस पर भी बीते 75 साल में कई क्षेत्रों में कामयाबी हासिल की गई. उनमें शामिल हैं...

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January 04, 2023
पैदावार की प्रचुरता
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पैदावार की प्रचुरता

पिछले 75 साल में भारत 'शिप टू माउथ' जैसी स्थिति से बाहर निकलकर खानपान की बुनियादी वस्तुओं के मामले में कमोबेश आत्मनिर्भर हो गया

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January 04, 2023
दुनिया के साथ रिश्ते
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दुनिया के साथ रिश्ते

कूटनीति एक प्रक्रिया है; इसकी सफलता या असफलता कई बार किसी घटना के वर्षों बाद सामने आती है. हो सकता है, एक बड़ी जीत मानकर आज जिस कदम को सराहा जा रहा हो, बाद में उसे एक दृष्टिभ्रम या यहां तक कि पराजय के रूप में भी देखा जाए. इस सूची में विदेश नीति की कुछ ऐसी उपलब्धियां हैं जो वर्षों की तकनीकी प्रगति (जैसे, 1974 का शांतिपूर्ण परमाणु विस्फोट) या सैन्य शक्ति (1971 में बांग्लादेश में युद्धक्षेत्र की जीत या कारगिल युद्ध) का परिणाम हैं. हालांकि, दोनों तरह की उपलब्धियों में कूटनीति एक महत्वपूर्ण पहलू है. यह सूची उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने, लीक से हटकर सोचने और वैश्विक दबाव के बावजूद संतुलित रहने की भारतीय कूटनीतिक क्षमता की बानगी है.

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January 04, 2023
साहस और गौरव के निर्णायक पल
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साहस और गौरव के निर्णायक पल

भारतीय सेना आजादी के दो महीने बाद ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए लड़े गए कई युद्धों और संघर्षों में से पहली जंग लड़ रही थी. मैंने उन लड़ाइयों पर नजर डाली है जो जीती गईं और जिन्होंने जंग के बाद भू-रणनीतिक परिदृश्य को प्रभावित किया तथा भारत की सरहदों को आकार देने में अहम योगदान दिया. भारत की सरहदों पर जोर देना जरूरी है क्योंकि अधिकतर युद्ध विवादित सीमाओं की वजह से ही हुए हैं. कुछ महत्वपूर्ण लड़ाइयों का उल्लेख न होने से पाठकों को झटका लग सकता है. 1962 की जंग पर विचार नहीं किया गया क्योंकि फोकस उन लड़ाइयों पर था जिन्हें भारत ने जीता. 1965 की हाजी पीर की जंग भी प्रबल दावेदार थी, लेकिन वह यहां जगह पाने से चूक गई क्योंकि उससे हासिल इलाके को जंग के बाद वापस लौटा दिया गया था.

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January 04, 2023
विशालकाय, मजबूत और ताकतवर
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विशालकाय, मजबूत और ताकतवर

आजाद भारत के कुल विकास में पुख्ता असर वाली दस सरकारी परियोजनाएं

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January 04, 2023
कारोबारी साम्राज्यों के सम्राट
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कारोबारी साम्राज्यों के सम्राट

भारत के औद्योगिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए असाधारण कारोबारी उत्साह वाले और दूरदर्शी लोगों की जरूरत थी. पेश है टॉप 10 उद्योगपति जिन्होंने देश के धन सृजन में जबरदस्त योगदान दिया है

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January 04, 2023
कायाकल्प के कारक
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कायाकल्प के कारक

भारत का कंगाली से खुशहाली का सफर बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा है. इन बेहद अहम फैसलों ने इसे गर्त और अतीत की उथल-पुथल के बीच रास्ता दिखाया और आधुनिक वैश्विक शक्ति केंद्र बनने में मदद की

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January 04, 2023
लोकतंत्र की ताकत
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लोकतंत्र की ताकत

वे मोड़ जब जनभावना - और कभी-कभी एक व्यक्ति के उत्साहकी शक्ति ने राष्ट्र की प्रगति के पथ को बदल दिया

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January 04, 2023
'जिससे थिएटर भरेगा वैसा सिनेमा दिखाएंगे'
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'जिससे थिएटर भरेगा वैसा सिनेमा दिखाएंगे'

तमिल फिल्मों के ऐक्टर-प्रोड्यूसर विशाल कृष्ण रेड्डी 22 दिसंबर को आ रही अपनी नई फिल्म लाठी, अपने फिल्मी परिवार और हिंदुस्तान में भाषायी सिनेमा की राजनीति पर.

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December 28, 2022
मूवी बन गई मिशन
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मूवी बन गई मिशन

नया प्रस्थान - पंद्रह साल पहले अपने शहर हिसार में थिएटर फेस्टिवल शुरू करवाते हुए शर्मा ने कहा था: “इब तो सुरुआत सै”. अब दादा लखमी उनकी हरियाणवी प्रतिबद्धता का नया प्रस्थान है. इसके जरिए उन्होंने पूरे हरियाणवी डायस्पोरा को भी छुआ है.

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December 28, 2022
आरबीआई के ब्याज दर बढ़ाने का आपके पैसे पर असर
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आरबीआई के ब्याज दर बढ़ाने का आपके पैसे पर असर

ईएमआइ में बढ़ोतरी को देखते हुए कर्ज ले चुके लोगों को उसे लौटाने की अपनी रणनीति बदलने की जरूरत होगी

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December 28, 2022
पैसे से जुड़ी इन बेवकूफी भरी ग गलतियों से बचें
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पैसे से जुड़ी इन बेवकूफी भरी ग गलतियों से बचें

पैसे गंवाकर अनुभव हासिल करना आम बात है. पेश हैं ऐसी वित्तीय गलतियां जिनसे आप सीख सकते हैं और ये सबक जिंदगी में नुक्सान से बचने में आपके लिए मददगार हो सकते हैं.

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December 28, 2022
इंडिया टुडे-एमडीआरए सर्वेक्षण उन्नत प्रदेश
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इंडिया टुडे-एमडीआरए सर्वेक्षण उन्नत प्रदेश

भारत के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले और सर्वाधिक सुधार वाले राज्यों के विशेष वार्षिक सर्वेक्षण के 20वें संस्करण में 12 श्रेणियों में उभरे कई नए विजेता. उन राज्यों की सफलता के मंत्रों का खुलासा.

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December 28, 2022
अब पेंशन का पहाड़
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अब पेंशन का पहाड़

मुख्यमंत्री बनने की चुनौती तो पार कर ली लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए हिमाचल प्रदेश चुनाव में किए गए अपनी पार्टी के वादे पूरे करना कहीं ज्यादा मुश्किल साबित हो सकता है

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December 28, 2022
भारी जिम्मेदारी
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भारी जिम्मेदारी

भूपेंद्र पटेल और उनके मंत्रिमंडल ने जिस दिन शपथ ली, उनके आसपास हर तरफ सुकून भरी मुस्कानें बिखरी थीं. हो भी क्यों न, आखिरकार गुजरात के मतदाताओं ने सत्ता विरोधी रुझान की धारणा को धता बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा को अभूतपूर्व बहुमत जो दिया है.

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December 28, 2022
चलो इक बार फिर से एक हो जाएं
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चलो इक बार फिर से एक हो जाएं

समाजवादी पार्टी में अपनी पार्टी का विलय कर शिवपाल यादव ने स्वीकार किया अखिलेश का नेतृत्व. अब अखिलेश के सामने शिवपाल के सम्मानजनक समायोजन की चुनौती

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December 28, 2022