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ग्वादर के समंदर में उफान के मायने
ग्वादर इन दिनों सुर्खियों में है क्योंकि वहां एक बड़ा आंदोलन चल रहा है। लेकिन इस आंदोलन में उतना ही नहीं है, जितना दिख रहा है। इसमें अलग-अलग धाराएं काम कर रही हैं और सबके अपने-अपने हित
हिमालयी क्षेत्र से अटल जी को था विशेष लगाव
अटल जी का हृदय उत्तर-पूर्व से लेकर उत्तर-पश्चिम तक सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्र के लिए अतीव प्रेम से आपूरित रहता था। उत्तराखण्ड को राज्य बनाने की बात हो, या वहां के लिए विशेष पैकेज, अटल जी ने सदैव अत्यंत सहजता से कदम बढ़ाए
रामचरितमानस जलाने वाले
सोशल मीडिया - भारतीय जीवनधारा में अग्नि को पवित्र माना गया है। यहां किसी जीवंत वस्तु, सत्ता, प्राणी को जलाया नहीं जाता। कें जलाई गईं। रामचरितमानस जलाने वाले राजनीतिक हथकंडेबाज हैं, जिनके पास न तो ग्रंथ को समझने की है, उसकी बौद्धिक काट। ये अपने गुरु पेरियार के पदचिह्न पर चल रहे हैं।
नीति में खोट, नदियों पर चोट
वर्ष 2018 तक बिहार की 6 नदियां प्रदूषित थीं, लेकिन 2022 में इसमें तीन गुना वृद्धि हुई। नतीजतन, 2022 तक राज्य की 18 नदियों का पानी जहरीला हो गया, लेकिन राज्य सरकार अभी इस पर ध्यान नहीं दे रही
सनातन शक्ति का साक्षात्कार
जलगांव में आयोजित बंजारा, लबाना, नायकड़ा कुंभ में बड़ी संख्या में इन वर्गों के लोगों ने हिस्सा लेकर सनातन शक्ति का परिचय दिया। सबने यह संकल्प भी लिया कि हम सब हिंदू हैं और हिदू ही रहेंगे
श्री अन्नः खेती का नया मंत्र
केंद्र सरकार किसानों, कृषि में निवेश के लिए नई तकनीक, उपकरण के साथ अब मोटा अनाज उपजाने पर भी जोर दे रही है। यह आर्थिक दृष्टि से न केवल किसानों, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से देशवासियों के लिए भी लाभकारी है
सुनहरे भविष्य वाला चमकता सितारा भारत
मोदी शासन के जिम्मेदारी भरे बजट ने समावेशी आर्थिक समृद्धि और वैश्विक महत्वाकांक्षा के साथ उस 'नए भारत' की नींव रखी है, जो अपनी स्वाधीनता के सौवें वर्ष में साकार होगा। यह बजट 'अमृत काल' को सबसे अच्छे ढंग से रेखांकित करता है।
अमृतकाल का पहला बजट - विकसित भारत की नींव
इस बार के बजट की विशेषताओं की चर्चा बहुत कुछ आंखों पर पट्टी बांधकर हाथी को देखने जैसी रही। किसी को यह चुनावी बजट नजर आया, तो किसी को इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को दी गई बढ़त दिखाई दी। कृषि का पहलू तो अपने स्थान पर है ही। क्या कोई ऐसी भी बात थी, जो वास्तव में इन सारी बातों का आपस में पिरोए हुए थी ? पाञ्चजन्य ने इस विषय पर बजट के उपरांत वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से हर संभव पहलू बात की। स्वयं वित्त मंत्री की दृष्टि में वह सूत्र क्या था... देखिए इस विशेष प्रस्तुति में...
भविष्य की दृष्टि
पिछले कुछ समय से भारतीय सेना में इन्फैंट्री का कायापलट हो रहा है। थल सैनिकों के लिए न केवल अच्छी गुणवत्ता वाले बुलेटप्रूफ जैकेट खरीदे जा रहे हैं, बल्कि पुराने हथियारों की जगह उन्हें उन्नत हथियारों और तकनीक से भी लैस किया जा रहा है
बीआरओ - दुर्गम इलाकों में साहसिक काम
देश के दुर्गम इलाकों में सीमा सड़क संगठन न केवल विकास की नींव रख रहा है, बल्कि सैन्य बलों को संचालन और क्रियान्वयन तंत्र उपलब्ध भी करवा रहा है
वैदिक स्वर और सनातन विचार है पाञ्चजन्य
पाञ्चजन्य के स्थापना दिवस कार्यक्रम का समापन जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी के आशीर्वचन से हुआ। इसके लिए वे विशेष रूप से दिल्ली पधारे। स्वामी जी के करकमलों से कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ और सायं को उन्होंने अपना उद्बोधन भी दिया। यहां उनके आशीर्वचन के संपादित स्वरूप को प्रकाशित किया जा रहा है
हम सबके तप से बनेगा भारत विश्वगुरु
भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने विश्व की आर्थिक शक्ति बनने के लिए भारत को एक बार पुनः ज्ञानशक्ति बनना होगा। उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को भारत को विश्वगुरु बनाने में समर्थ बताया। उन्होंने कहा कि नीति में बीज दे दिए गए हैं, अब समाज के सभी वर्गों को तप करके उन बीजों को पुष्पित-पल्लवित करना होगा
प्रश्न मुफ्त की रेवड़ी नहीं, उसे दे पाने का है
पाञ्चजन्य के 75 वर्ष पूरे होने पर हुए कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने विभिन्न ज्वलंत प्रश्नों के बेबाक उत्तर दिए। उन्होंने साफ कहा कि मुफ्त की रेवड़ी विषय नहीं है, विषय उसे दे पाने की क्षमता का है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग की परेशानियां सरकार के ध्यान में हैं। प्रस्तुत है पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर और तृप्ति श्रीवास्तव के साथ निर्मला सीतारामन की बातचीत के संपादित अंश :-
भारत की असल शक्ति मानसिक और बौद्धिक
पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि जो हिंदुस्तान का अनाज खाता है, हिंदुस्तान का पानी पीता है, उसको यह अधिकार है कि उसको हिंदू कहा जाए। उन्होंने किसी के विरुद्ध फतवा देने वालों को कुरान विरुद्ध ठहराते हुए कहा कि कुरान ने किसी इंसान को यह अधिकार दिया ही नहीं गया कि वह दूसरे के ईमान का फैसला कर सके
'अब हर कोई भर सकता है उड़ान'
पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि आज देश का विमानन बाजार तेजी से बढ़ रहा है। कार्यक्रम में पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर और वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से बातचीत की प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश-
'135 करोड़ भारतीयों को एक करता है तिरंगा'
पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में सूचना एवं प्रसारण और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि आज देश में खेल का बजट भी बढ़ाया गया है और उनका मनोबल भी बढ़ाया जा रहा है। कार्यक्रम में ऑर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर और वरिष्ठ पत्रकार अनुराग पुनेठा ने अनुराग ठाकुर से बातचीत की। प्रस्तुत हैं वार्ता के प्रमुख अंश-
हर नागरिक को नित्य देश सेवा में जुटना होगा
पाञ्चजन्य के हीरक जयंती कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने साफ कहा कि हमारे पर्वों में बाधा डालने वालों के विरुद्ध एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि देश को महान बनाना है तो हर नागरिक को नित्य देश सेवा में जुटना होगा। प्रस्तुत हैं सुनील आम्बेकर की हितेश शंकर से बातचीत के प्रमुख अंश
राष्ट्रवादी विचार की अभिव्यक्ति है पाञ्चजन्य
पाञ्चजन्य के हीरक जयंती समारोह में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने उद्घाटन वक्तव्य में पाञ्चजन्य का अपनी यात्रा के 75 वर्ष पूरे करने को भारतीय पत्रकारिता जगत की एक महत्वपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा कि अपने शुरुआती दिनों से ही तत्कालीन सरकार द्वारा बार-बार पाबंदी लगाए जाने के बावजूद पाञ्चजन्य ने अपना राष्ट्रवादी दर्शन बनाए रखा
अद्भुत संगठन, अनोखा समन्वय
रा.स्व.संघ वह विशाल वट वृक्ष है जिससे निकलीं अनेक शाखाएं स्वतंत्र आनुषंगिक संगठनों के नाते वृहत समाज में अपनी विशिष्ट भूमिका निभा रही हैं। संघ का कार्य सिर्फ उनका मार्गदर्शन करना और पाथेय देना है
प्रभु जी ! तुम मोती, हम धागा...
संत रविदास का पूरा जीवन संघर्षमय रहा। इसके बाद भी उन्होंने कभी अपने विचारों से समझौता नहीं किया और जब भी, जहां भी आवश्यकता हुई, वे बोलने से चूके नहीं
शिशिर ऋतु में वसंत पंचमी का रहस्य
भारतीय काल मास गणना में वसंत का प्रारंभ चैत्र से होता है। फिर वसंत पंचमी माघ मास में क्यों मनाई जाती है, यह प्रश्न महत्वपूर्ण है। वस्तुतः कामनाओं की वेगवती धारा को बाढ़ में बदलने से पूर्व ही मोड़ने का बंदोबस्त कैसे किया जाए; यह भारतीय परंपरा ने सिखाया है। क्योंकि यह प्रवाह निषिद्ध नहीं है, अपितु जीवसृष्टि के लिए अपरिहार्य है। आवश्यकता इसे रोकने की नहीं, साधने की है
नौवहन से खुलेंगे विकास के नवद्वार
गंगा विलास क्रूज (जलयान) भारत के पर्यटन उद्योग को गति देने वाला सिद्ध हो रहा है। बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भारत आ रहे हैं। ये पर्यटक जहां भी जाते हैं, वहां हर व्यक्ति की जेब में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पैसा जाता है
संस्कृति बचाने के लिए उतरे सनातनी
छत्तीसगढ़ में हो रहे कन्वर्जन के विरोध में हिंदू समाज के लोग लामबंद होने लगे हैं। लोगों ने उन तत्वों का विरोध शुरू कर दिया है, जो लोभ-लालच से हिंदुओं को ईसाई या मुसलमान बना रहे हैं
मदरसों पर लगेगी लगाम
असम में कई निजी मदरसों को आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त पाया गया है। इस कारण राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि निजी को किया जाएगा और उनके पाठ्यक्रमों की भी निगरानी की जाएगी
मुफ्त के चक्कर में लुटने का खतरा
जिस गूगल के ब्राउजर एप्लीकेशन क्रोम को दुनिया के 66 प्रतिशत लोग विश्वसनीय मानते हैं, उसमें मौजूद एक खामी ने 250 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ताओं के बेहद संवेदनशील डेटा को खतरे में डाला
'हां, पं. नेहरू ने खुद रा. स्व.संघ को 63 की गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था'
साक्षात्कार - कृष्ण लाल पटेला जी
बीबीसी-कांग्रेस का 'हिट-जॉब'!
बीबीसी चाहता है कि लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उसी दृष्टि से देखें, जैसा दिखाने की कोशिश कांग्रेस और वामपंथी हमेशा करते रहे। हालांकि तथ्यों के वेग में उनकी बोलती बंद हो चुकी है
टूलकिट है बीबीसी
औपनिवेशिक मानसिकता वाला बीबीसी गोधरा के बाद हुए दंगों पर एक डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से दोबारा दुष्प्रचार को हवा दे रहा है। इस डॉक्यूमेंट्री को ब्रिटिश प्रधानमंत्री सुनुक और सांसद तक खारिज कर चुके हैं। अगले वर्ष भारत में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। यह तो शुरुआत है...
मिशनरियों के विरुद्ध फूटा आक्रोश
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में वनवासी समुदाय आंदोलित है। कारण, नारायपुर जिले की एड़का ग्राम पंचायत में कन्वर्जन का विरोध कर रहे वनवासियों पर लाठी-डंडों से लैस ईसाई मिशनरियों ने हमला किया। समाज ने बार-बार पुलिस से शिकायत की, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई
न चोला बदलेगा न शातिर मोहरे
केन्द्र सरकार ने भले ही पीएफआई को प्रतिबंधित कर दिया है, पर भीतरखाने यह अपनी गतिविधियां जारी रखे हुए है और खतरनाक मंसूबों को अंजाम देने में जुटा है