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दीवाली से पहले चैक लिस्ट बनाने के 7 टिप्स
फैस्टिवल औफ लाइट्स को मनाने के लिए सभी तैयारी करते हैं लेकिन फिर भी अनावश्यक खर्च कर बैठते हैं तो फिर कैसे करें तैयारी कि समय भी बचे और पैसा भी, जानिए आप भी.
दीवाली में टैक्नोलौजी की खाताबही को समझें
इस दीवाली में खाताबही को छोड़िए, टैक्नोलौजी को समझिए और अपने वित्त का बजट बनाएं. क्या है यह वित्तीय टैक्नोलौजी, जानिए आप भी.
गिफ्ट में बराबरी का खयाल रखें
यों तो फैस्टिव सीजन में उपहार लेने और देने का चलन आम है लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आप के दिए उपहार को लोग ताउम्र याद रखें तो क्यों न उन्हें कुछ अलग और खास चीज गिफ्ट करें.
दीवाली उत्साह का उज्ज्वल उत्सव
दीवाली के उजाले में पुरानी परंपराओं का अंधेरा आड़े न आने दें. जुए की पौराणिक संस्कृति को त्याग दें और दीयों की रोशनी से अपना घरसंसार जगमगाएं. अपनों के संग इस त्योहार में खूब मजा करें और खुशियां बांटें.
फिल्मी सितारों की स्पौंसर्ड प्रैस कौन्फ्रेंसेज
देश में सरकार बदलने के साथ समाज बदल सा जाता है और इस का असर सिनेमा पर भी पड़ता है. आज फिल्मकारों और कलाकारों का मिजाज कुछ ज्यादा ही बदल गया है और वे खास जर्नलिस्टों से बात करते हैं जो सिर्फ उन की प्रशंसा करते हैं.
मां की बनारसी साड़ी
दिल से लगा कर रखीं थी पूर्णिमा ने मां की अमानत, वह बनारसी साड़ी. लेकिन अब वह चाह कर भी उसे पहन नहीं सकती थी.
सिद्ध सीरीज के अधिकार
देश में अधिकार ही अधिकार हैं. जहां समाज के दबेकुचलों को अधिकार हैं कि वे अपना हक हासिल कर सकें, वहीं कुछ ने तो खुद ने से अपने लिए ऐसेऐसे अधिकार बना लिए कि क्या ही कहने.
दवा एक्सपायरी डेट की रखें जानकारी
दवाओं के मामले में विशेष सावधानी बरते जाने की जरूरत होती है. गलती से एक्सपायरी दवा खाने से इस के घातक साइड इफैक्ट्स हो सकते हैं. ऐसे में दवाओं को ले कर यह जानकारी जरूर रखें.
नरगिस मोहम्मदी जेल से नोबेल शांति पुरस्कार
कट्टरपंथी देश ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न की लड़ाई लड़ने वाली नरगिस मोहम्मदी को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है. वे दुनियाभर के आंदोलनकारियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं.
5 राज्यों के विधानसभा चुनाव विपक्ष की बराबर की टक्कर
5 राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का पलड़ा भारी पड़ता नजर आ रहा है. धर्म के नाम पर बनाए भाजपा के माहौल को जनता नकारती नजर आ रही है.
होम डैकोरेशन के सामान
घर को डैकोरेट करना न सिर्फ घर को सुंदर बनाता है बल्कि घर में रहने वाले सदस्यों को भी आपस में जोड़ कर रखता है, क्योंकि नए सुंदर बदलाव से रिश्तों में भी सुंदरता आती है.
त्योहार के मौके पर शानदार और यादगार डिनर
त्योहार का मौका है तो तैयारियां भी उसी अनुसार होनी चाहिए. छोटा यानी 4 जनों का परिवार है तो घर पर ही अच्छा डिनर बनाया जा सकता है जो लंबे समय तक याद रहेगा.
त्योहार की खुशियां डिफरैंट कास्ट, रंग, रिलीजन में बांटे
त्योहारों की खुशियां तभी हैं जब ये मिलजुल कर सौहार्द से मनाए जाएं, फिर चाहे वह अलग मजहब, जाति, रंग के साथ मनाना हो. आपसी प्रेमभाव रहेगा तो त्योहार में तनाव नहीं होगा और त्योहार अच्छे से मनाया भी जा सकेगा.
परिवार का ट्रिप प्लान करे ग्लू का काम
त्योहार अच्छा मौका है अपने परिवार संग समय बिताने का यह तब और अधिक यादगार हो जाता है जब फैमिली के साथ कहीं ट्रिप पर निकल पड़ो. यह ग्लू का काम करता है जो परिवार को जोड़े रखता है.
परिवार के साथ कम समय में भी ज्यादा समय बिताएं
आज के समय में कैरियर या पढ़ाई के चलते घर से दूर किसी और शहर जाना पड़ जाता है. ऐसे में परिवार से मिलने के मौके त्योहार या फंक्शनों में ही मिल पाते हैं. जरूरी है कि जब परिवार के साथ हों तो परिवार की अहमियत समझते हुए कम समय में ज्यादा समय बिताया जाए.
परिवार है तो प्यार है
आज के समय में परिवार छोटे हो गए हैं. ऐसे में जरूरी है कि जो थोड़े से लोग परिवार में हों वे एकदूसरे के साथ खड़े रहें. परिवार के साथ होने पर गम आधा और खुशियां दोगुनी हो जाती हैं. परिवार आप के लिए एक ग्लू है. परिवार ही नहीं होगा तो झगड़ने, मिलने, शेयर करने का आनंद नहीं ले सकेंगे. दिल में, बस, एक कसक ही रह जाएगी.
कमाल की चीज है पैट थेरैपी
पशु न केवल मनोवैज्ञानिक लाभ देते हैं बल्कि इन के सान्निध्य में हृदयगति भी असामान्य से सामान्य होती पाई गई है.
हिंदू धर्म नहीं पढ़ना चाहता हिंदू
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के एक कोर्स 'एमए हिंदू' अध्ययन में इस साल मात्र 1 छात्र ने ही अप्लाई किया है. यह कोर्स जब शुरू किया जा रहा था तब ढोलमजीरे बजाए गए, मीडिया ने भी खूब वाहवाही की, इसे नवयुवकों के हिंदू धर्म के प्रति ज्ञान बढ़ाने के उद्देश्य के साथ यह कहा जा रहा था कि इस में रोजगार के विकल्प खुलेंगे.
डाक्टर के पास जाते समय रखें इन बातों का ध्यान
अकसर पेशेंट जब डाक्टर के पास विजिट के लिए जाते हैं तो वे बारीक चीजों पर ध्यान नहीं देते जिस के चलते उन्हें डाक्टर के सामने असहजता का सामना करना पड़ता है. ऐसे में ये 8 टिप्स आप के काम आएंगे.
घर की सुरक्ष न करें अनदेखा
बड़े शहरों में पतिपत्नी दोनों काम पर जाते हैं. इस के चलते वे घर की सारी जिम्मेदारी घर के नौकरों पर छोड़ देते हैं. किसी पर भरोसा करना गलत नहीं पर सावधानी अपनी जगह जरूरी है.
मजहब ही तो सिखाता आपस में बैर रखना
राजनीति में जबजब धर्म का घालमेल हुआ है तबतब हिंसा भड़की है और लोग इस की चपेट में आए हैं. पूरा इतिहास ही धार्मिक हिंसा से भरा पड़ा है, फिर कैसे कह सकते हैं कि धर्म प्रेम और सद्भाव सिखाता है?
वाहन बेचने पर न करें यह गलती
अकसर पुराना वाहन बेचते समय वाहन मालिक कुछ बातों को नजरअंदाज कर देता है, जिस से वह बाद में बड़ी मुसीबत में फंस सकता है. आप भी ऐसी गलतियां हरगिज न दोहराएं, वरना हर्जाना महंगा पड़ सकता है.
पिता की संपत्ति पर बेटी का भी हक
बेटी का पिता की संपत्ति में हक है पर इस हक के लिए वह आज भी परेशान है. माता-पिता को बच्चों की गृहस्थी बसने से पहले अपनी वसीयत बना देनी चाहिए ताकि झगड़े की कोई गुंजाइश न रहे.
तो डूब जाएगा जकार्ता
आने वाले कुछ सालों में जकार्ता पूरी तरह धरती से गायब हो जाएगा. क्या है इस की वजह, जान कर हैरान रह जाएंगे आप.
युवाओं में दिल की बीमारी टीएवीआई बेहतर विकल्प
आजकल युवा प्रोसैस्ड फूड, फास्ट फूड और मीठे पेय पदार्थों पर ज्यादा निर्भर होते जा रहे हैं, जिस से मोटापा, हाई ब्लडप्रैशर और हाई कोलेस्ट्रोल जैसी सेहत की समस्याएं पैदा होती हैं. ये सारी दिक्कतें दिल से जुड़ी हैं जो घातक परिणाम देती हैं.
मूर्ति विसर्जन जानलेवा भी
दो दशकों से धार्मिक कार्यक्रमों की गिनती बढ़ गई है. इन में जुलूस और मूर्ति विसर्जन आम हो गए हैं. इन कार्यक्रमों में अरबों रुपए तो बरबाद हो ही रहे हैं, साथ में, जानमाल की हानि भी हो रही है.
उपचुनाव 2023 'एनडीए' पर भारी पड़ा 'इंडिया'
6 राज्यों के 7 विधानसभा सीटों के चुनाव में 'इंडिया' गठबंधन के प्रत्याशी एनडीए के प्रत्याशियों पर भारी पड़े हैं. इस से साफ संदेश मिल रहा है। कि आगामी चुनाव में जनता का मूड किस तरफ करवट ले रहा है. इन परिणामों को लोकसभा का ट्रेलर मान लिया जाए तो गुरेज नहीं.
गुम हो गईं मायावती
पहली दलित महिला मुख्यमंत्री मायावती दलित समुदाय के लिए मसीहा बन कर आई थीं पर अब किसी भी हालत में बने रहने की सोच ने उन्हें समझौतावादी बना दिया है. उन्होंने दलित आंदोलन को ब्राह्मणवाद के कुचक्र में उलझा दिया है. मायावती के कल, आज और कल को समझना जरूरी है.
सरकार-कोचिंग मस्त छात्र त्रस्त
युवाओं की पढ़ाई में आज लाखों की जमापूंजी मांबाप खर्च कर रहे हैं लेकिन भविष्य सुधरेगा, कोई गारंटी नहीं. सरकार ने नए शिक्षण संस्थान खोलने के बजाय निजी हाथों में शिक्षा सौंप कर अपना पल्ला झाड़ लिया.
“बच्चों के लिए सैक्स एजुकेशन बहुत जरूरी है" - पंकज त्रिपाठी
पंकज त्रिपाठी उन अभिनेताओं में से आते हैं जिन्हें सभी पसंद करते हैं. पंकज ने फिल्मों में आने से पहले काफी संघर्ष किया और जब स्क्रीन पर आए तो छा गए. साधारण परिवार से आने वाले पंकज नए उभरते अभिनेताओं की प्रेरणा बन चुके हैं.