भवसागर पार कराने वाले गुरु ईश्वर-तुल्य हैं
Jyotish Sagar|July 2023
‘आचार्य देवोभवः' का स्पष्ट अनुदेश भारत की पुनीत परम्परा है और वेद आदि धर्मग्रन्थों का अनुपम आदेश है।
भवसागर पार कराने वाले गुरु ईश्वर-तुल्य हैं

भारतीय संस्कृति में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्त्व है। यह अध्यात्म-जगत् विशेषतः सनातन धर्म का महत्त्वपूर्ण उत्सव माना जाता है। इसे अध्यात्म जगत् की बड़ी घटना के रूप में जाना जाता है। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को 'गुरु पूर्णिमा' कहा जाता है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। इसलिये इसे 'व्यास पूर्णिमा' भी कहते हैं। इस दिन से ऋतु परिवर्तन भी होता है। इस दिन शिष्य अपने गुरु की पूजा करते हैं और अपने गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र, उपहार आदि भेंट करते हैं। ज्योतिषी कहते हैं कि इस दिन गुरु के आशीर्वाद से धन-सम्पत्ति, सुख-शान्ति, वैभव एवं समस्त इच्छाओं की पूर्ति का वरदान पाया जा सकता है।

गुरु पूर्णिमा गुरु पूजन का पर्व है। सन्मार्ग एवं सद्मार्ग पर ले जाने वाले महापुरुषों के पूजन का पर्व, जिन्होंने अपने त्याग, तपस्या, ज्ञान एवं साधना से न केवल व्यक्ति को बल्कि समाज, देश और दुनिया को भवसागर से पार उतारने की राह प्रदान की है। पर्वों, त्योहारों और संस्कारों की भारतभूमि में गुरु का स्थान सर्वोपरि माना गया है। पश्चिमी देशों में गुरु का कोई महत्त्व नहीं है, वहाँ विज्ञान और विज्ञापन का महत्त्व है, परन्तु भारत में सदियों से गुरु का महत्त्व रहा है। यहाँ की माटी एवं जनजीवन में गुरु को ईश्वरतुल्य माना गया है, क्योंकि गुरु नहीं हो, तो ईश्वर तक पहुँचने का मार्ग कौन दिखायेगा? गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और वे ही जीवन को ऊर्जामय बनाते हैं।

भौतिकवादी युग में गुरु के प्रति आस्था में न्यूनता आई है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन में अशान्ति, असुरक्षा और मानवीय गुणों का अभाव हो रहा है। गुरु पूर्णिमा के मौके पर वे लोग परेशान होते हैं, जिनके कोई गुरु नहीं हैं। वे सोचते हैं कि वे किसकी पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। ऐसे लोगों की चिन्ता का समाधान तुलसीदासजी ने हनूमान चालीसा में किया है :

जै जै जै हनूमान गोसाईं, कृपा करहु गुरुदेव की नाई।

This story is from the July 2023 edition of Jyotish Sagar.

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September 2024
सेतुबन्ध और श्रीरामेश्वर धाम की स्थापना
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प्रेम और भक्ति की अनन्य प्रतीक 'श्रीराधा'
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राजस्थान के लोकदेवता और समाज सुधारक बाबा रामदेव
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