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कैसे करें लक्ष्मी पूजन
दिवाली पर भगवान गणेश, विष्णु, कुबेर, बही-खाता के पूजन की परंपरा है, लेकिन मां लक्ष्मी की पूजा विशेष रूप से की जाती है। लक्ष्मी को धन एवं समृद्धि की देवी कहा जाता है। जिस घर में लक्ष्मी का अनादर होता है, वहां दरिद्रता घर कर लेती है। जानें इस लेख से लक्ष्मी पूजा की विधि।
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस यानी गर्दन का दर्द
गर्दन में दर्द होना एक आम समस्या बन गई है और अब तो इस बीमारी का उम्र से भी कुछ लेना देना भी नहीं रहा। कुछ सालों में अगर हम गौर करें तो सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस' के रोगियों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। क्यों होती है यह समस्या तथा क्या है इसके लक्षण और उपाय ? आइए जानें।
हड्डियों और जोड़ों के दर्द में सहायक आसन
स्वयं को निरोगी व स्वस्थ रखने का सबसे सरल व प्राकृतिक माध्यम है योग। यदि इसे जीवन में नियमित तौर पर अपनाया जाए तो इंसान न केवल दवाइयों से दूर रह सकता है बल्कि लंबी एवं स्वस्थ उम्र भी पाता है। योग में हर रोग का निवारण है। हड्डियों से जुड़ी समस्यओं में कौन-कौन से योगासन उपयोगी हैं, आइए जानते हैं।
कला व संस्कृति का पर्व - ओणम
हमारे देश में प्रत्येक राज्य के अपने विशेष पर्व व त्योहार हैं। जिसमें उस राज्य की संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है। ऐसा ही एक अनूठा महापर्व है ओणम। जिसे केरल में विशेष रूप से बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।
प्रेत बाधा से मुक्त कराए पीताम्बरा शक्ति पीठ
पीताम्बरा शक्तिपीठ दतिया में स्थित भक्तों की आस्था का केन्द्र है। भक्तों का मानना है कि देवी पीताम्बरा सबकी मनोकामना व इच्छा पूर्ण करती हैं। मंदिर का क्या है प्राचीन इतिहास ? आइए जानते हैं लेख से।
संकट हरण है अनंत चतुर्दशी व्रत
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी व्रत कहा जाता है। इस दिन भगवान अनंत की पूजा की जाती है। व्रत का संकल्प लेकर अनंत सूत्र बांधा जाता है। इस व्रत को करने से संकटों का नाश और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हृदय रोगियों के लिए कुछ भोज्य पदार्थ
हृदय रोगी क्या खाएं तथा किससे परहेज करें यह बहुत बड़ी समस्या होती है तो आइए आपकी इस समस्या का समाधान करते हैं और जानते हैं कि हृदय रोग में क्या खाएं व क्या न खाएं।
डायबिटीज में क्या खाएं?
डायबिटीज कहने को भले ही एक रोग हो परंतु इसके कारण शरीर में और अन्य रोग भी पैदा होने लग जाते हैं, इसलिए इससे निपटना बहुत जरूरी है। अपने आहार से इसे कैसे करें नियंत्रित ? जानिए इस लेख से।
गणेश पूजा से लाभ
भगवान श्री गणेश के अलग-अलग नाम व अलग-अलग स्वरूप हैं, लेकिन वास्तु में गणेश जी का कितना महत्त्व है यह शायद कम ही लोगों को पता होगा।
इंटरनेट की दुनिया में बच्चों को रखें सुरक्षित
इंटरनेट बच्चों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है, लेकिन माता-पिता बच्चों को फोन देने से डरते हैं। समय के साथ बच्चों को कदम से कदम मिलाकर चलाने के लिए थोड़ी सतर्कता बरतनी माता-पिता के लिए भी जरूरी है।
नवदुर्गा के नाम की महिमा
शारदीय नवरात्र नौ देवियों की पूजा के लिए बेहद खास है। नौ दिनों में जिन अलौकिक शक्तियों का आभास होता है वह अद्भुत है।
चिंता की चिता जला दो
जानना महत्त्वपूर्ण नहीं है, मानना महत्त्वपूर्ण है। कितना सुना- यह महत्त्वपूर्ण नहीं है, उसे कितना जिया - यह महत्त्वपूर्ण है। कितना खाया- यह महत्त्वपूर्ण नहीं है बल्कि कितना बचाया- यह महत्त्वपूर्ण है।
अपने गुण स्वयं पहचानें
कई बार देखा गया है कि कुछ लोग एक या दो प्रतियोगी परीक्षा देकर अथवा नए काम में असफल होकर यह मान लेते हैं कि हम अब कुछ नहीं कर सकते, हमारे लिए सफल होना संभव नहीं है। लेकिन यकीन मानिए आपकी संपूर्ण ऊर्जा अनंत है। बस जरूरत है क्षेत्र विशेष में अपनी प्रतिभा को पहचानने की और उस प्रतिभा को निखारने की।
बरसाती संक्रमण और देखभाल
भीषण गर्मी के बाद मानसून के मौसम का हर कोई स्वागत करता है। काले-काले बादल, मानसून की पहली बौछार और हवा की नमी से अपने आपको कोई रोक ही नहीं पाता है, लेकिन इस दौरान देर तक गीले कपड़ों व गंदे पानी में रहने से त्वचा पर फंगस और दूसरे संक्रमण पनपने लगते हैं, क्योंकि यह मौसम भी अपने साथ कई बिमारियां लेकर आता है। इसलिए जरूरी हो जाता है कि इस मौसम में हम त्वचा का खास ध्यान रखें।
स्वतंत्रता आन्दोलन में महिला लेखनी
भारत की आजादी की लड़ाई सब लोग अपने-अपने तरह से लड़ रहे थे। जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं। कई महिलाओं ने अपनी लेखनी को अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई का हथियार बनाया और अपने लेखों, कविताओं से भारत को आजादी दिलवाई।
भारत के गौरव एवं सम्मान का प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज 'तिरंगा'
किसी भी देश के लिए उसका राष्ट्रध्वज सम्मान एवं गौरव का प्रतीक होता है।
धागों में बंधा रक्षाकवच है रक्षाबंधन
सभी त्योहारों में रक्षा बंधन एक अनुठा उत्सव है, जो न तो किसी जयंती से संबंधित है और न ही किसी विजय राज तिलक से। इस त्योहार के तीन नाम हैं- रक्षाबंधन, वष तोड़क और पुण्य प्रदायक पर्व। यद्यपि प्रथम नाम अधिक प्रचलित है। रक्षाबंधन ऐसा प्रिय बंधन है जिसमें हर भाई अपनी बहन के प्यार में बंधना चाहता है। यह बंधन ईश्वरीय बंधन है इसलिए प्रत्येक प्राणी खुशी से बंधने के लिए तैयार रहता है।
श्रीकृष्ण और मनुष्य
श्री कृष्ण एक ऐसा नाम जिसका नाम लेते ही अंतःकरण पवित्र हो जाता है, रोम-रोम रोमांचित हो जाता है, श्रीकृष्ण वैसे तो ईश्वर हैं परंतु मनुष्य का जीवन कृष्ण ने बड़ी ही खूबसूरती व दृढ़मजबूती के साथ जीया है।
श्रीमद्भागवत का मूर्तिमान स्वरूप है वृंदावन का प्रेम मंदिर
रसिकों की प्राण - प्रिय स्थली हैश्रीधाम वृंदावन। यहां की परम पावन भूमि पर आज से लगभग 5000 वर्ष पूर्व अनन्त कोटि ब्रह्मांड नायक, सर्वेश्वर, रास - रासेश्वर, लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण एवं उनकी आहलादिनी शक्ति राधा रानी ने अनेकानेक दिव्यातिदिव्य प्रेम लीलाएं की थीं।
जन्माष्टमी मनाने के परम्परागत रूप
जन्माष्टमी का पर्व हिंदुओं में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। भले ही इस पर्व मनाने के तरीके हर सम्प्रदाय में थोड़े-थोड़े भिन्न हैं, पर भाव बिल्कुल एक ही है कि अपने बाल रूप प्रभु का अन्तर्मन से खूब लाड़ लड़ाना और आनन्दित होना।
क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी
श्री कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव है।
मूर्ख और अल्पज्ञानी भी हमारा गुरु
बड़े-बुजुर्ग हमेशा यही सीख देते रहे हैं कि किसी मूर्ख व्यक्ति से मित्रता आपके प्राण संकट में डाल सकते हैं। किन्तु, यह भी सत्य है कि जीवन को बेहतर ढंग से समझने के लिए मूर्ख व्यक्ति से परिचय और बुरी घटनाओं का होना अति आवश्यक है।
ध्यान क्या है? इसे क्यों और कैसे करें?
भागदौड़ भरी जीवनशैली ने लोगों को इतना व्यस्त कर दिया है कि उन्हें स्वयं का ख्याल नहीं है कि मैं कौन हूं? मेरा उद्देश्य क्या है ? मैं इस धरती पर किसलिये आया? मुझे क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? इन अनेक प्रश्नों का समाधान अपने अंदर ही खोजना और स्वयं को पहचानना ही ध्यान है। मन को साधने की सरल सहज एवं वैज्ञानिक विधि है ध्यान। परमपिता परमात्मा से अपनी आत्मा का संबंध जोड़ने का साधन है ध्यान।
सावन, सोमवार और श्रद्धा
सावन का हर सोमवार जैसे शिव के नाम समर्पित हो जाता है। वर्षा की फुहारें पड़ते ही किसान फसलों के लहलहाने का सपना देखते हैं तो शिव भक्त भोलेनाथ को मनाने का । सावन की महत्ता को आइए जानते हैं इस लेख से।
क्यों नहीं फलता गुरु, क्यों नहीं होती कपा?
लोग कहते हैं कि गुरु में बहुत शक्ति होती है, उसकी कृपा से जीवन बदल जाता है ? मैंने भी पांच साल से किसी को गुरु बना रखा है पर मेरे जीवन में तो दुख ही दुख हैं, मुझे तो कोई लाभ या कृपा होती नजर नहीं आती?
गुरु पूर्णिमा का महत्त्व
यूं तो गुरु का पूजन-सम्मान कभी भी किया जा सकता है परन्तु आषाढ़ मास की पूर्णिमा पर ही इसका इतना महत्त्व क्यों है? क्यों इसे गुरु उत्सव या गुरु पर्व न कहकर गुरु पूर्णिमा कहा जाता है? आइए विस्तार पूर्वक जानें लेख से।
कैसे करें घर का वास्तुदोष दूर
हर कोई चाहता है कि उसके घर परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे। इसके लिए लोग पूजा-पाठ और यज्ञ करवाते हैं, लेकिन इन सब चीजों के साथ घर का वास्तु भी ठीक होना जरूरी है।
कई मर्ज की एक दवा है नींब
नींबू एक ऐसा फल है जो बेहद सुलभ तो है ही, साथ ही इसमें बहुत से औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। नींबू का उपयोग हमें कई रोगों से निजात दिलाता है।
अनोखा होता है भगवान जगन्नाथ का महाप्रसाद
देश में जगन्नाथ मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां का प्रसाद महाप्रसाद कहलाता है। अन्यथा विश्व के सारे हिंदू मंदिरों का प्रसाद केवल प्रसाद है। आखिर क्यों अनोखा है भगवान जगन्नाथ का प्रसाद। आइए जानते हैं लेख से।
फालसे में छिपा सेहत का फलसफा
फालसा शीतल एवं शांतिदायक प्रकृति का फल माना जाता है। यह रखाने में बहुत स्वादिष्ट एवं पाचन शक्ति में वृद्धि करने वाला होता है। स्वास्थ्यवर्धक गुणों से लबालब इस फल की अन्य विशेषताएं जानें लेख से।