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हिंसा के बाद आर्थिक बहिष्कार की नौटंकी
नूंह की हिंसा के बाद मुसलमानों के बहिष्कार की सार्वजनिक व सामूहिक अपीलें नई बात नहीं है लेकिन अब यह कैंसर जैसी होती जा रही है जिस का इलाज कानून से होना संभव नहीं लग रहा और जिस का असर गैरमुसलमान दलित और पिछड़ों पर पड़ेगा ही.
राजनीति और औरतें लिया वोट, दिया कुछ नहीं
वोटबैंक के ध्रुवीकरण और नेताओं की खुदगर्जी में महिलाओं के मुद्दे पिछड़ गए हैं. धर्म की राजनीति ने महिला मुद्दों को राजनीतिक हाशिए पर खड़ा कर दिया. इस सदी के पिछले 23 सालों में दमदार महिला नेताओं की भी बेहद कमी दिखी है. कट्टरवाद के पक्ष में खड़ी महिला नेता न अपनी पहचान बना पाई हैं, न ही महिलाओं के हित में ठोस काम कर सकी हैं.
“हिंदी रंगमंच की बदौलत भोजन करना संभव नहीं" - नरोत्तम बेन
बचपन में अभिनेताओं की मिमिक्री से सब को हंसाने वाले नरोत्तम बेन आगे जा कर खुद अभिनेता बनने वाले थे, यह उन्हें भी नहीं पता था. उन की गिनती संजीदा कलाकारों में होती है. थिएटर से जुड़े रह कर उन्होंने खुद को मांझा है.
चटक मसालों से पारिवारिक मूल्यों को पिरोने की कोशिश
रौकी और रानी की प्रेम कहानी
'शादी में प्यार और सम्मान होना जरूरी' - कंगना रनौत
बौलीवुड की सैल्फ स्टैब्लिश ऐक्ट्रैस की बात की जाए तो कंगना रनौत का नाम ऊपर कहीं आएगा. 'गैंगस्टर' से चर्चा में आने वाली कंगना आज सफल अभिनेत्री हैं.
गुरुकुल का कुलजोड़
सोशल मीडिया में इन दिनों ऐसे मैसेजों की बाढ़ आई हुई है जो कि एक प्रोपेगंडा के तहत फैलाए जा रहे हैं. आइए समझते हैं कि इन मैसेजों का उद्देश्य क्या होता है.
नजर वायरस
जब इंसान की बनाई मशीन को नजर लग सकती है, बंगले को नजर लग सकती है तो कुदरत के बनाए हुए संवेदनशील इंसान को नजर कैसे नहीं लग सकती. वह उस से कैसे बच सकता है.
अंगदान में पीछे भारत
भारत में अंगदान करने वालों की कमी के चलते बचाए जा सकने वाले कई लोग बेवक्त मारे जाते हैं. विशाल जनसंख्या वाले भारत में लोग अंगदान क्यों नहीं करते, जानिए.
कान का संक्रमण बन न जाए मुसीबत
कान शरीर की जरूरी इंद्रियों में से है, जबकि इसे सब से ज्यादा नजरअंदाज किया जाता है. कान में सब से ज्यादा संक्रमण का खतरा रहता है, जो बड़ी मुसीबत बन सकता है.
हेपेटाइटिस के लक्षण और बचाव
हेपेटाइटिस ऐसी संक्रामक समस्या है होता है. हेपेटाइटिस वायरल संक्रमणों का एक समूह है जो मुख्य रूप से हमारे लिवर को प्रभावित करता है.
धार्मिक पर्यटन सुकून नहीं परेशानी का सबब
पिछले एक दशक के दौरान भाजपा सरकार ने मंदिर निर्माण व रखरखाव पर इतना जोर दिया कि लोग धर्म से ऊबें न और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले. इस के लिए करोड़ों सरकारी रुपए फूंके गए. इस से आम नागरिक को सुकून मिला या परेशानी, जानिए इस रिपोर्ट में.
चालाकियां
लोगों को क्यों लगता है कि वे चालाकियां करते रहेंगे और सामने वाला मूर्ख है, उसे कुछ समझ नहीं आएगा? वंशा वरदा की धर्म पर आधारित हरकतें बरदाश्त कर रही थी तो बस इसलिए कि वरदा बड़ी बहन थी लेकिन इस बार पानी सिर से ऊपर आ गया था.
प्रेम न माने हार
प्यार में इतनी ताकत होती है कि बड़ी से बड़ी मुसीबत भी प्यार करने वाले पार कर जाते हैं. अरुंधति ने अनुराग का हाथ थामा था जिंदगीभर के लिए, बीच रास्ते में छोड़ने के लिए नहीं. अरुंधति की इसी जिद ने उसे आज कहां से कहां पहुंचा दिया था.
जब बारबार पेशाब आए
बारबार पेशाब आने की दिक्कत कई लोगों को होती है, इसे लोग शर्मिंदगी से जोड़ लेते हैं. यह समस्या तब खड़ी होती है जब ब्लैडर पर से नियंत्रण खत्म हो जाता है लेकिन इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है.
बर्फ का दिलचस्प इतिहास
बर्फ का इतिहास बहुत रोचक है. भारत में बर्फ कभी अमेरिका से आती थी. आज जो बर्फ हमें नौर्मल लगती है वह एक समय लग्जरी आइटम हुआ करती थी.
मानव स्वास्थ्य पर रेडिएशन के दुष्प्रभाव
रेडिएशन से प्रभावित होना खतरनाक होता है. इस से तरहतरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने का खतरा बना रहता है. इस का स्वउपचार जानलेवा साबित हो सकता है. ऐसे में विशेषज्ञ चिकित्सक से जल्द ही संपर्क किया जाना चाहिए.
श्रीलंका में उथलपुथल से भारत को सीख
आज भी श्रीलंका पटरी पर वापस नहीं लौट पाया है. महिंदा राजपक्षे, गोटाबाया राजपक्षे नमल राजपक्षे, बासिल राजपक्षे ने बौद्ध पंडों के साथ मिल कर जिस तरह दक्षिण एशिया के सब से समृद्ध देश श्रीलंका को दसबीस वर्षों में आज विनाश के गहरे गड्ढे में धकेल दिया है, वह केवल इतिहास को दोहराता है.
विधवा के हक धर्म या जाति का जोर नहीं
पति की मृत्यु के बाद अकसर भारतीय महिलाओं को ससुराल में प्रताड़ित किया जाता है जैसे हादसे की जिम्मेदार वही हों. ऐसे में पति के हक की संपत्ति पर अपने हक की बात करना उन के लिए दूर की कौड़ी साबित होता है जबकि यह अधिकार उन्हें कानून देता है.
साइबर अपराध का बढ़ता दायरा
आज हर चीज इंटरनेट से जुड़ गई है. इस से जुड़े खतरों में सब से बड़ी समस्या साइबर क्राइम है जो कइयों को लील रहा है.
अमोघ दास के बहाने इस्कौन की पब्लिसिटी लीला
मोक्ष की ग्राहकी और धर्म का धंधा बढ़ाने का यह टोटका काफी पुराना है और हर वर्ग में लोकप्रिय है. गरीब झुग्गी बस्तियों में मोक्ष नहीं बिकता. वहां नीबू, हड्डी और सिंदूर के टोटके चलते हैं. मिडिल क्लास हमेशा की तरह नीम करोली बाबा के अलावा अमोघ दास, बागेश्वर बाबा, बाबा, प्रदीप मिश्रा और देवकीनंदन ठाकुर जैसे ब्रैंडेड बाबाओं की ग्रिप में है जो इन दिनों दोनों हाथों से दक्षिणा बटोरते हिंदू राष्ट्र के निर्माण की मुहिम में लगे हैं.
सीमा हैदर सावन के विरह की मारी
इस बार प्यार सावन में डूब कर इंटरनैशनल हो चला है. सीमा, अंजू और बारबरा को देखते हुए युवाओं ने भी मुहिम छेड़ दी है कि देश में भले नौकरी, शिक्षा न मिल रही हो पर सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रह कर जोरू तो मिल ही जाएगी, साथ ही लगे हाथ शोहरत भी.
संजय मिश्रा मामला सरकार की हुई किरकिरी
जनता को बेरोजगारी और महंगाई में झोंकने वाली नरेंद्र मोदी की सरकार ईडी निदेशक संजय मिश्रा को ले कर एक बार फिर चर्चा में है. सुप्रीम कोर्ट में संजय मिश्रा की तरफदारी को ले कर उस की खासी आलोचना हो रही है.
बेटे की विरासत में हिस्सा
पति को खोने का गम, बच्चों की जिम्मेदारी व लोगों की तीखी निगाहों से खुद को बचाए रखना किसी विधवा के लिए कम मुश्किल का काम नहीं. विधवा की आधी शक्ति तो इन्हीं निरर्थक प्रयोजनों में नष्ट हो जाती है. ऐसे में मृत पति की संपत्ति से उस की पत्नी को दरकिनार कर मां का दखल देना कहां तक उचित है?
यादव अहीर कुर्मी ताकतवर पर अलगथलग
पिछड़ी जातियों में अगड़े अहीर, यादव और कुर्मी अगर एकसाथ मिल कर चलें तो बड़ी राजनीतिक ताकत बन सकते हैं. जातिगत जनगणना का भी लाभ तभी मिलेगा जब पिछड़ी जातियां आपस में एकजुट होंगी. लेकिन इन की आपसी कलह इन के बीच सब से बड़ी रुकावट है जिस का फायदा सवर्ण उठा जाते हैं.
मोदी सरनेम मामला राहुल को राहत
मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सांसदी बहाल कर निचली अदालतों की गलती के साथसाथ अपनी और मोदी सरकार की इमेज भी सुधार ली है लेकिन इस से न्याय व्यवस्था की खामियां दूर हो गईं, ऐसा कहने की कोई वजह नहीं.
बंगाल कर्नाटक भाजपा पराजित इं.डि.या. शुरुआत
लोकसभा चुनाव सिर पर हैं. हर तरफ हिंसा, आगजनी, नफरती भाषणों का बाजार गरम है. ताजा मामला मणिपुर में औरतों की नंगी परेड का है. इसे चुनौती देने के लिए तमाम विपक्षी दलों का इं.डि.या. के बैनर तले इकट्ठा होना रोचक है और इस से आगामी लोकसभा चुनाव में एनडीए को खासी चुनौती मिलेगी.
मोदी के पपट भाजपाई मुख्यमंत्री
हाईकमान नाम की बीमारी भाजपा की सेहत बिगाड़ देगी. पार्टी केवल हाईकमान के फैसलों पर चल रही है, जिस का प्रभाव यह है कि पार्टी में क्षेत्रीय नेताओं का अभाव बढ़ता जा रहा है, सभी भाजपाई मुख्यमंत्री मोदी के हाथों में कठपुतली यानी पपट जैसे हैं, जिस का असर प्रदेशों के विकास पर पड़ रहा है.
जलता मणिपुर औरतें नग्न सत्ता चुप
मणिपुर से ले कर मेवात तक दंगों की आग भड़क रही है. कत्लेआम जारी है. औरतों का चीरहरण हो रहा है. लोगों के घर फूंके जा रहे हैं. कानूनव्यवस्था ध्वस्त है. प्रशासनिक ढांचे को लकवा मार चुका है. देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री मौन हैं, क्योंकि यह तो 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों के तहत पूरे देश में संघ और भाजपा का राजनीतिक प्रयोग लगता है.
"बायोपिक में मेहनत अधिक करनी पड़ती है” हुमा कुरैशी
अभिनेत्री हुमा कुरैशी जितनी अपनी अदाकारी के लिए जानी जाती हैं उतनी ही खूबसूरती के लिए भी. फिल्म 'गैंग्स औफ वासेपुर' से हुमा को पहचान और सफलता दोनों मिलीं, जिसे उन्होंने बरकरार रखा है.
विवाह का सुख तभी जब पतिपत्नी स्वतंत्र हों
आजकल यह बहुत बड़ा सवाल युवाओं के बीच है कि वे शादी के बाद परिवार से अलग रहें या साथ. अगर इसे नैतिकता से न जोड़ा जाए तो शादी के बाद स्वतंत्र रहने के अपने आप में कई फायदे हैं लेकिन इसे समझने की जरूरत है, दिल पर लेने की नहीं.